- REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए उच्च अधिकारियों ने निदेशक वित्त व कमर्शियल को यह मौखिक निर्देश दिया है कि झूठा शपथ पत्र देने वाली कंसलटेंट कंपनी ग्रांट थ्रोनटन की पत्रावली ऊपर नीचे घुमाते रहो ,लेकिन पावर कारपोरेशन के नियमों के तहत अंतिम निर्णय के लिए पत्रावली ऊपर मत भेजो। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि टेंडर निकालने वाली बिंग ने झूठा शपथ पत्र देने वाली कंसल्टेंट कंपनी के खिलाफ आरोप सिद्ध होने पर कार्यवाही के लिए पत्रावली ऊपर भेजा लेकिन पत्रावली को नए निदेशक वाणिज्य के स्तर पर डंप कराया गया है। जो अपने आप में भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का सबसे बड़ा मामला है। उपभोक्ता परिषद के पास पुख्ता सबूत है कि देश का एक बड़ा निजी घराना इस कंसलटेंट कंपनी को बचा रहा है जल्द ही उसका खुलासा उपभोक्ता परिषद करेगी।
पावर कारपोरेशन के नियमों के तहत इस प्रकार के उल्लंघन के मामले में अध्यक्ष पावर कारपोरेशन को अंतिम निर्णय देना होता है। 15 दिन बीतने को है लेकिन ग्रांट थ्रोनटन कंपनी के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। आज इस संबंध में जब उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने टेंडर मूल्यांकन कमेटी के अध्यक्ष निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग से फिर बात की तो उनके द्वारा कहा गया की ग्रांड थॉर्नटन कंपनी से एक बार फिर सप्लीमेंट्री जवाब मांगा गया है। पावर कारपोरेशन ने हद कर दी भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए किस हद तक जा सकते हैं इससे बड़ा उदाहरण कोई नहीं है। श्री वर्मा ने कहा पत्रावली कितना भी पावर कॉरपोरेशन ऊपर नीचे कर ले लेकिन इस भ्रष्टाचार के मामले में कार्यवाही करना ही पड़ेगा। इसके लिए उपभोक्ता परिषद को चाहे जिस न्यायिक प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ेगा वह लेगी। लेकिन 42 जनपदों के निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली कंसल्टेंट कंपनी जिसके द्वारा झूठा शपथ पत्र देकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है उसे उपभोक्ता परिषद लागू नहीं होने देगा। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा दुर्भाग्य की बात है कि उपभोक्ता परिषद ने कानून के दायरे में विद्युत नियामक आयोग के सामने भी पूरी बात रखी पावर कारपोरेशन प्रबंधन के पास पूरी बात रखी झूठा शपथ पत्र का मामला साबित हो गया। लेकिन कार्यवाही केवल इसलिए नहीं की जा रही है। क्योंकि उसके पीछे एक देश का बड़ा निजी घराना कम कर रहा है।
मध्यांचल मुख्यालय पर बिजली कर्मियों का उग्र प्रदर्शन,सभी जनपदों में बाईक रैली निकालने की तैयारी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के बैनर तले आज मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय पर बिजली कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में उग्र प्रदर्शन किया और प्रबन्ध निदेशक को ज्ञापन दिया। निजीकरण की दृष्टि से कई जनपदों में संविदा कर्मियों को बड़े पैमाने पर हटाये जाने से गुस्साये विद्युत कर्मियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दो अभियान के अन्तर्गत सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिये गये। 01 मई को सभी जनपदों में बाईक रैली निकालने की तैयारी हेतु बैठकें की गयी।
