- REPORT BY:K.K.VARMA
- EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
लखनऊ 11 दिसंबर। यूपी के नौ शहरों में 14 नई टाउनशिप विकसित करने के लिए विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद को 1285 करोड़ रुपये दिए गए हैं। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण,नये शहर प्रोत्साहन योजना के तहत आठ विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद को भूमि अर्जन के लिए बतौर सीड कैपिटल धनराशि दी है। 22 नवंबर को कैबिनेट मीटिंग में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। शासनादेश के अनुसार, 1285 करोड़ रुपये में से सर्वाधिक 400 करोड़ रुपये आवास विकास परिषद को उसकी लखनऊ व अयोध्या की तीन योजनाओं के लिए दिए गए हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण को दो योजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपये मिले हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण को 200 करोड़, दो योजनाओं के लिए मथुरा-वृंदावन को 175 करोड़, सहारनपुर को 75 करोड़, मुरादाबाद को 50 करोड़, फिरोजाबाद को 40 करोड़, खुर्जा को 25 करोड़ व बांदा विकास प्राधिकरण को 20 करोड़ करोड़ रुपये दिए गए हैं। प्राधिकरण व परिषद की नौ योजनाओं के भूमि अर्जन पर 4164.16 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। पहली किस्त के तौर पर 1285 करोड़ रुपये दिए गए हैं।प्रदत्त धनराशि के बराबर संबंधित प्राधिकरण-परिषद को अपने पास से मैचिंग राशि मिलानी होगी।75 प्रतिशत धनराशि खर्च होने का प्रमाण पत्र देने के बाद ही दूसरी किस्त जारी की जाएगी। प्राधिकरण-परिषद को प्रस्तावित टाउनशिप में पर्याप्त पेयजल व भू-गर्भ जल संरक्षण की समुचित व्यवस्था करना होगा। नगरीय क्षेत्रों के सुनियोजित व सुव्यवस्थित विकास के साथ नगरीय जनसंख्या को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए योगी सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण,नये शहर प्रोत्साहन योजना चालू की है।योजना के तहत प्राधिकरणों को भूमि अर्जन में आने वाले खर्च के 50 प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा सीड कैपिटल के रूप में अधिकतम 20 वर्ष की अवधि के लिए दिए जाने की व्यवस्था है।
विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से, 17 को पेश हो सकता है अनुपूरक बजट
-सत्र हंगामेदार होने के आसार प्रबल,पक्ष विपक्ष दोनों तैयार
आगामी 16 दिसंबर से शुरू हो रही विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में 17 दिसंबर को अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। महाकुंभ पर केंद्रित अनुपूरक बजट का आकार 12 से 15 हजार करोड़ रुपये के बीच होने की संभावना है। सत्र काफी हंगामेदार होने आसार हैं। विपक्ष कई मुद्दों को लेकर तैयार है।
सरकार ने भी पूरी तैयारी की है। सत्र के पहल दिन औपचारिक कार्य अध्यादेशों, अधिसूचनाओं, नियमों को सदन के पटल पर रखा जाएगा और विधायी कार्य होंगे।17 दिसंबर को अनुपूरक बजट पेश किया होगा। 18 दिसंबर को अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। 19 और 20 दिसंबर को विधायी कार्य होंगे। 20 दिसंबर को सदन आधे दिन संचालित होगा।अनुपूरक बजट का मुख्य हिस्सा महाकुंभ के लिए परिवहन विभाग, नगर विकास विभाग सहित कुंभ से जुड़े अन्य विभागों को आवंटित हो सकता है। औद्योगिक विकास, एमएसएमई को भी बजट में हिस्सा दिया जाएगा विभागों के पास पूर्व में आवंटित बजट ही काफी बचा है। भारत सरकार से भी अनुदान, वित्त आयोग सहित अन्य मदों से धन आ रहा है। 2.34 लाख करोड़ रुपये मार्च तक केंद्र से मिलना है। फरवरी के दूसरे हफ्ते में पूर्ण बजट आना है, इसलिए अनुपूरक बजट का आकार छोटा रहने की संभावना है। अनुपूरूक बजट के लिए विभागों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। जुलाई में 12209 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया। तब बजट में सर्वाधिक 7500 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास के लिए आवंटित किए गए थे।
