- REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ । तिरंगे के सम्मान, राष्ट्रभक्ति के ज्वार में शुक्रवार डूबा नजर आया, जब उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने विधानसभा क्षेत्र में भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया। यह केवल एक यात्रा नहीं थी बल्कि यह भारत माता के चरणों में अर्पित श्रद्धा की सजीव अभिव्यक्ति थी।करीब 500 मीटर लंबे विशाल तिरंगे को थामे अनुशासित कदमों से आगे बढ़ते दो सौ एनसीसी कैडेट्स ने जैसे ही यात्रा का नेतृत्व किया, सड़कों का हर कोना देशभक्ति के भाव से पुलकित हो उठा। अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रप्रेम की यह जीवंत तस्वीर देखकर राह के दोनों ओर लोग स्वतः उमड़ पड़े। हर मोड़, हर चौराहा, हर मकान की छत से देशवासी अपने राष्ट्रध्वज की इस ऐतिहासिक यात्रा को नमन करते दिखे।
इस भावनात्मक यात्रा में व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि, वीरता की मिसाल पूर्व सैनिक, आध्यात्मिक आलोक से दीप्त साधु-संत, धर्माचार्य, अधिवक्ता संघ के सदस्य, समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि और सिविल डिफेंस के जांबाज कार्यकर्ता भी शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों से आसमान गुंजायमान कर दिया।यह तिरंगा यात्रा महज़ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि जनमानस की भावना, एकता और संकल्प का प्रमाण थी, जो यह संदेश दे रही थी कि जब तिरंगे की शान की बात हो, तब पूरा समाज एकजुट होकर उसके चरणों में नतमस्तक हो जाता है।
योगी का प्रयास,मौसम जनित आपदाओं से हो न्यूनतम क्षति
चंद रोज पहले साल के सबसे गर्म महीने जेठ यानि मई में जैसी बारिश हुई, अप्रत्याशित है।तेज आंधी, ओले, आकाशीय बिजली का गिरना तो और भी अप्रत्याशित है। मौसम के इस अप्रत्याशित व्यवहार के कारण धन जन की भारी क्षति हुई। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान करीब तीन दर्जन लोगों की जान गई। ये हाल प्री मानसून बारिश का है। मानसून का पूरा सीजन बाकी है। मौसम का अप्रत्याशित व्यवहार चिंताजनक है। योगी सरकार लोगों के अधिकतम हित के लिए इस मुद्दे को लेकर संजीदा है। उसका प्रयास है कि जागरूकता और पूर्व सूचना के जरिए इस दौरान होने वाले जान माल की क्षति को न्यूनतम किया जाए। जिसे या जिस परिवार को क्षति हुई हो उसे भावनात्मक और आर्थिक सुरक्षा के लिए जितनी जल्दी संभव हो मदद की जाए। अब मौसम जनित आपदाएं मानसून के सीजन तक सीमित नहीं रहीं। पिछले तीन चार दशकों से ग्लोबल वार्मिंग जनित क्लाइमेट चेंज के नाते इनका और इनसे होने वाली क्षति का दायरा बढ़ा है। बावजूद इसके आंधी, गरज के साथ का आकाशीय बिजली और भारी बारिश से सर्वाधिक क्षति की संभावना मानसून के सीजन जून से सितंबर के दौरान ही होती है। मौसम में जान माल की संभावित क्षति को न्यूनतम करने के लिए मौसम विभाग की मदद से सरकार जरूरत पर अलर्ट जारी करती है। लोगों को सलाह दी जाती है कि ऐसे मौसम में वे अपेक्षाकृत सुरक्षित मकान में चले जाएं। खिड़की, दरवाजे, पेड़, मोबाइल टावर, बिजली के खंभों, पानी के स्रोतों से दूर रहें। बच्चों को बाहर न खेलने दें। लोहे की खिड़की, दरवाजे और हैंडपप से दूर रहें। अगर ऐसे मौसम में आप कही खुली जगह में फंस गए हैं तो दोनों कानों को बंद कर पैरों को सटा लें और घुटनों के बल उकडू बैठ जाएं। मौसम के पूर्वानुमान और सुरक्षा के लिए मोबाइल में दामिनी या सचेत एप को डाउनलोड कर लें। मदद के लिए कंट्रोल रूम नंबर पर फोन कर सकते हैं। योगी सरकार आकाशीय बिजली के लिए लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम का क्रियान्वयन करने जा रही है। जिला स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटरों का सुदृढ़ीकरण करने की कार्ययोजना पर भी काम चल रहा है। आकाशीय बिजली से बचाव के तरीकों के प्रचार-प्रसार पर ध्यान देकर हानि को न्यूनतम करने का प्रयास किया जा रहा है। मौसम विभाग पहले से ही बिजली का पता लगाने वाली प्रणाली स्थापित करने पर काम कर रहा हैं। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एसडीएमए को दिए गए निर्देशों के बाद, पूरे राज्य में आगमन समय टीओए प्रौद्योगिकी पर आधारित अत्याधुनिक बिजली पहचान प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जो समय और स्थान के मामले में अधिक सटीक है। यह प्रणाली किसी विशेष क्षेत्र में बिजली गिरने की संभावना का कम से कम 30 मिनट पूर्व लगाकर लोगों को आगाह कर देती है। चरणबद्ध तरीके से इसके स्थापना का भी काम शुरू हो चुका है।
घरों के अपशिष्ट का सदुपयोग कर 90 हजार से अधिक ग्राम बने स्वच्छ व सशक्त,90793 ग्रामों में ई-रिक्शा व ठेला गाड़ी की व्यवस्था, 90604 ग्रामों में गड्ढों एवं वर्मी पिट के जरिए खाद तैयार
योगी सरकार प्रदेश के गांवों में स्वच्छता व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है,अपशिष्ट निस्तारण की प्रक्रिया को पर्यावरण संरक्षण के साथ ही आमदनी बढ़ाने पर भी जोर दे रही है। सरकार न केवल साफ-सफाई नही, कचरे के प्रबंधन से बड़े पैमाने पर राजस्व भी अर्जित करने की दिशा में कार्य कर रही है। घरों के अपशिष्ट का सदुपयोग कर 90 हजार से अधिक ग्राम स्वच्छ व सशक्त बने हैं।
बीते दो वर्षों में ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में योगी सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। अब गांवों में घर-घर से कूड़ा संग्रहण हो रहा है, जिससे जैविक खाद बनाकर आय प्राप्त की जा रही है और स्वच्छता के नए मानक स्थापित हो रहे हैं। प्रदेश की 22 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में घर-घर से कूड़ा इकट्ठा किया जा रहा है। इस योजना के जरिए हर घर से अपशिष्ट एकत्र कर उसका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जा रहा है। इससे पर्यावरण संरक्षण हो रहा है, स्वच्छता की स्थिति में भी सुधार हुआ है। ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि हो रही है।सरकार ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्रदेश के 90793 ग्रामों में ई-रिक्शा एवं ठेला गाड़ियों की व्यवस्था की है। यह वाहन ग्राम स्तर पर कूड़ा एकत्र करने में मददगार साबित हो रहे हैं। 90604 ग्रामों में खाद गड्ढे एवं वर्मी पिट बनाए गए हैं, जहां पर जैविक कचरे से खाद तैयार की जा रही है।सरकार की इस योजना से वित्तीय लाभ भी प्राप्त हो रहा है। दो वर्षों की अवधि में ग्राम पंचायतों की कूड़े से लगभग पौने चार करोड़ रुपये की आय हुई है। जैविक खाद से 48 लाख रुपये की आय अर्जित की । अजैविक कचरे से 29 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।ग्राम स्तर पर साफ-सफाई बनाए रखने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर डस्टबिन लगाए गए हैं। ग्रामीणों में साफ-सफाई को लेकर जागरूकता बढ़ी है और अब लोग खुले में कचरा फेंकने से परहेज कर रहे हैं। योगी सरकार की पहल ग्राम पंचायतों को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है बल्कि गांवों को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की दिशा में भी एक अनुकरणीय कदम साबित हो रही है। ग्रामीण विकास की इस नीति से उत्तर प्रदेश देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बनकर उभर रहा है।
