-आरोपी दबंग बिल्डर नदीम, ठेकेदार शाहिद सिद्दीकी समेत 18 लोगों पर दर्ज हुआ संगीन धाराओं में वजीरगंज में मुकदमा
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REPORT BY:AAJNATIONAL NEWS DEASK || EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
लखनऊ।करीब पांच करोड़ की जमीन 1 करोड़ 20 लाख में कूट रचित दस्तावेज बनाकर बेचने के आरोपी दबंग बिल्डर नदीम, ठेकेदार शाहिद सिद्दीकी समेत 18 लोगों पर 173 बी एन एस एस के तहत थाना वजीरगंज में धारा 419,420,467,471,120-B के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।इसके आलावा पूर्व में भी कई जमीनों व तालाबों पर अवैध कब्जे का पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है ।वजीरगंज पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने के बाद विधिक कार्रवाई में लगी है ।
थाना वजीरगंज प्रभारी को दिए प्रार्थना पत्र में गोमतीनगर के उजरियाव के रहने वाले मोहम्मद इबाद ने आरोप लगाया है कि विपक्षी शाहिद हुसैन सिद्दकी पुत्र कामिल हुसैन,मंजर अली पुत्र स्व० असगर अली,जैद पुत्र यावर हुसैन निवासी गण उजरियांव, नदीम सिद्दकी ठेकेदार पुत्र सीम सिद्दकी निवासी 1/153 विश्वास खण्ड गोमती नगर लखनऊ, मो0 राजिक सिद्दकी पुत्र स्व कामिल हुसैन,मो तारिक सिद्दकी पुत्र स्व कामिल हुसैन,मकसूद वारिस, मसूद वारिस,महबूब वारिस पुत्रगण महमूद हुसैन, फहमीदा खातून पत्नी एहतेशाम हुसैन, अरशद अली पुत्र शाकिर अली, सूफिया शाहीन पत्नी स्व माजिद हुसैन,वारिस हुसैन पुत्र स्व माजिद हुसैन, तालिब हुसैन पुत्र स्व साबिर हुसैन, जैनब खातून पत्नी ताहिर अली, मो० फाखिर पुत्र स्व ताहिर अली, यावर हुसैन पुत्र जव्वाद हुसैन,फैज पुत्र यावर हुसैन निवासीगण उजरियांव थाना गोमती नगर लखनऊ एक राय होकर कूटकरण व जालसाजी करके गलत तरीके से अपने नाम रजिस्ट्री कार्यालय कैसरबाग लखनऊ में बैनामा करा लिया है।
थाना अध्यक्ष को दिए प्रार्थना पत्र में मोहम्मद इबाद का कहना है कि प्रार्थी और प्रार्थी के परिवार के सदस्यों के नाम भूमि संख्या 29/1 व रास्ता सं0 13 ग्राम उजरियांव में स्थित है उक्त भूमि पूर्व में असद अली के नाम रही है जिसमें से असद अली द्वारा वर्ष 1930 में उक्त भूमि 4 बिस्सा 8 बस्वांसी थी जिसमें से 02 बस्सा 04 बस्वांसी यानी 1/2 भाग व रास्ता सं0 13 जो 15 बस्वांसी रहा है। जिसका 1/2 भाग 7.5 असद अली ने ग्राम उजरियांव के अब्दुल समद को वर्ष 1930 में बैनामा कर दिया था तथा उसके बाद यह कहा गया कि 29/1 व रास्ता सं0 13 में अपनी आधा हिस्सा बेंच लिया एवं आधा हिस्सा उसकी मां नसीबन का है जबकि वर्ष 1925 के राजस्व अभिलेख के अनुसार कोई भी सम्पत्ति असद अली की मां नसीबन के नाम नहीं पाया गया। वर्ष 1930 के बाद वर्ष 1934 में असद अली पुत्र जुल्फिकार अली ने अपनी जमीदारी की पूरी जमीन आबाद एवं गैरआबाद ग्राम उजरियांव की रसूलन निशा पत्नी तजम्मुल हुसैन जो प्रार्थी के पूर्वज है को पूरी जायदाद 400/- रू0 बैनामा असद अली द्वारा कर दिया गया।
मोहम्मद इबाद ने आरोप लगाया है कि अभिलेख से यह भी स्पष्ट है कि सम्पूर्ण जमीदारी की बिक्री असद अली द्वारा कर दिया तो असद अली के नाम कोई जमीन 1934 के बाद शेष नहीं रह गयी। 1934 के बाद रसूलन निशा पत्नी तजम्मुल हुसैन के नाम उक्त जमीदारी की जमीन हो गयी। रसूलन निशा प्रार्थी के पूर्वज हैं। उक्त बैनामें के आधार पर प्रार्थी एवं प्रार्थी के परिवार के सदस्यगण रसूलनिशा की सम्पत्ति के वारिस है मौके पर जमीन व जायदाद पर प्रार्थी व प्रार्थी के परिवार का कब्जा है। इसी बीच दिनांक 27 मई 2024 को विपक्षीगण शाहिद हुसैन आदि ने आपस में मिलकर एकराय होकर कूटरचित व जाली दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करते हुए रजिस्ट्रार आफिस कैसरबाग में उपस्थित होकर प्रार्थी की जमीन हडपने की नियत से मोहम्मद नदीम सिद्दकी के नाम बैनामा कर दिया। जबकि उक्त भूमि पर विपक्षीगण का कोई भी अधिकार अभिलेख एवं मौके के अनुसार नहीं बनता है।
मोहम्मद इबाद ने आरोप लगाया है कि जालसाजी व कूटरचना करके जाली दस्तावेज के माध्यम से कराये गये बैनामें की भूमि को विपक्षीगण शाहिद आदि जमीन कब्जा करने की कोशिश में हैं। बैनामा जो वर्ष 1930, 1939 में असद अली पुत्र जुल्फिकार अली निवासी उजरियांव द्वारा किया गया है। किए बैनामें में प्रस्तुत चौहद्दी भिन्न भिन्न है तथा मौके के अनुसार भी चौहद्दी भिन्न है, तथा गवाह मो सिद्दीक जो बैनामें के समय 1930 में हस्ताक्षर किये थे वह हस्ताक्षर गलत है जबकि मूल हस्ताक्षर मो सिद्दीक का प्रार्थी के पास अन्य अभिलेखों पर मौजूद है जो गवाह के वंशज द्वारा मुझे प्राप्त हुआ है।पीड़ित ने आरोप लगाया है कि विपक्षीगण शाहिद हुसैन सिद्दकी आदि द्वारा कूटरचित अभिलेख तैयार कर जालसाजी करके फर्जी तरीके से बैनामा कराया गया है जो अपराध की श्रेणी में आता है। अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर कानूनी कार्यवाही करने की कृपा की जाए।पुलिस मामले को दर्ज कर पड़ताल में जुटी है।