बताते हैं कि जो अध्यादेश आने वाले हैं, उनमें क्रमशः उप्र निजी विश्वविद्यालय सातवां संशोधन अध्यादेश 2024,उप्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग संशोधन अध्यादेश 2024,उप्र गो-सेवा आयोग संशोधन अध्यादेश 2024,उप्र निजी विश्वविद्यालय आठवां संशोधन अध्यादेश 2024,उप्र राज्य लोक सेवा आयोग प्रकिया का विनियमन संशोधन अध्यादेश उप्र निजी विश्वविद्यालय नौवां संशोधन अध्यादेश 2024,उप्र माल और सेवा कर संशोधन अध्यादेश 2024 उप्र निजी विश्वविद्यालय दसवां संशोधन अध्यादेश 2024 और उप्र राज्य क्रीडा विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश 2024 हो सकते हैं।
कृषि मंत्री की अध्यक्षता में हुई कृषि स्थायी समिति की बैठक
समिति के सदस्यों ने कृषि क्षेत्र की उन्नति के लिए दिए सुझाव,आगामी योजनाओं में सुझावो को शमिल करेंगे-शाही
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में कृषि स्थायी समिति की बैठक बुधवार को विधानसभा के सभागार में आयोजित की गई। इस दौरान समिति के लिए नामित जनप्रतिनिधियों द्वारा विविध विषयों पर अपने सुझाव रखे गए। कृषि स्थायी समिति की बैठक के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा समिति के सदस्यों को वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के अन्तर्गत कृषि कार्यक्रमों की प्रगति, फसलोत्पादन योजनाओं, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, वेदर इन्फारमेशन नेटवर्क डाटा सिस्टम विंड्स एग्रीस्टैक योजनान्तर्गत फार्मर रजिस्ट्री अभियान सहित अन्य विभागीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी दी।श्री शाही ने कहा कि विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में समय पर उचित मात्रा में खाद उपलब्ध कराने का कार्य किया गया। बीजों के लिए दी जा रही सब्सिडी को एट सोर्स कर दिया गया। किसानों को बीज खरीदते समय ही सब्सिडी उपलब्ध करा दी जाती है, उन्हें इसके लिए इंतजार नहीं करना पड़ता। किसानों की ऊर्जा मांग को देखते हुए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान पीएम किसान के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में नवंबर 2024 तक 53250 के सापेक्ष 19478 सोलर पंप स्थापित किया जा चुके हैं।उन्होंने कहा कि इसके साथ ही खेत तालाब योजना के अंतर्गत गत वर्ष 3370 तालाब तैयार कराए गए थे, जबकि इस वित्तीय वर्ष में 8499 की सापेक्ष अभी तक 1428 खेत तालाब तैयार किये जा चुके हैं। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 54 जनपदों में परंपरागत कृषि विकास योजना संचालित की जा रही है। गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों में नमामि गंगे योजना चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत रसायनमुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।इस दौरान स्थाई समिति के सदस्य गणों द्वारा मंडी परिषद की सड़कों की गुणवत्ता सुधारने, निराश्रित गोवंश के आश्रय स्थलों की व्यवस्था को बेहतर किए जाने, पराली प्रबंधन को किसानों के लिए लाभदायक बनाए जाने तथा जिला स्तर पर कृषि विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम और योजनाओं में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित किए जाने सहित अन्य विषयों पर अपने सुझाव रखें। इन सुझावों पर कृषि मंत्री ने कहा कि सदस्यों के स्वागतयोग्य सुझावों को आगामी योजनाओं में शामिल किए जाने का प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर स्थाई समिति के सदस्यों में बाबूलाल आगरा, जवाहर लाल राजपूत झांसी, राजेन्द्र सिंह पटेल फतेहपुर, मूलचन्द्र सिंह जालौन, राजीव सिंह ऊर्फ बब्लू भइया बदायूं, विनोद शंकर अवस्थी खीरी, प्रभात कुमार वर्मा गोण्डा, सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा कुशीनगर, प्रदीप यादव औरैया, अखिलेश आजमगढ़, डॉ संग्राम यादव आजमगढ़ तथा प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र, कृषि निदेशक एवं कृषि विभाग के उच्चाधिकारी शामिल रहे।
