- REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन जिस प्रकार से बिजली कंपनियों के मामले में हस्तक्षेप कर रहा है और लगातार मनमाने आदेश कर रहा है। वह पूरी तरह आसंवैधानिक है। सभी को पता है कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद पीठ द्वारा अनेकों मामलों में यह व्यवस्था दी गई थी कि पावर कॉरपोरेशन की कोई भी लीगल वैधता नहीं है। वह बिजली कंपनियां के मामले में कोई भी हस्तक्षेप नही कर सकता। उदहारण के तौर पर विंध्यवासिनी का केस, र तिरुपति सिलेंडर वर्सेस स्टेट आफ उत्तरप्रदेश जिसमें उच्च न्यायालय इलाहाबाद की दो सदस्यों वाली पीठ ने यह स्पष्ट किया था कि प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों को विद्युत नियामक आयोग ने लाइसेंस दिया है। वह स्वतंत्र रूप से कम कर रही है। पावर कारपोरेशन को कोई भी लीगल वैधता नहीं है। इसके बावजूद भी पावर कारपोरेशन ने दक्षिणांचल पूर्वांचल के निजीकरण का मसौदा पास कर दिया। बिजली कंपनियों को पता नहीं और उसे पावर कॉरपोरेशन निजी क्षेत्र में दे रहा है। पूर्वांचल व दक्षिणांचल के निजीकरण का फैसला पूरी तरह असंवैधानिक है इसे तत्काल निरस्त होना चाहिए। उपभोक्ता परिषद की तरफ से कहा गया कि मुख्यमंत्री द्वारा पावर कारपोरेशन के निदेशक मंडल के पिछले दो वर्षों के सभी निर्णय की उच्च स्तरीय समीक्षा होना चाहिए। इसके लिए जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने जाना चाहिए। यही नही मनमानी करने वाले निदेशक मंडल के जो भी सदस्य दोषी हो उन्हें सीधे बर्खास्त किया जाए। उससे यह पूछा जाए कि उत्तर प्रदेश के पावर कारपोरेशन के निदेशक मंडल को किसने इतनी सुपर पावर दे दी।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि निदेशक मंडल का ताजा आदेश हड़ताल व बहिष्कार पर जाने वाले कार्मिकों को बिना जांच के बर्खास्त किया जाएगा। इसमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 का हवाला दिया गया। लेकिन पावर कॉरपोरेशन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2) को नहीं पढ़ा। यह भी निदेशक मंडल द्वारा पारित व्यवस्था है यह बात बिल्कुल सही है कि आम जनता की विद्युत आपूर्ति किसी को भी बाधित करने का कोई अधिकार नहीं है। लेकिन पावर कारपोरेशन को यह भी अधिकार नहीं है जो भारत के संविधान में व्यवस्था दी गई है उसका उल्लंघन करें। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बृजनंदन कंसल वर्सेस स्टेट ऑफ यूपी के मामले में पहले ही यह निर्णय सुनाया जा चुका है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2) में अपील करता को बचाव का उचित अवसर दिया जाना चाहिए। बिना उचित अवसर दिए बिना उसे पद से बर्खास्त नहीं किया जा सकता। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह कोई पहला मामला नहीं है। पावर कारपोरेशन के निदेशक मंडल ने बिजली चोरी के असेसमेंट के मामले में लोकसभा द्वारा पारित विद्युत अधिनियम 2003 का उल्लंघन करते हुए बिजली चोरी के मामले में राजस्व निर्धारण में 65 प्रतिशत तक की छूट दे दी थी। आगे आप सभी को पता ही होगा कि बैंड 4 में नौकरी में पहुंचने में कम से कम 30 से 32 साल लग जाता है। लेकिन पावर कारपोरेशन के इसी निदेशक मंडल ने लिटरल एंट्री के माध्यम से केवल इंटरव्यू के आधार पर सीधे अकाउंट विंग में सीजेएम की पोस्टिंग कर दी। अभी भी और भी लोग लाइन में लगे हैं। निजी घरानो में काम करने वाले जिनका बिजली का एबीसीडी नहीं पता था वह उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में अब फंड विभाग में मुख्य अभियंता बने है।
प्रमोद कुमार अध्यक्ष और मुकेश श्रीवास्तव महामंत्री निर्वाचित
