बरेली ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि भारत सरकार द्वारा सी ए ए कानून लागू किये जाने के बाद आज पहली जुमे की नमाज थी, बड़ी खुशी की बात है की जुमे की नमाज शांति पूर्वक और अदा की गई। दर असल मुसलमानों के दरमियान सी ए ए कानून को लेकर जो गलतफहमियां थी वो बडी हद तक दूर हो चुकी है, अब मुसलमान इस कानून को बखूबी समझ चुका है कि ये कानून भारतीय मुसलमानो के लिए नहीं है और ये कानून नागरिकता देता है छिनता नहीं है। ये कानून उन लोगों के लिए है जो गैर मुस्लिम पाकिस्तान, बंगलादेश, अफगानिस्तान से भारत आए और यहां सालों से रह रहे हैं उनको नागरिकता देगा, इस कानून से भारतीय मुसलमानो का कोई लेना-देना नहीं है।
मौलाना ने कहा कि आज जुमे की नमाज पुरानी रिवाज के मुताबिक परम्परागत तरीके से अदा की गई, मस्जिद में ईमामों ने सी ए ए पर कोई तकरीर नहीं की और न धरना प्रदर्शन किया एतराज मशविरा भी नहीं हुए, ये बड़ी खुशी की बात है।
मौलाना ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने सी ए ए के लागू होने के बाद बयान देते हुए कहा था कि अगर रोड पर उतरे तो उनके लिए हमारे पास डंडा भी है और डाटा भी। इतने बड़े ओहदे की जिम्मेदारी संभालने वाले व्यक्ति को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता है, इनके पास जो इनपुट था वो ग़लत था, मुसलमानो ने धरना व प्रदर्शन, और एतराज न करके पूरे देश के लोगों को एक अच्छा पैगाम दिया है