देहरी पूजन में शामिल लोगों को किया गया सम्मानित
अखण्ड आर्यावर्त आर्य त्रिदंडी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने आगरा व मथुरा के दो दिवसीय प्रवास के दौरान कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। श्रीकृष्ण जन्मभूमि में देहरी पूजन कर शौर्य दिवस मनाने वाली मथुरा की जिला अध्यक्ष छाया गौतम, आगरा के प्रदेश संयोजक गोपाल सिंह चाहर, धर्मेन्द्र धाकड़, पूजा पाण्डेय, चन्द्रकांत पाण्डेय, नीरज गौतम सहित पूजन में शामिल कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने जिले के पार्टी इकाई के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ हुयी । काफी संघर्षों के बाद राम मन्दिर की तरह देश के अन्य हिन्दू धार्मिक स्थलों को पूरी तरह से मुक्त कराने के लिये पार्टी बराबर संघर्ष करती रहेगी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सनातनियों को एकजुट करने के लिये प्रत्येक मंगलवार को मन्दिरों में सामूहिक सुन्दरकांड और महाआरती करने का आह्वान किया। बीते छह दिसम्बर को पार्टी के आह्वान पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर देहरी पूजन कार्यक्रम के दौरान मथुरा जिला अध्यक्ष छाया गौतमख् आगरा के गोपाल सिंह चाहर सहित कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस प्रशासन ने जेल भेज दिया था जो जमानत पर रिहा हुऎ है।
बिना बुलाए किसी के घर नहीं जाना चाहिए- गोविंद
-मन में छल कपट हो तो पूर्ण नही होती कोई कामना
यदि धन चला जाए तो फिर आ जायेगा, बीमारी आई तो औषधि से दूर हो जाएगी, लेकिन चरित्र चला गया तो वापस नहीं आयेगा। समाज में जिसका चरित्र उत्तम है उसकी कहीं पराजय नहीं हो सकती है। जब तक घर में स्त्री और बड़ों का सम्मान नहीं होगा तब तक शांति नहीं आएगी। विश्वनाथ मन्दिर के 33वें स्थापना दिवस पर श्रीरामलीला पार्क सेक्टर-’ए’ सीतापुर रोड योजना कालोनी में चल रहे शिव पुराण कथा के चौथे दिन बुधवार को कथा व्यास पं. गोविंद मिश्रा ने सती विवाह और मां पार्वती के जन्म का प्रसंग सुनाया।
उन्होंने कहाकि भगवान शिव की अनुमति लिए बिना सती अपने पिता दक्ष के यहां यज्ञ में पहुंच गई। यज्ञ में भगवान शिव को निमंत्रण नहीं दिए जाने से कुपित होकर सती ने यज्ञ कुंड में आहुति देकर शरीर त्याग दिया। इस कथा से ये सीख मिलती है कि कभी भी बिना बुलाए किसी के घर या किसी कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए। पं. गोविंद मिश्रा ने कहा कि शिव की भक्ति निष्काम भक्ति होती हैं, भक्त की कामना को शिव अवश्य पूरा करते है। लेकिन मन में छल कपट हो तो कोई कामना पूर्ण नहीं होती है। बिना भक्ति के ज्ञान नहीं आ सकता, इसलिए भगवान की भक्ति जरूरी है। भगवान शिव ने नौ प्रकार की भक्ति का उपदेश माता सती को दिया है। भक्ति से हम प्रभु श्रीराम, भोलेनाथ को पा सकते हैं। भक्ति जीवन में है तो भक्त का कल्याण जरूर होगा।कथा में “भज नारायण को नाम रे…”, “किसने सजाया तुमको भोले, बड़ा प्यारा लागे बड़ा न्यारा लागे…”, “कथा रामजी की है कल्याणकारी, करेगी मगर ये असर धीरे धीरे…” जैसे भजनों पर भक्त जमकर झूमे।
नौ महीने में यूपी आए 47.61 करोड़ पर्यटक,घरेलू पर्यटकों की संख्या 47.47 करोड़ और विदेशी पर्यटकों की संख्या 14 लाख के ऊपर
-यूपी को पर्यटकों के मामले में अग्रणी राज्य बनाने के लिए सरकार कटिबद्ध- जयवीर
वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में आये बदलाव और बेहतर कानून व्यवस्था एवं सराहनीय कनेक्टिविटी के चलते उत्तर प्रदेश में विगत 09 माह में 47.61 करोड़ पर्यटकों ने भ्रमण किया। इसमें घरेलू पर्यटकों की संख्या 47.47 करोड़ और विदेशी पर्यटकों की संख्या 14 लाख अधिक रही, जिसके फलस्वरूप पर्यटन सेक्टर से जुड़े व्यावसायियों तथा कारोबारियों में गजब का उत्साह देखा गया। साथ ही निवेश एवं रोजगार तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को गतिशीलता प्राप्त हुई। राज्य सरकार पर्यटन सेक्टर को प्राथमिकता देने के लिए प्रयासरत है कि देश में आने वाला हर विदेशी पर्यटक एक बार उत्तर प्रदेश अवश्य पधारे। पर्यटक फ्रेण्डली वातावरण तैयार किया गया है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि राज्य पर्यटन में बढ़ोतरी के मुख्य केंद्र मेंधार्मिक और आध्यात्मिकता हैं। मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है। इस पावन भूमि पर नौ माह में 135590523 पर्यटक आए, जिसमें 135587370 घरेलू पर्यटक और 3153 विदेशी श्रद्धालु हैं। इसी तरह, भगवान कृष्ण की स्थली मथुरा में कुल 68155926 श्रद्धालु पहुंचे, जिसमें 68068697 घरेलू और 87229 विदेशी पर्यटक आए। प्राचीनतम नगरी के रूप में विश्वविख्यात काशी जो कि भगवान शिव के त्रिशूल पर विराजमान है। यहां 62718417 श्रद्धालु आए, जिसमें 62534381 घरेलू और 184036 विदेशी पर्यटक हैं। प्रयागराज जिसे तीर्थराज भी कहा जाता है, यहां 48010970 पर्यटक आए, जिसमें 48006180 घरेलू और 4790 विदेशी पर्यटक आए। मीरजापुर में कुल 11818401 पर्यटक पहुंचे। वाराणसी और मथुरा के अलावा आगरा व कुशीनगर आदि स्थलों पर बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक पहुंचे। कुशीनगर में 1620920 पर्यटक आए, जिसमें 153165 विदेशी और 1467755 घरेलू पर्यटक हैं। आगरा में कुल 12518887 सैलानी आए, जिसमें 11594626 घरेलू और 924261 विदेशी पर्यटक हैं। सिद्धार्थनगर में कुल 86215 पर्यटक आए जिसमें 75343 घरेलू और 10872 विदेशी श्रद्धालु हैं। कुशीनगर और सिद्धार्थनगर बुद्धिस्ट सर्किट का महत्वपूर्ण गंतव्यस्थल हैं। पर्यटकों ने ईको सर्किट में भी खूब रुचि दिखाई है। लखीमपुर खीरी में 4652805, पीलीभीत में 3061800, बिजनौर में 3441081 और सोनभद्र में 1942063 पर्यटक भ्रमण के लिए पहुंचे हैं।
जयवीर सिंह बताया अतिथि हमारे लिए पूजनीय हैं। उनके आतिथ्य-सत्कार को हम अपना सौभाग्य मानते हुए कार्य करते हैं। पिछले वर्ष पूरे 12 माह में 48 करोड़ पर्यटक आए थे, जबकि मौजूदा वर्ष के नौ माह में ही लगभग उतनी संख्या पहुंच गई। पर्यटकों को बेहतर अनुभव देने के लिए सरकार निरंतर प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा, हमारा प्रयास है कि यहां आने वाला प्रत्येक पर्यटक यूपी टूरिज्म के ब्रांड एम्बेस्डर के रूप में काम करे।
केंद्र सरकार को मित्रों की पड़ी है, किसानों की नहीं -लोकदल
लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने किसानों पर हो रहे अत्याचार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि किसानो पर हो रहे अत्याचार को देख कर दिल दुखता है।बहुत दुख की बात है कि सरकार को अपने मित्रों की पड़ी है पर किसानों की कोई परवाह नहीं है।यह देश जहां किसानों का सम्मान होता था तो आज उन्हें लाठी, डंडों , आसू गैस, कटीले तारों और बंदूक की गोलियों का सामना कर अपने हक की लड़ाई लड़ना पड़ रहा है। इस देश में किसानों को अन्नदाता कहा जाता था लेकिन आज सरकार किसानों पर सबसे ज्यादा जुल्म कर रही है। एक समय में किसान पर कोई बात आ जाये तो सरकार इधर से उधर हो जाती थी, पर आज ऐसी तानाशाह सरकार है कि पिछले आंदोलन में 700 किसानों की जान गई। सरकार ने किसानों से वादा किया पर वादा पूरा नहीं किया।पुनः सरकार जिस हिसाब से गोलियाँ चला रही है, आंसू गैस छोड़ रही है, काँटे, कीले, बैरिकेड लगा रही है, इससे साफ है की सरकार को किसान की जान की कोई परवाह नहीं है।
