LUCKNOW:एक जनपद के पॉच निदेशक, पारदर्शिता पर सवाल, दर्ज कराया विरोध,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:A.S.CHAUHAN || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS

लखनऊ। प्रदेश की बिजली कंपनियों में 17 निर्देशकों के पदों पर लंबे संघर्ष के बाद दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं को बुलाने की औपचारिकता करने के बाद कल निर्देशकों के पद का चयन हेतु आदेश जारी किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों से एक भी दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता को निदेशक के पद पर चयन नहीं किया गया जो यह दर्शाता है कि कहीं ना कहीं निदेशको के चयन में बड़ा भेदभाव किया गया है। जिसकी दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं ने निंदा करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है। संगठन ने कहा सबसे बड़ी चिंता की बात यह है देश के बड़े निजी घराने जो उत्तर प्रदेश में निजीकरण के पश्चात आना चाहते हैं उनके कार्मिकों को सबसे ज्यादा मौका दिया गया है। जिससे वह आकर यहां की गोपनीय सूचना आसानी से उनको दे सकें। संगठन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग उठाई है कि निदेशको की चयन की प्रक्रिया निरस्त की जाए और निष्पक्ष कमेटी से पुनः साक्षात्कार कराकर दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के साथ न्याय किया जाए।

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपीकेन कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर, नेकीराम, महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा, संयुक्त सचिव एक प्रभाकर, पी. के. सागर, लेसा अध्यक्ष प्रभाकर सिंह ने अपने बयान में कहा संगठन पहले ही यह मुद्दा उठा चुका है कि जब तक निर्देशकों के पद पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं लागू होगी उन्हें चयन नहीं किया जाएगा। क्योंकि इसका सबसे पुख्ता उदाहरण यह है कि चयन की बात तो दूर उन्हे इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया था। जब अनुसूचित जाति जनजाति आयोग व पिछड़ा वर्ग आयोग ने हस्तक्षेप किया तब उन्हें बुलाया गया। संगठन के नेताओं ने कहा चयन प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता का उदाहरण यह है कि केवल गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) से ही पांच निदेशक बनाए गए हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि एक जाति विशेष के लोगों को आधा दर्जन से ज्यादा निदेशक के पद पर चयन किया गया है।

निजीकरण सलाहकारो के झूठे शपथ पत्र सार्वजनिक किए जाए-उपभोक्ता परिषद

-तुरंत टेंडर किये जाएँ निरस्त

उत्तर प्रदेश में निजीकरण पर अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज खबर का खुलासा उपभोक्ता परिषद करने जा रहा है उपभोक्ता परिषद द्वारा कल ही यह खुलासा किया गया था कि 42 जनपदों के लिए निजीकरण का मसौदा तैयार करने के लिए जो कंसलटेंट ग्रांट थॉर्नटन भारत नियुक्त किया गया है उसके खिलाफ पब्लिक कंपनी अकाउंटिंग ओवर साइट अमेरिका(पीसीएओबी) द्वारा सेंसर की कार्रवाई करते हुए 40000 डॉलर पेनल्टी लगाई गई। इस कंसलटेंट कंपनी ने झूठा शपथ पत्र दिया। उपभोक्ता परिषद ने झूठे शपथ पत्र की प्रति को सार्वजनिक किया हे। उपभोक्ता परिषद ने कहा ग्रांट थॉर्नटन के देखरेख में जो 12 अप्रैल को होटल ताज में देश के बड़े उद्योगपतियों की बैठक बुलाई गई है उसे तत्काल निरस्त किया जाए।मुख्यमंत्री जी उपभोक्ता परिषद आपसे मांग करता है कि पूरे मामले पर हस्तक्षेप करें और इस भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाकर जनता को एक संदेश दें।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा पावर कारपोरेशन में निजीकरण के टेंडर में ग्रांट थ्रोनटन कंपनी द्वारा 24 फरवरी 2025 को एक नोटरी शपथ पत्र दाखिल किया गया जिसमें कहा गया कि पिछले तीन वर्षों में कंपनी के खिलाफ कोई एडवरस करवाई सहित कोई भी पेनाल्टी नहीं लगाई गई है। दूसरी ओर उपभोक्ता परिषद ने कहा 20 फरवरी 2024 को ग्रांट थॉर्नटन भारत के खिलाफ अमेरिका की पब्लिक कंपनी अकाउंटिंग आवर साइड बोर्ड द्वारा सेंसर की कार्रवाई करते हुए 40000 डॉलर की पेनल्टी लगाई गई। फिर ग्रांट थ्रोनटन कंपनी ने इस तथ्य को क्यों छुपाया। इसकी जानकारी उपभोक्ता परिषद ने आज पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन सहित पावर कारपोरेशन में टेंडर मूल्यांकन कमेटी के अध्यक्ष डायरेक्टर वित्त व कमर्शियल निधि कुमार नारंग को भी दे दी है। उपभोक्त परिषद की तरफ से कहा गया है कि तत्काल इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई जाए। जिस पर उनके द्वारा आशावसन दिया गया है कि पूरे मामले पर वह छानबीन करके नियम संगत कार्यवाही करेंगें।