ईको टूरिज्म बढ़ाने के लिए शुरू हो रही ‘बफर में सफर’ योजना,टाइगर रिजर्वों के बफर जोन में मानसून के दौरान भी जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे पर्यटक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के मुताबिक वन एवं वन्य जीव विभाग उत्तर प्रदेश को इको टूरिज्म के हब के तौर पर विकसित कर रहा है। वन एवं वन्य जीव विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि विभाग प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता को संरक्षित करते हुए बफर में सफर योजना शुरू की जा रही है। प्रदेश के टाइगर रिजर्वों में नये सफारी रूटों के साथ भीरा और मोहम्मदी जैसे क्षेत्रों में ईको टूरिज्म की नई संभावनाओं को विकसित किया जा रहा है। स्थानीय लोगों को गाइड, रेस्टोरेंट संचालक के रूप में प्रशिक्षित कर स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इन प्रयासों का परिणाम है कि यूपी में पिछले वर्षों में ईको टूरिज्म के पर्यटकों की संख्या में तीव्र वृद्धि हुई है। सीएम योगी के विजन के मुताबिक उत्तर प्रदेश को ईको टूरिज्म के हब के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इस दिशा में प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग ने मानसून के दौरान “बफर में सफर” योजना शुरू करने जा रही है। प्रदेश के टाइगर रिजर्वों के बफर जोन में सफारी के नये रूटों को विकसित किया जा रहा है। योजना के तहत दुधवा, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, और उत्तर खीरी बफर जोन में नए सफारी रूट विकसित किए जा रहे हैं। सोहागीबरवा, उत्तर खीरी और पीलीभीत में बफर जोन क्षेत्रों के नए मार्गों का चयन किया गया है।इन बफर जोन में पर्यटक बरसात के दिनों में भी सफारी का आनंद ले सकेंगे। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टाईगर रिजर्वों को अधिक दिन खोलने की भी व्यवस्था की जा रही है। बफर में सफर योजना का सबसे बड़ा लाभ मानव और वन्य जीवों के संघर्ष में कमी लाते हुए पर्यटकों को जंगल के रोमांच अनुभव प्रदान करना है। वन एवं वन्य जीव विभाग प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए टाइगर रिजर्व, अभ्यारण्यों के अतिरिक्त अन्य नई संभावनाओं को विस्तार दे रहा है। इस दिशा में लखीमपुर खीरी के भीर और मोहम्मदी के क्षेत्रों को भी ईको टूरिज्म के स्पाट के तौर पर विकसित किया जा रहा है। दक्षिणी खीरी के गोला, मोहम्मदी रेंज और भीर में टूरिस्ट सर्किट का निर्माण किया गया है।
इस क्षेत्र में पड़ने वाली सेमराई झील, जो पक्षियों के प्रवास के लिए प्रसिद्ध है, इसको भी सर्किट में पर्यटकों के मनोरंजन के लिए शामिल किया जाएगा। नेपाल सीमा से सटे हुए कर्तनिया घाट के बफर जोन में भी जंगल सफारी की शुरुवात की गई है। इन क्षेत्रों में प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता के साथ वन्य जीवों की समृद्धि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी। वन एवं वन्य जीव विभाग सीएम योगी के विजन के मुताबिक उत्तर प्रदेश को ईको टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में कई और नवीन प्रयास कर रहा है। इस दिशा क्रम में दुधवा पर्यटन परिसर में एक आधुनिक सूचना केंद्र की स्थापना की गई है, जो पर्यटकों को क्षेत्र की जैव विविधता, वन्य जीव, और स्थानीय संस्कृति की जानकारी प्रदान करेगा और लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी करेगा। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए नेचर गाइड, कैंटीन कर्मियों, और खानसामों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।यह प्रशिक्षण न केवल उनकी कौशल क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि पर्यटकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं भी सुनिश्चित करेगा। स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और आय के नए अवसर भी प्रदान करेगा। इन प्रयासों के चलते उत्तर प्रदेश जल्द ही देश और दुनिया के नक्शे पर इको टूरिज्म के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है।
