LUCKNOW:डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का लखनऊ नोड बनेगा भारत की सामरिक शक्ति का केंद्र,क्लिक करें और भी खबरें

-11 मई को होगा ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का  उद्घाटन,ब्रह्मोस के साथ एरोलॉय और 12 कंपनियों के निवेश से 3,000 लोगों को मिलेगा रोजगार

  • REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS
लखनऊ । भारत और पाकिस्तान के बीच जारी जंगी हालातों के बीच भारत अब अपनी सामरिक क्षमता को और धार देने जा रहा है। दुनिया की सबसे विध्वंसक मानी जाने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का निर्माण अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ड्रीम परियोजना डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर 11 मई को ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण यूनिट का उद्घाटन होने वाला है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा स्थापित की जा रही यूनिट 300 करोड़ रुपए के निवेश से तैयार हुई है और भारत को आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि दिलाने वाली है। योगी सरकार ने दिसंबर 2021 में ब्रह्मोस प्रोजेक्ट के लिए लखनऊ में 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क आवंटित की थी। सिर्फ 3.5 वर्षों में इस परियोजना को निर्माण से उत्पादन की अवस्था तक लाना प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शा रहा है।
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना का संचालन कर रही यूपीडा के एसीईओ हरि प्रताप शाही के मुताबिक सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, प्रदेश सरकार की ओर से ब्रह्मोस मिसाइल की मैन्युफैक्चरिंग के लिए भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई गई है और यूनिट के विकास पर लगातार नजर रखी गई है। नतीजा, मात्र साढ़े तीन वर्ष में यह यूनिट बनकर उत्पादन के लिए तैयार है। लखनऊ नोड पर ब्रह्मोस के साथ ही अन्य डिफेंस इक्विपमेंट्स बनाए जाने की तैयारी है, जो डिफेंस सेक्टर में लखनऊ और उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान देने का काम करेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश में ब्रह्मोस जैसी रणनीतिक मिसाइल का बनना बहुत महत्वपूर्ण है। यह कदम भारत की सैन्य ताकत को और मजबूत करेगा और उत्तर प्रदेश को देश की रक्षा में एक खास भूमिका निभाने वाला राज्य बना देगा। इस प्लांट के शुरू होने से उत्तर प्रदेश सीधे तौर पर देश की सुरक्षा और विकास में योगदान देगा। यह एक बड़ी और जरूरी परियोजना है जिसमें उत्तर प्रदेश की बड़ी भागीदारी होगी। ब्रह्मोस मिसाइल की यह यूनिट राज्य की पहली अत्याधुनिक और हाई-टेक यूनिट होगी। इससे उत्तर प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर में एयरोस्पेस से जुड़ी इकाइयों और उद्योगों का विकास होगा। साथ ही, राज्य में नई और आधुनिक निर्माण तकनीकें भी शुरू हो सकेंगी।’ब्रह्मोस’ प्रोजेक्ट शुरू होने से उत्तर प्रदेश में पहले से मौजूद एयरोस्पेस कंपनियों को उनके काम और अनुभव के हिसाब से कई नए मौके मिलेंगे। इससे नई तरह की मशीनें बनाने की तकनीक और जांच की सुविधाएं भी तैयार की जाएंगी। इस प्रोजेक्ट से लोगों को नौकरी भी मिलेगी। करीब 500 इंजीनियरों और तकनीशियनों को सीधे काम मिलेगा। इसके अलावा, कई हजार कुशल, अर्द्ध-कुशल और सामान्य काम करने वाले लोगों को भी परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस यूनिट को चलाने में मदद करने वाले बाकी उद्योगों में भी बहुत से लोगों को काम मिलेगा।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस की स्थापना भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और रूसी संघ की सरकार के ‘जेएससी’ ‘एमआईसी’ एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनि‍या के संयुक्त उद्यम के रूप में की गई थी। ‘ब्रह्मोस’ नाम दो महान राष्ट्रों के प्रतीकस्वरूप रखा गया है, जो दो महान नदियों ब्रह्मपुत्र की प्रचंडता और मॉस्कवा की शांति  को दर्शाता है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस की स्थापना भारत की ओर से 50.5 फीसदीऔर रूस की ओर से 49.5फीसदी हिस्सेदारी के साथ की गई थी। यह अपने प्रकार का पहला रक्षा संयुक्त उद्यम है जिसे भारत सरकार ने विदेशी सरकार के साथ मिलकर स्थापित किया है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के डिजाइन, विकास, उत्पादन और विपणन मार्केटिंग की जिम्मेदारी निभाता है, जिसमें भारतीय और रूसी उद्योगों का सक्रिय योगदान होता है।

