LUCKNOW:नियुक्ति रद्द करने की मांग, कई विधायकों को ज्ञापन,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS

लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने आज बिजली के निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दो अभियान पखवाड़ा के अंतर्गत सांसद नरेश उत्तम पटेल, प्रदेश के विधायक डॉ राजेश्वर सिंह, कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा, विधान परिषद के सदस्य उमेश द्विवेदी और कई विधायकों को ज्ञापन दिया। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति रद्द करने की अनुशंसा की फाइल पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है और अवैध ढंग से नियुक्त कंसलटेंट के जरिए निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
संघर्ष समिति ने कहा कि आज प्रदेश के ऊर्जा मंत्री  अरविंद कुमार शर्मा ने शक्तिभवन में पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन से लम्बी वार्ता की जिसमें उम्मीद की जा रही थी कि ऊर्जा मंत्री मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को देखते हुए कंसल्टेंट के आदेश को निरस्त करने का निर्देश देंगे। अत्यंत खेद का विषय है कि ऊर्जा मंत्री ने इतने गंभीर मामले पर कुछ भी निर्देश नहीं दिया।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट मेसर्स ग्रांट थॉर्टन का नियुक्ति आदेश रद्द करने की इंजीनियर आफ द कांट्रैक्ट की अनुशंसा के बावजूद कंसल्टेंट का आदेश निरस्त करने के बजाय इसी कंसल्टेंट के जरिए निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है जिससे अनावश्यक तौर पर टकराव का वातावरण बन रहा हैसंघर्ष समिति ने कहा कि प्रारंभ से ही पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की निजीकरण की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की बू आ रही है।

संघर्ष समिति के आह्वान पर आज प्रदेश भर में निजीकरण के विरोध में विरोध सभाओं और प्रदर्शन का दौर जारी रहा। राजधानी लखनऊ में आज व्यापक जन जागरण अभियान चलाया गया और प्रदेश के अन्य जनपदों में कई विधायकों को ज्ञापन दिए गए।

बड़े घोटाले पर पर्दा डालने की बड़ी साजिशं ?
-टोरेंट पावर पर 2221 करोड़ रूपया पुराना बकाये का मामला

उपभोक्ता परिषद की तरफ से आयोजित साप्ताहिक वेबीनार में प्रदेश के आने को जनपदों से जुड़े विद्युत उपभोक्ताओं ने आज एक गंभीर मुद्दा उठा दिया कहा आगरा में उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश सरकार ने टोरेंट पावर की तीन सदस्य कमेटी बनाकर जांच कराई इसके संबंध में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने उच्च स्तरीय जांच कराई थी। जिसमें यह बात सामने आई थी कि टोरेंट पावर ने लगभग 2221 करोड़ रूपया जो पुराना बकाया वसूल कर उसे पावर कारपोरेशन को देना था। वह नहीं जमा किया और इसके अलावा अनेकों अनियमिताओं का खुलासा हुआ था। पत्रावली को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन और शासन ने दबा लिया। सबसे चौंकाने वाला मामला यह है कि अनेक मामले जो अभी जांच के रूप में लंबित है उसको दबाने के लिए टोरेंट पावर के एक अधिकारी ज्ञानेंद्र अग्रवाल को इस बार 17 निर्देशकों के पदों के चयन में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निदेशक वित्त बना दिया गया। जो स्वतः अपनी पत्रावलियों को वहां पहुंचकर टेम्परिंग कर देगा या उसमें हेरा फेरी कर देगा। तब क्या होगा या ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास का बड़ा घोटाला साबित होगा।

उपभोक्ता परिषद के वेबीनार में यह सवाल उठा कि जिस प्रकार से बिजली कंपनियां के निजीकरण को आगे बढ़ाया जा रहा है उसके पहले निजी घरानो के उच्च अधिकारियों को डायरेक्टर बना कर लाया जा रहा है। इससे बड़ा कोई घोटाला नहीं हो सकता। इस मामले को उपभोक्ता परिषद को विद्युत नियामक आयोग के सामने ले जाना चाहिए और उत्तर प्रदेश सरकार को भी अवगत कराना चाहिए। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा टोरेंट पावर का या बहुत बड़ा मामला सामने आ रहा है निश्चित तौर पर आने वाले समय में टोरेंट पावर और दक्षिणांचल के बीच जो करोड़ों रुपए के लेनदेन पर विवाद चल रहा है उसे निदेशक वित्त को ही देखना है। यह कितने दुर्भाग्य की बात है की टोरेंट पावर का एक अधिकारी अब निदेशक वित्त बनाकर अपनी पत्रावलियों का निपटारा करेगा। जो ऊर्जा क्षेत्र के लिए काला अध्याय के रूप में जाना जाएगा उपभोक्ता परिषद इस मामले को गंभीरता से उठेगी और पुणे

एक बार प्रदेश के मुख्यमंत्री को अवगत कराया जायेगा ,टेंडर खुलासे के बाद क्यों दबाई फाइल, ऊर्जा मंत्री की चुप्पी !

-दक्षिणांचल व पूर्वाचल के 42 जनपदों के निजीकरण का मसौदा तैयार कर रही  ग्रांट थॉर्नटन के पक्ष में  पैतरेबाजी में लगा पावर कारपोरेशन

42 जनपदों के निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली ब्रिटिश कंसलटेंट कंपनी ग्रांट थॉर्नटन को बचाने के लिए पावर कॉरपोरेशन किस हद तक उतर आया है। सबसे पहले पावर कारपोरेशन ने झूठा शपथ पत्र के मामले में कंपनी से 12 घंटे में जवाब मांगा। जब उसने ईमेल से जवाब दिया तो मामला फसने लगा तो उसे टालने के लिए यहां कहां गया कि आप अपने लेटर हेड पर जवाब दें। जब उसने अपने लेटर हेड पर जवाब दे दिया और स्वीकार कर लिया कि उसके ऊपर अमेरिका रेगुलेटर पब्लिक अकाउंटिंग ओवर साइट बोर्ड (पीसीएओबी) द्वारा रुपया 40000 डॉलर की पेनल्टी वर्ष 2024 में लगाई गई थी। निश्चित तौर पर इसके बाद उसे झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के लिए उसे पर कार्यवाही करते हुए ब्लैक लिस्टिंग और प्राथमिक की दर्ज होनी चाहिए थी। क्योंकि उसके द्वारा फरवरी 2025 में उत्तर प्रदेश में टेंडर लेने के लिए झूठा शपथ पत्र दिया गया कि उसके ऊपर कोई भी पिछले तीन वर्षों में पेनल्टी नहीं लगी जबकि अमेरिका में 2024 में ही पेनल्टी लगी थी। हद तो तब हो गई जब कल पावर कारपोरेशन प्रबंधन और कंसल्टेंट कंपनी के बीच लंबी बैठक होती है और दोनों लोग मिलकर यह तय करते हैं कि आपको बचाए कैसे जाए। अंतत यह तय होता है कि अब आप तीसरी बार एक उत्तर और दे दो और उसमें लिख दो कि अमेरिका में जो पेनल्टी लगी थी उसे मेरे द्वारा जमा किया जा चुका है। भारत में कोई पेनल्टी नहीं लगी है और फिर अमेरिका भारत भारत अमेरिका के चक्कर में आपको बचाया जा सकता है। उपभोक्ता परिषद के अनुसार ऊर्जा मंत्री ऊर्जा की बैठक में रहते हैं कठोर कार्यवाही का समय आ गया है लेकिन कार्रवाई जो सबसे निचले तबके के संविदा कार्मिक है उन पर कार्रवाई करने की बात होती है। लेकिन देश के बड़े उद्योगपति जो घोटाले पर घोटाला कर रहे हैं उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर मीटिंग की जाती है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा पावर कॉरपोरेशन टेंडर प्रपत्र और 4 फरवरी को एनर्जी टास्क फोर्स व एंपावर्ड कमेटी में जो मसौदा पास हुआ है उसको शायद वह पढ़ना भूल गया उसके बिंदु नंबर तीन पर यह कहां गया कि टेंडर भरने वाली कंसलटेंट कंपनी का न्यूनतम वार्षिक औसत टर्नओवर 500 करोड़ रूपया होना चाहिए। जिस पर ग्रांट थ्रोनटन कंपनी ने अपना मत रखा और कहा न्यूनतम वार्षिक औसत टर्नओवर में इंटरनेशनल लेवल भी कंसीडर किया जाए उसके बाद एनर्जी टास्क फोर्स व एंपावर्ड कमेटी ने उसमें छूट देते हुए न्यूनतम वार्षिक औसत टर्नओवर 200 करोड़ कर दिया यानी की ग्रांट थ्रोनटन ने खुद इंटरनेशनल लेवल की बात कही अब जब उसे पर ब्लैक लिस्टिंग की कार्यवाही की बात आ रही है। तो इंटरनेशनल लेवल से हटकर इंडिया लेवल पर पावर कारपोरेशन के उच्च अधिकारी और कंसलटेंट मिलकर प्लान बनाने लग गए। उन्हें क्या पता कि उपभोक्ता परिषद हर पहलू पर अध्ययन करता है और उसे एंपावर्ड कमेटी में क्या पास हुआ है, सब पता है। उन्हें शायद अब पता नहीं है कि अब कंसल्टेंट कंपनी पर कार्यवाही करने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उसे बचाने का मतलब एक घोटाला तो उसे छूट देकर किया गया। उसने झूठा शपथ पत्र दिया अब दूसरा घोटाला इस बात पर होगा कि उसे अमेरिका और भारत करके छोड़ा जा रहा है, जबकि ग्रांट थ्रोनटों खुद इंटरनेशनल लेवल की बात कर रहा है।

