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LUCKNOW:मोक्ष इनोवेशन का नगर निगम से अनुबंध निरस्त,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHARMA
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

लखनऊ। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देश पर अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव तथा प्रभारी अधिकारी प्रचार अंबी विष्ट की रिपोर्ट के आधार पर मेसर्स बस शेल्टर पर नगर निगम ने  पूर्व में प्रदान की गयी विज्ञापन की अनुमति को नगर आयुक्त ने निरस्त कर दिया  है। नगर निगम द्वारा बकाया धनराशि 7 दिवस में अनिवार्य रूप से जमा करवाये जाने हेतु निर्देशित किया है, अन्यथा की दशा में विधिक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जायेगी, जिसका समस्त उत्तरदायित्व लोक निर्माण विभाग का होगा।
मेसर्स मोक्ष इनोवेशन एजेन्सी को 18 बस शेल्टरों का आवंटन अधिशासी अभियन्ता राष्ट्रीय मार्ग खण्ड लोक निर्माण विभाग द्वारा 9 सितम्बर2003 को आगामी 30 वर्ष हेतु किया गया था। वर्तमान समय में आपकी एजेन्सी पर बस शेल्टर मद में वित्तीय वर्ष 2024-25 (जुलाई माह) तक धनराशि 6753476.00 बकाया है। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में नगर निगम द्वारा समय प्रदान करते हुए मेसर्स मोक्ष इनोवेशन को बकाया धनराशि वसूली किये जाने हेतु कई बार नोटिस,दूरभाष के माध्यम से सूचित किया जा चुका है। परन्तु वर्तमान समय तक एजेन्सी द्वारा बस शेल्टर मद में वित्तीय वर्ष 2024-25 जुलाई माह तक बकाया धनराशि 6753476.00 के सापेक्ष 286327.00 जमा किया गया है। एजेन्सी पर वित्तीय वर्ष 2024-25 जुलाई माह तक बस शेल्टर मद में 6075582.00 अवशेष है।वर्तमान समय तक आपकी एजेन्सी द्वारा बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया गया है जो शर्तों का उल्लंघन है।

अधिशासी अभियन्ता राष्ट्रीय मार्ग खण्ड लोक निर्माण विभाग द्वारा बस शेल्टरों का निर्माण, रख रखाव की अनुमति यात्रियो,जन-सामान्य की सुविधा हेतु मोक्ष एजेंसी को प्रस्तावित थी, स्ट्रक्चरों पर जनसामान्य हेतु उपयोगिता का उपर्युक्त व्यवस्था,रख रखाव न करते हुए एजेन्सी द्वारा मात्र अपने निजी व्यवसाय हेतु विज्ञापन कर प्रयोग किया जा रहा है। एजेन्सी द्वारा बार-बार सूचना दिये जाने के बाद भी बकाया धनराशि जमा नहीं की जा रही है और न ही बस शेल्टरों का रख-रखाव सही से किया जा रहा है शर्तों का नियमित रूप से उल्लंघन किया जा रहा है। नगर आयुक्त द्वारा एजेंसी द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन सही ढंग से न करने पर एजेन्सी को आवंटित बस शेल्टर का आवंटन निरस्त कर दिया गया है तथा चूक को अनुबंध निरस्त करने के लिए भी निर्देशित किया गया है 07 दिवस में धनराशि न जमा किए जाने पर विधिक कार्यवाही भी की जाएगी इसी तरह जो बाकी जिनका बकाया है उन पर कार्यवाही की जा रही है।

सरकारी भूमि को कब्ज़ा मुक्त कराकर, अवैध कब्जेदारों पर प्राथमिकी

सरोजनी नगर तहसील के ग्राम फर्रुखाबाद चिल्लावां  की खसरा सं. 599 क्षेत्रफल 0.284 हेक्टेश जो राजस्व अभिलेखों में ऊसर दर्ज है तथा नगर निगम में निहित सम्पत्ति है। इस भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराते हुए नगर निगम की टीम ने अवैध कब्जेदारो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।इंद्रजीत सिंह नगर आयुक्त व पंकज श्रीवास्तव अपर नगर आयुक्त के निर्देश के क्रम में व प्रभारी अधिकारी (सम्पत्ति) संजय यादव एवं तहसीलदार अरविंद पाण्डे के आदेश पर नीरज कटियार नायब तहसीलदार के नेतृत्व में  किए गए अवैध कब्जे को लेखपाल सुधांशु, विनोद, सुभाष,  अनूप,  राजेन्द्र व पुलिस बल की उपस्थिति में हटवा दिया गया।यह अवैध कब्जा सड़क किनारे की बेशकीमती भूमि पर था। प्रकरण में अवैध अतिक्रमणकर्ता अजीम खान एवं उनकी पत्नी, राजेन्द्र गुप्ता, सन्तोष, व अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में थाना सरोजनी नगर में एफ.आई.आर. दर्ज करा दी गई है।

निदेशक के पदों की आयु सीमा 65 वर्ष का विरोध,संगठन मुख्यमंत्री व आयोग से करेगा मुलाकात