रक्षा उत्पादन का नया हब बनेगा लखनऊ

ब्रह्मोस यूनिट के साथ-साथ, डिफेंस कॉरिडोर के अंतर्गत योगी सरकार ने 12 अन्य कंपनियों को 117.35 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है। इनमें एरोलॉय टेक्नोलॉजी को 20 हेक्टेयर भूमि दी गई है, जिसका प्रथम चरण में 320 करोड़ का निवेश पूर्ण हो चुका है। इस कंपनी के उत्पादों का उपयोग स्पेस मिशन जैसे चंद्रयान और लड़ाकू विमानों में हो रहा है। इन परियोजनाओं के जरिए लगभग 3,000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे और लखनऊ गोला-बारूद, मिसाइल सिस्टम, रक्षा पैकेजिंग, ड्रोन और छोटे हथियारों के उत्पादन का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा। इससे न केवल उत्तर प्रदेश की औद्योगिक छवि को वैश्विक पहचान मिलेगी बल्कि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को भी मजबूती मिलेगी।

वृद्ध एवं विपन्न लोक कलाकारों की पेंशन हुई दोगुनी,2000 से बढ़ाकर की गई 4000 रुपये प्रतिमाह 

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने संस्कृति विभाग की आज पर्यटन भवन में समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोक कलाकारों के लिए कलाकार कल्याण बीमा योजना शुरू की जाए। कलाकारों के पंजीकरण से लेकर कार्यक्रम आवंटित एवं भुगतान किये जाने तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी बनायी जाये। किसी भी कलाकार को कार्यक्रम आवंटित करते समय इस संबंध में जारी शासनादेश का 100 फीसदी पालन सुनिश्चित किया जाए। कार्यक्रमों के आवंटन में भेदभाव पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजा जायेगा।
उन्होंने वृद्ध कलाकारों की मासिक पेंशन 2000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 4000 रुपये किये जाने के निर्देश दिए।जयवीर सिंह ने संस्कृति विभाग की गहन समीक्षा करते हुए कई प्रकरणों में स्थापित प्रक्रिया का पालन न किये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने भविष्य में ऐसा न किये जाने के लिए चेतावनी भी दी। पेंशन पाने के योग्य वृद्ध कलाकारों की तालाश हेतु विज्ञापन निकाल कर उन्हें पेंशन की सुविधा सुलभ करायी जाए। इसके साथ ही प्रदेश के लोक कलाकारों का व्हाट्सअप ग्रुप भी बनाया जाये, जिससे उनसे संबंधित सूचना प्राप्त होती रहे।  कार्यक्रम आवंटित होने पर 50 प्रतिशत की धनराशि अग्रिम देने तथा कार्यक्रम सम्पन्न होने के एक सप्ताह के अन्दर पूरा भुगतान दिये जाने के निर्देश दिए। कलाकारों को समान रूप से कार्यक्रम आवंटित किये जाएं। 01 अप्रैल से कार्यक्रम आवंटन में शतप्रतिशत शासनादेश का अनुपालन किया जाय। बड़े एवं मंहगे कलाकारों की जगह स्थानीय कलाकारों को मौका दिया जाय, इससे पंजीकृत कलाकारों को प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। कलाकारों को कार्यक्रम आवंटन से लेकर भुगतान की कार्रवाई के अनुश्रवण के लिए पांच सदस्सीय समिमि गठित की जाय।  वृद्ध एवं विपन्न कलाकारों की हालचाल जानने के लिए उन्हें टेलीफोन से सम्पर्क किया जाए। रेडियो जयघोष की क्षमता बढ़ाने, इसके कार्यक्रमों से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने का सुझाव दिया। कलाकारों के लिए वर्षभर की योजना,समय सारणी तैयार करायी जाए।