-निर्माण कार्यों की प्रगति को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक,दिये आवश्यक दिशा-निर्देश
-उड़ान संचालन की अंतिम समय सीमा जल्द तय होने की संभावना,निर्माण में तेजी लाने के निर्देश
- REPORT BY:AAJ NATIONAL || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS
लखनऊ/गौतम बुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आज जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का स्थलीय
निरीक्षण कर परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न एजेंसियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर निर्माण कार्यों की स्थिति की जानकारी ली।
मुख्य सचिव ने सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देशित किया कि एयरपोर्ट के शेष निर्माण कार्यों को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है, और इसके तहत उड़ान संचालन की अंतिम समय सीमा शीघ्र घोषित की जाएगी।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एयरपोर्ट परियोजना की नियमित समीक्षा सुनिश्चित की जाए तथा निर्माण की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार एवं व्यापार के नए अवसर सृजित करेगा।बैठक के उपरांत मुख्य सचिव ने टर्मिनल भवन, कार्गो स्थल एवं अन्य निर्माणाधीन स्थलों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अवशेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
बैठक में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड एवं नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अधिकारियों ने मुख्य सचिव को रनवे, टर्मिनल भवन, कार्गो सुविधाओं सहित अन्य बुनियादी ढांचे की प्रगति से अवगत कराया। पूर्व निर्धारित समयसीमा में उड़ान संचालन प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित था, किंतु निर्माण कार्यों में हुई देरी के कारण यह संभव नहीं हो सका। अब, मुख्य सचिव के निरीक्षण के उपरांत संचालन की स्पष्ट टाइमलाइन तय होने की संभावना प्रबल हो गई है।
निरीक्षण एवं बैठक के दौरान यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह, जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा, यमुना प्राधिकरण के ओएसडी/नोडल अधिकारी जेवर एयरपोर्ट शैलेंद्र कुमार भाटिया, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ सैल्मन, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरन जैन, उपजिलाधिकारी जेवर अभय कुमार सिंह सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे ।
मुख्य सचिव ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रोजेक्ट व डिफेंस नोड-लखनऊ के कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने भटगांव (लखनऊ) में ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रोजेक्ट व उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के डिफेंस

नोड-लखनऊ के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और बैठक कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्यों की प्रगति पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रोजेक्ट व डिफेंस नोड-लखनऊ का उद्घाटन रक्षा मंत्री द्वारा 11 मई, 2025 को प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त लखनऊ डिफेंस नोड में एयरोलॉय टेक्नोलॉजीज लिमिटेड द्वारा स्थापित नये संयंत्रों का उद्घाटन किया जायेगा और रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के डीपीएसयू की डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम का शिलान्यास किया जायेगा। इससे स्थापित होने वाली इंडस्ट्रीज को मैटेरियल टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। इसका फायदा डिफेंस कॉरिडोर के अंतर्गत स्थापित इंडस्ट्रीज को अपने उत्पाद बेहतर बनाने और सर्टिफिकेशन के बाद उत्पाद की मार्केटिंग में मिलेगा।
उन्होंने कहा कि उद्घाटन व शिलान्यास उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है। इससे न केवल विश्व पटल पर उत्तर प्रदेश को नई पहचान मिलेगी, बल्कि रोजगार के नवीन अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि उद्घाटन व शिलान्यास कार्यक्रम के दृष्टिगत अवशेष कार्यों को समय रहते पूरा कर लिया जाये, साथ ही भव्य उद्घाटन की तैयारियां भी तेजी से सुनिश्चित करायी जाये। उद्घाटन के उपरांत दुनिया की सबसे उत्कृष्ट एवं विध्वंसक ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन लखनऊ में शुरू होगा।इससे पूर्व, उन्होंने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रोजेक्ट व एयरोलॉय टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की यूनिट का भ्रमण किया और अधिकारियों के साथ बैठक कर यूनिट के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
बैठक में अवगत कराया गया कि दिसंबर, 2021 में 80 हेक्टेयर भूमि को निःशुल्क ब्रह्मोस को आवंटित किया गया था तथा आज साढ़े तीन वर्षों से कम की अवधि में इसका संचालन शुरू हो रहा है।ब्रह्मोस को भूमि आवंटन के साथ ही 20 हेक्टेयर भूमि का आवंटन ऐरोलॉय टेक्नोलॉजी को दिसंबर, 2021 में किया गया, जिसका प्रथम चरण में 320 करोड़ रुपये का निवेश पूर्ण हो रहा है। इस उद्यम के प्रोडक्ट का इस्तेमाल चंद्रयान प्रोजेक्ट एवं लड़ाकू विमानों आदि में किया जाता है।निरीक्षण एवं बैठक के दौरान डायरेक्टर जनरल ब्रह्मोस डॉ0 जयतीर्थ आर0 जोशी, पीटीसी इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सचिन अग्रवाल सहित यूपीडा के एसीईओ हरि प्रताप शाही, जिलाधिकारी लखनऊ विशाख जी0 व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे ।