- REPORT BY:A.S.CHAUHAN || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS
लखनऊ। सरोजनीनगर थाना क्षेत्र के चिल्लावां के एक 14 वर्षीय किशोर रजनीश पटेल के लापता होने की घटना सामने आई है। रजनीश पटेल के पिता धमेंद्र पटेल ने स्थानीय पुलिस से अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने की गुहार लगाई है।धर्मेंद्र पटेल, जो मूल रूप से बिहार के छपरा जिले के महुई गांव, पोस्ट-विंगहा, थाना-मांझी के निवासी हैं, वर्तमान में लखनऊ के चिल्लावां 3 नंबर एयरपोर्ट के पास राजकुमार यादव के मकान में किराए पर रहते हैं। उनके अनुसार, उनका बेटा रजनीश, जिसकी उम्र लगभग 14 वर्ष, रंग सांवला, कद करीब 4.5 फीट, और जो हरी शर्ट व काले रंग की पैंट पहने था, दिनांक 21 अप्रैल 2025 को बिना बताए घर से कहीं चला गया। धमेंद्र पटेल ने बताया कि उन्होंने कई दिनों तक अपने स्तर पर बेटे की तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। अब उन्होंने पुलिस प्रशासन से निवेदन किया है कि उनके बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की जाए।पुलिस को दिए आवेदन में धमेंद्र पटेल ने थाना प्रभारी से अनुरोध किया है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रजनीश पटेल की खोजबीन के लिए त्वरित कार्यवाही की जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, और पुलिस से सक्रियता की उम्मीद की जा रही है।फिलहाल, इस मामले में पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। गनेश पटेल और उनका परिवार अपने बेटे की सुरक्षित वापसी की उम्मीद में पुलिस प्रशासन के सहयोग का इंतजार कर रहे हैं।
आदेशों की खुलेआम धज्जियाँ उड़कर बढ़ाया जा रहा प्रदूषण,लोगों की बढ़ रही परेशानी
-सरोजनीनगर, बिजनौर , बंथरा में ध्वनि प्रदूषण और अवैध वसूली का खेल: न्यायालय के नियमों की खुलेआम अनदेखी
सरोजनीनगर क्षेत्र में मैरिज हॉल और अन्य आयोजन स्थलों पर ध्वनि प्रदूषण के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। स्थानीय लोगों की शिकायतों के अनुसार, इन स्थानों पर उच्च डेसिबल वाले साउंड सिस्टम और डीजे के उपयोग से न केवल रिहायशी इलाकों में शांति भंग हो रही है, बल्कि उच्चतम न्यायालय और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सख्त दिशा-निर्देशों का भी खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। गंभीर बात यह है कि स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर इन उल्लंघनों को नजरअंदाज करने और मैरिज हॉल मालिकों से अवैध वसूली करने के आरोप लग रहे हैं।
ध्वनि प्रदूषण की समस्या और नियमों का उल्लंघन उच्चतम न्यायालय ने ध्वनि प्रदूषण (नियंत्रण और विनियमन) नियम, 2000 के तहत रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर और उच्च ध्वनि वाले उपकरणों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा, रिहायशी क्षेत्रों में ध्वनि का स्तर 55 डेसिबल (दिन में) और 45 डेसिबल (रात में) से अधिक नहीं होना चाहिए। लेकिन सरोजनीनगर, बिजनौर, बंथरा थानों के कई मैरिज हॉल और अन्य आयोजन स्थलों पर देर रात तक तेज आवाज में डीजे और साउंड सिस्टम बजाए जा रहे हैं, जिससे आसपास के निवासियों, विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों और मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। क्षेत्र लोगों ने बताया कि रात 11-12 बजे तक तेज म्यूजिक चलता है, जिससे नींद में खलल पड़ता है। कई बार शिकायत करने पर भी पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती। क्षेत्र के कई लोगों ने कहा कि बच्चे की पढ़ाई और परिवारों के स्वास्थ्य पर इस शोर का बुरा असर पड़ रहा है। सरोजनीनगर, बिजनौर , बंथरा थाना क्षेत्र में होने वाले इस खेल को नजरंदाज किया जा रहा है जबकि उच्चतम न्यायालय ने ध्वनि प्रदूषण को मानवाधिकारों का उल्लंघन माना है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस संबंध में कई बार परिपत्र जारी किए हैं, जिसमें पुलिस और जिला प्रशासन को नियमों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद, सरोजनीनगर, बिजनौर , बंथरा में स्थिति जस की तस बनी हुई है।
स्थानीय लोगों की मांग हो संभावित समाधान
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि जिला प्रशासन और पुलिस तत्काल प्रभाव से मैरिज हॉल और अन्य आयोजन स्थलों की निगरानी बढ़ाए। उनकी मांगों में शामिल हैं,नियमित निरीक्षण और कार्रवाई,मैरिज हॉल में ध्वनि स्तर की जांच के लिए नियमित छापेमारी और साउंड मॉनिटरिंग डिवाइस का उपयोग।कठोर दंड, नियमों का उल्लंघन करने वाले मालिकों के खिलाफ जुर्माना, लाइसेंस रद्द करना और कानूनी कार्रवाई।
पारदर्शिता, अवैध वसूली के आरोपों की निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई।जागरूकता अभियान,आयोजन स्थल मालिकों और आम जनता को ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना।इसको लेकर एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि शिकायतों की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होगी। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे आश्वासनों का कोई ठोस परिणाम अब तक नहीं निकला है।