LUCKNOW:जूनियर इंजीनियर्स करेगे राष्ट्रीय स्तर पर आन्दोलन: राजवोंगसी,क्लिक करें और भी खबरें

-आल इण्डिया डिप्लोमा फेडरेशन हर राज्य से ले रहा जानकारी

  • REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 

लखनऊ । आल इण्डिया फेडरेशन डिप्लोमा इंजीनियर्स नई दिल्ली के राष्ट्रीय महासचिव इं. एम.एम. राजवोंगसी ने डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग के सभागार में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित किया। उन्होने बताया कि आल इण्डिया फेडरेशन आफ डिप्लोमा इंजीनियर्स देश के चार लाख डिप्लोमा इंजीनियर्स के संवर्गीय उत्थान के लिए सतत् प्रयत्नशील है। अब तक डिप्लोमा इंजीनियर्स के हित में फेडरेशन द्वारा कराये गए कार्याे की जानकारी दी। उन्होने कहा कि फेडरेशन पुरानी पेंशन बहाली, जूनियर इंजीनियर्स की वेतन विसंगति, राष्ट्रीय तकनीकी आयोग के गठन, एक पद एक वेतनमान इत्यादि मांगो को बहुत ही सक्रियता एवं मजबूती के साथ केन्द्र सरकार के समक्ष रख रहा है। केन्द्र द्वारा घोषित आठवे वेतन आयोग के समक्ष अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन कर लिया गया है। जो प्रतिवेदन तैयार कर फेडरेशन को उपलब्ध करायेगा। फेडरेशन इस प्रतिवेदन मे पूरे भारतवर्ष के डिप्लोमा इंजीनियर्स के संवर्गीय वेतन संरचना का मसौदा आठवे वेतन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए फेडरेशन लगातार बैठक कर रहा है इन बैठकों में अब तक निकले निष्कर्ष के आधार पर एक राष्ट्रीय स्तर के आन्दोलन की रूपरेखा बनाई जा रही है।

इस बैठक में अपने विचार रखते हुए डिप्लोमा इंजीनियर्स लोक निर्माण के अध्यक्ष एवं आल इण्डिया फेडरेशन डिप्लोमा इंजीनियर्स के उपाध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी ने कहा कि फेडरेशन पुरानी पेंशन बहाली एवं आठवे वेतन आयोग में डिप्लोमा इंजीनियर्स का वेतनमान 4800 ग्रेडपे रखे जाने के लिए पूर्ण संघर्ष करेगा। बैठक की अध्यक्षता डिप्लोमा इंजीनियर्स लोक निर्माण के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं. श्रवण कुमार एवं संचालन इं. राजर्षि त्रिपाठी ने किया। बैठक में उ.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के अध्यक्ष इं. एच. एन. मिश्रा, प्रान्तीय महामंत्री इं. नितेन्द्र श्रीवास्तव, चेयरमैन संघर्ष समिति इं. एस.के. त्रिपाठी, संगठन सचिव इं. बी.एन. उपाध्याय, ग्रामीण डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष इं.बी.के.तिवारी, महासचिव आर.पी. सोनकर, क्षेत्रीय अध्यक्ष मिर्जापुर इं. सुनील कुमार पाण्डेय, ने अपने विचार रखे। बैठक में क्षेत्रीय महामंत्री मध्यक्षेत्र इं. विनोद कुमार गौतम, मंत्री पेंशन इं.ओ.पी.यादव, मंत्री प्रोन्नत इं. भवानी शंकर, जनपद सचिव बाराबंकी इं. माता प्रसाद यादव, इं. पवन तिवारी सहित सैकड़ों जूनियर इंजीनियर्स मौजूद रहे।

निजीकरण से 16000 आरक्षित पदो की समाप्ति,क्या आरक्षण को समाप्त करने की साजिश नहीं है ?

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की प्रांतीय प्राथमिक की आगे का आवश्यक बैठक संपन्न हुई जिसमें 42 जनपदों के निजीकरण पर आगे की लड़ाई की रूपरेखा पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें प्रस्ताव पास किया गया कि पिछले लगभग 4 महीने से निजीकरण की बात चल रही है लेकिन कारपोरेशन और सरकार दोनों बिजली कंपनियों में निजीकरण के बाद आरक्षण के 16000 पद समाप्त होने के मामले पर कोई भी ना तो आश्वासन दिया। ना ही कोई ठोस जवाब मिला। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि आरक्षण को समाप्त करने के लिए ही निजीकरण को आगे बढ़ाया जा रहा है। जिसे पावर ऑफिसर एसोसिएशन किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेगी। सबसे पहले पदोन्नतियों में आरक्षण छीन गया और अब निजीकरण करके नौकरियों में आरक्षण पर भी कुठाराघात करने की साजिश की जा रही है। जो अपने आप में बहुत गंभीर मामला है।निजीकरण न ही कार्मिको के हित में है न ही उपभोक्ताओ के हित में इस पर रोक लगना चाहिए

