-अब उपभोक्ता परिषद चुप नहीं बैठेगा
- REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS
लखनऊ। 42 जनपदो के निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली कंसल्टेंट कंपनी ग्रांट थ्रोनटन की मीटिंग को विद्युत नियामक आयोग द्वारा कैंसिल किए जाने के बाद आज दिन भर पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन विद्युत नियामक आयोग से उसकी मीटिंग कराने की जुगाड़ में लग रहा। लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। अब पावर कॉरपोरेशन कोई आर्डर सताने लगा है कि ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी सर्वाेच्च संवैधानिक संस्था ने जब कंसल्टेंट से मीटिंग करने से मना कर दिया तो अब उसके ऑर्डर की वैधानिकता स्वता खतरे में पड़ गया है अब उससे कोई भी रिपोर्ट कैसे ली जाए। हद तो तब हो गई विद्युत नियामक आयोग द्वारा मीटिंग कैंसिल किए जाने के बावजूद भी कंसलटेंट कंपनी अपनी पूरी टीम के साथ विद्युत नियामक आयोग पहुंच गया। जो अपने आप में सबसे बड़ी अनुशासनहीनता है। अंततः आयोग के अधिकारियों के कड़े रूख के बाद कंसलटेंट कंपनी वहां से रुखसत हुई। विद्युत नियामक आज के गार्ड्स ने जब सख्त रूप अख्तियार किया तब उनके पसीने छूटे। सभी नीचे से ही वापस लौट गए।
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज शक्ति भवन में टेंडर मूल्यांकन कमेटी के अध्यक्ष निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग से मुलाकात की और कहा कि ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण का यह सबसे पहला भ्रष्टाचार का मामला है जिसकी पत्रावली 20 दिन के अंदर चार बार ऊपर से नीचे चलाई गई। कंसल्टेंट कंपनी के जवाब प्राप्त होने के बाद यह सिद्ध हो गया कि कंसलटेंट कंपनी ने झूठा शपथ पत्र दाखिल किया उसने अमेरिका रेगुलेटर द्वारा लगाई गई पेनल्टी को छुपा कर टेंडर लिया। भ्रष्टाचार सिद्ध हो जाने के बाद भी आज तक असंवैधानिक रूप से कम कर रही ग्रांट थॉर्नटन कंपनी पर कार्रवाई नहीं की गई। जो बहुत गंभीर मामला है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने निदेशक वित्त से कहा कि आप 5 मई को अपना निदेशक वित्त का कार्य भार छोड़ देंगे। क्योंकि नए निदेशक वित्त आने वाला है। ऐसे में इस भ्रष्टाचार की पत्रावली को क्यों ऊपर नीचे कर रहे हैं जनहित और उपभोक्ता हित में इस भ्रष्टाचार पर निदेशक वित्त की कुर्सी पर रहते हुए कार्यवाही कराए।
निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग ने उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को फिर एक बार बताया की पत्रावली पर विस्तृत रिपोर्ट पुनः मांगी गई है। जल्द ही पूरे मामले को उच्च स्तर पर कार्यवाही के लिए भेजा जाएगा जरूरत पड़ी तो मामले को एनर्जी टास्क फोर्स में भी भेजने पर विचार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कोई उच्च अधिकारी कितना भी ताकतवर क्यों ना हो उसके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का साक्ष्य जब पत्रावली में दर्ज हो जाता है। उसे लटकाया जा सकता है लेकिन अंतत भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी को एक दिन फसना तय है। उपभोक्ता परिषद इस गंभीर मामले पर चुप बैठने वाला नहीं है। दुर्भाग्य की बात यह है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री जो विधानसभा में पारदर्शिता की बात करते हैं वह इस भ्रष्टाचार पर चुप्पी सादे हुए हैं।
