LUCKNOW: समाधान बन गयीं बेटियों की कहानियां, मिलेगा राज्यस्तरीय सम्मान,क्लिक करें और भी खबरें

-580 कहानियों में चुनी गईं 18 श्रेष्ठ रचनाये,केजीबीवी गाज़ियाबाद, कानपुर देहात, जौनपुर और बाराबंकी को राज्य स्तर पर मिलेगा स्थान

  • REPORT BY:K.K.VARMA  || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 
लखनऊ ।जब बेटियों की कहानियाँ केवल कल्पना नहीं, समाधान का मार्ग बन जाएँ, तब वे समाज की चेतना को स्वर देने लगती हैं। उत्तर प्रदेश में जलवायु परिवर्तन विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय कहानी प्रतियोगिता के लिए चार केजीबीवी की छात्राओं की कहानियाँ श्रेष्ठतम के रूप में चयनित हुई हैं। बेटियों की इन रचनाओं में पर्यावरणीय चिंता, समाधान की सोच और रचनात्मक अभिव्यक्ति का अद्भुत समन्वय देखने को मिला है। चयनित विद्यालयों को राज्य स्तर पर शीघ्र ही सम्मानित किया जाएगा, जो न केवल इन बेटियों के लिए प्रेरणा बनेगा, बल्कि शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल भी स्थापित करेगा। इस राज्यव्यापी कहानी लेखन प्रतियोगिता में 580 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। मूल्यांकन के बाद 18 श्रेष्ठ कहानियाँ चयनित की गईं, जिनमें से चार विद्यालयों को राज्य स्तरीय शीर्ष पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। प्रथम पुरस्कार केजीबीवी मुरादनगर, गाज़ियाबाद
द्वितीय पुरस्कार केजीबीवी गौंरा, कानपुर देहाततृतीय पुरस्कार केजीबीवी मुफ्तीगंज, जौनपुर और  चतुर्थ पुरस्कार केजीबीवी देवा, बाराबंकी को मिला है।यूपी के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में आयोजित कहानी लेखन गतिविधि ने बच्चों को पर्यावरण की चुनौतियों को समझने और अपने शब्दों में पिरोने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया था। प्रदेश के सभी उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में मीना मंच के ज़रिये किशोरियों में जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, पोषण और जीवन कौशल पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 28 सितम्बर 2024 से आयोजित ऑनलाइन जागरूकता सत्रों की श्रृंखला 15 फ़रवरी 2025 को पूरी हुई। इस दौरान डॉ. अनीता भटनागर जैन सेवानिवृत्त आईएएस के मार्गदर्शन में हुए हुए विभिन्न संवादों ने छात्राओं को विषयगत शोध, चर्चा और रचनात्मक टास्क के माध्यम से लिखने के लिए प्रेरित किया। कहानियों में बालिकाओं ने पर्यावरणीय समस्या, समाधान और संवेदना के स्वर के साथ अपनी कल्पना, रचनात्मकता और पर्यावरणीय चेतना के रंगों से भविष्य की धरती का चित्र खींचा है। प्रदेश भर से  580 से अधिक कहानियाँ प्राप्त हुईं, जिनका विशेषज्ञों के एक पैनल ने मूल्यांकन किया। अंतिम रूप से 18 उत्कृष्ट कहानियाँ चयनित की गईं, जिन्हें विभिन्न स्कूलों में बच्चों के सामने प्रस्तुत किया गया ताकि वे अपने विचार साझा कर सकें और प्रेरणा ले सकें।इसका उद्देश्य छात्राओं को जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर विषय पर सोचने, रचनात्मक रूप से व्यक्त करने और उनकी लेखन क्षमताओं को बढ़ावा देना था।
प्रत्येक केजीबीवी को पर्यावरण के एक विशिष्ट पहलू पर कहानी लिखने का विषय दिया गया, जिनमें जल संरक्षण, बढ़ता तापमान, शहरों में प्रदूषण, सिंगल-यूज़ प्लास्टिक और जानवरों की नज़र से पृथ्वी जैसे विषय शामिल रहे। छात्राओं ने अपनी कहानियों के माध्यम से न केवल पर्यावरणीय समस्याओं को उजागर किया, बल्कि समाधान और आशा के संदेश भी दिए। कहानियों के साथ-साथ बच्चों ने रंगीन चित्र बनाकर अपनी कल्पनाशीलता को और भी जीवंत बनाया। यह प्रयास एक समूह गतिविधि के रूप में हुआ, जिसमें बच्चों ने मिलकर सहयोग किया और सीखने का आनंद लिया।इन पुरस्कार विजेता छात्राओं को प्रख्यात बाल साहित्यकार एवं पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. अनीता भटनागर जैन की हस्ताक्षरित पुस्तक ‘कुक्करू’ भेंट की जाएगी, जो बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता, संवेदनशीलता बढ़ाने में सहायक मानी जाती है।

-विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं अपराधियाें को दिला रहीं सख्त सजा,पहले साक्ष्यों के अभाव में बरी हो जाते थे दुर्दांत माफिया

योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाने और दोषियों को कठोर सजा दिलाने की दिशा कई बड़े कदम उठाए हैं। इसी के तहत प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में अपराधियों को साक्ष्य के जरिये कठोर से कठोर सजा दिलाने के लिए अत्याधुनिक विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं को निर्माण किया। इसके जरिये पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार ने 75 हजार से अधिक अपराधियों को साक्ष्यों के आधार पर कठोर सजा दिलायी है। वहीं वर्ष 2017 से साक्ष्य के अभाव में दुर्दांत अपराधी और माफिया बरी हो जाते थे, अब अत्याधुनिक विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं से अभियोजन पक्ष को मजबूत आधार मिल रहा है, जिससे अपराधियों को सजा दिलाने में उल्लेखनीय सफलता मिल रही है।प्रदेश में वर्ष 2017 से पहले केवल 4 विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं लखनऊ, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद थीं, जिससे सीमित जिलों को ही वैज्ञानिक परीक्षण की सुविधा मिल पाती थी। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस दिशा में तेजी से काम हुआ है। बीते अाठ वर्षों में 8 नए जिलों झांसी, कन्नौज, प्रयागराज, गोरखपुर, बरेली, गोंडा, अलीगढ़ व मुरादाबाद में प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं, जिससे अब इनकी संख्या 12 हो गई है। अयोध्या, बरेली, बांदा, आजमगढ़, मीरजापुर और सहारनपुर में 6 नई प्रयोगशालाओं की स्थापना दिशा में युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है, जो जल्द ही शुरू हो जाएंगी। सीएम योगी के प्रयासों से प्रदेश की विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं के कार्यों में तेजी का सीधा असर अभियोजन पर भी पड़ा है। वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में प्रयोगशालाओं द्वारा अधिक मामलों का निस्तारण किया गया, जिससे अभियोजन पक्ष को अपराधियों को सजा दिलाने में मजबूती मिली।योगी सरकार स्थापित की गई नयी प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों द्वारा लगातार रिसर्च और परीक्षण किए जा रहे हैं, जिससे न्याय प्रणाली को त्वरित और तथ्यपरक निर्णय लेने में मदद मिल रही है। इसमें हत्या, बलात्कार, चोरी, साइबर क्राइम जैसे मामलों में वैज्ञानिक साक्ष्य अभियोजन के लिए निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं।

जून में शुरू हो सकता है इंटरनेशनल फिल्म सिटी का निर्माण,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे फिल्म सिटी का शिलान्यास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट “इंटरनेशनल फिल्म सिटी” का निर्माण कार्य इस माह के अंत तक या फिर अगले माह से शुरू हो सकता है। निर्माण कार्य के लिए चयनित निर्माता बोनी कपूर की कंपनी बेव्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी ने पूरी तैयारी कर ली है। जिस भूमि पर निर्माण होना है उसका जियो-टेक्निकल सर्वे लगभग पूर्ण हो चुका है और कंपनी आने वाले दो-तीन दिनों में अपना बिल्डिंग प्लान सबमिट कर देगी। इस बीच भूमि को समतल करने का कार्य जारी है और सड़क निर्माण सहित अन्य विकास कार्य भी तीव्र गति से प्रगति पर हैं। साफ-सफाई का काम लगभग पूरा हो चुका है। सभी अप्रूवल मिलते ही निर्माण कार्य का शुभारंभ हो जाएगा। इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर कमलो से कराया जाएगा। योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यीडा क्षेत्र में  इंटरनेशनल फिल्म सिटी स्थापित की जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य को फिल्म निर्माण, मीडिया, मनोरंजन और पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान दिलाना है।बेव्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी के जीएम राजीव अरोड़ा के अनुसार, जैसे ही बिल्डिंग प्लान को मंजूरी मिलती है, निर्माण कार्य औपचारिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा। पहले चरण फेज-1 में कंपनी 13 से 14 अत्याधुनिक फिल्म साउंड स्टूडियो और लगभग 3 लाख वर्ग मीटर में फैला फिल्म इंस्टीट्यूट स्थापित करेगी। इस पूरी परियोजना का निर्माण तीन चरणों में 8 वर्षों के भीतर किया जाएगा। राजीव अरोड़ा ने कहा कि,हम ऐसी फिल्म सिटी बनाएंगे, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपनों को साकार करेगी।उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म सिटी के शिलान्यास का कार्य स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से समय निर्धारित करने की प्रक्रिया चल रही है।फिल्म सिटी परियोजना को यमुना एक्सप्रेसवे पर स्थित सेक्टर-21 में विकसित किया जा रहा है, जिसका कुल क्षेत्रफल 1000 एकड़ है। परियोजना के पहले चरण फेज-1 में 230 एकड़ भूमि पर काम शुरू किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 1510 करोड़ है। सर्वाधिक 18 प्रतिशत ग्रॉस रेवेन्यू शेय ा प्रस्ताव देकर हाईएस्ट बिडर के रूप में चयनित बेव्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी को लेटर ऑफ अवार्ड विगत वर्ष ही जारी किया जा चुका है। 27 जून 2024 को यीडा और कंसेशनायर प्रतिनिधि बोनी कपूर के बीच कंसेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी हो चुके हैं, जिसके अनुरूप, 27 फरवरी 2025 को साइट का राइट ऑफ वे कंसेशनायर को हस्तांतरित कर दिया गया है। इस परियोजना के तहत फिल्म सिटी का मास्टर प्लान 30 जनवरी 2025 को अनुमोदित किया गया। भविष्य में शेष 770 एकड़ भूमि पर फेज-2 और फेज-3 के अंतर्गत विस्तार किया जाएगा।