प्राइमरी स्कूलों में आसान हुआ ट्रांसफर,सेवा अवधि की बाध्यता खत्म, आठ साल बाद बदलाव
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में आठ साल से अपने घर के पास जाने की उम्मीद लगाए शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। शासन ने आठ साल बाद जिले के अंदर सामान्य तबादले व समायोजन और एक साल बाद एक से दूसरे जिले में सामान्य तबादले का आदेश जारी कर दिया है।अब बेसिक शिक्षा विभाग इसके अनुसार समय सारिणी जारी कर तबादले की प्रक्रिया पूरी करेगा।प्रदेश में 2016 में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के जिले के अंदर सामान्य तबादले किए गए थे। उस समय ऑफलाइन तबादले किए गए थे। इसके बाद से लगातार शिक्षक सामान्य तबादला करने की मांग कर रहे हैं किंतु 2023 में एक से दूसरे जिले में सामान्य तबादले तो किए गए लेकिन जिले के अंदर नहीं हुए। ऐसे में आठ साल बाद जिले के अंदर सामान्य तबादले किए जाएंगे।विशेष सचिव बेसिक शिक्षा अवधेश कुमार तिवारी की ओर से जारी आदेश के अनुसार आरटीई की नियमावली के मानकों के अनुसार विद्यालयों में तर्कसंगत परिनियोजन रेशनल डिप्लॉयमेंट के तहत जिले के अंदर तबादला व समायोजन किया जाएगा। इसके लिए डीएम की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय कमेटी होगी। सीडीओ, डायट प्राचार्य व बीएसए शामिल होंगे। तबादले ग्रामीण सेवा संवर्ग से ग्रामीण सेवा संवर्ग व नगर क्षेत्र से नगर क्षेत्र में किए जाएंगे। अधिक शिक्षक वाले विद्यालय से आवश्यकता वाले विद्यालय में तबादला किया जाएगा। शिक्षकों की जरूरत के अनुसार तबादला व समायोजन नहीं किया जाएगा। जिले में ज्यादा शिक्षकों वाले व शिक्षकों की जरूरत वाले विद्यालयों, यहां रिक्तियों की सूचना पोर्टल पर ऑनलाइन की जाएगी। शिक्षक से दस विद्यालयों का विकल्प लिया जाएगा। ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन ही पूरा माना जाएगा। तबादले की प्रक्रिया बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी की गई समय सारिणी के अनुसार ऑनलाइन की जाएगी।शासन के अनुसार यू-डायस पोर्टल पर उपलब्ध छात्र संख्या के आधार पर आरटीई के मानक के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात के अनुसार शिक्षकों की आवश्यकता वाले व अधिक शिक्षक वाले जिलों को चिह्नित कर सूची ऑनलाइन की जायेगी। ज्यादा शिक्षक वाले जिलों से कम शिक्षक वाले जिलों में ऑनलाइन विकल्प लेकर तबादला किया जाएगा। तबादले के लिए नियमित शिक्षक ही योग्य होंगे। शिक्षकों को यह शपथपत्र भी देना होगा कि वह स्वेच्छा से दूसरे जिले में तबादला ले रहे हैं। उस जिले में वह सहायक अध्यापकों की वरिष्ठता सूची में निम्न क्रम में रखे जाएंगे।
शासन की ओर से जारी निर्देश के अनुसार एक से दूसरे जिले में सामान्य तबादले के लिए सेवा अवधि की कोई बाध्यता नहीं होगी। पूर्व में पुरुषों के लिए पांच साल और महिलाओं के लिए दो साल की न्यूनतम सेवा अवधि जिले में पूरी होने की बाध्यता थी। जिले के अंदर सामान्य तबादले के लिए पहले भी सेवा अवधि की कोई बाध्यता नहीं थी, इस बार भी नहीं है।
रालोद कार्यालय में मनाया गया रोहित अग्रवाल का जन्मदिन