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन, कल्याण भवन में चुनाव सम्पन्न हुआ। चुनाव अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि मतगणना के उपरान्त समाज कल्याण विभाग में प्रमोद कुमार, अध्यक्ष तथा अमन कुमार शुक्ला, उपाध्यक्ष व मुकेश कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री निर्वाचित हुए।उत्तर प्रदेश समाज कल्याण मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन, कल्याण भवन लखनऊ का द्विवार्षिक चुनाव प्रदीप कुमार, चुनाव अधिकारी व नीतू सक्सेना एवं ओम प्रकाश, सहायक चुनाव अधिकारी की देख-रेख में समाज कल्याण के सभागार में पूर्वाहन 11.00 बजे से अपराह्न 3.00 बजे तक मतदान सम्पन्न हुआ। जिसमें कर्मचारियों ने बढ चढकर हिस्सा लिया। मतगणना में प्रमोद कुमार, अध्यक्ष, अमन कुमार शुक्ला, उपाध्यक्ष, महेन्द्र प्रताप सिंह, संयुक्त मंत्री निर्वाचित हुए। मुकेश कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री, प्रणय प्रतीक उपाध्याय, संगठन मंत्री, रामखेलावन, कोषाध्यक्ष, सुश्री सृष्टि यादव, कार्यालय मंत्री, मुहम्मद सालिम अंसारी, आडिटर एवं मनोज कुमार यादव, सांस्कृतिक कार्यमंत्री निर्विरोध निर्वाचित हुए। कार्यकारिणी सदस्य सुनील कुमार, मनीष कुमार, गौतम कुमार, तुषार शुक्ला, तरनजीत सिंह, रविन्द्र नाथ, अतुल कुमार, सचिन पाण्डेय व रूद्र नारायन पाण्डेय, रवि कुमार, निर्वाचित हुए।
रामराज अध्यक्ष और सुरेश महामंत्री निर्वाचित
उत्तर प्रदेश प्रदेशीय चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ का प्रान्तीय द्विवार्षिक अधिवेषन, चुनाव 24 मई को जवाहर भवन के सामने निदेशालय उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग सप्रू मार्ग के सभागार में प्रारम्भ सम्पन्न हुआ। चुनाव अधिकारी हरिशरण मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी एसोसिएशन, सतीश कुमार पाण्डेय अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ एवं जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया के उपरान्त राम राज दुबे प्रदेश अध्यक्ष एवं सुरेश सिंह यादव प्रदेश महामंत्री, हरिकेश प्रसाद प्रान्तीय उपमहामंत्री चुने गए। रामबदल दुबे कोषाध्यक्ष और अनिल कुमार सम्प्रेक्षक चुने गए। अधिवेशन में उप मुख्यमंत्री, बृजेश पाठक को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किये गए थे लेकिन अचानक दिल्ली जाने के कार्यक्रम के चलते उन्होंने अपने लिखित सदेश में अधिवेशन की सफलता के सन्देश देते हुए लिखा कि सरकार आपके साथ है कर्मचारी हितों की रक्षा के लिए कृत संकल्पित है। विषेश अतिथि धनन्जय शुक्ला, अपर आयुक्त राज्य कर ने अधिवेशन का उद्घाटन किया।
चुनाव अधिकारी द्वय ने बताया कि निर्वाचित पदाधिकारियों में महेन्द्र पाण्डेय संरक्षक, सलाहकार, मान सिंह कार्यवाहक अध्यक्ष, भारत सिंह यादव वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुने गए। इसके अलावा भाई लाल, रामगोपाल गौतम, गिरजाशंकर बारी, त्रिलोकी प्रसाद यादव, श्रीमती माया देवी, राजेन्द्र दुबे, वीर बहादुर जीसी, अजित कुमार यादव सहित 32 उपाध्यक्ष, रामेन्द्र श्रीवास्तव, अवनीश कुमार राना, रामपाल यादव,सहित 22 मंत्री, विजय कुमार सिंह, श्री ब्रजमोहन सहित 22 संयुक्त मंत्री, राजेश कुमार अनिल कुमार, गनेश कश्यप सहित 16 संगठन मंत्री, संतोष कुमार कश्यप सहित पॉच प्रचार मंत्रीें को शपथ दिलाई। नव निर्वाचित कार्यकारिणी समान्य सभा ने इस दौरान 14 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को प्रेषित किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में वी.पी. मिश्रा राष्ट्रीय अध्यक्ष-इफसेफ, हरिकिशोर तिवारी अध्यक्ष उ.प्र. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव कार्यवाहक अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ,राम कुमार धानुक महामंत्री राज्य कर्मचारी महासंघ एवं जवाहर भवन – इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ, एवं एन.डी. द्विवेदी अध्यक्ष डिप्लोमा इंजीनियर संघ एवं कार्यवाहक अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, शशि कुमार मिश्रा अध्यक्ष स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, शिवबरन यादव महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, गिरीश मिश्रा अध्यक्ष रोडवेज कर्मचारी परिषद, मनोज मिश्रा अध्यक्ष निगम कर्मचारी महासंघ, आदि वरिष्ठ कर्मचारी नेता एवं श्रेत्रीय, जनपदीय प्रतिनिधि अधिवेशन में उपस्थित रहे।