आम किसानों को हुआ भारी नुकसान-रालोद

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश सचिव सम्राट चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आम किसानों की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विगत दिनों पूर्व लखनऊ सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में भयंकर आंधी तूफान ने आम की फसलों को बर्बाद कर दिया है। आम किसानों तथा आम का व्यापार करने वाले व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है।
 उन्होंने पत्र में कहा कि लखनऊ के मलिहाबाद और सरोजिनी क्षेत्र में आम की फसलों को काफी नुकसान हुआ जबकि इन क्षेत्रों में कई तरह के आम की पैदावार काफी मात्रा में होती है और इन्हीं क्षेत्रों से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आम भेजा जाता है। इन क्षेत्रों के किसानों का जीवन यापन आम की फसल पर ही निर्भर करता है। किसानों को क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा दिया जाना आवश्यक है जिससे किसानों को जीवन यापन सुचारू रूप से अनवरत चलता रहे अन्यथा किसानों और उसका परिवार भुखमरी के कगार पर आ जायेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से खराब आम की फसल का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिये जाने की मांग की।

64 यूपी बटालियन में एलयू के कैडेट अंडर ऑफिसर आदित्य सिंह का चयन 

64 यूपी बटालियन एनसीसी लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है।कैडेट अंडर ऑफिसर आदित्य सिंह एनसीसी बैच 2020-2023 तथा बी.कॉम लखनऊविश्वविद्यालय का चयन ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी द्वारा सेना मेंअधिकारी के लिए हुआ है। यह उपलब्धि न केवल कैडेट आदित्य सिंह की मेहनत और अनुशासन का प्रतिफल है, बल्कि 64 यूपी बटालियन के प्रशिक्षण की गुणवत्ता और मार्गदर्शन की सफलता का भी प्रतीक है।
एनसीसी के साथ अपने जुड़ाव के दौरान अंडर ऑफिसर आदित्य सिंह ने अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने कहा एनसीसी ने मुझे सिखाया कि समूह में कैसे समन्वय करना है। विभिन्न परिस्थितियों के अनुकूल कैसे ढलना है। इसने मुझे विनम्रता के साथ-साथ निर्णायक बनने की प्रेरणा दी। हमारे सीओ सर, एएनओ सर और वरिष्ठों के निरंतर मार्गदर्शन ने मुझे भाषण व सामाजिक जागरूकता प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जिससे मेरे सार्वजनिक बोलने और संप्रेषण कौशल में सुधार हुआ। एनसीसी मेरे जीवन में सकारात्मक और निर्णायक परिवर्तन लाई हैं।64 यूपी बटालियन एनसीसी और लखनऊ विश्वविद्यालय के बीकॉम के छात्र रहे आदित्य सिंह को कुलपति प्रो. अलोक कुमार राय, ले. डॉ.रजनीश कुमार यादव, कमान अधिकारी कर्नल पीपीएस चौहान व एडम ऑफिसर ले. कर्नल अनिमेष राय ने उनके उज्जवल भविष्य की हार्दिक बधाई दी और कहा कि यह सफलतानिश्चित रूप से अन्य कैडेट्स के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

Aaj National

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