गोरखपुर गोरखपुर क्षेत्र में पहली बार कृषि स्नातकों के लिए ड्रोन आधारित प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है। यह पहल की है महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने। विश्वविद्यालय ने ड्रोन द्वारा कृषि स्नातक के विद्यार्थियों को नवाचार से अवगत कराने और प्रशिक्षण हेतु ड्रोनियर एविगेंशन के सौजन्य से कृषि ड्रोन मंगवाया है।
कृषि ड्रोन के द्वारा भूमि परीक्षण, स्थलाकृति और सीमाओं का सर्वेक्षण, मृदा परीक्षण, उर्वरक व कीटनाशकों का छिड़काव आदि कार्य कुशलतापूर्वक कम व्यय और कम समय में किया जा सकता है। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में इस तकनीकी का स्वागत करते हुए कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि ग्रामीण भारत अब नवाचार और अविष्कार को आत्मसात करते हुए स्वर्णिम भविष्य की ओर अग्रसर है। सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में गोरखनाथ विश्वविद्यालय में ही कृषि ड्रोन आधारित प्रशिक्षण इस बात का द्योतक है कि यह विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के अकादमिक उन्नयन के लिए शत्-प्रतिशत पूरे मनोयोग से जुड़ा हुआ है। ड्रोन प्रशिक्षण से विद्यार्थियों को रोजगार का अवसर मिलेगा और वे कृषि क्षेत्र मे हो रहे नये-नये अविष्कारों से परिचित होंगे। निकट भविष्य में विश्वविद्यालय ने ड्रोन आधारित प्रशिक्षण व पाठ्यक्रम संचातिल करने की योजना बनाई है।
कुलपति ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है और इसे चरितार्थ करने के लिए विश्वविद्यालय समस्त आधारभूत सुविधाओं के साथ पठन-पाठन से सम्बन्धित प्रौद्योगिक उन्नति और नवाचार से अपने विद्यार्थियों को समय-समय पर अवगत कराता रहता है। ड्रोन प्रशिक्षण के शुभारंभ अवसर पर कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विमल कुमार दूबे, कृषि संकाय के समस्त प्रध्यापकगण, ड्रोनियर एविगेंशन के पदाधिकारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट धनेश कुमार