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REPORT BY: MUKESH JAISWAL||AAJNATIONAL NEWS DEASK
वाराणसी। उदय प्रताप कॉलेज परिसर स्थित मजार के पास छात्रों ने मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने का एलान किया। इसे देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। मौके पर अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस चनप्पा छात्रों से बात करने पहुंचे। लेकिन, छात्रों ने किसी की एक नहीं मानी। भारी संख्या में जुटे छात्रों ने एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया। हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंचे छात्रों को काबू करने में पुलिस के भी पसीने छूट गए। छात्रों के विरोध के बीच पुलिस अधिकारी उन्हे समझाने में जुटे रहे, लेकिन छात्रों की जुबान पर केवल जय श्रीराम का नारा ही रहा।पुलिस के जवानों ने छात्रों को रोका तो उन्होंने विरोध जताते हुए बैरिकेडिंग हटाने की बात कही। इस दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा छात्रों को समझाने का प्रयास जारी रहा।यूपी कॉलेज के छात्र सुबह से ही इकट्ठा होने लगे। उन्होंने हनुमान चालीसा का एलान करने के साथ ही जय श्री राम का नारा लगाना शुरू कर दिया। धीरे- धीरे छात्रों की संख्या सैकड़ों में हो गई। सभी एक सुर में हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। यूपी कॉलेज में छात्रों का आंदोलन बढ़ता ही जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इस दौरान उन्हें जीप में भरकर ले जा रही पुलिस को भी अन्य छात्रों ने रोकने का प्रयास किया। जय भारत माता की और जय श्रीराम का नारा लगाते हुए छात्र जीप के आगे आने लगे। कई छात्र जीप के सामने ही लेट गए। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस छात्रों को रोकने में जुटी रही। वक्फ बोर्ड ने उदय प्रताप कॉलेज को अपनी संपत्ति घोषित कर नोटिस जारी किया है। जिसकी जानकारी मिलने के बाद कॉलेज के स्टाफ और छात्रों में नाराजगी है। इसी बात को लेकर सोमवार को कॉलेज में विरोध प्रदर्शन के बाद मंगलवार को छात्र मजार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंच गए।
जल्द ही शुरू हो जाएंगे 12 रैन बसेरे,नगर आयुक्त ने अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी
ठंड बढ़ने के साथ ही वाराणसी नगर निगम द्वारा रैन बसेरों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने का काम किया जा रहा है। 12 स्थायी रैन बसेरों में से कुछ चालू भी हो गए हैं। ठंड बढ़ने के साथ नगर निगम रैन बसेरों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने में जुट गया है। 12 स्थायी रैन बसेरों में से कुछ चालू हो गए हैं और बाकी इसी सप्ताह चालू कर दिया जाएगा। इसके अलावा ठंड बढ़ने के साथ अस्थायी रैन बसेरे खोलने की भी तैयारी कर ली गई है।
पिछले साल स्थायी और अस्थायी मिलाकर 23 रैन बसेरों को चालू किया गया था। इस बार भी रैन बसेरों में सभी सुविधाएं मुकम्मल कराने का निर्देश नगर आयुक्त अक्षत वर्मा दे चुके हैं। उन्होंने सभी रैन बसेरों में साफ चादर, तकिया, कंबल और शौचालय का बेहतर इंतजाम करने को कहा है। इसके साथ ही यहां पर नियमित साफ-सफाई और फॉगिंग कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को दी है। हर रैन बसेरों की नियमित देखरेख और निरीक्षण के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। स्थायी रैन बसेरों में सिटी स्टेशन के सामने, कोतवाली वार्ड चौकी के ऊपर, शिवदासपुर, चौक, नदेसर, कैंट, इंग्लिशिया लाइन, नगवां, चौकाघाट, शिवपुर, राजघाट, दशाश्वमेध को चालू किया जा रहा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता मोइनुद्दीन ने बताया कि इस सप्ताह सभी रैन बसेरे पूरी तरह से चालू हो जाएंगे। 12 स्थायी रैन बसेरे हैं जबकि ठंड बढ़ने के साथ और अस्थायी रैन बसेरे भी चालू किए जाएंगे।