निजी घरानों से बड़े पैमाने पर निदेशक बनाने की जांच हो: समिति

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि वाराणसी में 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में सैकड़ो करोड रुपए की नई बिजली परियोजनाओं के शिलान्यास के मद्देनजर विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जानी चाहिए।

संघर्ष समिति ने ट्रांजैक्शन कंसलटेंट के झूठे शपथ पत्र और सामने आए घोटाले को देखते हुए कहा है कि संघर्ष समिति के इस आरोप की पुष्टि हो गई है कि निजीकरण में भारी घोटाला हो रहा है। अतः निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल रद्द की जानी चाहिए। संघर्ष समिति ने बड़े पैमाने पर निजी घरानों से ऊर्जा निगमों में निदेशक बनाए जाने पर सवाल खड़ा करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज बताया कि 11 अप्रैल को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम विशेषता वाराणसी नगर में बिजली व्यवस्था के सुधार हेतु 500 करोड रुपए से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाने वाला है । यह सब धनराशि सरकारी क्षेत्र में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में खर्च की जायेगी। संघर्ष समिति ने कहा कि आरडीएसएस स्कीम लागू होने के बाद लगातार बिजली व्यवस्था में सुधार हो रहा है और ए. टी. एंड सी हानियां कम हो रही है। अब  प्रधानमंत्री द्वारा 500 करोड रुपए से अधिक की परियोजनाएं सरकारी क्षेत्र में विद्युत वितरण निगम के लिए स्वीकृत की जा रही है। इस धनराशि से बिजली व्यवस्था में और सुधार होगा। ऐसी स्थिति में व्यापक सुधार के बाद बिजली व्यवस्था निजी क्षेत्र को देने का क्या औचित्य है।

उन्होंने मांग की कि विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का निर्णय तत्काल निरस्त किया जाए।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन के झूठे शपथ पत्र और तमाम फर्जी दस्तावेजों के उजागर होने के बाद संघर्ष समिति के इस आरोप की पुष्टि हो गई है कि निजीकरण की सारी प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति प्रारंभ से ही कहती रही है कि निजीकरण की प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं है और मेगा भ्रष्टाचार हो रहा है।

ऊर्जा निगमों हेतु निदेशकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर निजी घरानों से लाकर निदेशक नियुक्त किए जाने पर भी सवाल खड़ा करते हुए संघर्ष समिति ने कहा कि इससे और स्पष्ट हो जाता है कि पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन और उत्तर प्रदेश शासन में बैठे हुए उच्च अधिकारी निजी घरानों से मिले हुए हैं और निजी कंपनियों को मदद करने के लिए ही निजी घरानों से निदेशक नियुक्त किए गए हैं। निजीकरण के विरोध में लखनऊ में हुई विशाल रैली के बाद आज सभी जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने संघर्ष के लिए घोषित किए गए कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु विचार विमर्श किया।

Aaj National

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *