LUCKNOW:स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में मनमानी,MD से मिले उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष,क्लिक करें और भी खबरें

-लगा दिऐ 5 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर में केवल लगभग 7000 चेक मीटर

  • REPORT BY:PREM SHARMA ||AAJNATIONAL NEWS DEASK

लखनऊ।उत्तर प्रदेश में जहां दक्षिणांचल व पूर्वाचल की निजीकरण की शोर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियां लगातार भारत सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन कर रही है। उत्तर प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों मे 5 लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग गए लेकिन अभी तक केवल मात्र 6000 से 7000 चेक मीटर ही लगे हैं। जबकि भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत 5 प्रतिशत उपभोक्ताओं के घर में पुराने मीटर को ही चेक मीटर के रूप में परिवर्तित कर 3 महीने तक मीटर रीडिंग का मिलान करना है। लेकिन आज तक उसकी मिलान किसी ने भी नहीं कराई। इसको लेकर आज उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार व निदेशक वाणिज्य श्रनिधि कुमार नारंग से शक्ति भवन में मुलाकात कर भारत सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन कर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगे मीटर को चेक मीटर में ना परिवर्तित करने सहित चेक मीटर और स्मार्ट प्रीपेड मीटर की रीडिंग का मिलान न किए जाने का मुद्दा उठाया। जिस पर पावर कॉर्पाेरशन प्रबंधन ने भरोसा दिलाया कि इस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी और भारत सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन कराया जाएगा। उपभोक्ता परिषद ने पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन व उत्तर प्रदेश सरकार से मांग रखी है कि सबसे पहले सभी स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियों की एमटी सीटी टेस्ट व साइबर सिक्योरिटी टेस्ट का खुलासा किया जाए। क्योंकि इससे पता चलेगा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अंदर चीनी कंपोनेंट है अथवा नहीं यह मामला गंभीर है।
अवधेश कुमार वर्मा के मुताबिक एक बहुत ही चौंकाने वाला मामला पूरे देश में सामने आया है जिसको लेकर भारत सरकार टेलीकम्युनिकेशन मिनिस्ट्री सतर्क हो गई है। एक गोपनीय रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि पूरे भारत में कुछ कंपनियां जो कम्युनिकेशन माड्यूल सप्लाई कर रही है जिसमें स्मार्ट प्रीपेड मीटर भी शामिल है 80 प्रतिशत से ज्यादा कम्युनिकेशन मॉड्यूल चाइनीज सप्लाई हो रहे हैं। जिसको लेकर भारत सरकार चौंकानी हो गई है क्योंकि यह मामला सीधे नेशनल सिक्योरिटी से जुडा हुआ है। गौरतलब है कि उपभोक्ता परिषद लगातार यह मुद्दा उठा रहा है कि उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियां ज्यादातर चाइनीज कंपोनेंट अपने मीटर के अंदर लगाकर घटिया क्वालिटी का मीटर सप्लाई कर रही है और आने वाले समय में जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता और देश को भुगतना पड सकता है। इसलिए इसकी गहनता से जांच कराई जाए। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष कुमार वर्मा ने कहा उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियां जो बडे निजी घराने के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर सप्लाई कर रहे हैं वह या भूल जाए कि उपभोक्ता परिषद निजीकरण की संवैधानिक लडाई में जुटा है तो वह घटिया सामग्री उत्तर प्रदेश में सप्लाई कर देगी और पावर कॉर्पाेरशन प्रबंधन उन्हें कुछ नहीं बोलेगा। लेकिन उपभोक्ता परिषद की सब पर नजर है घटिया क्वालिटी सप्लाई करने वालों को बक्सा नहीं जाएगा

बेशकीमती सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के खिलाफ नगर निगम का अभियान जारी

शासन के आदेशों के क्रम में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देशानुसार नगर में अवैध कब्जेदारों पर कार्यवाही एवं सरकारी भूमियों,संपत्तियों को कब्जा मुक्त करवाये जाने हेतु लगातार सघन अभियान चलाए जा रहे हैं। नगर निगम का सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ जॉच के साथ उनको मुक्त कराने का अभियान जारी है।

