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LUCKNOW:पुष्प कचरा बना वरदान, कूड़े से कमाई,क्लिक करें और भी खबरें

-कानपुर में फूलों से बदलाव: कचरे से कमाई की अनोखी पहल

  • REPORT BY:KKVARMA
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
लखनऊ 29 सितम्बर।जब कोई व्यक्ति फूल नदी में फेंकता है, तो वो सोचता है, कुछ फूलों से क्या फर्क पड़ता है? लेकिन हमारा एक अरब से ज्यादा लोगों का देश है, सोचिए इसका असर कितना बड़ा हो सकता है। यह कहना है नचिकेत कुंतला का, जो Phool.co स्टार्टअप के रिसर्च और डेवलपमेंट प्रमुख हैं। स्टार्टअप फूलों के कचरे को रिसाइकल करके नए-नए उत्पाद बनाता है।अक्सर पूजा स्थलों से इकट्ठा किए गए फूल, जो बायोडिग्रेडेबल होते हैं, या तो कचरे में या नदियों में बहा दिए जाते हैं। इससे पानी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी अकेले हर साल 80 लाख टन से ज्यादा फूलों का कचरा अपने में समेट लेती है। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत, कई भारतीय शहर इस समस्या का समाधान ढूंढ रहे हैं। स्टार्टअप्स और सामाजिक उद्यमी मिलकर इन फूलों को रिसाइकल कर रहे हैं और इनसे जैविक खाद, साबुन, मोमबत्तियाँ और धूपबत्ती जैसे उपयोगी उत्पाद बना रहे हैं।स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य है कचरे से धन वेस्ट टू वेल्थ बनाने का और इस सफर में फूलों का कचरा भी एक बड़ा हिस्सा है। कानपुर का Phool.co इसी काम में लगा हुआ है। यह स्टार्टअप रोज़ मंदिरों से करीब 21 टन फूलों का कचरा इकट्ठा करता है, जिसमें अयोध्या, वाराणसी, बोधगया, कानपुर और बद्रीनाथ जैसे शहर शामिल हैं। ये फूल फिर धूपबत्ती, धूप कोन, और हवन कप जैसे प्रोडक्ट्स में बदल दिए जाते हैं। इस काम में लगी महिलाएं सुरक्षित माहौल में काम करती हैं और उन्हें वेतन, भविष्य निधि, और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी सुविधाएं मिलती हैं।इस स्टार्टअप ने एक खास रिसर्च के जरिए ‘फ्लेदर’ नामक उत्पाद भी बनाया है, जो जानवरों के चमड़े का एक टिकाऊ विकल्प है। इसे पेटा ने ‘विगन वर्ल्ड का बेस्ट इनोवेशन’ का अवॉर्ड दिया है।भारत अब सस्टेनेबिलिटी यानि स्थायी विकास और कचरे से धन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मंदिरों में कंपोस्टिंग खाद बनाने के गड्ढे लगाए जाएं और मंदिरों के ट्रस्ट या स्वयं सहायता समूहों को इस काम में शामिल किया जाए, तो इससे कई रोजगार के मौके बन सकते हैं। पंडितों और भक्तों को यह समझाना जरूरी है कि फूलों को नदी में न फेंके। “ग्रीन टेम्पल” जैसे कॉन्सेप्ट से मंदिरों को इको-फ्रेंडली बनाया जा सकता है। पारंपरिक फूलों की बजाय डिजिटल या जैविक विकल्पों को बढ़ावा देना भी एक अच्छा उपाय है।भारत में पुष्प कचरे के प्रबंधन में तेजी से बदलाव हो रहा है। यह न सिर्फ महिलाओं को रोजगार दे रहा है बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा कर रहा है।वेस्ट मैनेजमेंट आज भी अगर दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में खड़ा हुआ है, तो उसके पीछे एक बड़ा कारण ऐसी इकाइयां हैं, जो सबसे ज्यादा तादाद में कचरा उत्पन्न करती हैं। इन इकाइयों में ऐसे संस्थान होते हैं जो संयुक्त रूप से काम करते हुए बड़ी तादाद में वेस्ट जनरेट करते हैं। ऐसी इकाइयों की वजह से ही किसी भी शहर पर हर दिन उत्पन्न होने वाले कचरे का बोझ तेजी से बढ़ता है। यही वजह है कि ऐसी इकाइयां जो बल्क वेस्ट जनरेटर बीडब्ल्यूजी कहलाती हैं, वह देशभर के शहरों पर कचरे के बोझ की चुनौती बढ़ा रही हैं। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के अंतर्गत वर्तमान में देशभर के शहरों से प्रतिदिन निकलने वाले डेढ़ लाख टन कचरे में 76 प्रतिशत की हर दिन प्रोसेसिंग की जा रही है, जिसमें से एक अनुमान के अनुसार 45 से 60 हजार टन कचरा यानि 30 से 40 प्रतिशत योगदान बल्क वेस्ट जनरेटर्स का होता है। वहीं कुछ ऐसे शहर भी हैं जो इन कठिन चुनौतियों का डटकर सामना कर रहे हैं और दूसरे शहरों को भी इस बड़ी मुश्किल का हल सुझा रहे हैं।बल्क वेस्ट जेनरेटर बीडब्ल्यूजी और नियम: म्यूनिसिपिल सॉलिड वेस्ट एमएसडब्ल्यू मैनेजमेंट रूल्स 2016 के अनुसार बल्क वेस्ट जेनरेटर ऐसी इकाई को कहा जाता है, जो प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक कचरा उत्पन्न करती है।सीएंडडी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांटनोएडा प्लांट पर विभिन्न आकार में ऐसा मलबा आता है, जो कहीं निर्माण कार्यों के दौरान बचता है या अवैध निर्माण ढहाए जाने के दौरान निकलता है। सीएंडडी वेस्ट एक्सपर्ट मुकेश धीमान के मुताबिक प्लांट पर 350 एमएम साइज तक का मलबा लिया जाता है, इससे बड़े साइज में आता है तो उसे 15 दिन में एक बार रॉक ब्रेकर मशीन से तोड़कर छोटे साइज में किया जाता है। आम तौर पर प्लांट में 250 या 200 एमएम के साइज वाला मलबा आता है, जिसे क्रशर मशीन में भेजा जाता है और उसका साइज 140 एमएम तक कर दिया जाता है। छंटाई होते-होते अंत में मिट्टी जैसे बारीक साइज का मलबा निकलता है, जिन्हें सीमेंट में मिलाकर सीमेंटेड ईंटों, कलरफुल पेवर ब्लॉक्स और टाइल्स आदि जैसे उत्पाद में बदलकर बाजार में भेजा जाता है। मलबे को रीसाइकल करके दोबारा इस्तेमाल करने योग्य उत्पाद बनाए जाते हैं, जो बाजार में मिलने वाले दूसरे उत्पादों से सस्ते और टिकाऊ होते हैं क्योंकि उसमें कोई मिलावट नहीं होती।हरिद्वार 1 लाख से अधिक आबादी वाले गंगा किनारे बसे सबसे स्वच्छ शहरों में से एक है और प्रयागराज, वाराणसी जैसे अन्य गंगा किनारे बसे शहरों में भी पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि के साथ-साथ निरंतर शहरी विकास की चुनौती बनी हुई है। हरिद्वार में 12 दिनों की कांवड़ यात्रा के दौरान लगभग 28,000 मीट्रिक टन कूड़ा उत्पन्न होता है। यहां हरिद्वार नगर निगम एमसीएच की स्वच्छता टीमें पूरी कांवड़ यात्रा के दौरान कूड़े के निपटान के लिए लगातार काम करती हैं,  यात्रा समाप्त होने के ठीक बाद 1,200 सफाई कर्मचारियों की आठ टीमों के सहयोग से कूड़े को निपटाने का काम किया। उत्तरकाशी में चार धाम यात्रा और कांवड़ यात्रा के दौरान जो भी गीला कूड़ा और सूखा कूड़ा प्राप्त होता है उन्हें क्रमशः खाद और सिलियां बनाकर रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है। विशेषतः धार्मिक यात्रा के दौरान रात्रि सफाई अभियान चला कर नगर के मुख्य मार्गों, चौराहों एवं मंदिरों के आसपास सफाई की व्यवस्था की जाती है। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत प्रयागराज नगर निगम ने कांवड़ यात्रा 2023 के आयोजन में श्रद्धालुओं को प्लास्टिक मुक्त, कचरा मुक्त, खुले में शौच मुक्त और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। कांवड़ क्षेत्र में उत्पन्न कचरे के औपचारिक संचालन और प्रोसेसिंग पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। प्रयागराज नगरनिगम ने विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 का एक मुख्य घटक गंगा टाउन के घाटों या नदी तटों के पास से ओपन डंपसाइट को हटाना, नागरिकों तक गंदगी न फैलाने के संदेशों को पहुंचाना, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और घाटों के लिए नियमित सफाई व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना है।