पर्यटन मंत्री ने वाद्य यंत्रों की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने एवं शासकीय धन का दुरूपयोग रोकने के लिए गत वित्तीय वर्ष में क्रय किये गये वाद्य यंत्रों की गुणवत्ता की जांच एवं बिना वितरित किये गये वाद्य यंत्रों की गिनती तथा इस वर्ष खरीदे जाने वाले वाद्य यंत्रों के लिए रणनीति तैयार किये जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने वित्तीय वर्ष 2023-24 में खरीदे गये वाद्य यंत्रों का वितरण नही हुआ है उसकी जांच के निर्देश दिए। उन्होंने विलुप्त होते जा रहे वाद्य यंत्रों को संरक्षित करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किये जाने के निर्देश दिए। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के अंतर्गत दूसरे राज्यों से यहां आने वाले कलाकारों को जो सुविधाएं दी जाती है, उसी तरह उत्तर प्रदेश के कलाकार जो दूसरे राज्यों में कार्यक्रम देने जाते हैं उनको भी मिलना चाहिए। मूर्तियों का निर्माण अधिकतम तीन माह के अन्दर करने के निर्देश दिए। इसके अलावा वृंदावन शोध संस्थान के कर्मचारियों की आडिट तथा विभाग के संस्थानों में छात्रों का शैक्षिक भ्रमण कराये जाने के लिए माध्यमिक, प्राथमिक और उच्च शिक्षा के प्रमुख सचिवों एवं निदेशकों को पत्र भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने रिक्त पदों की भरने की कार्रवाई, पदोन्नति, अनुशासनिक प्रकरणों, लम्बित जांच की समीक्षा तथा अधियाचन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म स्थान पर निर्मित सांस्कृतिक संकुल, स्मारक आदि का प्रबंधन एवं संचालन जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद आगरा के माध्यम से कराये जाने के निर्देश दिए।इस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव संस्कृति रवीन्द्र कुमार-1, अपर निदेशक संस्कृति श्रृष्टि धवन के अलावा  अमित अग्निहोत्री एवं बड़ी संख्या में आरटीओ एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

वेतन बढ़ोतरी से लैब टेक्नीशियन खुश,लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम का जताया आभार 

उत्तर प्रदेश लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और शासन के अफसरों का आभार जताया है। सरकार ने लैब टेक्नीशियन का वेतनमान 2800 से 4200 रुपए कर दिया है। प्रदेश के सैकड़ों लैब टेक्नीशियन लाभांवित होंगे। लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश रावत, प्रदेश महामंत्री कमल कुमार श्रीवास्तव और प्रदेश प्रवक्ता सुनील कुमार ने बताया कि लंबे समय से एलटी का वेतनमान बढ़ाने की मांग सरकार, शासन से की जा रही थी। वेतन समिति 2016 की संस्तुति के क्रम में मुख्य सचिव की समिति की संस्तुति द्वारा वर्तमान ढांचे में लैब टेक्नीशियन ग्रेड-1 ग्रेड वेतन रुपए 4200 का नया स्तर बनाया जा रहा है, जिसे 50 फीसदी पद सीधी भर्ती तथा 50 फीसदी पद लैब टेक्नीशियन पदधारकों से पदोन्नत द्वारा भरा जाएगा। वेतन समिति 2016 की संस्तुति के क्रम में मुख्य सचिव समिति की संस्तुति के क्रम में वर्तमान 4 स्तरीय संरचना 3 स्तरीय संरचना में स्थापित हो जाएगी, जिसके तहत लैब टेक्नीशियन ग्रेड पे रुपए 2800, लैब टेक्नीशियन ग्रेड-1 ग्रेड पे रुपए 4200, सीनियर लैब टेक्नीशियन ग्रेड पे रुपए 4600 हो जाएंगे। संस्तुतियों पर निर्णय होने के बाद चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लैब टेक्नीशियन संवर्ग में लैब टेक्नीशियन वेतन लेवल-5 रुपए 29200-92300 के पद सृजित किए जाएंगे।