महापौर से मिलने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

पारा में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान शनिवार को घायल हुईं लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल से आज देश के रक्षा मंत्री एवं लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने मुलाकात की। उन्होंने महापौर के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की, इस दौरान उनके साथ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी मौजूद थे। ज्ञात हो कि 19 अप्रैल को पारा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान महापौर का पैर मुड़ गया था, जिससे उनके बाएं पैर में फ्रैक्चर हो गया। इस खबर के सामने आने के बाद न सिर्फ नगर निगम प्रशासन बल्कि आम नागरिकों और पार्टी कार्यकर्ताओं में चिंता का माहौल था।

राजनाथ सिंह उनके कैंप कार्यालय पर पहुंचे और उनका हालचाल लिया। उन्होंने कहा कि ष्सुषमा जी एक मेहनती और सक्रिय जनप्रतिनिधि हैं। नगर की सेवा में उनका योगदान सराहनीय है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह जल्द स्वस्थ होकर पुनः अपने कार्य में जुटें। रक्षा मंत्री के साथ प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, माननीय विधान परिषद सदस्य रामचंद्र सिंह प्रधान, माननीय विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, विधायक योगेश शुक्ला और महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी भी मौजूद रहे। सभी वरिष्ठ नेताओं ने महापौर से भेंट कर उनका हालचाल जाना और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सभी ने महापौर के शीघ्र स्वस्थ होकर पुनः नगर सेवा में लौटने की प्रार्थना की है।

पूर्व महापौर के घर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुचे राजनाथ सिंह

पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया के मातृ शोक पर शोक संवेदना प्रकट करने देश के रक्षामंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह रविवार को संयुक्ता भाटिया के सिंगार नगर स्थित आवास पर पहुंचे। उन्होंने पूर्व महापौर से मुलाकात कर शोक संवेदनाएं प्रकट की और शोकाकुल परिजनों को ढांढस बंधाया।

उनके साथ ही उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, महानगर अध्यक्ष आनन्द द्विवेदी, मुकेश शर्मा, राम चन्दर प्रधान ने भी आवास पर पहुंचकर संयुक्ता भाटिया की पूज्य माताजी को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर संयुक्ता भाटिया के पुत्र प्रशान्त भाटिया, पुत्रवधू रेशू भाटिया, पौत्र दक्ष सहित अन्य पारिवारिक सदस्यगण उपस्थित रहे।पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मांग की कि विभाजन की भयावह विभीषिका के कारण जिन परिवारों ने सब कुछ खोया, उनको शत्रु सम्पत्ति के साथ ही वक्फ बोर्ड के वर्तमान स्वरूप में उचित अर्थात न्यायोचित प्रतिनिधित्व दिलाया जाये। पत्र में भारत विभाजन की त्रासदी का जिक्र करते हुए पूर्व महापौर ने लिखा कि भारत विभाजन के समय अनगिनत हिन्दु परिवारों को भारत से विलग किये गये पाकिस्तानी भूभाग (पंजाब और सिंध) से हिंसा के बल पर लूट, आगजनी और नरसंहार के माध्यम से खदेड़ दिया गया था। हमारा पूरा परिवार भी पीड़ित परिवारों में सम्मिलित था जिसे अपनी सारी सम्पत्ति छोड़ने और अपना घर बार छोड़ने के लिए विवश किया गया। पूज्य माताजी स्वर्गीय अनुसुइया गिरोत्रा जिन्होंने अखण्ड भारत से लेकर विभाजन की विभीषिका तक का दंश झेलते हुए स्वाधीनता के अमृत काल तक अपने जीवन के सार्थक 99 वर्षों की यात्रा पूर्ण की, विगत दिनों दिव्य धाम के लिए प्रस्थान किया। श्रीमती अनुसुइया जी विभाजन के पूर्व वर्तमान समय में पाकिस्तान के पंजाब राज्य के झंग जिले के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में सम्मिलित थीस उनके साथ ही मैं स्वयं (संयुक्ता भाटिया) भी इस विभीषिका का दंश झेलते हुए दो साल रिफ्यूजी कैंप में जैसे तैसे समय बिताने के बाद किसी तरह अपने पिताजी से मिल पायी थी। ऐसे लाखों परिवारों के लोग इसी दंश को झेलते हुए भारत आये। श्रीमती भाटिया ने कहा कि भारत से जो मुसलमान उस ओर गये उनकी सम्पत्ति हमारे देश की सरकारों ने शत्रु सम्पत्ति के नाम से संरक्षित रखी। ऐसा सीमा पार से भारत आये हिन्दुओं की सम्पत्ति के प्रति पाकिस्तानी सरकारों ने नहीं किया। उल्टे वक्फ के नाम पर भारत की अकूत सम्पत्ति हथिया ली गयी। यह संयोग नहीं अपितु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आप जैसे राजनीतज्ञों की गंभीर सोच का परिणाम है कि वक्फ बोर्ड के विधानों में व्यापक संशोधन किये गये हैं। पूर्व महापौर ने आगे लिखा कि विभाजन की भयावह विभीषिका के कारण जिन परिवारों ने सब कुछ खोया, उनको शत्रु सम्पत्ति के साथ ही वक्फ बोर्ड के वर्तमान स्वरूप में उचित अर्थात न्यायोचित प्रतिनिधित्व दिलाया जाये। यह समय की मांग भी है। उन्होंने लिखा कि भारत न्याय और धर्म के नैतिक प्रावधानों का आदर करने वाले संविधान से चलने वाला देश है। ऐसे देश में लम्बे समय से सीमापार से भगाये गये हिन्दुओं को शरणार्थी बता कर अपमानित किया जाता रहा है। आपने और श्री मोदी जी ने यह पीड़ा अनुभव की और सभी को उचित सम्मान दिलाया। पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया ने इस सम्बन्ध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र सौंपा, जिसमें भारत के बंटवारे के समय उपजी स्थिति से पाकिस्तान छोड़कर भारत आये हिन्दु समाज की छूटी सम्पत्ति के सम्बन्ध में विस्तार से लिखा है।

अल्प समय में कार्य योजना मांगे जाने का विरोध,मुख्यालय द्वारा बार-बार बदला जा रहा प्रोफार्मा

लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्गाे के नवनिर्माण, पुनर्निर्माण एवं मिसिंग लिंक इत्यादि की कार्य योजना 20 अप्रैल तक मांगी गई है। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने विभाग के इस निर्णय को अव्यवहारिक बताया। प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष को लिखे गए विस्तृत पत्र में संघ के अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी द्वारा अवगत कराया गया कि नवनिर्माण एवं मिसिंग लिंक इत्यादि योजनाओं में प्रस्ताव प्रेषित किए जाने के पूर्व प्रस्तावित मार्ग का विस्तृत सर्वे कर डाटा एकत्रित किया जाना आवश्यक होता है। परंतु विभाग द्वारा बिना सर्वे का पर्याप्त समय दिए आनन फानन में 20 अप्रैल तक कार्य योजना प्रेषित किए जाने का दबाव बनाया जा रहा है।

संघ ने अल्प समय में मांगी गई कार्ययोजना और बार बार प्रोफार्मा बदले जाने को अपने पत्र में लिखा है कि यदि सर्वे हेतु नियमानुसार पर्याप्त समय नहीं दिया जाता तो प्रेषित की जाने वाली कार्य योजना त्रुटिपूर्ण होगी। इससे न केवल विभाग की छवि खराब होगी अपितु फील्ड के अभियंता दंडित भी किए जाएंगंे। यह भी अवगत कराया गया है कि जिस प्रोफार्मा पर कार्य योजना प्रेषित की जानी है उसे मुख्यालय तय नहीं कर पा रहा है और बार-बार प्रोफार्मा को संशोधित किया जा रहा है । 20 अप्रैल को अपरान्ह 2.30 बजे भी प्रोफार्मा संशोधित किया गया है। विभाग के इस अव्यावहारिक निर्णय से प्रदेश के सभी अभियंता दबाव में है। इस वजह से डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने विभाग के इस निर्णय को अव्यवहारिक बताते हुए प्रस्तावित मार्गाे के सर्वे करने हेतु पर्याप्त समय दिए जाने का अनुरोध किया है। जिससे असहज स्थिति से बचा जा सके एवं विभाग की छवि धूमिल ना हो।

सुरेश अध्यक्ष और अतुल पुनः महामंत्री निर्वाचित

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद  का द्विवार्षिक अधिवेशन ए.पी. सेन सभागार लखनऊ विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ जिसमें देश के कई राज्यों के अध्यक्ष,महामंत्री विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्य अतिथि इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र रहे। अधिवेशन में सुरेश रावत अध्यक्ष, गिरीश चन्द्र मिश्रा वरिष्ठ उपाध्यक्ष ,महामंत्री अतुल मिश्रा ,संप्रेक्षक प्रदीप त्यागी सर्वसम्मति से दोबारा निर्वाचित किए गए। यह जानकारी देते हुए परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत एवं महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि इस अधिवेशन में 75 जनपदों के अध्यक्ष,मंत्री एवं संबद्ध संगठनों के अध्यक्ष,महामंत्री एवं पर्यवेक्षक शामिल थे। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि एवं छत्तीसगढ़, हिमाचल, जम्मू एंड काश्मीर, गुजरात के अध्यक्ष,महामंत्री विशिष्ट अतिथियों को पुष्प गुच्छ एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।अधिवेशन में जवाहर भवन इंद्रा भवन महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय ,डी पी ए के अध्यक्ष संदीप बडोला , कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के कैसर रजा ,निगम महासंघ के अध्यक्ष मनोज मिश्रा एवं महामंत्री घनश्याम यादव लखनऊ, परिषद के सचिव डा पी के सिंह ,कोषाध्यक्ष राजीव तिवारी आदि प्रांतीय पदाधिकारियों एवं मंडलीय,संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे ।

घोटालेबाज टोरेंट और ग्रांट थॉर्टन कंपनी पर कार्यवाही की जाय,निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दो अभियान जारी