निजीकरण के विरोध में शक्ति भवन पर अनशन शुरू,लखनऊ में 03 मई को विशाल बाइक रैली
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में मे आज शक्ति भवन के मुख्य द्वार पर बिजली कर्मियों का सात दिवसीय क्रमिक अनशन शुरू हुआ। संविदा कर्मियों की बड़ी पैमाने पर चल रही छँटनी और 2000 से अधिक बिजली कर्मियों का वेतन रोके जाने के विरोध में आज प्रदेश भर के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त हो गया है। निदेशक वित्त निधि नारंग को सलाहकार के रूप में सेवा विस्तार देने को संघर्ष समिति ने निजीकरण की प्रक्रिया में चल रहे भ्रष्टाचार का हिस्सा बताया।
राजधानी लखनऊ में 03 मई को बाइक रैली निकाली जाएगी।आज शक्ति भवन पर प्रारंभ हुए क्रमिक अनशन में 200 से अधिक बिजली कर्मियों ने भाग लिया। आज मुख्यतः संघर्ष समिति के घटक संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारी अनशन पर बैठे। केंद्रीय प्राधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में अन्य कर्मचारी भी अनशन में सम्मिलित हुए। 03 मई को केस्को और कानपुर क्षेत्र के बिजली कर्मियों के साथ लखनऊ के बिजली कर्मी क्रमिक अनशन में सम्मिलित होंगे। आज उत्तराखंड के बिजली अभियंताओं के महासचिव राहुल चानना और उत्तराखंड के कई अभियंता भी अनशन पर बैठे। कल उप्र के बिजली कर्मियों के साथ मध्य प्रदेश के बिजली अभियंता संघ के महासचिव विकास कुमार शुक्ल और अन्य अभियन्ता सम्मिलित होंगे।संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार चल रहा है। कल मौजूदा निदेशक वित्त निधि नारंग को सलाहकार बना कर सेवा विस्तार दिया जाना इसी भ्रष्टाचार की एक प्रमुख कड़ी है।
संघर्ष समिति ने कहा कि झूठा शपथ पत्र देने वाले कंसलटेंट को बचाने में यही निधि नारंग और पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अभी भी लगे हुए हैं। आने वाले दिनों में संघर्ष समिति निजीकरण के नाम पर चल रहे भ्रष्टाचार का और खुलासा करेगी।संघर्ष समिति ने फेशियल अटेंडेंस के नाम पर 2000 से अधिक बिजली कर्मियों का वेतन रोके जाने और संविदा कर्मियों की बड़े पैमाने पर छँटनी के आदेश को तानाशाहीपूर्ण आदेश बताते हुए कहा कि संविदा कर्मियों को हटाया जाना तुरंत बंद किया जाए, हटाए गए सभी संविदा कर्मी नौकरी में वापस लिए जाए और बिजली कर्मियों का रुका हुआ वेतन दिया जाय। संघर्ष समिति ने कहा प्रबंधन की इन कार्यवाहियों से बिजली कर्मियों में गुस्सा फूट पड़ा है जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और प्रबंधन की है।आज प्रदेश भर में बिजली कर्मचारियों ने सभी जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभा की। विरोध सभा कल भी होगी।
आज शक्ति भवन पर क्रमिक अनशन में सभी संगठनों के केन्द्रीय पदाधिकारी मुख्यतया जितेन्द्र सिंह गुर्जर, अजय कुमार, महेन्द्र राय, पी के दीक्षित, सुहेल आबिद, श्री चन्द, मो वसीम, डी के मिश्र, छोटे लाल दीक्षित, राम सहारे वर्मा, के एस रावत, हरदेव तिवारी, राम निवास त्यागी, कुलेन्द्र सिंह चौहान, अमिताभ सिन्हा, के के सिंह, प्रेम नाथ राय, गौरव दीक्षित सम्मिलित रहे।
हर महीने ईंधन अधिभार शुल्क के मद में होगा बदलाव
