-राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता कर रही केंद्र सरकार
नई दिल्ली:बाल तस्करी को लेकर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट वर्ष 2022 के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में तस्करी के शिकार 18 वर्ष से कम आयु के आंकड़ों की संख्या में वृद्धि का कोई निरंतर रुझान नहीं दिखता है।भारत सरकार समय-समय पर जारी विविध परामर्शों के रूप में बाल तस्करी सहित मानव तस्करी को रोकने और उससे निपटने के लिए उन्हें दिशा निर्देश प्रदान करके इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों में सहायता भी करती है।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी जानकारी में गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा है कि बाल तस्करी सहित मानव तस्करी को रोकने और उससे निपटने के लिए कड़े निर्देश दिए गये है।उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के वर्ष 2018 में 2484 तथा वर्ष 2019 में 2746 और वर्ष 2020 में 2151 तथा वर्ष 2021 में 2691 और वर्ष 2022 में 3098 पीड़ितों को बचाया गया,जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम थी।गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा है कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत ‘पुलिस’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ “राज्य-सूची” के विषय हैं। बाल तस्करी के अपराध को रोकने और उससे निपटने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की है, जो कानून के मौजूदा प्रावधानों के तहत ऐसे अपराधों से निपटने में सक्षम हैं।
गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा है कि बाल तस्करी सहित मानव तस्करी को रोकने और उससे निपटने के लिए मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी जिलों को कवर करते हुए मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) को उन्नत बनाने और स्थापित करने में सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान की है। समग्र समाधान करने के को लेकर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्तरों – राज्य मुख्यालय स्तर, जिला स्तर और पुलिस स्टेशन स्तर पर एक संस्थागत तंत्र स्थापित करने के लिए परामर्श जारी किए गए हैं। मानव तस्करी की समस्या का समाधान करने के लिए नवीनतम पहलों और घटनाक्रमों के बारे में पुलिस और कानून अधिकारियों को संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से ‘राज्य स्तरीय सम्मेलन’ और ‘न्यायिक संगोष्ठियों’ के आयोजन में भी मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता प्रदान कर रहा है।https://aajnational.com