-बार-बार मुख्यमंत्री से उपभोक्ता परिषद लगा रहा गुहार
- REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS
लखनऊ।उत्तर प्रदेश की कैबिनेट द्वारा कल अदानी पावर लिमिटेड की 800 मेगा वाट की दो इकाइयों से तैयार होने वाली 1600 मेगावाट तापीय पावर परियोजना की कुल 1500 मेगावाट बिजली खरीद का जो रुपया 5.38 प्रति यूनिट में अपनी सहमति दी गई। उसमें फिक्स चार्ज रुपया 3.72 प्रति यूनिट बताया गया और फ्यूल चार्ज रुपया 1.65 प्रति यूनिट बताया गया। उपभोक्ता परिषद आज इसकी सच्चाई बताना चाहता है। उत्पादन इकाइयों की फिक्स चार्ज का मतलब यह होता है कि आप 25 वर्षों के लिए करार कर लिए हैं। बिजली ले या ना ले फिक्स कास्ट का भुगतान आपको करना है। यह टेंडर जिस पद्धति से हुआ है इसमें फिक्स कास्ट बहुत मुश्किल से घटने वाली है। यानी कि यह कहना उचित होगा कि या घटेगा नहीं बल्कि बढ़ने की संभावना है। जहां तक सवाल है कि फ्यूल चार्ज का तो वह जब आज के 5 वर्ष बाद पावर हाउस बनकर तैयार होगा उस समय इसकी दर निर्भर करेगी।ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाला असंवैधानिक रूप से नियुक्त ग्रांट थ्रोनटन अडानी के साथ कार्य कर रहा और आगे भी करेगार्। उसी की गणित से निजीकरण में खेल होगा। इसीलिए सीबीआई जांच के लिए बार-बार मुख्यमंत्री से उपभोक्ता परिषद गुहार लग रहा है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को शायद या नहीं पता होगा कि उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं के लिए लगभग 113 उत्पादन इकाइयों से बिजली लेती है। वर्तमान मार्च 2025 के आंकड़े की बात की जाए फिक्स कास्ट के रूप में अदानी पावर का कैबिनेट से समझौता हुआ है यह अब तक का सबसे महंगा फिक्स कास्ट है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए गए मेरिट ऑर्डर डिस्पैच के तहत उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा जारी किए गए मार्च 2025 की बिजली खरीद वह किए गए भुगतान के आंकड़ों पर नजर डालें तो वह स्वतः सिद्ध करता है कि अभी तक रुपया 3 प्रति यूनिट के ऊपर जिन उत्पादन इकाइयों की फिक्स कास्ट है। उसमें अलकनंदा हाइड्रो रुपया 3.09 प्रति यूनिट, टनकपुर उत्पादन इकाई की ,3.41 प्रति यूनिट, एनपीजीसीएल उत्पादन इकाई की फिक्स्ड कॉस्ट ,3.13 प्रति यूनिट और घाटमपुर डीपीएस की 3.39 प्रति यूनिट फिक्स्ड कॉस्ट मार्च 2025 में बिजली के भुगतान में इंगित की गई है। यानी की अदानी पावर की जो फिक्स कास्ट रुपया 3.72 प्रति यूनिट पर स्वीकार की गई है। वह उत्तर प्रदेश के सभी उत्पादन इकाइयों की सबसे महंगी फिक्स कास्ट है। कहीं ना कहीं इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा।
सेना के सम्मान में बिजली कर्मियों ने निकाली तिरंगा रैली,शक्तिभवन पर क्रमिक अनशन छठे दिन
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के सम्मान में बिजली कर्मियों ने तिरंगा रैली निकाली। निजीकरण के विरोध में शक्तिभवन पर चल रहा क्रमिक अनशन आज छठे दिन जारी रहा। संघर्ष समिति ने अवैध ढंग से नियुक्त किये गये ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रान्ट थॉर्टन की नियुक्ति निरस्त करने अेौर निजीकरण की प्रक्रिया वापस लेने की मांग की है।आज लखनऊ में शक्तिभवन पर चल रहे क्रमिक अनशन स्थल से बिजली कर्मचारियों और अभियन्ताओं ने तिरंगा रैली निकाली। सैकड़ों बिजली कर्मी हाथों में राष्ट्रध्वज लिये हुए भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के समर्थन में नारे लगाते हुए जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा तक गये। संघर्ष समिति के आह्वान पर इसी प्रकार सभी जनपदों और परियोजनाओं पर तिरंगा रैली निकाल कर भारतीय सेना के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया गया।
क्रमिक अनशन के छठे दिन आज शक्तिभवन पर 200 से अधिक बिजली कर्मचारी और अभियन्ता क्रमिक अनशन पर बैठे। आज बरेली, अयोध्या, देवीपाटन, रायबरेली, सीतापुर, लखनऊ क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले जनपदों से बिजली कर्मी अनशन के लिए आये। लखनऊ नगर के बिजली कर्मी भी बड़ी संख्या में अनशन में सम्मिलित हुए। आज उप्र के बिजली कर्मियों के समर्थन में हरियाणा के बिजली कर्मियों का दस्ता भी क्रमिक अनशन में सम्मिलित हुआ। हरियाणा के बिजली कर्मियों का नेतृत्व सुरेश राठी और संजय ढांडी कर रहे थे। संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारी राजेन्द्र घिल्डियाल, सुरेन्द्र सिंह, निखिल नायक, रणवीर सिंह चन्द्रशेखर, दिनेश कुमार सिंह, सुमित सहगल, रजत श्रीवास्तव, अखिलेश मिश्रा, धुरेन्द्र विश्वकर्मा, दिनेश सिंह मुख्यतया सम्मिलित हुए।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु अवैध ढंग से नियुक्त किये गये कंसल्टेंट ग्रान्ट थॉर्टन का झूठा शपथ पत्र और फर्जीवाड़ा पहले ही सामने आ चुका है। अब मिर्जापुर में अडानी पॉवर के साथ 1500 मेगा वाट बिजली खरीद के निर्णय के बाद यह सामने आया है कि अडानी पॉवर का कंसलटेंट ग्रान्ट थॉर्टन है। इससे कॉफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट (हितो के टकराव) का मामला उजागर होकर सामने आ गया है। इससे स्पष्ट है कि निजीकरण के मामले में बड़ा भ्रष्टाचार होने जा रहा है।संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि मिर्जापुर में लगने वाले अडानी पॉवर थर्मल प्लांट की फिक्स कॉस्ट रू 3.72 प्रति यूनिट है जो प्रदेश में लगे हुए बिजली घरों में सबसे अधिक है। इस पॉवर हाउस से 4 साल बाद प्रदेश को बिजली मिलेगी। उस समय वैरियबल कॉस्ट भी बढ़ चुकी होगी। इस प्रकार अडानी पॉवर के इस थर्मल प्लांट से प्रदेश को सबसे मंहगी बिजली मिलने जा रही है। यदि पूर्वांचल का निजीकरण होता है तो पूर्वांचल की गरीब जनता पर इस मंहगी बिजली का भार सीधे-सीधे आयेगा और बिजली की दरों में भारी वृद्धि होगी।निजीकरण के विरोध में क्रमिक अनशन 08 मई को भी जारी रहेगा। 08 मई को मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, गजरौला, मुरादाबाद, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले जनपदों के बिजली कर्मी अनशन में सम्मिलित होंगे।
हमें भारतीय सेना पर गर्व है और रहेगा
भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन करके पहलगाम हमले का जो ऐतिहासिक बदला लिया गया उससे पूरे देश का सम्मान बढ़ गया है सभी भारत वासियों को भारतीय सेना पर गर्व है। हमारे देश की सेना सर्वाेपरि है। जिस प्रकार से बॉर्डर पर देशवासियों की रक्षा के लिए संकल्पित है उसका योगदान पूरा देश कभी भुला नहीं सकता।
?उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारतीय सेना को हार्दिक बधाई दी।उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष नेकीराम, महासचिव अनिल कुमार, संगठन सचिव एक प्रभाकर ने कहा केंद्र सरकार के नेतृत्व में भारतीय सेना का पराक्रम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है उसके लिए देशवासी हमेशा भारतीय सेना के कर्जदार रहेंगे।
छंटनी के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा अचानक 30ः आउटसोर्स संविदा कर्मियों की छंटनी का जो निर्णय लिया गया है, उसने लगभग 4500 श्रमिकों की आजीविका को गहरे संकट में डाल दिया है। यह निर्णय न केवल गैरकानूनी है, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार की रोजगार नीति और मानवाधिकार मूल्यों का भी खुला उल्लंघन है।
वर्ष 2017 की तुलना में आज प्रदेश में विद्युत खपत लगभग दोगुनी हो चुकी है। केवल मध्यांचल डिस्कॉम में ही उपभोक्ताओं की संख्या 58 लाख से बढ़कर 1 करोड़ 10 लाख हो चुकी है। ऐसे में कार्यभार कई गुना बढ़ने के बावजूद कर्मचारियों की संख्या में कटौती किया जाना पूर्णतः अव्यावहारिक और जनविरोधी कदम है। इस अन्याय के विरोध में विद्युत संविदा मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश के प्रभारी पुनीत राय द्वारा आज दिनांक 07 मई से लखनऊ स्थित ए. गोरखले मार्ग पर निगम मुख्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल प्रारंभ की गई है। मीडिया प्रभारी श्री विमल चंद्र पांडे ने स्पष्ट किया है कि यदि संविदा कर्मियों की छंटनी तुरंत वापस नहीं ली गई, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप लेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी निगम प्रबंधन की होगी।
अतिक्रमण, पॉलिथीन और गंदगी के खिलाफ कार्रवाई
नगर निगम लखनऊ द्वारा आज जोन 3 और जोन 6 में एक सघन अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। इसका उद्देश्य प्रमुख सड़कों और सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कर नागरिकों को सुगम आवागमन और स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराना था। इस दौरान कई अतिक्रमण हटाने के साथ प्रतिबंधित पॉलिथीन और गंदगी के खिलाफ कार्रवाई की गई।
जोनल अधिकारी जोन-3 अमरजीत सिंह यादव के नेतृत्व में, प्रवर्तन टीम-296 तथा अभियंत्रण टीम की मदद से इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा से अकाशीय परिसर तक और पॉलिटेक्निक चौराहा से टीनशेड तक अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया। इस दौरान कुल 10 ठेले, 5 तख्त, 3 बेंच, 18 क्रेट, 2 तराजू, 1 इलेक्ट्रॉनिक तख्ता, ड्रम आदि हटाए गए। जोनल अधिकारी जोन-6 मनोज यादव के नेतृत्व में, अधोहस्ताक्षरी के निर्देशन में पुरानी काशीराम कॉलोनी (डी-ब्लॉक 38/1), पारा और हंसखेड़ा चौकी से नहर रोड तक अवैध अस्थायी अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान 12 ठेले, 15 गुमटी और अन्य सामान हटाया गया। अतिक्रमणकारियों को चेतावनी दी गई और थाना पारा को पत्र भेजकर पुनः अतिक्रमण न होने की सुनिश्चितता हेतु निर्देशित किया गया। दोनों जोनों में अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ पॉलिथीन और गंदगी के विरुद्ध भी कार्यवाही की गई। नगर निगम लखनऊ ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के अभियान लगातार चलाए जाएंगे ताकि शहर को स्वच्छ, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया जा सके।