मिल्कीपुर : उपचुनाव के लिए भाजपा ने कसी कमर,समाजवादी किला ढहाने की तैयारी

-पांच मंत्रियों को सौंपी कमान,दो बूथ संभालेगा एक संगठन का पदाधिकारी

  • REPORT BY: K.K.VARMA ||AAJNATIONAL NEWS DEASK

लखनऊ/अयोध्या 01 दिसंबर। कुंदरकी व कटेहरी सीट पर उपचुनाव की जीत से उत्साहित भाजपा का अगला टारगेट मिल्कीपुर है। मिल्कीपुर में चार मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गयी थी, अब पांच मंत्रियों को मिल्कीपुर में कमल खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के पांच मंडल है। प्रत्येक मंडल की कमान एक मंत्री के हाथ में होगी। कुंदरकी व कटेहरी सपा के गढ़ रहे है और उपचुनाव में दोनों क्षेत्रों में भगवा परचम लहराकर भाजपा ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मिल्कीपुर भी सपा का गढ़ माना जाता है। भाजपा कुंदरकी व कटेहरी की तरह मिल्कीपुर का लक्ष्य भेदने की रणनीति बना रही है। चार मंत्रियों कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, खेल मंत्री गिरीशचंद्र यादव, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह व खाद्य रसद मंत्री सतीश चंद्र शर्मा को मिल्कीपुर सीट का जिम्मा दिया गया। अब सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

राठौर संगठन में लंबा अनुभव के साथ ही वह कुंदरकी उपचुनाव में भाजपा की जीत में अहम रोल निभा चुके हैं। दो विधानपरिषद सदस्य अवनीश पटेल व डा.धर्मेंद्र सिंह को भी  लगाया गया है। अवनीश पटेल जातीय समीकरण साधेंगे, धर्मेंद्र सिंह सांगठनिक कार्यों को गति देंगे। एमएलसी व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. धर्मेंद्र सिंह की कटेहरी उपचुनाव में मिली जीत में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उपचुनाव में भाजपा के 35 वर्तमान व पूर्व विधायक को भी टास्क दिया जाएगा। बाहरी जिलों के पदाधिकारी व प्रदेश के पदाधिकारियों को भी लगाया जाएगा। एक पदाधिकारी को दो बूथ की मानीटरिंग की जिम्मेदारी मिलेगी।मिल्कीपुर से सपा के विधायक रहे अवधेश प्रसाद के सांसद निर्वाचित होने के बाद उपचुनाव होना है। संपन्न उपचुनावों में यहां पर भी चुनाव होना था लेकिन उच्च न्यायालय में याचिका लंबित होने से उपचुनाव नहीं हो सका। अब याचिका वापस लेने के बाद यहां उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है और मिल्कीपुर में राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है।मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के 414 बूथों को भाजपा ने चार श्रेणी में विभाजित किया है।ए श्रेणी के बूथ जो भाजपा हर बार जीतती है और बी श्रेणी में वह बूथ चिंहित किए जाएंगे, जहां वह बराबर पर रहती है। सी श्रेणी के बूथ जहां पार्टी कमजोर है और डी श्रेणी के वह बूथ होंगे जहां पर भाजपा को बहुत कम मत मिलते हैं। भाजपा संगठन की दृष्टि से 61 शक्ति केंद्र है। एक शक्ति केंद्र में पांच से सात बूथ समाहित किए गये हैं। प्रत्येक शक्ति केंद्र पर एक संयोजक, एक प्रभारी व एक प्रवासी को जिम्मेदारी दी गयी है।

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