विश्व की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा देश-धर्मपाल

-कार्यकर्ताओं के परिश्रम से विश्व का सबसे बड़ा राजनैतिक दल है बीजेपी

बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय पर क्षेत्र के नवनियुक्त मंडल अध्यक्षों की संगठनात्मक बैठक को सम्बोधित किया। गोरखपुर क्षेत्र के जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी तथा मंडल चुनाव प्रवासियों की बैठक में भी संवाद किया। धर्मपाल सिंह ने कहा कि मंडल अध्यक्ष संगठन की सबसे महत्वपूर्ण ईकाई है और चुनाव से लेकर संगठनात्मक गतिविधियों का मुख्य आधार है। भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम, अनुशासन एवं समर्पण से आज भाजपा विश्व का सबसे बड़ा राजनैतिक दल है।
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बदलते भारत की सामरिक शक्ति आज पूरा विश्व देख रहा है और आर्थिक रूप से मजबूत होता भारत विश्व को दिशा देने के लिए तैयार है।धर्मपाल सिंह ने कहा कि मंडल अध्यक्षों का दायित्व है कि वह संगठनात्मक कार्यों की दृष्टि से आदर्श मंडल का गठन करें। मंडल गठन में 61 सदस्यों की कार्यसमिति का गठन किया जाएगा जिसमें मंडल के 15 पदाधिकारी होगें, जबकि बाकी मंडल कार्यसमिति के सदस्य होगें। सबका साथ, सबका विकास के संकल्प के साथ मंडल कार्यसमिति गठन में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग व महिला समेत सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। सामाजिक समीकरणों के साथ प्रत्येक शक्तिकेन्द्र से मंडल कार्यसमिति में प्रतिनिधित्व दिया जाए। प्रत्येक माह मंडल कार्यसमिति की बैठक हो तथा मंडल अध्यक्ष अपने प्रवास तथा कार्यों की डायरी मेंटेन करने की आदत बनाए। संगठन के अभियानों एवं कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से संचालित करें। बूथ स्तर पर कार्ययोजना तैयार करके सतत संपर्क व सतत संवाद के माध्यम से विपक्ष द्वारा लगातार फैलाए जा रहे झूठ और भ्रम का पर्दाफाश करने का काम करना है। मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से विश्व की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है। देश की सामरिक शक्ति पूरा विश्व देख रहा है। प्रत्येक नागरिक की आत्मनिर्भरता के साथ विकसित भारत के संकल्प से देशवासियों को जोड़ने का काम करना है। विकसित भारत के साथ भारत के विश्वगुरू बनने और अपने पुरातन गौरव को पुनः प्राप्त करने तक हम सभी को परिश्रम और समर्पण भाव से काम करना है। हमारा ध्येय वैभवशाली राष्ट्र निर्माण का है। भाजपा की केन्द्र व प्रदेश की सरकारों की सभी योजनाएं गरीब, वंचित, शोषित, पीड़ित वर्ग के आर्थिक व सामाजिक उत्थान के लिए समर्पित है। किसी योजना में न भेदभाव है और ना पक्षपात है। बाबा साहेब के सपनों के भारत और बाबा साहेब के संविधान के अनुरूप सामाजिक न्याय की व्यवस्था के लिए भाजपा की सरकार जरूरी है। भाजपा सरकार के लिए प्रभावी मंडल, मजबूत शक्ति केन्द्र और अभेद्य बूथ व्यूह रचना जरूरी है। आप सभी को मंडल कार्यसमितियों के गठन के लिए निष्ठावान कार्यकर्ताओं का चयन करना है।

पर्यटन नीति का लाभ अधिकतर उद्यमियों को दिया जाए-जयवीर 

-यूपी पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास करने वाला राज्य

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज बस्ती, आजमगढ़, मऊ, देवरिया, गोरखपुर, अमेठी, शाहजहांपुर में आयोजित पर्यटन नीति-2022 जागरूकता कैंप को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति- 2022 देश के शानदार पर्यटन नीतियों में से एक है। इसका लाभ प्रत्येक उद्यमी, निवेशकों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। ब्लाक और तहसील स्तर पर  जागरूकता कैंप लगाए जाएं।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कैंप में उपस्थित एडीएम, राजस्व अधिकारी, जीएसटी अधिकारी, व्यापार मंडल एवं पर्यटन उद्योग के अध्यक्ष, सब रजिस्ट्रार सहित होटल मालिक, मोटल मालिक, ढाबा संचालकों के प्रति आभार जताया। महाकुंभ में देश-दुनिया से 66 करोड़ से अधिक पर्यटक महाकुंभ में आए। इसमें प्रयागराज के साथ पूरे प्रदेश के टूरिज्म एवं हास्पिटैलिटी से जुड़े लोगों का बहुत ही सराहनीय योगदान रहा। इसके चलते प्रदेश के राजस्व में वृद्धि के साथ वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य उत्तर प्रदेश पूरा करेगा। पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश बहुत ही तेजी से विकास करने वाला राज्य है। बीते वर्ष यहां लगभग 65 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे। अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज सहित अन्य स्थलों पर प्रतिवर्ष करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। बड़ी संख्या में पर्यटक सुविधाओं की आवश्यकता है। इसको देखते हुए हमारा प्रयास है कि गंतव्यस्थलों के साथ-साथ एनएच, एसएच सहित अन्य प्रमुख मार्गों के किनारे आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित वे साइड एमिनिटीज ढाबा, होटल, मोटल में भव्य पर्यटक सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि मार्ग में पड़ने वाली इन इकाइयों में पर्यटक उच्चस्तरीय सुविधाओं का लाभ ले सकें। 33 विभिन्न पर्यटन इकाइयों को नवीन पर्यटन नीति-2022 में सम्मिलित किया गया है। नवीन पर्यटन नीति-2022 में पर्यटन उद्यमियों को पूंजीगत व्यय पर 30 प्रतिशत तक का अनुदान अनुमन्य किया गया है। वित्तीय प्रोत्साहन, अनुदान, लाभ एवं छूट प्रदान करने के लिए पारदर्शी एवं सहज ऑनलाइन पोर्टल व्यवस्था की गई है। पर्यटन नीति का प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय और अन्तर्राष्टीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। प्रदेश में 15 मई तक कैंप लगाए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ निवेशकों को लाभ दिया जाए।