मण्डलायुक्त लखनऊ मण्डल लखनऊ एवं इन्द्रजीत सिंह, नगर आयुक्त के द्वारा सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराये जाने के अभियान पंकज श्रीवास्तव अपर नगर आयुक्त के द्वारा गठित टीम द्वारा ग्राम-उत्तरधौना, तहसील व जिला-लखनऊ में सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराये जाने हेतु बड़ी कार्यवाही की गयी। उक्त कार्यवाही नगर निगम द्वारा मौके पर जाकर की गयी।प्रभारी अधिकारी, संपत्ति संजय यादव व तहसीलदार नगर निगम लखनऊ अरविन्द पाण्डेय द्वारा उपलब्ध करायी गयी टीम ने उक्त कार्यवाही की। टीम का नेतृत्व नायब तहसीलदार राजेन्द्र कुमार व रत्नेश कुमार द्वारा किया गया। जिसमें नगर निगम लेखपाल आलोक यादव, विनोद वर्मा, आशुतोष व  कविता तिवारी तथा थाना-बीबीडी द्वारा उपलब्ध करायी गयी पुलिस बल व नगर निगम के प्रवर्तन दल के सहयोग से बड़े पैमाने पर अस्थाई अवैध कब्जों से सरकारी भूमि को मौके पर जेसीबी मशीन की सहायता से अतिक्रमणमुक्त करा दिया गया। ग्राम-उत्तरधौना, तहसील व जिला-लखनऊ की अतिक्रमणमुक्त भूमि खसरा संख्या-01, 02 व 03 पशुचर व पुरानी परती क्षेत्रफल 0.500 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराते समय स्थानीय महिलाओं ने विरोध किया किन्तु शांतिपूर्ण ढंग से कार्यवाही सम्पादित कर दी गयी। उक्त कार्यवाही से कुल 0.500 हेक्टेयर बेशकीमती भूमि अवैध कब्जों से मुक्त करायी गयी।

निजीकरण के विरोध में विद्युत संविदा कर्मचारी संघ का उपभोक्ता सम्पर्क दिवस

विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ उप्र के आवाहन पर विद्युत संविदा मज़दूर संगठन उप्र सहित प्रदेश के अन्य 5 संविदा संगठनों और विद्युत मज़दूर संगठन उप्र द्वारा पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में उपभोक्ताओं की राय जानने के उद्देश्य से नए साल की शुरुआत उपभोक्ता सम्पर्क दिवस के रूप मे किए जाने का निर्णय लिया गया है।
विद्युत संविदा मज़दूर संगठन के प्रान्तीय प्रभारी पुनीत राय ने बताया कि आज नरही स्थित केंद्रीय कार्यालय में हुई एक संयुक्त बैठक में 1 जनवरी 2025 को प्रदेश के हर ज़िले में विद्युत कर्मचारियों और संविदा कर्मियों द्वारा अपनी निर्धारित ड्यूटी के अतिरिक्त दो घंटे का समय देकर हर बिजली घर पर उपभोक्ताओं के साथ बैठक करके उपभोक्ताओं की विद्युत संबंधी शिकायतों की जानकारी प्राप्त की जाएगी और उनके संतोषजनक समाधान का प्रयास किया जाएगा तथा ऊर्जा निगमों के निजीकरण के विरोध में उपभोक्ताओं की सहमति अथवा असहमति जानी जाएगी ।उन्होंने कहा कि प्रथम चरण मे 4 जनवरी 2025 को वाराणसी, 5 जनवरी 2025 को प्रयागराज तथा 12 जनवरी 2025 को गोरखपुर मे बैठके की जाएगी । महासंघ के मिडिया प्रभारी विमल चन्द्र पांडेय ने बताया कि द्वितीय चरण मे दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के सम्बंध मे झांसी और आगरा ज़िलों मे सम्पर्क बैठकों के माध्यम से उपभोक्ताओं के साथ सामूहिक चर्चा की जाएगी और निजीकरण के विरोध में उनकी राय ली जाएगी तथा राजस्व बढ़ाने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