मनरेगा से गांवों में बन रहे अन्नपूर्णा भवन,अत्याधुनिक सुविधाओं वाले भवनों में शिफ्ट हो रहे खाद्य गोदाम
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में मनरेगा से गांवों में बन रहे अन्नपूर्णा भवन बनाये जा रहे हैं।महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत खाद्यान भण्डारण संरचनाओं का निर्माण, जिनका उपयोग उचित दर की दुकानों के लिए भी किया जा सकता है, ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत सरकारी जमीन पर खाद्यान भण्डारण संरचना अन्नपूर्णा भवन का निर्माण कार्य निरंतर जारी है। इसमें एक हॉल, एक प्रतीक्षालय के साथ साथ जनसेवा केंद्र संचालन की व्यवस्था की जा रही है।प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अंतर्गत राशन मॉडल शॉप अन्नपूर्णा भवन का निर्माण कार्य जारी है। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2800 से ज्यादा कार्य प्रारंभ कराये जा चुके हैं, जबकि इनमें से बड़ी संख्या अन्नपूर्णा भवन बनकर तैयार भी हो चुके हैं, जबकि करीब 2763 कार्य प्रगतिशील हैं।उचित दर विक्रेताओं की दुकानें संकरी गलियों में होने के कारण खाद्यान वाहन और आम जनमानस को दुकान तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था। ग्राम सभाओं में अब अन्नपूर्णा भवन विकसित होने से खाद्यान वाहन और आम जनमानस की पहुंच आसान हुई है।उचित दर दुकानों की व्यवहार्यता बढ़ाने के लिए यहां से विद्युत देयकों का भुगतान, सी.एस.सी सेवाएं, पी.एम वाणी के अंतर्गत ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने के साथ-साथ आम जनमानस की रोजमर्रा की आवश्यकता की वस्तुओं की बिक्री की भी अनुमति प्रदान की गई है।एक भाग में उचित दर की दुकान होगी। इसमें खाद्यान्न संग्रहण की भी व्यवस्था है। स्टोर के दूसरे भाग में जन सुविधा केंद्र एवं जनरल स्टोर का संचालन किया जाएगा।यह उचित दर दुकान अन्नपूर्णा भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी। यहां सीसीटीवी कैमरे के साथ ही इंटरनेट की भी सुविधा होगी।
पीआरडी का मनाया गया स्थापना दिवस ,प्रान्तीय रक्षक दल शान्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का कर रहा निर्वहन- गिरीश
युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग द्वारा जेल रोड, आनन्द नगर स्थित महानिदेशालय पर 76वें प्रान्तीय रक्षक दल पीआरडी स्थापना दिवस समारोह का आयोजन परेड ग्राउण्ड में आज किया गया। स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार युवा कल्याण एवं खेल गिरीश चन्द्र यादव द्वारा पीआरडी जवानों की रैतिक परेड का निरीक्षण करने के उपरान्त मान-प्रणाम स्वीकार किया गया।इस अवसर पर गिरीश चन्द्र यादव द्वारा अपने उद्बोधन में पीआरडी जवानों द्वारा थाना, यातायात एवं अन्य शासकीय विभागों तथा अर्ध-शासकीय संस्थानों में की जा रही ड्यूटी की सराहना की गयी। उन्होंने कहा कि पीआरडी जवानो द्वारा पुलिस बल के सहयोगी यूनिट के रूप में कार्य करने के साथ महत्वपूर्ण शासकीय कार्यालयों की सुरक्षा का भी दायित्व कुशलतापूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। विभिन्न शासकीय एवं अर्द्धशासकीय विभागों एवं संस्थानां द्वारा पीआरडी जवानों के सराहनीय कार्यों से प्रभावित होकर उनकी ड्यूटी की मांग लगातार की जा रही है। इस प्रकार वर्तमान में प्रान्तीय रक्षक दल प्रदेश के शान्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था के महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी कर्मठता एवं समर्पण के साथ किया जा रहा है।इस मौके पर खेल मंत्री द्वारा विजेता प्लाटूनों के प्लाटून कमाण्डर्स को एवं परेड कमाण्डर्स को ट्रॉफी प्रदान की गयी। विजेता प्लाटूनों के पीआरडी जवानों को उप निदेशक अजातशत्रु शाही द्वारा पुरस्कार वितरित किया गया तथा पी.आर.डी. ब्रॉस बैण्ड के सराहनीय प्रदर्शन हेतु 5000 रूपये का नकद पुरस्कार दिया गया। स्थापना दिवस समारोह के अन्तर्गत 11 एवं 12 दिसम्बर को पी.आर.डी. जवानों की खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा रहा है। वॉलीबाल, रस्साकसी, दौड़ एवं गोला फेक में स्पर्धाओं का आयोजन किया जायेगा। खेल प्रतियोगिता के विजयी जवानों को 12 दिसम्बर को पुरस्कृत किया जायेगा।