श्वेत क्रांति का अगुआ रहेगा यूपी,सरकार संख्या बढ़ा रही दुग्ध समितियों की संख्या

उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन के मामले में देश में नंबर वन है। इसमें हर साल वृद्धि हो रही है। वर्ष 2024-2025 में यूपी का दुग्ध उत्पादन 3.97 एलएलपीडी रहा। यह पिछले साल की तुलना में करीब 10 फीसद अधिक है। सरकार दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ा रही है। उनकी बुनियादी सुविधाओं को भी बेहतर बना रही है। समिति के लोगों को पशुओं के बेहतर देखरेख के बाबत लगातार प्रशिक्षण भी दिया जा रहा। योगी सरकार की योजनाओं से दूध का उत्पादन और बढ़ेगा, पर कालान्तर में इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सेक्सड शॉर्टेड सीमेन योजना की होगी।  गोवंश के जो नर संतति बछड़े अनुपयोगी होकर निराश्रित होने को मजबूर हैं उनका भी मुंहमांगा दाम मिलेगा। सेक्सड शॉर्टेड सीमेन तकनीक से उत्पन्न बछिया चूंकि उन्नत प्रजाति की होगी, लिहाजा पशुपालक इनको छुट्टा छोड़ने की जगह सहेजकर रखेंगे। योगी सरकार इसके लिए मिशन मिलियन सेक्सड आर्टिफिशियल इंसिमिनेशन एआई कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चला रही है। इस मिशन के तहत मार्च 2025 तक 10 लाख स्वस्थ्य गोवंश के एआई का लक्ष्य रखा गया था।
 उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद गोरखपुर के जोनल अध्यक्ष रहे पशु चिकित्सक डॉ. बीके सिंह के मुताबिक उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक एवं सार्वधिक आबादी वाला राज्य है। स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता एवं बेहतर होती अर्थव्यवस्था इन संभावनाओं में चार चांद लगाएगी। गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा और ब्रीडिंग के जरिये उत्तर प्रदेश देश ही नहीं दुनिया में श्वेत क्रांति का अगुआ बन सकता है। ऐसे में इस सेक्टर से और ज्यादा रोजगार और प्रदेश एवं देश की अर्थव्यवस्था में और योगदान मिल सकता है।वर्ष 2024-25 में दुग्ध उत्पादन 3.97 एलएलपीडी दर्ज किया गया जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 फीसद अधिक है। दुग्ध समितियों की सदस्यता में 8 फीसद वृद्धि हुई है और 24031 दुग्ध उत्पादकों को प्रशिक्षण मिला है। वित्तीय दृष्टि से टर्नओवर 1120.44 करोड़ तक पहुंचा गया। यह पिछले साल से 16 फीसद अधिक है। वाराणसी, अयोध्या, बरेली, मिर्जापुर, मथुरा व बस्ती में प्रमुख दुग्ध संघों को 818.22 लाख रुपये का लाभ हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि दुग्ध उत्पादन बढ़ाते हुए प्राथमिक सहकारी समितियों की संख्या बढ़ाएं। इनके सदस्यों का प्रशिक्षण कराएं। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2025-26 में 4922 नई सहकारी दुग्ध समितियों के गठन तथा 21922 समितियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य भी विभाग को दिया। इस क्रम में विभाग ने नंद बाबा मिशन के तहत अगले छह महीने में 2500 दुग्ध समितियों के गठन के साथ नई प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना एवं इनकी बुनियादी सुविधाओं को और बेहतर करेगा।

कृषि मंत्री पहुंचे नई दिल्ली, राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में की भागीदारी,जल भराव से धान की फसल की क्षति को मिले आपदा अन्तर्गत कवर-शाही

भारत रत्न सी सुब्रमण्यम सभागार एनएएससी कॉम्पलेक्स पूसा नई दिल्ली में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन 2025 के शुभारम्भ कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने भागीदारी की। उन्होंने कृषकों के हित में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं एवं कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत करते हुए श्री शाही द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल में उल्लेखनीय प्रगति किया है। वर्ष 2026-17 में खाद्यान्न उत्पादन 557.46 मै0टन के सापेक्ष वर्ष 2024-25 में 725.12 मै.टन का रिकार्ड उत्पादन हुआ है, इसी प्रकार दलहन उत्पादन 23.95 मै0टन के सापेक्ष 35.18 मै0टन, तिलहन उत्पादन 12.04 मै0टन के सापेक्ष 29.20 मै0टन का उत्पादन प्रदेश में हुआ है। गत वर्ष के सापेक्ष 30 लाख मै.टन की वृद्धि करते हुए खरीफ 2025 का लक्ष्य 293.36 लाख मै0टन निर्धारित किया गया है।  किसानों को उन्होंने आहवान किया कि वे उर्वरकों का संतुलित मात्रा में उपयोग करें। कृषि रक्षा रसायन पर्याप्त मात्रा में प्रदेश में उपलब्ध है। उन्होंने बायोपेस्टीसाइड्स एवं बायो एजेन्ट्स का उपयोग करने तथा जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ाने पर बल दिया।