ऊर्जा क्षेत्र में माहौल खराब करने की हो रही साजिश,मुख्यमंत्री से सीधे हस्तक्षेप की अपील

एक मुफ्त समाधान योजना की समीक्षा के नाम पर प्रदेश की बिजली कंपनियों मे अभियंताओं को जिस तरीके से टारगेट किया जा रहा है उसे ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे बिजली कंपनियों में औद्योगिक अशांति पैदा करना चाहता है। बिजली कंपनियों का प्रबंध सोशल मीडिया पर आनेको वीडियो जारी हो रही है। जिसमें बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशक बहुत ही रूष्ट होकर अभियंताओं से बात कर रहे हैं जो लगता ही नहीं कि अधिकारी की कोई समीक्षा हो रही है। केवल एक ही बात सुनाई दे रही इनको निलंबित करो उनको बर्खास्त करो। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि पावर कॉरपोरेशन बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों की इस कार्य प्रणाली पर मौन क्यों है। यदि उसके इशारे पर इस प्रकार की औद्योगिक अशांति फैलाई जा रही है तो निश्चित तौर पर इससे बिजली अभियंताओं का मनोबल टूटेगा।प्रदेश की बिजली कंपनियों का मैनेजमेंट बौखला कर काम कर रहा है। पूरे ऊर्जा क्षेत्र में औद्योगिक अशांति पैदा करने के लिए इस प्रकार की कार्रवाई कर रहा है पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से एक निष्पक्ष जांच कमेटी भेजने की मांग उठाई जो स्वता जांच करके पता कर ले की बिजली कंपनियों में कार्य का माहौल खत्म किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आर पी केन, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा, एक प्रभाकर ने कहा आज जहां पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में तीन अधिशासी अभियंता और एक अधीक्षण अभियंता को निलंबित किया। वही पूर्वांचल में कल ही तीन अधिशासी अभियंता और आज मध्यांचल में भी 4 अधिशासी अभियंता को निलंबित किया गया। पहली बार ऐसा हो रहा है कि एक मुफ्त समाधान योजना की 10 दिन के अंदर समीक्षा के आधार पर अभियंताओं को टारगेट किया जा रहा है। जिससे सिद्ध होता है कि बिजली कंपनियों का मैनेजमेंट पीपीपी मॉडल को लागू न कर पाने से बौखला गया है।

निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी काली पट्टी बांधेंगे,प्रबन्धन पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बनाने का आरोप