रेलवे स्टेशनों पर भी पार्किंग के लिए लेनी होगी फायर एनओसी
कैंट स्टेशन पर वाहन पार्किंग में आग लगने की घटना के बाद फायर ब्रिगेड सख्त हुआ। ऐसे में अब रेलवे स्टेशनों पर भी पार्किंग के लिए फायर एनओसी लेनी होगी। कैंट स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक से सटे वाहन पार्किंग में आग की घटना के बाद फायर ब्रिगेड ने भी रेलवे स्टेशनों पार्किंग व्यवस्था की पड़ताल करनी शुरू कर दी है। फायर नियमों की अनदेखी करते हुए कैंट पर वाहन पार्किंग बनवा दी गई थी। घटना के बाद फायर बिग्रेड ने अग्निशमन सुरक्षा की दृष्टि से जिलाधिकारी और कैंट स्टेशन निदेशक समेत महाप्रबंधक को पत्र भेजा है।अग्निशमन अधिकारियों के अनुसार कैंट का वाहन पार्किंग स्टैंड मर्केंटाइल की श्रेणी में है, जिसमें ज्वलनशील पदार्थ युक्त दुपहिया और चार पहिया वाहन उपलब्ध रहते हैं। इस स्थल पर 20 हजार लीटर का टैरेस टैंक और 900 एलपीएम क्षमता का टैरेस पंप होना अनिवार्य है। पार्किंग के चारों तरफ 15 मीटर के अंतराल पर यार्ड हाइड्रेंट व होजरील व 15 मीटर से अधिक होने पर बीच में भी यार्ड हाइड्रेंट व होजरील होना अनिवार्य है। प्राथमिक अग्निशमन उपकरण (फायर एक्सटिंग्यूशर) आईएस 2190 के अनुसार भी लगाना अति आवश्यक है। अग्निशमन व्यवस्था पूरी करने के बाद उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा लखनऊ के वेबसाइट पर अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन भी अनिवार्य है। इसके बाद अग्निशमन अधिकारी निरीक्षण के बाद एनओसी जारी करते हैं। आग संबंधी पत्र भी फायर ब्रिगेड ने जिलाधिकारी और कैंट निदेशक को भेजा है। प्रभारी मुख्य अग्निमशन अधिकारी लालजी गुप्ता ने बताया कि बनारस, सिटी स्टेशन और अन्य स्टेशनों पर वाहन पार्किंग पर आग सुरक्षा को लेकर पत्र भेजा गया है।
खतरे को दावत दे रहे वाराणसी के रेलवे स्टेशन, अग्निशमन यंत्र भी हैं ध्वस्त
रेलवे स्टेशनों पर आग से बचाव के इंतजाम नाकाफी हैं। स्टेशनों के पार्सल घर, सर्कुलेटिंग एरिया के वाहन पार्किंग में आग से बचाव के इंतजाम नहीं हैं। कैंट रेलवे स्टेशन के पार्सल घर में भी आग से बचाव को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। वहीं, प्राइवेट पार्किंग में भी कहीं भी आग से बचाव के इंतजाम नहीं देखे गए। यदि आग लग जाए तो फिर काबू करना बड़ा मुश्किल होगा, जैसा कि शुक्रवार की रात कर्मियों के वाहन पार्किंग में हुआ। पार्सल पैकेट प्लेटफार्मों और परिसर में जगह-जगह फैले रहते हैं।बनारस स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही खुले आसमान के नीचे दो पहिया, तीन पहिया व चार पहिया वाहन पार्किंग है, लेकिन इन वाहन पार्किग में आग बुझाने के किसी भी प्रकार के उपकरण नहीं हैं। रविवार को बनारस स्टेशन पर प्लेटफॉर्म संख्या एक पर खुले में पार्सल के पैकेट बेतरतीब रखे हुए थे। आरक्षण केंद्र परिसर में दो पहिया वाहन स्टैंड है, लेकिन यहां भी आग बचाव संबंधित उपकरण नहीं हैं।काशी स्टेशन पर भी आग से बचाव को लेकर ठोस इंतजाम नहीं हैं। वाहन पार्किंग समेत अन्य जगहों पर ऐसी व्यवस्था नहीं दिखी। वाहन पार्किंग और अन्य विभागों में अग्निशमन यंत्र भी नदारद रहे।वाराणसी सिटी स्टेशन पर भी पार्सल और वाहन पार्किंग स्टैंड में कोई आग से बचाव के इंतजाम नहीं हैं। न ही अग्निशमन यंत्र और न ही कहीं हाईड्रेंट आदि की व्यवस्था दिखी। सर्कुलेटिंग एरिया के वाहन पार्किंग में कहीं पानी की पाइप की व्यवस्था नहीं है। पार्सल भी ऐसे बिखरे पड़े हैं कि आग के समय तुरंत जद में आ जायेंगे।