राष्ट्रीय लोकदल के सूबाई कार्यालय में राष्ट्रीय लोकदल व्यापार प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल का जन्मदिन मीडिया प्रभारी मयंक त्रिवेदी के संयोजकत्व में भव्यता से मनाया गया। राष्ट्रीय महासचिव अनिल दुबे मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। रजनीकांत मिश्रारमावती तिवारी प्रीति श्रीवास्तव नम्रता शुक्ला चंद्रकांत अवस्थी पीके पाठक सम्राट सिंह चौहान सत्य प्रकाश तिवारी समेत सैकड़ो पदाधिकारी उपस्थित रहे। रोहित अग्रवाल ने पदाधिकारियों के साथ भारत रत्न चौधरी चरण सिंह को माल्यार्पण कर चौधरी चरण सिंह अमर रहे चौधरी अजित सिंह अमर रहे व जयंत चौधरी जिंदाबाद के नारे भी लगाए।
पर्यटन विकास का माडल बना फिरोजाबाद का सामौर बाबा धाम,इस मॉडल का सबसे पहले नाथ कारिडोर और गोमती उदगम स्थल पर किया जाएगा अमल
फिरोजाबाद के करहरा गांव में स्थित सामौर बाबा धाम का पर्यटन विकास पूरे राज्य के लिए माडल बन गया है। यहां की उच्च कोटि की स्वच्छता, संचालन, रख-रखाव, प्रबंधन और पर्यटन आकर्षण है। राज्य सरकार के प्रयास से पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। अब विकास का मॉडल नाथ कारिडोर बरेली और गोमती उद्गम स्थल, पीलीभीत सहित प्रदेश के अन्य स्थलों पर भी देखने को मिलेगी। सामौर बाबा धाम का भ्रमण करने के लिए क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। ग्राम करहरा सिरसागंज से पेगू मार्ग पर 03 किमी दूरी पर स्थित है। मान्यता है कि यहां शिव दैवीय शक्ति वाली चमत्कारी मूर्तियां सैकड़ों वर्ष पूर्व स्वतरू प्रकट हुई हैं। रिद्धि-सिद्धि चमत्कारी शक्तियों की अनेक घटनाएं चर्चा व किवंदतियों में सुनने को मिलती है। प्राचीन काल से ही यहाँ मोहर छठ एवं होली मेला लगता है। मेला में नव विवाहित दंपती विवाह की पगड़ी मोहर को विसर्जन हेतु यहां आते है तथा चिरंजीवी जीवन का आर्शीवाद प्राप्त करते है।स्थल पर अविरल गंगा गंगा का जल नहर के माध्यम से का प्रवाह पुनः प्रारम्भ हुआ जो सरोवर में जाता है। सरोवर का जल सदैव स्वच्छ बना रहता है। सरोवर की सीढ़ियां एवं दोनों ओर स्थित गजीबो भी है, जो कि परिसर के आकर्षण बढ़ाते हैं। सरोवर में म्यूजिकल फाउटेन एवं नौकायन की सुविधा भी है। परिसर का विकास सुनियोजित ढंग से किया गया है। मुख्य मार्ग एवं ग्राम की तरफ से प्रवेश हेतु मुख्य द्वारों का निर्माण किया गया। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि योजना का संचालन एवं कार्यों का रख-रखाव उच्च कोटि का है। हमारा प्रयास है कि राज्य के अन्य गंतव्यस्थलों पर भी यह माडल लागू हो। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को भ्रमण के लिए सामौर बाबा धाम भेजा जा रहा है। बरेली और मुरादाबाद मंडल के उपनिदेशक ब्रजपाल सिंह गए थे।इस स्थल पर प्रमुख कार्य दो प्रवेश द्वार का निर्माण, सत्संग हॉल का निर्माण, सुलभ प्रसाधन का निर्माण, शॉप का निर्माण, पँहुच मार्ग का निर्माण, स्टोर बैंच, स्टोन डस्टविन, मन्दिर परिसर में रेड स्टोन से फर्श का निर्माण, पार्क,चिल्ड्रन प्ले ग्राउण्ड, कुंड का सुदढ़ीकरण एवं दो गजीबो का निर्माण कराया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने की विद्युत् आपूर्ति में आ रहे व्यवधान दूर करने के कार्यों की समीक्षा,आंधी-तूफान, बारिश व पेड़ गिरने से प्रभावित विद्युत आपूर्ति को युद्धस्तर पर सुधार के निर्देश