गांवों में एफडीआर तकनीक से बन रही हैं  पीएमजीएसवाई की सड़कें

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई जा रही सड़कों को एफ डी आर तकनीक से बनाये जाने के सफल प्रयोग के बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने योजना से सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि पी एम जी एस वाई के तहत बनाई जा रही सभी सड़कों का निर्माण एफ डी आर तकनीक से ही किया जाय, इसके बहुत ही सार्थक व सकारात्मक परिणाम निखर कर आये हैं।
प्रदेश में पहली बार एफडीआर तकनीक के द्वारा पूर्व से बनी सड़कों के क्रस्ट में उपलब्ध पुरानी गिट्टी को ही सीमेन्ट और विशेष प्रकार के आईआरसी एक्रीडेटेड स्टेब्लाईजर को विशेष मशीनों से रिक्लेम एवं मिश्रित करते हुये सड़कों का निर्माण हो रहा है। एफडीआर मार्गों का डिजाइन एवं टेस्टिंग आईआईटी, सीआरआरआई,एनआईटी से किया जा रहा है। इस तकनीक पर आधारित निर्माण होने पर बिना नयी गिट्टी लाये हुए पुरानी गिट्टी का प्रयोग कर सड़क बनायी जा रही है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन अत्यधिक कम हो रहा है, तथा इससे कार्बन फुट प्रिन्ट में अत्यधिक कमी हो रही है। इस तकनीक से निर्मित मार्गों के निर्माण में कम लागत से अत्यधिक मजबूत व टिकाऊ एवं शीघ्रता से मार्गों का निर्माण हो रहा है।मुख्य कार्यपालक अधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया उत्तर प्रदेश  एफडीआर तकनीकी पर ग्रामीण मार्गों के निर्मित करने में अग्रणी भूमिका में है तथा इस तकनीकी को अन्य राज्यों में लागू करने हेतु कार्यशाला एवं फील्ड ट्रेनिंगयूपी द्वारा बिहार, राजस्थान, त्रिपुरा, मणीपुर, आन्ध्र प्रदेष, पंजाब, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, उड़ीसा, मध्य प्रदेष, नागालैण्ड, मेघालय, असम को दी जा चुकी है। अन्य राज्यों को भी एफडीआर तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रचार हेतु प्रचार वाहन रवाना

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार आगामी 10 मई को  लखनऊ में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में जनमानस को जागरूक करने और व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से आज प्रातः 10 बजे जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ द्वारा प्रचार वाहन को पुराने उच्च न्यायालय परिसर, कैसरबाग लखनऊ से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश, सीबीआई सेन्ट्रल एवं नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत रवीन्द्र कुमार द्विवेदी तथा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ सहित समस्त न्यायिक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

अनुसूचित जाति छात्रावास के कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोत्तरी