बिजली के निजीकरण के विरोध में गोरखपुर में हुई बिजली पंचायत में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली कर्मियों को मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है और बिजली कर्मचारी लगातार सुधार में लगे हुए हैं किन्तु पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन निजीकरण की एकतरफा कार्यवाही कर अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना रहा है।
संघर्ष समिति,श्रम संघों और उपभोक्ताओं के पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, सुहैल आबिद, चंद्र भूषण उपाध्याय, श्रीचन्द, छोटेलाल दीक्षित, सरजू त्रिवेदी, इस्माइल खान, नकुल चौधरी, संदीप कुमार श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार यादव, चन्द्रभान यादव, दिनेश कुमार, अश्वनी पाण्डेय, अर्जुन गुप्ता, बब्बू खान, रूपेश श्रीवास्तव एवं बृजेश त्रिपाठी आदि ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि निजीकरण के विरोध में 01 जनवरी को बिजली कर्मी पूरे दिन काली पट्टी बंधेंगे और 01 जनवरी को काला दिवस मनाया जाएगा। गोरखपुर की बिजली पंचायत में सिद्धार्थ नगर, सन्त कबीर नगर, बस्ती, महाराजगंज, देवरिया,कुशीनगर और गोरखपुर के बिजली कर्मियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं की भारी भीड़ उमड़ी। गोरखपुर की बिजली पंचायत में सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि बिजली कर्मचारियों का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पर पूरा विश्वास है और बिजली कर्मी उनके नेतृत्व में लगातार सुधार में लगे हैं। वर्ष 2016-17 में 41 प्रतिशत हानियां थीं जो वर्ष 2023-24 में घटकर, 17 प्रतिशत हो गई है। बिजली कर्मी अगले एक दो वर्ष में लाइन हानियों को 15 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। कार्य का अच्छा वातावरण चल रहा था जिसे पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने अचानक निजीकरण की घोषणा कर बिगाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि मात्र एक रुपए में पूरी जमीन दे देना और बिना मूल्यांकन के कौड़ियों के दाम परिसंपत्तियों को बेचने की कोशिश एक साजिश है। बिजली कर्मचारियों को विश्वास है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। 29 दिसंबर को झांसी और 05 जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित की जायेगी।गोरखपुर बिजली पंचायत में भी यह आरोप लगाया गया कि अपनी विफलता से बौखलाए पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और पूर्वांचल एवं पश्चिमांचल के प्रबंध निदेशक वीसी के माध्यम से मनमाने ढंग से लोगों को निलंबित और दंडित कर भय का वातावरण बना रहे हैं जो पूरी तरह उकसाने वाला कदम है। यदि इनके मनमाने पन पर अंकुश न लगाया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी और गम्भीर परिणाम होंगे।

जनपद और मण्डलस्तर बनाए जाएगें सहसंयोजक

संयुक्त पेन्शनर्स कल्याण समिति उ के लखनऊ मण्डल की बैठक यांत्रिक भवन, क्ले स्क्वायर योजना भवन के सामने लखनऊ में सम्पन्न हुयी। बैठक में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पेन्शनर्स कल्याण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन्जीनियर शिव शंकर दूबे तथा अध्यक्षता इंजीनियर बलवन्त प्रसाद महासचिव, वेलफेयर ऐशोसियेशन रिटायर्ड इन्जीनियर्स संघ ने किया। बैठक का सुचारू रूप से संचालन संयुक्त पेन्शनर्स कल्याण समिति के लखनऊ मण्डल संयोजक डा. जानकी शरण शुक्ल ने किया ।
बैठक में 26 नवम्बर 2024 को किये गये रवीन्द्रालय में राष्ट्रीय अधिवेशन के सम्बन्ध में बृहद चर्चा की गयी। विजय कुमार सिंह अध्यक्ष, लखनऊ मण्डल वार्डे द्वारा सुझाव दिया गया कि विभागीय लोगों को जनपद एवं मण्डल स्तर पर पदों को सृजित करते हुये प्रत्येक विभाग से सहसंयोजक बना दिया जाये ताकि संख्या में वृद्धि होगी। संयुक्त पेन्शनर्स कल्याण समिति उप्र के सहसंयोजक प्रचार ओंकार नाथ तिवारी द्वारा घटक संगठनों के पदाधिकारियों को सहसंयोजक बनाये जाने की प्रवल संस्तुति की गयी। एनपी त्रिपाठी प्रदेश सयोजक द्वारा संयुक्त पेन्शनर्स कल्याण समिति उप्र के राष्ट्रीय अधिवेशन को सफल बनाये जाने में सभी सहयोगियों को धन्यवाद दिया गया। इं. शिवशंकर दूबे राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा अधिवेशन को सफल बनाये जाने में विशेष रूप से सहयोग करने वाले विनोद कुमार पाण्डेय, ठाकुर दीन इं. राम रतन, ई. प्रमोद कुमार राय, ई. विनोद कुमार राय वर्मा आदि को अंगवस्त्र एवं मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। ल तत्पश्चात् पूर्व प्रधानमंत्री स्व० मनमोहन सिंह के स्वर्गवासी होने पर सभी लोगों ने 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धान्जलि अर्पित किया।

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