विश्व हिंदू रक्षा परिषद बनायेगी एक करोड़ सदस्य- राय

विश्व हिंदू परिषद कार्यालय गोमतीनगर में सैकड़ो लोगों ने परिषद की सदस्यता ग्रहण की। प्रमुख रूप से वाराणसी के शनि देव पीठाधीश्वर कन्हैया महाराज ने सदस्यता ग्रहण की। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने उन्हें धार्मिक प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया एवं लखनऊ के युवा हिमांशु धवन को प्रदेश संगठन मंत्री नियुक्त करते हुए कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में जहां हिंदुओं की संख्या विलुप्त होती जा रही है। बहुत गंभीर विषय है और भारत में केरला के वर्तमान में जो मुस्लिम लीग पार्टी है उसने हिंदुओं के प्रति जो आज खुला प्रदर्शन किया है वह देश हित में उचित नहीं है। विश्व भर के हिंदुओं को संगठित होकर अपनी सुरक्षा स्वयं करने तथा जागरूक होने की आवश्यकता है।

सहकारिता आंदोलन व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को मजबूत करने की जरूरत,जनरल इंश्योरेंस कोआपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी की मीटिंग संपन्न

जनरल इंश्योरेंस कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी की आज सालाना मीटिंग हुई, जिसमें भावी कार्यक्रमों को लेकर मंत्रणा हुई।सोसाइटी के उपसभापति जीएस सिंह ने बताया कि जनरल इंश्योरेंस इंप्लाइज कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लखनऊ की 46 वीं वार्षिक सामान्य बैठक हरि ओम मंदिर में हुई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में त्रिलोक सिंह महासचिव जीआईईएआईए तथा दर्शन वधवा सेक्रेटरी जनरल जीआईईए आईए क्लास 1 उपस्थित रहे।समिति के सचिव अनिल कुमार वर्मा ने सदस्यों को 14 फीसदी प्रतिशत लाभांश देने की सोसाइटी के निर्णय की जानकारी दी।चीफ गेस्ट त्रिलोक सिंह ने कहा, सहकारिता आंदोलन तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को मजबूत करने की जरूरत है।उन्होंने इस दिशा में बढ़चढ़कर काम करने की अपील करते हुए सार्वजनिक बीमा कंपनियों के कर्मचारियों के वेज रिवीजन के संबंध में संघर्ष से अवगत कराया। दर्शन कुमार वधवा ने कहा,लखनऊ की सोसाइटी अनेक लाभकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है।नेशनल इंश्योरेंस के उप महाप्रबंधक चंद्रशेखर शर्मा यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के  क्षेत्रीय प्रबंधक ओरिएंटल इंश्योरेंस के क्षेत्रीय प्रबंधक तथा अब्दुल नईम, हरीश उपाध्याय, पंकज प्रकाश,  संजय श्रीवास्तव, बीके शुक्ला  एचएन तिवारी ने सोसाइटी को सुझाव दिए।बैठक में 300 सदस्य उपस्थित रहे। बैठक का संचालन जीएस सिंह ने किया।

इन्टरनेशनल ट्रेड शो में दीदियों के उत्पादों को मिली ग्लोबल पहचान –  केशव 

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेन्टर एवं मार्ट मे इंटरनेशनल ट्रेड शो में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सभी 75 जनपदों में गठित समूहों के द्वारा प्रतिभाग किया गया ।इन समूह के द्वारा बनाए गए उत्पादों का प्रदर्शन एवं उसका विपणन भी इस ट्रेड शो में किया गया।आजीविका मिशन के स्टालों पर पर भारी भीड़ रही।उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि इस ट्रेड शो में आने वाले समूह की दीदियों को उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों के विपणन हेतु एक बहुत  अच्छा अवसर  प्राप्त हुआ एवं उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों को एक अच्छा बाजार मिलने की भी संभावना बढ़ेगी।  उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे दीदियों के उत्पादों के व्यापार व सम्भावनाओं के मामले में ग्लोबल पहचान मिली है। देश, दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों की दीदियों के हुनर को प्रदर्शित किया गया। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन आज यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 के अंतिम दिन इंडिया एक्सपो मार्ट पहुंचे लोगों ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत चल रही विभिन्न योजनाओं समूह गठन की प्रक्रिया, टेक होम राशन, बीसी सखी, विद्युत सखी एवम बालिनी आदि के संबंध में उत्साहपूर्वक जानकारी प्राप्त की तथा मिशन से जुड़ने की इच्छा प्रकट किया। समूहों द्वारा उत्पादित उत्पाद  मसाले, मुरब्बा, अचार, परिधान, जरी जरदोजी आदि का क्रय भी बड़ी मात्रा में किया गया।  अंतिम दिवस राकेश सचान कैबिनेट मंत्री एमएसएमई द्वारा इस ट्रेड शो का समापन किया गया इसके पूर्व मंत्री द्वारा समूहों तथा हस्तशिल्पियों, प्रतिभाग करने वाली संस्थाओं को सम्मानित किया।आजीविका मिशन की तरफ से संयुक्त मिशन निदेशक अरविंद कुमार तथा जय बाला जी वृद्धा महिला स्वयं सहायता समूह, जनपद उन्नाव को ट्रेड शो में उत्पादों की सर्वाधिक बिक्री होने पर तृतीय स्थान प्राप्त होने के पर सम्मानित किया गया।

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