बिजली कर्मचारियों ने असंवैधानिक आदेश की प्रान्त भर में जलाईं प्रतियाँ
-हड़ताल की स्थिति उत्पन्न करने वाले चेयरमैन की बर्खास्तगी की मांग
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज प्रदेश के समस्त जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में पॉवर कारपोरेशन द्वारा जारी किये गये तानाशाहीपूर्ण असंवैधानिक आदेश की प्रतियां जलाईं गयी। संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बनाकर हड़ताल थोपने के हालात बनाने के आरोप में पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। निजीकरण के घोटाले को अंजाम देने के लिए पॉवर कारपोरेशन ने निदेशक वित्त निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार तीन माह के लिए बढ़ाया है।
संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करने हेतु इतने उतावले हो गये हैं कि उन्होंने संविधान के आर्टिकल 311(2) का उल्लंघन कर बिजली कर्मचारियों की बर्खास्तगी का अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक आदेश जारी कर मा. उच्च न्यायालय एवं मा. सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसलों का भी अपमान किया है। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मियों के शान्तिपूर्ण आन्दोलन से बौखलाये डॉ आशीष गोयल इस भीषण गर्मी में ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बनाकर हड़ताल थोपने में लगे हैं। दूसरी ओर बिजली कर्मी आन्दोलन करते हुए भी उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होने दे रहे हैं और उनकी समस्यायें अटेण्ड की जा रही हैं। संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मा. योगी आदित्यनाथ जी से मांग की है कि वे डॉ आशीष गोयल की अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और तानाशाहीपूर्ण गतिविधियों को देखते हुए उन्हें तत्काल पद से बर्खास्त करने की कृपा करें।संघर्ष समिति ने कहा कि निदेशक वित्त, निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार 03 माह के लिए बढ़ाने से संघर्ष समिति के इस आरोप की पुष्टि हो गयी है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु अवैध ढंग से नियुक्त किये गये ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में पेनाल्टी लगने के मामले में उसकी नियुक्ति रद्द करने के बजाये निधि नारंग ग्रान्ट थॉर्टन को क्लीन चिट देने वाले हैं। संघर्ष समिति ने बताया कि चेयरमैन डॉ आशीष गोयल के कहने पर पॉवर कारपोरेशन के महाप्रबन्धक (आई.आर.) प्रदीप कुमार और उत्पादन निगम के महाप्रबन्धक (एच. आर.) ए के सेठ संघर्ष समिति के घटक संगठनों के पदाधिकारियों को फोन करके या अपने कमरे में बुलाकर धमकी दे रहे हैं कि वे अपने पद से इस्तीफा दें और संघर्ष समिति छोड़ दें अन्यथा उनपर कठोर अनुशासनात्मक और पुलिस कार्यवाही की जायेगी। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, ने आरोप लगाया कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबन्धन भय का वातावरण बनाकर और मुख्यमंत्री जी के सामने झूठे आकड़े रखकर निजीकरण करना चाहते हैं। संघर्ष समिति ने मांग की है कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन द्वारा दिये जा रहे आकड़ों की सीबीआई जांच करायी जाये और महाप्रबन्धक श्री प्रदीप कुमार एवं महाप्रबन्धक श्री ए के सेठ द्वारा धमकी दिये जाने की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराकर इन्हें दण्डित किया जाये।
नगर आयुक्त ने अमीनाबाद व कश्मीरी मोहल्ला इंटर कॉलेज में किया वृक्षारोपण