कार्यक्रम में पीआरडी जवानों की रैतिक परेड के दौरान प्रदेश की 10 प्लाटूनों द्वारा शानदार प्रदर्शन किया गया। परेड के दौरान लखनऊ ज़ोन, बरेली ज़ोन, झांसी ज़ोन, गोरखपुर ज़ोन, वाराणसी ज़ोन, प्रयागराज ज़ोन एवं मेरठ ज़ोन की प्लाटूनों ने प्रतिभाग किया।पीआरडी की महिला प्लाटून पूर्वी एवं महिला प्लाटून पश्चिमी एवं पीआरडी आपदा मोचक प्रहरी प्लाटून द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। रैतिक परेड में प्लाटूनों के प्रदर्शन एवं टर्नआउट के आधार पर होमगार्ड्स विभाग एवं कारागार विभाग के निर्णायकों द्वारा प्रदान किए गए अंक के आधार पर परिणाम घोषित किया गया, जिसमें महिला प्लाटून पूर्वी स्वाती सिंह, लखनऊ को प्रथम स्थान, मेरठ ज़ोन के कुलदीप पुनिया, बुलन्दशहर को द्वितीय स्थान तथा गोरखपुर ज़ोन के अर्जुन सिंह, महाराजगंज को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।रैतिक परेड के दौरान बरेली ज़ोन के प्लाटून कमाण्डर फहद अली खान, कानपुर जोन के प्लाटून कमाण्डर दीपक वर्मा, लखनऊ जोन के प्लाटून कमाण्डर श्यामजी यादव, वाराणसी जोन के प्लाटून कमाण्डर राजन कुमार यादव, प्रयागराज जोन के प्लाटून कमाण्डर प्रशान्त कुमार दुबे, आपदा मोचक प्रहरी प्लाटून के कमाण्डर सुमित सिकरवार तथा महिला प्लाटून पश्चिमी की प्लाटून कमाण्डर रागिनी सिंह के नेतृत्व में पीआरडी जवानों द्वारा बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। रैतिक परेड का संचालन परेड कमाण्डर अनमोल सिंह, सीतापुर द्वारा किया गया जिसमें उनका सहयोग परेड कमाण्डर द्वितीय, मनोज कुमार, बदायूं एवं परेड एडज्यूटेन्ट श्वेतांक मिश्र, चन्दौली द्वारा किया गया।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में शिव गोपाल सिंह, विशेष सचिव, युवा कल्याण, महानिदेशक, प्रान्तीय रक्षक दल एवं युवा कल्याण सुहास एलवाई, उप निदेशक आदित्य कुमार, संजय कुमार सिंह, मेघना सोनकर, संदीप कुमार एवं अन्य विभागीय अधिकारी तथा होमगार्ड्स विभाग एवं कारागार विभाग के अधिकारी एवं जवान उपस्थित रहे।
वाराणसी में सड़क निर्माण हेतु 67.77 लाख रूपये मंजूर
प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत जनपद वाराणसी में सड़क निर्माण से संबंधित विभिन्न कार्यों हेतु 67.77 लाख रूपये मंजूर किये गये हैं। मंजूर की गई धनराशि जिलाधिकारी, वाराणसी के निवर्तन पर रखी गई है। इस संबंध में जारी शासनादेशों की प्रति जिलाधिकारी, वाराणसी को प्रेषित कर दी गई है।शासनादेश के अनुसार वाराणसी के ग्राम सभा मंहगीपुर में भाऊपुर-सत्तनपुरन पिच रोड से मंहगीपुर के आबादी में इण्टरलॉकिंग कार्य हेतु 14.83 लाख रूपये, ओम साई राम कालोनी मीरापुर बसही में ब्रम्ह बाबा स्थान से हरिजन बस्ती होते हुए श्री दिलीप सिंह के मकान तक नवनिर्माण कार्य हेतु 20.33 लाख रूपये, वार्ड नं0 34 इंद्रा नगर कालोनी में सड़क निर्माण एवं पटरी के किनारे इंटरलॉकिंग निर्माण कार्य हेतु 13.52 लाख रूपये तथा परमहंस नगर कालोनी में अर्जुन मारवाडी प्रशान्ति सिंह के आवास के पास अजित श्रीवास्तव के मकान से चौमुहानी में सड़क एवं पार्क का निर्माण कार्य हेतु 19.09 लाख रूपये मंजूर किए गयें हैं।
महोबा की परियोजना के लिए 122.66 लाख रूपये मंजूर
प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में बुंदेलखण्ड विकास निधि राज्यांश के तहत महोबा की एक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 122.66 लाख रूपये मंजूर किये हैं। मंजूर की गई धनराशि मुख्य विकास अधिकारी, महोबा के निवर्तन पर रखी गई है। इस संबंध में जारी शासनादेश की प्रति मुख्य विकास अधिकारी, महोबा को प्रेषित कर दी गई है।शासनादेश के अनुसार मंजूर की गई धनराशि से जनपद महोबा के छानी से रिवई संपर्क मार्ग का नवनिर्माण कार्य कराया जायेगा। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि यह धनराशि केवल इसी परियोजना पर ही मानक विशिष्टियों के अनुरूप व्यय की जायेगी।
वाराणसी के 02 मार्गों हेतु 02 करोड़ 22 लाख 96 हजार अवमुक्त
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य सड़क निधि योजना के अन्तर्गत वाराणसी मण्डल के जनपद वाराणसी के कुल 02 मार्गों के स्वीकृत एवं चालू कार्यों हेतु 02 करोड़ 22 लाख 96 हजार रूपए की अवशेष धनराशि अवमुक्त की गयी है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। वाराणसी के इन 02 चालू कार्यों में आशापुर से म्यूजिमय मार्ग सतह सुधार, इन्टरलांकंग, चेकर्ड टाइल्स, रोड फर्नीचर एवं अन्य विविध कार्य हेतु रू0 42 लाख 96 हजार तथा भोजूबीर सिन्धौरा अन्य जिला मार्ग के चौनेज 2.00 से 23.200 तक विशेष मरम्मत के साथ नवीनीकरण कार्य हेतु 01 करोड़ 80 लाख कुल 02 करोड़ 22 लाख 96 हजारकी धनराशि अवमुक्त कर दी गयी है।जारी शासनादेश में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि आवंटित धनराशि का उपयोग प्रत्येक दशा में 31 मार्च 2025 तक कर लिया जाय एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को 30 अप्रैल 2025 तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय।
मेरठ-बड़ौत राज्य मार्ग संख्या-119 के किमी0 35 में हिण्डन नदी पर नये सेतु, पहुंच मार्ग हेतु 16 करोड़ 82 लाख 70 हजार स्वीकृत
राज्य सरकार द्वारा राज्य योजना सामान्य के अन्तर्गत बागपत में मेरठ-बड़ौत राज्य मार्ग संख्या-119 के किमी-35 में डिण्डन नदी पर क्षतिगस्त सेतु स्थान पर नये सेतु, पहुंच मार्ग, सुरक्षात्मक कार्य हेतु कुल रू0 16 करोड़ 82 लाख 70 हजार की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुये वित्तीय वर्ष 2024-25 रूप 08 करोड़ 41 लाख 35 हजार की धनराशि शासन द्वारा अवमुक्त कर दी गयी है।
रिमोट सेंसिंग के जरिए सतत भविष्य की ओरः लखनऊ में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ
उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, उत्तर प्रदेश एवं डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग और इंडियन सोसाइटी ऑफ जियोमेटिक्स की वार्षिक राष्ट्रीय संगोष्ठी विषयक “रिमोट सेन्सिंग फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर : ए रोडमैप टूवार्डस् विकसित भारत’’ का शुभारम्भ 32 वर्षों के बाद आज लखनऊ में हुआ। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम 11 से 13 दिसंबर तक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में आयोजित हो रहा है। संगोष्ठी का उद्घाटन आज सुबह 10ः30 बजे उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार द्वारा किया गया। इस संगोष्ठी में देश-विदेश के 1000 से अधिक वैज्ञानिक, प्रोफेसर, अधिकारी एवं शोध छात्र भाग ले रहे हैं। यह आयोजन प्रदेश के वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास में एक नयी दिशा प्रदान करेगा तथा देश के नवोन्मेषी दृष्टिकोण को सशक्त करेगा।राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग ने अपने वार्षिक पुरस्कार भी प्रदान किए। इन पुरस्कारों से रिमोट सेंसिंग और जियोमेटिक्स के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सम्मानित किया गया। फेलो ऑफ इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग का सम्मान श्री शांतनु भटावडेकर, डॉ.