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने शक्ति भवन में विभिन्न कार्मिक संगठनों द्वारा दिए जा रहे धरने की बिजली पानी व वॉशरूम पर रोक लगाई जाने को बहुत गंभीरता से लिया और कहा पावर का कारपोरेशन प्रबंधन औद्योगिक अशांति पैदा कर रहा है पावर कॉरपोरेशन की या घटना पूरी तरह अक्षम है। मानवीय मानवता पर एक बड़ा कुठाराघात है। बिजली कार्मिकों का विभाग और उन्हीं की बिजली पानी बंद किया जाना अपने आप में दुर्भाग्य पूर्ण और निंदनीय है। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपीसी कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, संगठन सचिव हरिश्चंद्र वर्मा, राम शब्द, ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा, सुभाष चंद्र ने कहा पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन लगातार अभियंताओं को टारगेट करके उच्च स्तरीय समीक्षा बैठकों में ऐसा कमेंट कर रहा है जो उसे नहीं करना चाहिए। गर्मी के महीने में विद्युत आपूर्ति सुचार चलती रहे उसे पर जोर देना चाहिए। लेकिन जिस प्रकार से अभियंताओं को टारगेट करके उन्हें जलील किया जाता है उसे अभियंताओं का मनोबल गिरना स्वाभाविक है।पावर कारपोरेशन प्रबंधन को इस पर पुनर्विचार करते हुए इस प्रकार की कार्यवाही से बचना चाहिए।

निजीकरण के विरोध में क्रमिक अनशन जारी

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि 42 जनपदों के निजीकरण में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है । झूठा शपथ पत्र देने वाले कंसलटेंट की फाइल जिस प्रकार चेयरमैन ने दबा रखी है उससे लगता है कि भ्रष्टाचार में पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन की कार्पाेरेट घरानों से मिली भगत है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि निजीकरण में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन का फर्जीवाडा सामने आए हुए एक माह होने जा रहा है किन्तु कंसल्टेंट को ब्लैक लिस्ट करने और उसकी नियुक्ति का आदेश रद्द करने के बजाय पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन फाइल दबाए बैठे हैं और ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा पूरे प्रकरण के सार्वजनिक होने के बाद भी चुप्पी साधे हुए हैं। इससे मिलीभगत का संदेश जा रहा है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण में चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों का प्रतिदिन पर्दाफाश किया जाएगा। संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में बिजली उपभोक्ताओं का लगभग 66 हजार करोड़ रुपए का बिजली राजस्व का बकाया है। निजी घरानों की इस बड़ी धनराशि पर नजर है। उन्होंने कहा कि 01 अप्रैल, 2010 को आगरा शहर की बिजली व्यवस्था टोरेंट पावर कंपनी को दी गई थी। उस समय आगरा शहर में बिजली उपभोक्ताओं का लगभग 2200 करोड़ का बिजली राजस्व का बकाया था। आज 15 साल व्यतीत हो चुके हैं और टोरेंट पावर कंपनी ने एक पैसा भी पावर कारपोरेशन को वापस नहीं किया है। यह 2200 करोड़ रुपए की पूरी धनराशि टोरेंट पावर कंपनी ने हड़प लिया है और पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन चुप्पी साधे हुए हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के बाद 66000 करोड रुपए की धनराशि निजी कंपनी की जेब में चली जाएगी। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह सहमति पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन और कार्पाेरेट घरानों के बीच बन चुकी है कि निजीकरण के बाद यह धनराशि उन्हें मुफ्त में मिल जाएगी। संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से मांग की है कि वह आगरा में टोरेंट पावर द्वारा 2200 करोड रुपए की धनराशि हड़पने के मामले में सार्वजनिक वक्तव्य दें ।

संघर्ष समिति निजीकरण में हो रहे अन्य घोटाले को कल सार्वजनिक करेगी। आज उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने अनशन स्थल पर आकर निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों को प्रदेश के 03 करोड़ 45 लाख उपभोक्ताओं की ओर से खुला समर्थन दिया। आज अनशन के तीसरे दिन अनशन स्थल पर जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, महेन्द्र राय, के एस रावत, रामचरण सिंह, राम निवास त्यागी, पी के दीक्षित, सरजू त्रिवेदी, आलोक सिन्हा, आर सी पाल आदि सहित 200 से अधिक बिजली कर्मी और अभियन्ता अनशन के समर्थन में उपस्थित हुए। संघर्ष समिति ने प्रदेश भर के बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं से अपील की है कि वे निजीकरण के विरोध में 05 मई को रात्रि 08 बजे से से 0 9 बजे अपने घरों की बिजली बन्द कर आम जनता को यह यह संदेश देंगे कि निजीकरण प्रदेश को लालटेन युग में ले जाने वाला है। निजीकरण के बाद बिजली की दरें तीन गुना बढ़ जाएंगी और आम जनता को बिजली बन्द कर लालटेन युग में जाना होगा।