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट द्वारा झूठा शपथ पत्र दिए जाने के बाद नियुक्ति का आदेश रद्द करने के बजाय पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन निजी कंसल्टेंट को बचाने में लगा है। ऊर्जा मंत्री द्वारा संविदा कर्मियों को बर्खास्त करने की कठोर कार्रवाई की प्रतिक्रिया में संघर्ष समिति ने कहा कि ऊर्जा मंत्री को कठोर कार्रवाई करनी ही है तो घोटाला करने वाली टोरेंट पावर कंपनी, ग्रेटर नोएडा पावर कंपनी और झूठा शपथ पत्र देकर फर्जीवाड़ा करने वाले ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन पर करनी चाहिए।
निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दो अभियान आज अवकाश के दिन भी जारी रहा। आज गोरखपुर में राज्यसभा के सांसद डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल को, गोंडा में लोकसभा के सांसद करण भूषण सिंह को और फूलपुर में लोकसभा के सांसद प्रवीण पटेल को ज्ञापन दिए गए। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट का झूठा शपथ पत्र और अमेरिका में उसके ऊपर लगी पेनल्टी का मामला सामने आने के बाद एक सप्ताह से ज्यादा समय हो गया है और पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष फाइल को दबाए बैठे हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि पता चला है कि ट्रांजैक्शन कंसलटेंट मे ग्रांट थॉर्टन को बचाने के लिए नई नई जुगत लगाई जा रही है और यह तर्क दिया जा रहा है कि कंपनी पर अमेरिका में फाइन लगी है भारत में फाइन नहीं लगी। संघर्ष समिति ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण कि जिस कंपनी का चयन अमेरिका में काम करने के अनुभव के आधार पर किया गया है उस कंपनी पर अमेरिका में लगी पेनल्टी को नजर अंदाज कर इस कंपनी के जरिए उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों का निजीकरण कराया जा रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि यह खुला भ्रष्टाचार है जिस पर ऊर्जा मंत्री को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

संघर्ष समिति ने कहा कि कल शक्ति भवन में हुई बैठक के बाद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बिजली आपूर्ति में जरा सी भी गड़बड़ी होने पर अत्यंत अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा है कि बिजली आपूर्ति में जरा सी भी गड़बड़ी होने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। संघर्ष समिति ने कहा कि कठोर कार्यवाही करनी है तो ऊर्जा मंत्री को घोटाला सामने आने पर आगरा में टोरेंट पावर कंपनी पर, ग्रेटर नोएडा में नोएडा पावर कंपनी पर और झूठा शपथ पत्र देने वाली ग्रांट थॉर्टन पर तत्काल कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। संघर्ष समिति ने कहा कि टोरेंट पावर कंपनी ने पावर कारपोरेशन का 2200 करोड रुपए का बिजली राजस्व का बकाया हड़प रखा है। ऊर्जा मंत्री को तत्काल इस पर कड़ी कार्रवाई करनी ही चाहिए। इसी प्रकार ग्रेटर नोएडा में काम कर रही नोएडा पावर कंपनी की अनियमितता सामने आने के बाद पावर कॉरपोरेशन और उत्तर प्रदेश सरकार माननीय सर्वाेच्च न्यायालय में उसका करार समाप्त करने के लिए मुकदमा लड़ रहे हैं, ऐसी स्थिति में ग्रेटर नोएडा की पावर कंपनी के अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती।

संघर्ष समिति ने कहा कि घोटाला सामने आने के बाद ऊर्जा मंत्री को सबसे पहले पावर कारपोरेशन के प्रबंधन और ग्रांट थॉर्टन पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। निजीकरण के विरोध में आज बिजली कर्मचारियों ने गोरखपुर में राज्यसभा के सांसद डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल को ज्ञापन दिया। गोंडा में लोकसभा के सांसद करण भूषण सिंह को ज्ञापन दिया गया। फूलपुर में बिजली कर्मियों ने संसद सदस्य प्रवीण पटेल जी को ज्ञापन दिया। प्रदेश के अन्य जनपदों में कई विधायकों को निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दिए गए। ज्ञापन दो अभियान तथा विरोध सभा का क्रम सोमवार को भी जारी रहेगा।

Aaj National

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