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन कि आज एक आपात बैठक फील्ड होस्टल कार्यालय में संपन्न हुई। जिसमें दलित अभियंताओं को निदेशक पद से रोकने के लिए कुछ आरक्षण विरोधी तत्व प्रबंधन के साथ मिलकर दलित अभियंताओं की पदोन्नति को बाधित करने के मामलों पर र्चा की गई। बैठक में दलित अभियंताओं के 25 साल पुराने मामलों को खोलकर उनका लिफाफा बंद कराया जाने पर भी विरोध दर्ज कराया गया। जबकि उक्त मामलों मे आज तक ना उनसे स्पष्टीकरण लिया गया और ना कोई चार्ज सीट दी गई। बैठक में सर्वसम्मत से  बिजली निगमें में 17 निर्देशकों के पद की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष किए जाने पर व्यापक विरोध करने का निर्णय लिया गया। संगठन ने उत्तर प्रदेश सरकार से पुरजोर मांग की है इसकी जांच करायी जाय। एकाएक ऐसी क्या स्थिति आ गई की निर्देशकों के चयन की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष निर्धारित कर दी गई। जबकि इसके पहले ए पी मिश्रा के मामले में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने वह निर्णय वापस लिया था। जिसमें सपा सरकार ने एपी मिश्र की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष की थी। बैठक में यह भी कहा गया कि पदोन्नति के समय दलित अभियंताओं के मामले में जांच व अनुशासनात्मक कार्यवाही के मामलों पर कार्यवाही नहीं होती लेकिन जब कुछ अभियंताओं जल्दबाजी में प्रोन्नत करना था तो कुछ ही समय में उनकी सभी जांच खत्म कर दी गई। यदि 2 वर्षाे में पदोन्नति के पहले जांच खत्म करने की उच्च स्तरीय जांच होगी तो बडा खुलासे होंगे।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष के बी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर, महेंद्र सिंह महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, संगठन सचिव सुशील वर्मा, पीएन प्रसाद, झबू राम, अशोक प्रभाकर ने कहा बहुत जल्द संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री व अनुसूचित जाति जनजाति आयोग से समय लेकर मुलाकात करेगा। उन्हें बताएगा कि जब उत्तर प्रदेश में हडताल हुई उस दौरान दलित वह पिछले वर्ग के अभियंताओं ने चार घंटे अधिक काम करके पूरे प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को बनाए रखा और आज उन्ही सदस्यों का येन केन प्रकरण उनका उत्पीडन किया जा रहा है। पिछले 2 वर्षों के कार्यकाल में बिजली निगम में दलित कार्मिकों के मामले में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच कर ली जाए तो निलंबन,स्थानांतरण, चार्जसीट और दण्ड देने का मामले भेदभावपूर्ण कार्यवाही की गई है।पावर ऑफिसर एसोसिएशन के पदाधिकारी ने जहां एक तरफ अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष से भी मिलने का समय मांगा है वहीं दूसरी ओर  मुख्यमंत्री से भी मिलने का समय मांग रहा है  ।

तीस हजार युवाओं को प्रशिक्षण देगी सूर्य मित्र योजना

यूपी सरकार ने  30,00 युवाओं को सूर्य मित्र के रूप में प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है। राज्य में पिछले साल फरवरी में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजनाश् की शुरुआत की गई। इस योजना का लक्ष्य देशभर में एक करोड़ सौर छतें स्थापित करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में 25 लाख से अधिक सौर छतें स्थापित की हैं। उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विका एजेंसी (यूपीएनईडीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के हर घर में सौर पैनल लगा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सौर ऊर्जा क्षेत्र में कुशल श्रमिकों की जरूरत होगी। सूर्य मित्र योजना के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए राज्य एजेंसी ने जिला केंद्रों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में 30,000 सूर्य मित्रों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, इस कुशल जनशक्ति को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन ने एक योजना की रूपरेखा तैयार की है। उत्तर प्रदेश में 30,000 से अधिक युवाओं ने सौर परियोजनाओं के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है। यह प्रशिक्षण राज्य के हर घर में सौर पैनल लगाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को तेजी से हासिल करने के लिए एक ठोस प्रयास है।
तीन महीने के सूर्य मित्र कार्यक्रम में 600 घंटे का व्यापक प्रशिक्षण शामिल है, जिसमें कक्षा निर्देश, व्यावहारिक प्रयोगशाला कार्य, सौर फोटोवोल्टिक प्रौद्योगिकी संयंत्रों का अनुभव, नौकरी पर प्रशिक्षण और सॉफ्ट कौशल एवं उद्यमिता विकास शामिल है। कार्यक्रम के लिए अर्हता प्राप्त करने के वास्ते उम्मीदवारों को 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए और उनके पास इलेक्ट्रीशियन, वायरमैन, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक, फिटर या शीट मेटल वर्कर के रूप में आईटीआई प्रमाणन होना चाहिए। प्रशिक्षण पूरा करने पर उन्हें रोजगार हासिल करने में सहायता प्रदान की जाती है।यूपीडा के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 18 लाख से अधिक घरों की छत पर सौर पैनल लगाने के लिए पंजीकरण पूरा हो चुका है और लगभग दो लाख अतिरिक्त घरों के लिए आवेदन जमा किए गए हैं। सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नेट बिलिंग,नेट मीटरिंग प्रणाली शुरू की है। इसके अलावा, यूपीएनईडीए ने उत्तर प्रदेश में 10 लाख घरों की छत पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए टाटा समूह के साथ साझेदारी की है।

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