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नई दिल्ली:नरेन्द्र मोदी और डॉ. मोहम्मद मुइज़ू ने की द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर बात,कई मुद्दों पर सहमति

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और विज़न के तहत मालदीव के साथ संबंधों को भारत द्वारा दिए गए महत्व को किया रेखांकित 

  • REPORT BY:ATUL TIWARI/AGENCY
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

नई दिल्ली:सोमवार को  नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़ू की मुलाकात हुई।इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा कर दोनों देशों द्वारा अपने ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और विशेष संबंधों को और मजबूत करने में की गई प्रगति का उल्लेख किया,जिसमे दोनों देशों के नागरिकों की बेहतरी में बड़ा योगदान दिया है।इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और विज़न सागर के तहत, मालदीव के साथ संबंधों को भारत द्वारा दिए गए महत्व को रेखांकित किया और मालदीव की विकास यात्रा और प्राथमिकताओं में मदद करने के लिए भारत की अटूट कटिबद्धता की पुनः पुष्टि की। मालदीव के राष्ट्रपति ने समय पर आपातकालीन वित्तीय मदद के लिए भारत को धन्यवाद दिया।मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़ू ने द्विपक्षीय मुद्रा स्वैप समझौते के रूप में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 30 बिलियन रुपये के रूप में समर्थन देने के भारत सरकार के निर्णय की प्रशंसा की, जो मालदीव की वर्तमान वित्तीय चुनौतियों से निपटने में सहायक है। दोनों नेताओं ने मालदीव को उसकी वित्तीय चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए आगे के उपायों को लागू करने पर भी सहमति व्यक्त की।नेताओं ने माना कि यह दोनों पक्षों के लिए सहयोग हेतु एक नया ढांचा तैयार करने का उपयुक्त समय है, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रूप से एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा भागीदारी में बदलना है, जो जन-केंद्रित, भविष्योन्मुखी है और यह हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता के लिए एक लंगर के रूप में कार्य करेगा।

राजनीतिक आदान-प्रदान पर बनी सहमति

सांसदों और स्थानीय सरकार के प्रतिनिधियों के आदान-प्रदान को शामिल करने के लिए उनका विस्तार करने के लिये दोनों में सहमति बनी।वही द्विपक्षीय संबंधों की बढ़ोतरी में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के योगदान को मान्यता प्रदान करते हुए दोनों देशो की संसदों के बीच संस्थागत सहयोग को सक्षम बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन करने का निर्णय लिया।वही चल रही विकासात्मक भागीदारी परियोजनाओं की प्रगति का दोनों पक्षों ने निर्णय लिया।बंदरगाहों, हवाई अड्डों, आवास, अस्पतालों, सड़क नेटवर्क, खेल सुविधाओं, स्कूलों और जल एवं सीवरेज सहित क्षेत्रों में मालदीव की जरूरतों और आवश्यकताओं के अनुसार विकासात्मक भागीदारी को आगे बढ़ाने में एक साथ काम करेंगे,आवास चुनौतियों का समाधान करने और भारत की मदद से चल रही सामाजिक आवास परियोजनाओं में तेजी लाने में मालदीव को सहायता प्रदान करेंगेमहत्वपूर्ण ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना (जीएमसीपी) को समय पर पूरा करने के लिए पूर्ण समर्थन प्रदान करेंगे और विस्तार के रूप में थिलाफुशी और गिरावारु के द्वीपों को जोड़ने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करेंगे। माले बंदरगाह को भीड़भाड़ से मुक्त करने और थिलाफुशी में बेहतर कार्गो हैंडलिंग क्षमता प्रदान करने के लिए थिलाफुशी द्वीप पर एक अत्याधुनिक वाणिज्यिक बंदरगाह के विकास में सहयोग करेंगे। मालदीव के इहावनधिप्पोलु और गाधू द्वीपों पर मालदीव आर्थिक गेटवे परियोजना में योगदान देने वाली ट्रांसशिपमेंट सुविधाओं और बंकरिंग सेवाओं के विकास के लिए सहयोग की संभावना तलाश करेंगे।वही निवेश आकर्षित करने और इन हवाई अड्डों के कुशल प्रबंधन के लिए सहयोग करने के उपायों पर भी विचार करेंगे व्यापार और आर्थिक सहयोग ।

व्यापार और निवेश पर भी दोनों पक्षों में बनी सहमति

दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एक द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर विचार-विमर्श शुरू करेंगेव्यापार संबंधों को और मजबूत करने तथा विदेशी मुद्राओं पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से, स्थानीय मुद्राओं में भारत और मालदीव के बीच व्यापार लेनदेन के निपटान को चालू करेंगे।दोनों देशों के बिजनेस चेंबर्स और संस्थाओं के बीच द्विपक्षीय निवेश और घनिष्ठ जुड़ाव को बढ़ावा देंगे; निवेश के अवसरों से संबंधित जानकारी का प्रसार करने और व्यापार करने में सुगमता संबंधी सुधार करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।कृषि, मत्स्य पालन, समुद्र विज्ञान और समुद्री अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में मालदीव के साथ सहयोग को मजबूत करके उसकी अर्थव्यवस्था के विविधीकरण की दिशा में उसके प्रयासों का समर्थन करेंगे, जिसमें अकादमिक संबंध स्थापित करना तथा अनुसंधान एवं विकास सहयोग का विस्तार करना शामिल है।विपणन अभियानों और सहयोगात्मक प्रयासों के जरिए दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों को बेहतर बनाएंगे।इसके आलावा डिजिटल और वित्तीय सहयोग पर दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की,वही ऊर्जा और स्वास्थ्य सहयोग पर भी दोनों पक्ष सहमत हुए।वही रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सहमत हुए है।

 

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