- REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ। 42 जनपदों के निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली ग्रांट थॉर्नटन को झूठा शपथ पत्र के मामले में आज लगभग 24 दिन हो जाने के बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। दूसरी तरफ रोज उसके साथ पावर कॉरपोरेशन बैठक करके उसी से उसके बचने की उपाय पूछता है। जबकि यह निजीकरण का मसौदा ही असंवैधानिक है। क्योंकि ग्रांट थ्रोनटन कंपनी असंवैधानिक साबित हो चुकी है। इंजीनियर ऑफ कॉन्ट्रैक्ट ने उसके खिलाफ कार्यवाही का मसौदा पेश किया था और कहा था कि वह पूरी तरह दोषी है। उसके द्वारा झूठा शपथ पत्र दिया गया उसे पर कार्यवाही कानून के तहत होनी चाहिए। लेकिन निदेशक वित्त जिनके द्वारा पहले विधिक राय की बात कही गई फिर टेंडर मूल्यांकन कमेटी की बैठक बुलाने की बात कही गई और अब उसको बचाने के लिए उसी से राय मांगी जा रही है कि आप बताएं कैसे आपको बचाया जाए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा आज उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में नए निदेशक वित्त को कार्यभार ग्रहण करना था। लेकिन ग्रांट थ्रोनटोन के मामले में इस प्रकार से विधिक विवाद पैदा हो गया कि अभी उन्हें चार्ज भार ग्रहण करने के लिए रोक दिया गया है। यह ऊर्जा क्षेत्र का पहला मामला है जब भ्रष्टाचार सिद्ध हो जाने के बाद एक कंपनी को बचाने के लिए पूरा पावर कॉरपोरेशन लगा है। जो अपने आप में उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार की जीरो टॉलरेंस की नीति को ठेका दिखा रहा है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा पूरा पावर कॉरपोरेशन उसको बचाने के लिए विद्युत नियामक आयोग के साथ मीटिंग करना चाहता था लेकिन उसमें भी उसकी असफलता मिली और सबसे बड़ी बात यह है कि इस कंपनी को बचाने का जिम्मा निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग को दिया गया है। आज की तारीख में उनकी वैधानिकता पर अपने आप सवाल उठना लाजिमी है कि कोई भी व्यक्ति जो रोज उसको बचाने के लिए पत्रावली पर अलग-अलग टिप्पणी कर रहा है। उसकी विश्वसनीयता क्या है ऐसे में निदेशक वित्त के खिलाफ भी कार्यवाही होना चाहिए। क्योकि अब यह सिद्ध हो गया है कि उसको बचाने में मुख्य भूमिका उन्हीं की है।
दबाव में टूटा गतिरोध, पावर कार्पाेरेशन ने वार्ता के लिए बुलाया
-बिजली कर्मियों ने अपने घरों की बिजली बन्द कर निजीकरण का किया विरोध
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों और पावर कारपोरेशन के चेयरमैन व शीर्ष प्रबंधन के बीच आज पांच महीने के गतिरोध के बाद निजीकरण के मामले को लेकर पहली बार वार्ता हुई। संघर्ष समिति ने चेयरमैन से साफ शब्दों में कहा कि सार्थक वार्ता का वातावरण बनाने हेतु उत्पीड़न की समस्त कार्यवाहियां वापस ली जाए। आज चौथे दिन भी बिजली कर्मियों का क्रमिक अनशन जारी रहा। बिजली कर्मचारियों ने आज अपने घरों पर एक घंटा बिजली बंद कर निजीकरण के बाद आम जनता को लालटेन युग आने का संदेश दिया।
क्रमिक अनशन के तीसरे दिन 04 मई की रात 10 बजे संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का शुगर लेवल बहुत ज्यादा गिर गया और उनका बीपी बहुत अधिक बढ़ गया और उनकी हालत निरंतर खराब होने लगी। शैलेन्द्र दुबे ने अपना अनशन जारी रखा। रात 12 बजे से 02 बजे तक पॉवर कॉरपोरेशन प्रबन्धन ने पुलिस और मेडिकल टीम का दबाव बनाकर उनका अनशन समाप्त कराने की कोशिश की किन्तु समाचार मिलते ही आधी रात को शक्ति भवन पर सैकड़ों बिजली कर्मी आ गए और विरोध में जोरदार नारे लगाने लगे जिससे अनशन जबरदस्ती समाप्त कराने की प्रबन्धन की चाल कामयाब न हो सकी।