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने डिस्कॉम के एमडी, डायरेक्टर टेक्निकल को निर्देशित किया है कि आंधी-तूफान, बारिश एवं पेड़ों के गिरने से जहाँ पर अभी भी विद्युत आपूर्ति दुरुस्त नहीं हुई वहाँ युद्धस्तर पर लगकर कार्य कराए और तत्काल विद्युत् व्यवस्था को सुधार कर आपूर्ति बहाल करें। कांटिजेंसी प्लान बनाकर विद्युत आपूर्ति के व्यवधानों को दूर करें। डिस्कॉम के एमडी और डायरेक्टर टेक्निकल विद्युत् प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय भ्रमण कर विद्युत् व्यवधानों को दूर कराए। चाहे जैसी परिस्थिति बने उपभोक्ताओं के हितों के दृष्टिगत विद्युत् व्यवधान स्वीकार्य नहीं। विद्युत् व्यवधानों और शिकायतों को अतिशीघ्र दूर करने के लिए सभी डिस्कॉम, जोन और जिले स्तर पर 24 घंटे संचालित होने वाले कंट्रोल रूम स्थापित कराए जाए।ऊर्जा मंत्री एके शर्मा शुक्रवार को देर रात शक्ति भवन में विद्युत् आपूर्ति एवं व्यवधानों को लेकर कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश सरकार की ‘उपभोक्ता देवो भवः’ की मंशा के विपरीत कार्य करने वाले विद्युत् कार्मिकों की मनमानी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदेश सरकार विगत तीन वर्षों से उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए लगातार विद्युत् व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य किया अब प्रदेश में अनवरत विद्युत् आपूर्ति के लिए उत्पन्न किए जा रहे व्यवधानों में किसी भी कहानी को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अभी भी शिकायतें आ रही हैं कि झांसी, जालौन, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, महोबा, मऊरानीपुर, कौशाम्बी, सीतापुर, हरदोई, खीरी, मेरठ, नोएडा, गौतमबुद्धनगर, कुशीनगर जिले के कुछ क्षेत्रों में अभी तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हुई है। बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों तथा अन्य जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्युत् कटौती और बार बार ट्रिपिंग होने की शिकायतें आ रही हैं। विद्युत कार्यों के प्रति कार्मिकों की यह घोर लापरवाही को दर्शाता है और उपभोक्ताओं को अकारण परेशान किया जा रहा है। झांसी के चीफ इंजीनियर को कार्यों के प्रति उदासीनता एवं घोर लापरवाही पर तत्काल हटाने के निर्देश दिए तथा ऐसे कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए जो सरकार की मंशा के अनुरूप उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति नहीं दे पा रहे हैं। किसी भी फीडर में एक से अधिक बार शटडाउन न लिया जाए, फीडर से संबंधित कार्य कराना हो, एक ही बार में करा लिया जाए, बार-बार शटडाउन लेकर उपभोक्ताओं को परेशान न किया जाए। सीजी सिटी लखनऊ विद्युत उपकेंद्र के निरीक्षण में एक ही दिन में 10 से अधिक बार शटडाउन लिया गया मिला, इसकी जांच कराई जाय। एक शटडाउन टेंपरेरी कनेक्शन का पीडी करने के लिए दिया गया। सभी क्षेत्रों को निर्धारित शेड्यूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जिन फ़ीडरों में लोड अधिक है उनका लोड परिवर्तित कर सुचारु विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें। बार-बार ट्रिपिंग एवं शटडाउन, लो वोल्टेज और अनावश्यक विद्युत कटौती अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 21 और 22 मई को तेज आंधी, तूफान व बरसात के कारण तथा कुछ क्षेत्रों में पेड़ों के गिरने से विद्युत् पोल एवं लाइन के क्षतिग्रस्त होने से विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई, जिसे विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने लगातार कार्य करते हुए अधिकांश क्षेत्रों की सप्लाई दुरुस्त कर दी, जहां कहीं पर भी अभी कार्य अधूरा है और विद्युत् आपूर्ति अभी तक बहाल नहीं हुई वहां पर युद्धस्तर पर लगकर कार्य कराने के निर्देश दिए गए है। विपरीत मौसम एवं परिस्थितियों में भी प्रदेशवासियों को बेहतर विद्युत आपूर्ति मिले ऐसी सुदृढ़ व्यवस्था हो, जहां कहीं से भी विद्युत् व्यवधान की शिकायतें आए उसका शीघ्र समाधान हो, विद्युत् कार्मिकों की ऐसी कार्यशैली और कार्यों के प्रति तत्परता व जवाबदेही हो।