उत्तर प्रदेश के लगभग 57000 विद्युत उपभोक्ताओं जिनके घरों पर सोलर पैनल लगा हुआ है। वित्तीय वर्ष के अंत में उनके विद्युत संबंधी खपत का समायोजन विद्युत बिलों में न किए जाने पर उपभोक्ता परिषद की याचिका पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में वर्तमान 1 मई 2025 से सभी सोलर पैनल विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में समायोजन लागू कर दिया गया है। सभी विद्युत उपभोक्ता अपने बिलों का मिलान कर ले वित्तीय वर्ष के अंत में जो भी अतिरिक्त यूनिट बच रही है। उसका भुगतान रुपया 2 प्रति यूनिट के हिसाब से विद्युत बिलों में किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज शक्ति भवन में निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग से मुलाकात की उनके द्वारा बिलिंग सॉफ्टवेयर में किए गए बदलाव से अवगत कराया गया।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के अपने तीन करोड़ 45 लाख विद्युत उपभोक्ताओं से यह भी अपील की है कि ईंधन अधिभार शुल्क के रूप में फरवरी 2025 के मद में 1 मई 2025 के विद्युत बिलों में 2 प्रतिशत का लाभ सभी उपभोक्ताओं को प्राप्त हो रहा है वह जब भी अपना विद्युत का भुगतान करें तो मई के बिल में उसका मिलान अवश्य कर ले गौरतलब है कि मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के तहत हर महीने इधन अधिभार शुल्क के रूप में घटोतरी व बढ़ोतरी विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए गए नए कानून से लागू की गई थी। उसी के तहत मई महीने में 2प्रतिसत बिजली दर में कमी लागू हुई है जून के महीने में घटोतरी होगी या बढ़ोतरी होगी उसका जल्द ही खुलासा हो जाएगा।
समाधान दिवस पर 91 शिकायतों का निस्तारण
नगर निगम लखनऊ द्वारा प्रत्येक माह के पहले शुक्रवार को आयोजित किया जाने वाला संपूर्ण समाधान दिवस इस शुक्रवार को नगर निगम मुख्यालय, त्रिलोकनाथ सभागार, लालबाग में सफलता के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में नागरिकों ने अपनी समस्याएं लेकर भाग लिया और अधिकांश शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही किया गया।
कार्यक्रम में नगर आयुक्त गौरव कुमार की अध्यक्षता में अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, पंकज कुमार, डॉ. अरविंद राव, जीएम जलकल कुलदीप सिंह, चीफ टैक्स असेसमेंट ऑफिसर अशोक सिंह, समस्त जोनल अधिकारी, इंजीनियरिंग शाखा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, पशु कल्याण अधिकारी और सेनेटरी विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। सभी विभागों ने पूरी तत्परता के साथ नागरिकों की समस्याओं का समाधान किया। जलकल विभाग से टैक्स से जुड़ी 4 शिकायतें आईं, जिनका निस्तारण भी मौके पर हुआ।
मार्गप्रकाश विभाग को जोन 2 में 1 और जोन 6 में 2 शिकायतें मिलीं, जिन्हें तुरंत ठीक किया गया।इंजीनियरिंग शाखा को जोन 6 और जोन 8 से निर्माण कार्य संबंधी शिकायतें प्राप्त हुईं। विभाग द्वारा इन शिकायतों के समाधान हेतु डिमांड दर्ज कर प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कहा, “संपूर्ण समाधान दिवस न केवल शिकायतों के समाधान का मंच है, बल्कि यह नागरिकों और प्रशासन के बीच पारदर्शी संवाद का माध्यम भी है।” उन्होंने नागरिकों से भविष्य में भी सक्रिय भागीदारी की अपील की।नगर निगम ने नागरिकों से अपील की है कि भविष्य में होने वाले समाधान दिवस में समय से पहुंचें और संबंधित दस्तावेजों के साथ अपनी शिकायत दर्ज कराएं, ताकि उनका त्वरित निस्तारण किया जा सके।
महापौर को देखने पहुंचे नगर विकास मंत्री
आज नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री, उत्तर प्रदेश शासन, ए.के. शर्मा का कैंप कार्यालय पर स्नेहपूर्ण आगमन हुआ। वे महापौर सुषमा खर्कवाल से भेंट करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने महापौरके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।मंत्री श्री शर्मा ने आत्मीयता के साथ हालचाल पूछा और अपने सकारात्मक और शुभ वचनों से ऊर्जा प्रदान की। उन्होंने कहा कि महापौर जी नगर निगम लखनऊ की प्रेरणास्रोत हैं और उनके स्वस्थ रहने से शहर की सेवा और भी मजबूती से आगे बढ़ेगी।
मुलाकात के दौरान सौहार्द्रपूर्ण वातावरण देखने को मिला। मंत्री जी के सादगीपूर्ण स्वभाव और आत्मीय संवाद से उपस्थित जनों में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल ने मंत्री के आगमन और शुभकामनाओं के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया और कहा कि ऐसे आत्मीय सहयोग से कार्य के प्रति समर्पण और भी दृढ़ होता है। इस दौरान पार्षद रंजीत सिंह , अजय दीक्षित , अरुण राय, संजय राठौर , राम नरेश रावत , सौरभ सिंह मोनू, पूर्व पार्षद राम कुमार वर्मा जी, पार्षद प्रतिनिधि सुनील शंखधर, राजकुमार मौर्य , लव कुश रावत, पूर्व प्रदेश संयोजक प्रवीण श्रीवास्तव , पूर्व मंडल अध्यक्ष शैलेंद्र राय डब्बू उपस्थित रहे।
नगर आयुक्त ने किया बाढ़ पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने शुक्रवार को शहर के बाढ़ पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान उनके साथ अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार, चीफ इंजीनियर सिविल महेश वर्मा और इंजीनियरिंग ब्रांच के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।नगर आयुक्त ने सबसे पहले बटलर पैलेस स्थित बाढ़ पंपिंग स्टेशन का जायजा लिया। उन्होंने वहां लगे उपकरणों और पंपों की स्थिति को देखा और उनकी कार्यक्षमता की जानकारी ली। इस पंपिंग स्टेशन में कुल छह पंप लगे हैं। इनमें बिजली से चलने वाले दो पंप 90 हॉर्सपावर के और दो पंप 150एचपी के हैं। इसके साथ ही डीजल से चलने वाले एक 63 एचपी और एक 35 एचपी के पंप भी मौजूद हैं।यह पंपिंग स्टेशन बरसात के मौसम में बटलर पैलेस कॉलोनी में जलभराव से निपटने के लिए बनाए गए पानी को गोमती नदी में पंप करने का कार्य करता है। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी पंपों की समय पर जांच और मरम्मत का कार्य सुनिश्चित किया जाए, ताकि बारिश के दौरान किसी प्रकार की समस्या न हो।इसके बाद नगर आयुक्त ने वजीरगंज और सरकटा बाढ़ पंपिंग स्टेशनों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने वहां की व्यवस्था और उपकरणों की स्थिति की गहनता से जांच की।
नगर आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि मानसून आने से पहले सभी पंपिंग स्टेशनों की पूरी तरह से मरम्मत और सफाई कर ली जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और किसी भी तकनीकी खामी को समय रहते दूर कर लिया जाए।उन्होंने कहा कि जलभराव की समस्या को रोकने के लिए पंपिंग स्टेशनों का सुचारू रूप से कार्य करना बहुत जरूरी है। नगर निगम का प्रयास है कि इस वर्ष शहरवासियों को जलभराव की समस्या से राहत दिलाई जाए।अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए कि पंपिंग स्टेशनों पर तैनात कर्मचारियों की उपस्थिति और उनकी जिम्मेदारी तय हो, ताकि बरसात के समय किसी भी आपात स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जा सके।