05 मई को संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने ऐलान कर दिया कि जब तक चेयरमैन संघर्ष समिति से वार्ता नहीं करते तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। उनके इस अनिश्चितकालीन अनशन के ऐलान से प्रबन्धन के हाथ पैर फूल गए और अंततः पांच महीने का गतिरोध टूटा और चेयरमैन को निजीकरण के मामले में संघर्ष समिति को वार्ता हेतु बुलाना पड़ा। चेयरमैन ने शीघ्र विस्तृत वार्ता करने के लिए कहा। संघर्ष समिति ने साफ शब्दों में कहा कि वार्ता के पहले वार्ता का वातावरण बनाया जाना बहुत जरूरी है और वार्ता का वातावरण बनाने हेतु निजीकरण के संघर्ष के दौरान मनमाने ढंग से की गई उत्पीड़न की सभी कार्यवाहियां वापस लिया जाना जरूरी है। संघर्ष समिति ने कहा कि 25000 से अधिक संविदा कर्मी निजीकरण के नाम पर निकाल दिए गए हैं। उन्हें नौकरी में तुरंत वापस लिया जाए और हटाए जाने की प्रक्रिया बंद की जाए। इसके साथ ही फेशियल अटेंडेंस के नाम पर एकतरफा आर्डर करके बड़े पैमाने पर हजारों की संख्या में बिजली कर्मचारियों का काटा गया वेतन तत्काल दिया जाए। उत्पीड़न के नाम पर एक बिजली कर्मी का किया गया स्थानांतरण निरस्त किया जाए।आज बिजली कर्मचारियों ने अपने घरों की रात 8ः00 बजे से रात 9ः00 बजे तक एक घंटा तक बिजली बंद कर आम उपभोक्ताओं को यह संदेश दिया कि यदि बिजली का निजीकरण ना रोका गया तो बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि आम जनता उसे खरीद नहीं सकेगी और उत्तर प्रदेश लालटेन युग में पहुंच जाएगा।आज उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में पंजाब के पांच बिजली कर्मचारी और उड़ीसा के दो बिजली अभियंता क्रमिक अनशन में सम्मिलित हुए। 06 मई को हरियाणा के पांच बिजली कर्मचारी उत्तर प्रदेश के क्रमिक अनशन में सम्मिलित होंगे।क्रमिक अनशन के चौथे दिन आज 200 से अधिक बिजली कर्मी अनशन पर बैठे। आज वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, और मिर्जापुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जनपदों के बिजली कर्मी और लखनऊ नगर के बिजली कर्मी अनशन पर बैठे। 06 मई को ओबरा, पिपरी, अनपरा, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी और लखनऊ नगर के बिजली कर्मी बड़ी संख्या में अनशन पर बैठेंगे।
शहर के कई क्षेत्रों में चला अतिक्रमण के खिलाफ अभियान
नगर निगम लखनऊ द्वारा आज खजाना चौराहा से स्काई हिल्टन तक दोनों पटरी सहित कई अन्य जोनों में अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध एक सघन अभियान चलाया गया। जोन-8 के अंतर्गत की गई, जिसमें जोनल अधिकारी के नेतृत्व में 296 टीम कर्मियों ने मिलकर सार्वजनिक पथों से अवैध रूप से लगाए गए ठेले, सब्जी मंडियां, फलों की दुकानें और अस्थायी निर्माणों को हटाया।इस दौरान नगर निगम ने अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध सख्ती दिखाते हुए 15,000 का जुर्माना भी वसूला, जो आगे ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक स्पष्ट संदेश है।
नगर निगम लखनऊ के जोन-3 में आज एक विशेष अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। यह अभियान जोनल अधिकारी के नेतृत्व में चलाया गया जिसमें 296 टीम सदस्य शामिल हुए। यह कार्रवाई “नीर रेसिडेंसी” के पास और जानकीपुरम विस्तार व भवानीखेरा चौराहे के पास की गई, जहां आम रास्तों और मुख्य मार्गों पर अवैध रूप से गुमटी, ठेले और अन्य निर्माण खड़े किए गए थे। नगर निगम ने बताया कि यह अतिक्रमण आमजन की आवाजाही में बाधा बन रहा था और सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी खतरनाक था। इसलिए तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों स्थानों पर अवैध निर्माण को हटाया गया। इस दौरान नगर निगम की टीम ने कुल 15 गुमटी और 36 ठेले मुख्य मार्गों से हटवाए।लखनऊ नगर निगम ने सोमवार को इंदिरा नगर क्षेत्र की सब्जी मंडी और उसके आसपास के इलाकों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। यह अभियान जोन-7 के जोनल अधिकारी के नेतृत्व में चलाया गया, जिसमें 296 की टीम मौजूद रही। अभियान के दौरान इंदिरा नगर सेक्टर-17 में सब्जी मंडी और आसपास की गलियों में लगाई गई अवैध दुकानों, ठेलों और गैस सिलेंडर आदि को हटाया गया। कुल मिलाकर 2 ठेले, 1 गैस सिलेंडर को जब्त किया गया और 25 दुकानों को हटाया गया। नगर निगम की इस कार्रवाई का उद्देश्य इलाके में ट्रैफिक को सुचारु बनाए रखना और आम जनता की आवाजाही में हो रही दिक्कतों को दूर करना था।कार्यवाही के दौरान मौके पर मौजूद अधिकारियों ने दुकानदारों को सख्त हिदायत दी कि वे दोबारा अतिक्रमण न करें, अन्यथा अगली बार और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि फिर से अतिक्रमण किया गया तो जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
जोन दो के पार्षद संग नगर आयुक्त की विभिन्न मुद्दों पर चर्चा
नगर निगम मुख्यालय में सोमवार को नगर आयुक्त गौरव कुमार की अध्यक्षता में जोन-2 के सभी माननीय पार्षदों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त, जोन 2 की जोनल अधिकारी शिल्पा कुमारी, जोनल सेनेटरी ऑफिसर, अधिशासी अभियंता और जलकल के अधिशासी अभियंता मौजूद रहे।इस बैठक में जोन-2 के अंतर्गत आने वाले वार्डों के पार्षद जिनमें सुभाष चन्द्र (अम्बेडकर नगर वार्ड), ममता चौधरी (मालवीय नगर वार्ड), संदीप शर्मा (ऐशबाग वार्ड), गौरी सांवरिया (कुँवर ज्योति प्रसाद वार्ड), राजू गांधी (पार्षद प्रतिनिधि) (मोतीलाल नेहरू-चन्द्रभानु गुप्त वार्ड), राजीव (तिलक नगर-कुंडरी रकाबगंज वार्ड), कौमुद त्रिपाठी (राजाजीपुरम वार्ड), राजेश कुमार दीक्षित (राजेन्द्र नगर वार्ड), नरेन्द्र शर्मा (याहियागंज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस वार्ड) एवं राहुल मिश्रा (राजा-बाजार वार्ड) मौजूद रहे।
बैठक के दौरान पार्षदगणों ने अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों, जल निकासी की समस्याओं और सफाई व्यवस्था पर नगर आयुक्त से विस्तृत चर्चा की। विशेष रूप से नालों और नालियों की नियमित सफाई और मानसून पूर्व तैयारियों पर जोर दिया गया। पार्षदों ने बताया कि कई इलाकों में जलभराव की समस्या अभी भी बनी रहती है, जिसे प्राथमिकता से हल करने की आवश्यकता है।नगर आयुक्त गौरव कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए और आगामी बरसात से पहले आवश्यक कार्य पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने पार्षदों को आश्वासन दिया कि निगम प्रशासन उनके साथ मिलकर क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान हेतु प्रतिबद्ध है। बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई और सभी जनप्रतिनिधियों ने नगर निगम की सक्रियता और संवाद को सराहा। यह बैठक नगर निगम और जनप्रतिनिधियों के बीच तालमेल को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल रही।
लेखा संवर्ग विभागों की रीढ़ की हड्डी: सुरेश खन्ना
उत्तर प्रदेश वित्त एवं लेखा सेवा संघ का अधिवेशन आयोजित हुआ जिसमें मुख्य अतिथि वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, विशिष्ट अतिथि सचिव वित्त मंजर अब्बास रिजवी थे। वित्त मंत्री ने उत्तर प्रदेश की एवं लेखा संवर्ग के अधिकारियों द्वारा प्रदेश में कुशल वित्तीय प्रबंधन हेतु किए जा रहे योगदान की सराहना की तथा अधिकारियों को समय से पदोन्नति उनकी समस्याओं के समाधान एवं एसीपी आदि ससमय कराए जाने का आश्वासन दिया तथा महासचिव द्वारा अपने प्रतिवेदन में ससमय पदोन्नति करने की मांग की ।
खाली पदों पर भर्तियां कराने लेखा संवर्ग को मजबूती प्रदान करने एवं लेखा संवर्ग के अधिकारियों को वहां उपलब्ध कराने तथा विभागों में तैनात लेखा स्टाफ पर अनावश्यक दबाव ना डालने आदि बातें रखी जिस पर माननीय वित्त मंत्री ने पूरा आश्वासन दिया और कहा कि लेखा संवर्ग विभागों की रीढ़ की हड्डी है इसे और मजबूत किया जाएगा। दूसरे सत्र में उत्तर प्रदेश वित्त एवं लेखा सेवा संघ का चुनाव में अध्यक्ष निशांत उपाध्याय चुने गए। जबकि महासचिव शालिग्राम , उपाध्यक्ष पवन कुमार द्विवेदी , शालिनी सिंह ,सचिव हिमांचल यादव, अंकित सिंह और मनोज कुमार निर्विरोध निर्वाचित हुए। चुनाव में खास बात यह रही की अध्यक्ष पद पर चुनाव हुआ जिसमें पूर्व महासचिव दीपक सिंह दूसरे स्थान पर रहे।नई कार्यकारिणी का फूलमालाओं से भव्य स्वागत किया गया। अंत में कर्मचारी नेता सुशील कुमार बच्चा ने सभी को बधाई दी।