रायबरेली । जिले में खाद की भारी किल्लत से किसान परेशान हैं। कृषि विभाग भले ही दावा कर रहा हो कि खाद की समस्या मामूली है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। जिले की 185 साधन सहकारी समितियों में से अधिकांश पर खाद उपलब्ध नहीं है। कहीं खाद की बोरियां खत्म हो चुकी हैं तो कहीं एक बोरी के लिए किसानों को घंटों लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है।
जगतपुर साधन सहकारी समिति, धोबहां में हाल ही में 500 बोरी डीएपी खाद आई थी, जो महज दो दिन में खत्म हो गई। अब हालात यह हैं कि किसान समितियों का चक्कर लगाकर खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं। ऊंचाहार ब्लॉक की खुर्रमपुर, किशुनदासपुर, मतरौली, सवैया हसन और करौली जैसी समितियों पर खाद की एक भी बोरी उपलब्ध नहीं है। इससे किसान गेहूं, चना, मटर और सरसों जैसी फसलों की बुवाई तक नहीं कर पा रहे हैं। टीम ने कई किसानों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि वे सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन शाम होते-होते खाली हाथ लौटना पड़ता है।
किसानों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस किल्लत के चलते उनकी फसलें समय पर नहीं लग पा रही हैं। किसानों ने सहकारी समितियों के सचिवों पर खाद वितरण में मनमानी करने का आरोप लगाया। किसान रामदयाल, रमेश, शिव बहादुर और देवता दीन का कहना है कि सचिव, डीएपी खाद के साथ नैनो यूरिया लेने का दबाव बनाते हैं। खास किसानों को एक से अधिक बोरियां दी जाती हैं, जबकि बाकी किसान खाली लौट जाते हैं। इस मामले में जिला
सहकारी समिति अधिकारी ने कहा कि जिले में डीएपी खाद की किल्लत बहुत अधिक नहीं है। थोड़ी-बहुत कमी है, जिसे जल्द ही दूर कर दिया जाएगा। लेकिन,
किसानों का कहना है कि अगर समय पर खाद नहीं मिली तो उनकी फसलों का भारी नुकसान हो सकता है।
20 नहर की पटरियों पर बनेंगी सड़क,30 हजार ग्रामीणों को होगा फायदा
-फसलों में नहीं होगा जलभराव
रायबरेली जनपद में सिंचाई विभाग खंड दक्षिणी के अंतर्गत आने वाली 20 नहरों की पटरियों पर पक्की सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। जिसके बाद क्षेत्रीय ग्रामीण को आने-जाने में सहूलियत मिलेगी। वहीं अधिक जलभराव के कारण पटरियों के कट जाने से फसलों के नुकसान से भी बचत होगी। जिससे किसानों की फैसले बर्बाद नहीं होगी। विभाग टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद जल्दी ही निर्माण कार्य शुरू कराएगा।
मामला रायबरेली के सिंचाई खंड दक्षिणी से जुड़ा हुआ है। जहां तकरीबन 1200 किलोमीटर तक लंबी नहर हैं। नहर की पटरियों से नहर से सटे गांव के लोगों का आना-जाना लगातार बना रहता है। पटरियों के ऊपर खबर होने के कारण वहां से आने जाने वाले लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ता है। वहीं अधिक जलभराव हो जाने के कारण पटरी के कट जाने से किसने की फैसले भी बर्बाद हो जाती है। इस समस्या को देखते हुए सिंचाई विभाग ने नहर की पटरी पर पक्की सड़क के निर्माण करने का फैसला लिया है। इस बार 20 नहरों की पटरियों पर पक्की सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।
विभाग के मुताबिक बताया जा रहा है कि नहर के किनारे की पटरियों के निर्माण हो जाने के बाद करीब 30 हजार ग्रामीणों को आने-जाने में सहूलियत मिलेगी। इतना ही नहीं पटरियों के काटने का खतरा भी काम रहेगा। अधीक्षण अभियंता संजय श्रीवास्तव ने बताया कि टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही नहरों के किनारे की पटरी का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा।