-12 साल बाद जगी न्याय की आस,याची वाहन चालक को मिली बड़ी राहत
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REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ।इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने 12 साल पुराने मामले को निस्तारित करते हुए परियोजना निदेशक बलरामपुर द्वारा याची राकेश कुमार शुक्ल के सेवा से अलग करने और कार्य न लेने को अविवेक पूर्ण और समझ से परे बताया।याची की अधिवक्ता अभिलाषा पाण्डेय ने बताया कि याची संविदा पर वाहन चालक के रूप में मुख्य विकास अधिकारी और तत्कालीन जिलाधिकारी बलरामपुर का वाहन चालक था ; याची वर्ष 2000 से 2012 औऱ 2016 से 2019 तक अनवरत कार्य किया गया। याची को न तो सेवा समाप्ति का आदेश दिया गया न उसके वेतन का भुगतान किया गया जबकि वह सरकार द्वारा डीआरडीए में सृजित वाहन चालक के पद के सापेक्ष भर्ती हुआ था ;याची ने संबद्धता समाप्ति के आदेश 20 अक्टूबर 2013 को चुनौती दी थी,जिस पर निर्णय देते हुए विद्वान न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने परियोजना निदेशक प्रतिपक्षी संख्या 4 को याची की लंबी सेवाओ को देखते हुए और आदेश में हुए विचार-विमर्श के दृष्टिगत याची को कार्य आवश्यता को ध्यान में रख कर विधि अनुरूप सेवा में लेने पर विचार करने को कहा। उच्च न्यायालय ने इस निर्णय -आदेश के प्राप्ति के 6 सप्ताह के भीतर याची को सेवा में लेने का विचार कर अंतिम निर्णय लेने का समय भी प्रदान किया है।