निजीकरण एवं निजी घरानों की मदद करने हेतु संविदा कर्मियों की बड़े पैमाने पर की जा रही छंटनी, इलेक्ट्रिसिटी रिफॉर्म एक्ट 1999 एवं ट्रांसफर स्कीम 2000 के प्राविधानों के विपरीत बिजली कर्मियों के निवास पर स्मार्ट मीटर लगाने के विरोध में एवं फेसियल अटेंडेंस के विरोध में आज मध्यांचल मुख्यालय पर प्रातः 11ः00 बजे से सैकड़ों बिजली कर्मी एकत्र होने लगे और बिजली कर्मियों ने मध्यांचल के प्रबन्ध निदेशक के विरोध में उग्र प्रदर्शन किया। मध्यांचल के प्रबन्ध निदेशक को ज्ञापन देकर संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि संविदा कर्मियों को निकाले जाने की प्रक्रिया बन्द न की गयी और निकाले गये संविदा कर्मियों को काम पर वापस न लिया गया तथा स्मार्ट मीटर लगाने और फेसियल अटेंडेंस का दबाव डाला गया तो बिजली कर्मी आन्दोलन प्रारम्भ करने हेतु बाध्य होंगे। संघर्ष समिति ने यह भी चेतावनी दी कि यदि किसी भी बिजली कर्मी का अप्रैल माह का वेतन रोका गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।बिना कारण निजीकरण हेतु बड़े पैमाने पर की जा रही छंटनी के विरोध में आज रायबरेली के संविदा कर्मियों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश के कई जनपदों में छंटनी के विरोध में बिजली कर्मियों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। आज से प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर निजीकरण के विरोध में सभाओं और प्रदर्शनों का दौर शुरू हुआ है। संघर्ष समिति ने कहा है कि निजीकरण का निर्णय वापस होने तक विरोध प्रदर्शन और आन्दोलन जारी रहेगा।ज्ञापन दो अभियान के अन्तर्गत आज बरेली में संसद सदस्य छत्रपाल गंगवार, उप्र के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरूण कुमार, विधायक संजीव अग्रवाल को ज्ञापन दिया गया। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल के ओएसडी रमाकान्त सिंह को मिर्जापुर में ज्ञापन दिया गया।आज प्रदेश भर में सभायें कर बिजली कर्मियों ने 01 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर निकाले जाने वाली बाईक रैली की तैयारी की। राजधानी लखनऊ में भी 01 मई को सायं 05ः00 बजे राणा प्रताप मार्ग स्थित हाईडिल फील्ड हॉस्टल से बाईक रैली निकाली जायेगी जिसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी गयी है।
नगर आयुक्त का मुख्यालय निरीक्षण,कई कर्मचारी नदारत
-अनुपस्थित कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस देकर उनके वेतन काटने के निर्देश
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने आज नगर निगम मुख्यालय का दौरा कर सभी विभागों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वे हर विभाग में पहुंचे और खुद हाजिरी रजिस्टर चेक किया। साथ ही, उन्होंने विभागों के कामकाज और कार्यशैली का भी बारीकी से जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अनुपस्थित कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस देकर उनके वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।गौरव कुमार ने सख्त निर्देश दिए कि सभी अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय में पहुंचें और अपने कार्यों को तय समय में पूरा करें। उन्होंने साफ कहा कि कार्यालय के अनुशासन में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अधिष्ठान विभाग का निरीक्षण करते हुए नगर आयुक्त ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि सभी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं का काम बिना किसी देरी के पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सेवा पुस्तिका जैसे जरूरी दस्तावेजों का अद्यतन रहना बेहद आवश्यक है और इसे प्राथमिकता दी जाए।जनसंपर्क कार्यालय में निरीक्षण के दौरान गौरव कुमार ने वहां की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। उन्होंने पेपर कटिंग के काम में लापरवाही मिलने पर असंतोष व्यक्त किया और स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रतिदिन के कार्यों का समय पर निपटारा सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा।निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने 311 मोबाइल ऐप और उपस्थिति रजिस्टर की भी जांच की। अनुपस्थित कर्मचारियों पर सख्त रवैया अपनाते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि उनसे स्पष्टीकरण लिया जाए और भविष्य में अनुशासन तथा समय पालन को सुनिश्चित किया जाए।नगर आयुक्त ने अंत में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वे जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें और नगर निगम की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी व सशक्त बनाने में योगदान दें। ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
नगर निगम की टीम ने 30 करोड़ की भूमि कब्जा मुक्त कराया
नगर निगम की टीम ने आज अभियान चलाकर क्रमशः 15, दस और 5 करोड़ की भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए बुलडोजर चला दिया। आज मंडलायुक्त , मंडल लखनऊ और नगर आयुक्त नगर निगम लखनऊ गौरव कुमार के निर्देश पर सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए एक बड़ी कार्यवाही की गई। इस अभियान के तहत अपर नगर आयुक्त श्री पंकज श्रीवास्तव द्वारा गठित विशेष टीम ने ग्राम सेंवई, तहसील सरोजनी नगर, जिला लखनऊ में अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई की।
यह कार्यवाही ग्राम सेंवई की गाटा संख्या 815 (0.038 हेक्टेयर), 867 (0.126 हेक्टेयर) और 836 (0.936 हेक्टेयर) पर की गई। यह सभी भूमि राजस्व अभिलेखों में ऊसर भूमि के रूप में दर्ज हैं और नगर निगम की संपत्ति के रूप में निहित हैं। इन गाटों पर कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। वे नींव भरकर, बाउंड्री वॉल बनाकर और प्लॉटिंग करके जमीन पर अवैध निर्माण कर रहे थे, जिससे सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। नगर निगम और तहसील प्रशासन की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी मशीनों की मदद से इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया और जमीन को कब्जा मुक्त कराया। भूमि को कब्जा मुक्त कराते समय कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल की मौजूदगी और अधिकारियों के संयमित प्रयासों के चलते पूरी कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराई गई। इस अभियान के जरिए लगभग 1.100 हेक्टेयर जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है। इस जमीन की अनुमानित बाजार कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये आंकी गई है। अभियान के तहत अपर नगर आयुक्त श्री पंकज श्रीवास्तव द्वारा गठित टीम ने ग्राम यूसुफनगर उर्फ बगियामऊ, तहसील सरोजनी नगर, जिला लखनऊ में अवैध कब्जा हटाने की कार्यवाही की गई। यह कार्रवाई ग्राम यूसुफनगर की गाटा संख्या 311, क्षेत्रफल 0.588 हेक्टेयर, जो श्मशान की जमीन है और नगर निगम की संपत्ति में दर्ज है, पर की गई। यहां कुछ प्रॉपर्टी डीलरों और अंसल ग्रुप द्वारा सीमेंटेड बाउंड्री वॉल बनाकर अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी और सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा था। इसकी कीमत पॉच करोड़ आकी गई है। पिछले कुछ दिनों में ग्राम मस्तेमऊ, गोयला, बसहा और बरखुरदारपुर में अभियान चलाकर तालाब, खलिहान और पशु चरागाह जैसी सार्वजनिक उपयोग की भूमि से अवैध कब्जे हटाए गए।नगर निगम की टीम मौके पर पहुँचकर चिन्हीकरण किया और जेसीबी मशीनों की मदद से अस्थायी अवैध कब्जों को हटवाया। अभियान के तहत कुल लगभग 1.423 हेक्टेयर सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है, जिसकी बाजार कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
निकाय कर्मचारी महासंघ के निर्वाचित पदाधिकारियों का स्वागत
उ.प्र.स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ का 7वां प्रान्तीय अधिवेशन कानपुर नगर निगम में सम्पन्न हुआ। जिसमें वर्ष 2014 से लगातार पुनः प्रदेश अध्यक्ष श्री शशि कुमार मिश्र,लखनऊ से चुना गया। प्रदेश महामंत्री पर रमाकांत मिश्र कानपुर से व कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष राकेश अग्निहोत्री गाजियाबाद और लखनऊ से गोमती त्रिवेदी-कोषाध्यक्ष, सै.कैसर रजा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नितिन त्रिवेदी उपाध्यक्ष, शैलेन्द्र तिवारी-मंत्री, सुधाकर मिश्र प्रचार मंत्री,अवध क्षेत्र से क्षेत्रीय अध्यक्ष-राम कुमार रावत तथा सदस्य कार्यकारिणी में आनन्द मिश्र, मनोज वर्मा,हरिशंकर पाण्डेय,मो.अय्यूब,प्रदीप सिंह, मो.हनीफ,आर पी सिंह, चुने गए।आज लखनऊ यूनिट के कर्मचारी संगठनो ने महासंघ के अधिवेशन में निर्वाचित सभी साथियो का भव्य स्वागत माला,फूल आदि द्वारा किया गया।
कानपुर के महासंघ अधिवेशन में लखनऊ यूनिट से नगर निगम जलकल कर्मचारी संघ,उ.प्र.चतुर्थ श्रेणी नगर निगम कर्मचारी संघ, जलकल नगर निगम नियमित एवं आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ,नगर-निगम आर आर कर्मचारी संघ,नगर निगम नियमित एवं संविदा सफाई कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियो नें बडी संख्या में भागेदारी रही।उपरोक्त कार्यक्रम में सतीश कुमार सिंह, विजयशंकर पाण्डेय, चन्द्र मोहन,विभा यादव,कुवंर जय सिंह, अमरेन्द्र दीक्षित,आकाश गुप्ता,रूदल राजभर,राकेश तिवारी,दिग्विजय यादव,संजय श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, संतोष अरुणा अक्षत बंसल,अनिल शुक्ला,अब्दुल रशीद, राशिद अकरम,रचित शुक्ला,कुलदीप चौधरी,विवेक अवस्थी ,पंकज अवस्थी,आयूष पंत,अमित सिंह, रुपेश कुमार पिन्टू ,रामअवतार ,सुमित वाल्मिकी आदि सैकडो कर्मचारी उपस्थित हुए।
नगर आयुक्त ने देखी अहाना ग्रीन्स आवासीय योजना की प्रगति
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने सोमवार को नगर निगम लखनऊ द्वारा विकसित बहुमंजिला आवासीय योजना अहाना ग्रीन्स का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी निर्माण एवं विकास कार्यों को तय समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाए, ताकि निवासियों को बेहतर सुविधाएं सुलभ कराई जा सकें।निरीक्षण के समय अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, मुख्य अभियंता (सिविल) महेश वर्मा, मुख्य अभियंता (आरआर) मनोज कुमार प्रभात, अधिशासी अभियंता (प्रोजेक्ट) अतुल मिश्रा, जोन-8 के जोनल अधिकारी अजीत राय सहित नगर निगम के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
नगर आयुक्त ने टावरों में लिफ्ट के भीतर दिशा-निर्देश पट्टिका, फ्लोर चार्ट और संकेतक बोर्ड लगाने के निर्देश दिए, जिससे निवासियों को सुविधाजनक वातावरण मिल सके। उन्होंने गेट पर आरएफआईडी टैगिंग की व्यवस्था शीघ्र प्रारंभ करने के भी निर्देश दिए, ताकि सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके। इसके साथ ही राजकीय निर्माण निगम को भी कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि दो टावर का निर्माण राजकीय निर्माण निगम कर रहा है।बिजली आपूर्ति से संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान पर नगर आयुक्त ने विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिजली और पानी की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की समस्या आने पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें।नगर निगम द्वारा झील के सौंदर्यीकरण एवं पार्क निर्माण की प्रक्रिया भी शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। नगर आयुक्त ने निर्देशित किया कि पार्क का निर्माण इस तरह किया जाए कि वह परिवारों और बच्चों के लिए एक आकर्षक व सुरक्षित स्थल बन सके। साथ ही कम्युनिटी सेंटर और स्वीमिंग पूल का निर्माण कार्य भी समयबद्ध ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्यों के दौरान स्वच्छता और पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखा जाए। सभी अधूरे कार्यों की नियमित समीक्षा करते हुए निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश भी नगर आयुक्त ने अधिकारियों को दिए। नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि नगर निगम का मुख्य उद्देश्य निवासियों को उच्च स्तरीय आवासीय सुविधाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि नगर निगम पूरी प्रतिबद्धता से विकास कार्यों को आगे बढ़ा रहा है और आने वाले समय में इस योजना को शहर की एक आदर्श आवासीय परियोजना के रूप में विकसित किया जाएगा।