समाज कल्याण विभाग अनुसूचित जाति, जनजाति एवं विमुक्त जाति के सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास को सुदृढ़ करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। विभाग द्वारा स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से संचालित आवर्तक सहायता प्राप्त अनुसूचित जाति के छात्रावासों एवं पुस्तकालयों में कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि की गई है। इस निर्णय के तहत अधीक्षक,प्रबंधक के मानदेय को 3,000 रूपये से बढ़ाकर 12,661 रुपये, पुस्तकालयाध्यक्ष के मानदेय को 2,000 रूपये से बढ़कर 12,661 रूपये, रसोइया कहार के मानदेय को 3,000 रूपये से बढ़ाकर 11,303 रूपये  और सफाई कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के मानदेय को 1,500 रूपये से बढ़ाकर 10,275 रूपये कर दिया गया है। यह बढ़ोत्तरी श्रम विभाग द्वारा निर्धारित व्यवस्था, शर्तों एवं प्रतिबंधों के अधीन की गई है।

रक्तदान से आप बचाते हैं किसी का जीवन- निदेशक

रक्तदान महादान’ को चरितार्थ करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में आज गुरूवार को राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई सभागार में थेलेसीमिया से पीड़ित रोगियों, सिकल सेल अनीमिया, जननी सुरक्षा योजना एवं सड़क दुर्घटना के घायलों हेतु स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ मिशन निदेशक डा पिंकी जोवल ने अपने कर कमलों से किया। रक्तदान शिविर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों, कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और उत्साह पूर्वक रक्तदान किया और स्वंय को स्वैच्छिक रक्तदाता के रूप में पंजीकृत कराया।  शिविर में रक्तदान करने वालों को प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डा पिंकी जोवल ने कहा कि ’एक रक्तदान बचाये चार जान’ रक्तदान एक अनमोल दान है जिससे आप किसी का जीवन बचाने के लिए अपना योगदान देते हैं, इसी कारण प्रत्येक रक्तदाता एक नायक के रूप में प्रतिष्ठित होता है। मिशन निदेशक ने बताया कि रक्त का कोई विकल्प नहीं होता है और रक्तदान आपातकाल के समय, जीवन रक्षक की भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य से जुड़े कई कार्यक्रमों जैसे मातृ स्वास्थ्य, संचारी रोग, ब्लड डिसआर्डर प्रबंधन आदि में आवश्यकता के समय रक्त एवं रक्त अवयव ही जीवनदायिनी साबित होता है।

ओबीसी के बेरोजगार युवाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण की समय-सीमा निर्धारित,पोर्टल या वेबसाइट के माध्यम से करें ऑनलाइन आवेदन

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अन्य पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों को ‘ओ’ लेवल एवं ‘सीसीसी’ कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान कराने हेतु विभागीय योजना का क्रियान्वयन नियत समय-सारिणी के अनुसार किया जाएगा।इच्छुक अभ्यर्थी एवं प्रशिक्षणदायी संस्थाएं विभागीय पोर्टल अथवा विभाग की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना के पोर्टल पर विस्तृत दिशा-निर्देश एवं आवश्यक जानकारी प्रदर्शित कर दी गई है।

राजनीतिक दल सुझाव और चिंताओं को सीधे निर्वाचन आयोग के साथ साझा कर सकेंगे -ज्ञानेश

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने आज निर्वाचन सदन में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं के साथ बातचीत की। यह बातचीत निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ की जा रही बातचीत का  क्रम है।भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न हितधारकों के साथ अधिक से अधिक और नियमित सहभागिता को बढ़ावा देने पर जोर देने के क्रम में, आयोग ने राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों के साथ बातचीत शुरू की है। ये बातचीत लंबे समय से महसूस की जा रही रचनात्मक चर्चाओं की ज़रूरत को पूरा करेगी, जिनमें राष्ट्रीय और राज्यीय दलों के अध्यक्ष अपने सुझाव और चिंताओं को सीधे आयोग के साथ साझा कर सकेंगे। यह पहल सभी हितधारकों के साथ मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुसार चुनाव प्रक्रिया को और मजबूत करने के आयोग के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।इससे पहले 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई हैं, जिनमें मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ  40 बैठकें, जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ 800 बैठकें तथा निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के साथ आयोजित 3879 बैठकें शामिल हैं, जिनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

Aaj National

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