गौरव कुमार नगर आयुक्त द्वारा अमीनाबाद इंटर कॉलेज व कश्मीरी मोहल्ला इंटर व प्राइमरी स्कूल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान उनके साथ ललित कुमार और अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त भी मौजूद थे। निरीक्षण के बाद उन्होंने कॉलेज में वृक्षारोपण किया, जो पर्यावरण संरक्षण और शहर की हरित पहल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।इसी क्रम में नगर आयुक्त गौरव कुमार द्वारा विद्यालय की मरम्मत/सजावट, रंगाई पुताई, फर्नीचर तथा स्मार्ट बोर्ड लगाने की संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान नगर आयुक्त ने कहा कि हमें अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए वृक्षारोपण करना चाहिए और साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए। इससे न केवल हमें शुद्ध हवा मिलेगी, बल्कि यह हमारे शहर को भी सुंदर बनाएगा। उन्होंने आगे कहा कि नगर निगम द्वारा संचालित स्कूलों में वृक्षारोपण किए जाते रहेंगे और इसके महत्व को छात्र-छात्राओं को समझाने और लोगों को जागरूक करने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे, इसके लिए अध्यापकों को निर्देश दिए।इस अवसर पर कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने भी वृक्षारोपण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली। यह कार्यक्रम न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मददगार साबित होगा, बल्कि छात्रों को प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी सिखाएगा।उक्त अवसर पर प्रधानाचार्य साहब लाल मिश्रा, रीता सिंह, सरिता कुशवाहा,कश्मीरी मोहल्ला के साथ-साथ, पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान, अधिशासी अभियंता किशोरी लाल, जोनल अधिकारी राजेश कुमार व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
हड़ताल के संकेत: जलकल विभाग की जल आपूर्ति तैयारी में जुटा
नगर निगम के जलकल विभाग ने शहर में जल आपूर्ति को किसी भी स्थिति में बाधित न होने देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों द्वारा 29 मई से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार के कारण जल आपूर्ति पर असर पड़ने की आशंका है। इसी को ध्यान में रखते हुए जलकल विभाग के महाप्रबंधक कुलदीप सिंह ने शनिवार को विभाग के सभी एक्सईएन और जूनियर इंजीनियर के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की, जिसमें विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए विस्तृत योजना बनाई गई।
बैठक में कुलदीप सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पंपिंग स्टेशनों और जल शोधन संयंत्रों की लगातार निगरानी की जाए और बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में वैकल्पिक पावर सप्लाई, जैसे जनरेटर और बैकअप व्यवस्था को सक्रिय रखा जाए। उन्होंने अधिकारियों को टैंकरों की पर्याप्त व्यवस्था करने और उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए ताकि किसी भी क्षेत्र में पानी की कमी की स्थिति में त्वरित आपूर्ति की जा सके। इसके अलावा, शिकायत निवारण केंद्रों को भी सक्रिय करने और किसी भी आपातकालीन स्थिति में आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया गया है।पानी की आपूर्ति के मामले में नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए जलकल विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी जल स्रोत और पंपिंग स्टेशन लगातार चालू रहेंगे। श्री सिंह ने कहा कि विभाग की पूरी टीम मुस्तैद है और जल आपूर्ति को हर हाल में चालू रखने के लिए जरूरी सभी उपाय कर लिए गए हैं।उल्लेखनीय है कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में 29 मई से कार्य बहिष्कार की घोषणा कर चुकी है। इसी के मद्देनज़र शुक्रवार को पावर कॉरपोरेशन ने सेवा नियमावली में संशोधन किया, जिसके तहत विद्युत प्रणाली में व्यवधान उत्पन्न करने या उसका प्रयास करने पर कर्मचारी को बिना जांच के ही बर्खास्त किया जा सकता है। कर्मचारियों ने इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया है और इससे असंतोष की स्थिति बनी हुई है।हालांकि इस संभावित संकट को देखते हुए जलकल विभाग ने पहले से ही अपने स्तर पर योजना बनाकर काम शुरू कर दिया है। टैंकरों की व्यवस्था और वैकल्पिक आपूर्ति योजना से नगरवासियों को आश्वासन मिला है कि जल आपूर्ति किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं होगी।
अतिक्रमण पर बुलडोजर: महापौर ने दिखाया जीरो टॉलरेंस
-औचक निरीक्षण में अव्यवस्थाओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई
नगर निगम की सफाई व्यवस्था और अव्यवस्थाओं की हकीकत जानने के लिए शनिवार सुबह 6रू30 बजे महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल ने शहर के विभिन्न वार्डों में औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण महापौर के स्पष्ट संदेश के साथ शुरू हुआ कि लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान जोन-3 और जोन-7 में यूजर चार्ज की अवैध वसूली, गंदगी, अवैध कूड़ा कलेक्शन और खुले में मीट बिक्री जैसे गंभीर मामले सामने आए, जिन पर मौके पर ही सख्त कार्रवाई की गई।
निरीक्षण का सबसे गंभीर मामला आदिल नगर से सामने आया, जहां नाले पर अवैध रूप से मीट की दुकान और मुर्गियों का स्टोर चल रहा था। खुले में मांस काटने और गंदगी फैलाने को लेकर महापौर ने तत्काल जेडएसओ को चालान करने के निर्देश दिए। ‘न्यू फ्रेश चिकन शॉप’ पर 5000 रुपये का चालान काटा गया। साथ ही नाले पर अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए मौके पर जेसीबी मंगवाया गया और अपर नगर आयुक्त ललित कुमार की निगरानी में अतिक्रमण हटाया गया।इसी निरीक्षण के दौरान महापौर ने एक बड़े नाले की सफाई की स्थिति का भी जायजा लिया। नाला पूरी तरह से गंदगी से भरा हुआ मिला, जिस पर महापौर ने गहरी नाराजगी जताई और जेडएसओ को निर्देशित किया कि नाले की तत्काल सफाई कराई जाए और उसकी नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। इसके बाद महापौर ने जोन-7 के कल्याणपुर क्षेत्र का निरीक्षण किया। कमला मार्केट के पास एक अवैध ठेली को पकड़ा गया जो गैरकानूनी रूप से कूड़ा इकट्ठा कर रही थी। महापौर ने मौके पर्र ैव् को उस ठेली को जब्त करने और उचित कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वहीं, क्रेजी बे नामक दुकान द्वारा सड़क पर कूड़ा फैलाने के मामले में 500 रुपये का चालान काटने के निर्देश दिए गए। केशव नगर, कल्याणपुर में निरीक्षण के दौरान एक खाली प्लॉट में कूड़ा पड़ा मिला। महापौर ने इसे गंभीरता से लेते हुए जोनल अधिकारी को आदेश दिया कि प्लॉट स्वामी को नोटिस जारी किया जाए और उसे बाउंड्रीवॉल बनवाने के निर्देश दिए जाएं ताकि भविष्य में वहां कचरा न डाला जा सके।इस निरीक्षण के माध्यम से महापौर ने साफ कर दिया है कि नगर निगम की ओर से सफाई व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कोताही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
यूजर चार्ज की अवैध वसूली का भंडाफोड़
निरीक्षण की शुरुआत जोन-3 से हुई, जहां वायरलेस चौराहे से छन्नीलाल चौराहे की ओर जा रही सड़क पर लखनऊ स्वच्छता अभियानकी कूड़ा उठाने वाली गाड़ी एक नारियल पानी के ठेले के पास कचरा उठाते हुए देखी गई। पूछताछ में नारियल पानी विक्रेता राम सनेही ने बताया कि वह हर महीने 400 रुपये यूजर चार्ज के रूप में देता है, परंतु उसे कभी कोई रसीद नहीं दी जाती। जब महापौर ने पूछा कि यह पैसे किसे दिए जाते हैं, तो उन्होंने बताया कि श्आकाशश् नामक व्यक्ति यह राशि वसूलता है।मौके पर तत्काल जेडएसओ जोन-3 को बुलाया गया और आकाश को भी बुलवाया गया। पूछताछ में आकाश ने माना कि वह एलएसए के लिए यूजर चार्ज वसूलता है लेकिन पैसे न तो जमा करता है, न ही रसीद देता है। इस पर महापौर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए स्ै। अधिकारियों को आकाश के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
खुले में मीट बिक्री पर होगी सख्त कार्रवाई
महापौर ने नगर आयुक्त गौरव कुमार को निर्देशित किया कि खाद्य निरीक्षक को पत्र भेजकर खुले में मांस बेचने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और सफाई से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। महापौर ने शहरवासियों से अपील की कि वे स्वच्छता के इस अभियान में सहयोग करें और किसी भी अनियमितता की सूचना नगर निगम को दें। उन्होंने कहा कि स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ लखनऊ के लिए नागरिकों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।