आरपी सिंह, डॉ. राजकुमार, प्रोफेसर डॉ. वाईएस राव, और डॉ. पीपी नागेश्वर राव को प्रदान किया गया। भास्कर अवार्ड डॉ. प्रकाश चौहान को प्रदान किया गया। सतीश धवन अवार्ड प्रोफेसर डॉ. अंजना व्यास को प्रदान किया गया। नेशनल जियोस्पेशियल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस डॉ. अनिल कुमार लोहानी और डॉ. राजश्री बोथाले को प्रदान किया गया।डॉक्टर एमएस यादव इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के अयोजक सचिव ने कहा कि आईएसआरएस की स्थापना 1969 में हुई थी, और वर्तमान में इसके 6,300 सदस्य हैं, जिनमें वैज्ञानिक, प्रोफेसर एवं शोधकर्ता शामिल हैं। संगठन का उद्देश्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग कर मानवता की सेवा करना है। उन्होंने इस संगोष्ठी में पधारे सभी सम्मानित अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।इस संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव पंधारी यादव, बोर्ड ऑफ रेवन्यू के चेयरमैन अनिल कुमार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष सचिव एवं रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, उत्तर प्रदेश के निदेशक शीलधर सिंह यादव, आईएसआरएस के अध्यक्ष डॉ. एस.पी. अग्रवाल, आईएसजी के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश चौहान, एकेटीयू के प्रो. बीएन मिश्रा और अन्य प्रमुख वैज्ञानिक और अधिकारी उपस्थित थे।
टेक होम राशन प्लान्ट तैयार कर रहे उच्च गुणवत्ता का पुष्टाहार
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा टीएचआर प्लान्टो की उपयोगिता बढ़ाने व सक्रिय रूप से पूरी गति के साथ संचालित करने के प्रभावी दिशा निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश के 43जनपदों में 204 टेक होम राशन प्लांट संचालित किये जा रहे हैं।
टेक होम राशन प्लांट द्वारा पौष्टिक, सुरक्षित, पैकेज्ड, गुणवत्ता सुनिश्चित टेक होम राशन का महिला समूहों द्वारा विकेंद्रीकृत उत्पादन और वितरण किया जा रहा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला समूहों द्वारा प्रबंधित विकेन्द्रीकृत टीएचआर टेक होम राशन इकाइयों की स्थापना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत की गयी हैं, जिसमे टेक होम राशन का उत्पादन और आंगनवाड़ी केंद्रों तक वितरण महिला समूह की सदस्यों के द्वारा की जाती है। वर्तमान में राज्य में 43 जनपदों में 204 प्लांट स्थापित हैं, जो पुष्टाहार का निर्माण कर नियमित रूप से आंगनवाड़ी केंद्रों तक वितरण करती हैं।राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक राज्य में टीएचआर इकाइयों द्वारा 1.48 लाख मीट्रिक टन से अधिक टीएचआर का उत्पादन किया है। विकासखंड से चयनित 18-20 योग्य महिलाओं का एक एओपी एसोसिएशन ऑफ़ पर्सन्स बनाया गया है ,जो उत्पादन और वितरण का कार्य करती एवं पुष्टाहार का उत्पादन कर आंगनवाड़ी केंद्रों तक पहुंचाती हैं। टीएचआर इकाइयों द्वारा छह व्यंजन तैयार किए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक विशिष्ट आयु वर्ग के लिए है। यह 12 सूक्ष्म पोषक तत्वों से फोर्टिफाइड है। राज्य की 204 टीएचआर इकाइयों ने 1.08 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में 1.15 करोड़ लाभार्थियों को रेसिपी आधारित टीoएचoआर प्रदान किया है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि मिशन का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने के अलावा, स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने, लीकेज को दूर करने और आंगनवाड़ी केंद्रों तक समय पर पुष्टाहार उपलब्घ करने में भी प्रयासरत रहा है। आईसीडीएस योजना और आंगनबाड़ियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में, टेक होम राशन , पूरक पोषण सबसे महत्वपूर्ण सेवाओं में से एक है। टीएचआर का उद्देश्य गर्भवती और धात्री महिलाओं, 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और किशोरी बालिकाओं में कुपोषण को कम करना और इसकी रोकथाम करना है।