-दुबई भागने की फिराक में था सरगना समीर करी
- REPORT BY: ANUPAM MISHRA || EDITED BY-आज नेशनल न्यूज डेस्क
लखनऊ ।यूपी एसटीएफ ने वर्चुअल कॉइन ( रूबी कॉइन ) बनाकर प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से निवेशकों की गाढ़ी कमाई के करोड़ो रूपयों को निश्चित लाभ दिलाने का झांसा देकर इन्वेस्टमेंट कराकर पूँजी को क्रिप्टो करंसी में बदलकर विदेश भागने की फिराक में जाने वाले गिरोह के सरगना समीर करी लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के साथ सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र के अंसल एपीआई से गिरफ्तार किया।जिसके पास से एक लैपटॉप और आईफोन व पासपोर्ट तथा पैन कार्ड तथा आधार कार्ड और कूपन कार्ड और लेटर हेड और विजिटिंग बरामद किया।
एसटीएफ के मुताबिक समीर कोलकाता में एंजेला एग्रोटेक कम्पनी में काम करता था जहाँ पर सेल्स स्किल अच्छी होने के कारण उसे जल्द ही कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल किया गया , जहाँ पर वर्ष 2016 में फर्जीवाड़ा होने पर उसे जनपद दुर्ग मध्यप्रदेश से जेल गया था । जेल से छूटने के बाद समीर रायपुर छतीसगढ़ में रहने लगा।जहाँ पर उसने रूबी कॉइन नाम की वर्चुअल कॉइन की शुरुआत की। जिसका धीरे धीरे इसने प्रचार प्रसार करना शुरू किया । धीरे – धीरे लोग उसके लोकलुभावन वादों में फंसते चले गये और कंपनी व उसकी वर्थ बढ़ती चली गयी ।
एसटीएफ के मुताबिक समीर व उसके साथी रूबी कॉइन में लोगों का पैसा इन्वेस्ट कराते थे लोगों को लोक लुभावन वादे देना कि यह एक सुरक्षित निवेश है , जिसमें निवेशक की मूल पूँजी हमेशा सुरक्षित रहेगी और यदि निवेशक अपना पैसा वापिस लेना चाहे तो 03 वर्ष के बाद पूर्व सूचना देकर अपनी कॉइन के बदले पैसा अपने बैंक खाते में वापिस ले सकता है । निवेशक की पूरी निवेश पूँजी के उपयोग करने का अधिकार समीर के पास रहेगा और निवेशक को निवेशित पूँजी के बदले विभिन्न पर्यटन स्थलों का टूर पैकेज दिया जाता रहेगा ।एसटीएफ की माने तो वह निवेशकों को किसी प्रकार का शक न हो इसके लिए अपनी कॉइन को स्वयं द्वारा बनाये गये कॉइन एक्सचेंज ऑफिस दुबई में होना बताया गया परन्तु यह कॉइन की पूरी हैंडलिंग लोकल सर्वर पर की जाती थी , जिसका एडमिन राईट समीर केशरी के पास था ।
एसटीएफ के मुताबिक रूबी कॉइन की साईट के माध्यम से निवेशकों की डिटेल लेकर उनका खाता खोला जाता था ।जिस पर निवेशकों की निवेशित रकम के बदले रूबी कॉइन को अपने अनुसार दिखाया जाता था । खोले गये फर्जी खाता नम्बरों को साईट के माध्यम से निवेशित धनराशि का लाग दिखाने के लिए किया जाता है परन्तु बैकएण्ड पर कोई इस तरह के एक्सचेंज सिस्टम को न संचालित करते हुए केवल निवेशकों को रूबी कॉइन का छद्म बैलेंस दिखाने एवं कुछ समय बाद लाग को खाते में न दिखाते हुए उसे प्रिंसिपल अकाउंट में ऐड करना बताया जाता । बाद में अपने ही अंतर्गत सर्वर व साईट का एडमिन राईट होने से उसे नियंत्रित करते हुए जिन खातों की देनदारी अधिक हो जाती है उसे डीएक्टिवेट करके निवेशकों को झूठी सूचना देते रहना तथा पैसा मांगने पर सर्वर अपडेट , सॉफ्टवेर अपडेट , आदि बहाने बताकर भुगतान को लंबित रखता था थाना सुशांत गोल्फ सिटी पर मुकदमा पंजीकृत हो जाने के कारण पूरे पैसे को वर्चुअल कॉइन में कन्वर्ट कर दुबई भागने की फिराक में था ।