क्रमिक अनशन के तीसरे दिन आज अभियन्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रभात सिंह, उपाध्यक्ष राहुल बाबू कटियार, राहुल सिंह, प्राविधिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष चन्द्र भूषण उपाध्याय एवं महासचिव मोहम्मद वसीम, बिजली मजदूर संगठन के अध्यक्ष माया शंकर तिवारी, कार्यालय सहायक संघ के आशीष त्रिपाठी एवं आशीष भारती, प्राविधिक कर्मचारी संघ के पश्चिमांचल के अध्यक्ष कवितेंद्र बच्चन और 200 से अधिक अन्य बिजली कर्मी सम्मिलित हुए। आज संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे भी अनशन पर बैठे। 05 मई को वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर क्षेत्र के तथा लखनऊ नगर के बिजली कर्मी और अभियन्ता क्रमिक अनशन में सम्मिलित होंगे।

ग्रांड थॉर्नटन ब्लैक लिस्ट तो अडानी ग्रुप पर भी पड़ेगा प्रभाव ?

प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन जहां संवैधानिक तरीके से ग्रांड थॉर्नटन कंपनी को काम दिया है उसे ब्लैक लिस्ट केवल इसलिए नहीं किया जा रहा है क्योंकि उसमें कार्यरत ज्यादातर एक्सपर्ट अदानी ग्रुप के साथ काम कर रहे हैं या कम कर चुके हैं इसलिए अदानी ग्रुप नहीं चाहता की ग्रांट थॉर्नटन कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई हो। पावर कारपोरेशन में अघोषित कर्फ्य कर्फ्यू जैसा माहौल बना कर रखा गया है पावर कारपोरेशन में वर्तमान में देश के बड़े उद्योगपति कंसलटेंट व उनका सपोर्ट करने वाले नौकरशाह रणनीति बना रहे हैं उनकी यह मनसा है कि इस समय पावर कारपोरेशन में प्रदेश का अभियंता और उपभोक्ता कम से कम दिखाई दे जिससे वह अपने कार्यों को शांतिपूर्वक अंजाम दे सके।

उपभोक्ता परिषद में प्रदेश के मुख्यमंत्री से पूरे मामले पर हस्तक्षेप की मांग उठाई है और कहा जब तक इस पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच नहीं कराई जाएगी बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा नहीं होगा निजीकरण के नाम पर बिजली विभाग में बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार करने में लगे हुए हैं। पावर कॉरपोरेशन की समीक्षा बैठक में इस बात पर रणनीति बनती है की प्रबंध जितना ज्यादा अभियंताओं को जलील करेगा और डांट लगाएगा उतना ही वीआरएस की लाइन लगेगी यह अपने आप में गंभीर मामला है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व सदस्य राज्य सलाहकार समिति अवधेश कुमार वर्मा ने आज ग्रांट थॉर्नटन कंपनी पर यह खुलासा निजीकरण के खिलाफ शक्ति भवन पर संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा दिए जा रहे कार्मिक अनशन पर पहुंच कर किया उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा संघर्ष समिति प्रदेश को लालटेन युग में ले जाने के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही है उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद उसका समर्थन करती है और इस बात के लिए धन्यवाद देता है की सभी लोग अपनी मांग को आगे बढ़ा रहे हैं और प्रदेश के उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति को सुचार बनाए रखे हैं इसके लिए वह बधाई के पात्र है आगे भी उनसे अपेक्षा रहेगी वह उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति सुचार रखें। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा ग्रांट थ्रोनटन कंपनी पर क्या कार्रवाई की जाए के मामले पर बडा अपडेट सामने आ रहा है टेंडर मूल्यांकन कमेटी के सभी सदस्य एक मत होकर ग्रांट थ्रोनटन के खिलाफ कार्यवाही चाहते हैं इसको देखते हुए पावर कारपोरेशन ने टेंडर मूल्यांकन कमेटी की बैठक बुलाने के अपने प्रस्ताव को बदल दिया और अब निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग जिनका कार्यकाल कल पांच मई को पूरा हो रहा है उनके द्वारा ग्रांट थॉर्नटन कंपनी के पक्ष में पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन द्वारा रिपोर्ट लगवा कर सरकार को संदर्भित किया जा रहा है जो अपने आप में गंभीर मामला है।

Aaj National

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