-कांग्रेस, सपा का झूठ और भ्रम फैलाने का पुराना एजेंडा
- REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ ।बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने आगरा में अनुसूचित जाति संवाद कार्यक्रम में जिले एवं महानगर के अनुसूचित
जाति के पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं के साथ संवाद किया। धर्मपाल सिंह ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव आम्बेडकर द्वारा लिखित संविधान और उनके आदर्श ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार की शासन-नीति का आधार है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की राजनीति तुष्टिकरण नहीं बल्कि वंचित वर्ग के सशक्तिकरण पर केन्द्रित है। सपा व कांग्रेस वर्षों से अनुसूचित व वंचित समाज के साथ छल करते आए हैं। उन्होंने अनुसूचित वर्ग का वोट लिया और सत्ता में रहते हुए सिर्फ नेहरू-गांधी परिवार तथा सैफई परिवार की राजनीतिक व आर्थिक उन्नति के लिए काम किया। भाजपा परिवार में समानता, सम्मान और सहभागिता का सिद्धान्त निहित है और यही सिद्धान्त भाजपा सरकार ने सबका साथ, सबका विकास की नीति के साथ आत्मसात किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहेब से जुडे़ स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित कर उन स्थानों को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बनाया है। मोदी ने स्वच्छता कर्मियों के पैर धुला कर विश्व को संदेश दिया कि भारतीय संस्कृति में कोई भी व्यक्ति और कोई भी कार्य छोटा नहीं होता। मोदी ने 25 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाकर संविधान निर्माता को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से नमन किया है। मोदी सरकार ने बाबा साहेब के सामाजिक न्याय के सिद्धान्त पर चलते हुए सरकार की प्रत्येक योजना को गरीब, वंचित वर्ग को समर्पित किया है। जिसका सबसे अधिक लाभ अनुसूचित समाज को हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा आरक्षण सहित अनुसूचित वर्ग के सभी संवैधानिक अधिकारों के साथ पूरी मजबूती के साथ है और उन्हें व्यवहारिक रूप से सशक्त भी किया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे परिवारवादी दलों का सत्ता के लिए झूठ और भ्रम फैलाने का पुराना एजेंडा है। मुस्लिम तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार, अपराध को संरक्षण देने वाली सपा व कांग्रेस ने सदैव अनुसूचित जाति वर्ग का शोषण किया। कांग्रेस ने बाबा साहेब को चुनाव हराने का काम किया और हमेशा उनका विरोध किया। बाबा साहेब का अन्तिम संस्कार भी दिल्ली नहीं में नहीं होने दिया। सपा मुखिया के मंच से बाबा साहेब को भू-माफिया कहा गया। सपा की सरकार के समय सबसे अधिक अनुसूचित वर्ग के लोगों पर फर्जी मुकदमें लिखे गए और उनकी जमींन, मकान, खेत, खलिहानों पर कब्जे किये गए। अखिलेश यादव की सरकार में अनुसूचित वर्ग को अपमानित किया गया।
सपा सरकार के समय मां, बहन, बेटियां असुरक्षित थी। बेटियों ने गुंडो के डर से स्कूल जाना बन्द कर दिया था। चारों तरफ अराजकता थी। सपा की जातिवादी और तुष्टिकरण की राजनीति से उत्तर प्रदेश में जंगलराज कायम था और सपा के जंगलराज का शिकार सबसे अधिक अनुसूचित वर्ग था।हम सभी बाबा साहेब के सपनों को साकार करने के लिए स्वयं को समर्पित करें। भाजपा द्वारा अनुसूचित समाज के कल्याण के लिए किए गए कार्यों को समाज के एक-एक व्यक्ति तक पहुंचायें। विपक्ष के झूठ और उनके काले कारनामें को उजागर करें। घर-घर जाकर संवाद करें तथा विपक्ष के हर षडयंत्र को विफल करें। राष्ट्र नवनिर्माण की इस यात्रा में भाजपा को अजेय शक्ति बनाने के लिए विकसित भारत के संकल्प के साथ सबसे जुडे़ और सबको जोड़े।
श्रमजीवी पत्रकारों के लिए के.विक्रमराव का बहुत है योगदान,शोकसभा कर दी गई उन्हें श्रद्धांजलि
देश के जाने-माने ट्रेड यूनियन नेता आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रम राव का बीते दिनों लखनऊ आवास पर निधन
हो गया था। के. विक्रम राव के निधन पर एनेक्सी मीडिया सेंटर में उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति पुनर्गठित की तरफ से एक शोकसभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजधानी के तमाम पत्रकारों ने विक्रम राव द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए गए योगदान को याद करते हुए अपने-अपने विचार रखें और २ मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।एनेक्सी मीडिया सेंटर में आज शोकसभा में के. विक्रम राव के जीवन और पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। समिति के संयोजक प्रभात त्रिपाठी ने शोक सभा में आए पत्रकारों के बीच के. विक्रम राव को याद करते हुए बताया कि विक्रम राव देश के जाने-माने पत्रकार और ट्रेड यूनियन के एक बड़े नेता थे। जिन्होंने देश और अपने प्रदेश का नाम रोशन किया। उन्होंने श्रमजीवी पत्रकारों के लिए बहुत योगदान दिया। श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ पत्रकार उमेश चंद मिश्रा, दया बिष्ट, अजीत कुमार सिंह, डीपी शुक्ला, हरजीत सिंह बाबा, अमरीश शुक्ला, रवि शंकर उपाध्याय, राम सिंह तोमर अशोक चकलाधर, प्रदीप उपाध्याय, शिवेंद्र पांडे सुजीत सिंह, राजबहादुर सिंह, राकेश वर्मा डॉक्टर एके सेठ अश्विनी सहित तमाम पत्रकार मौजूद थे।अंत में शोक सभा में आए सभी पत्रकारों ने विक्रम राव जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

उच्च शिक्षा मंत्री ने किया एलयू का निरीक्षण
उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने आज लखनऊ विश्वविद्यालय में परीक्षाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने परीक्षा केंद्रों की
व्यवस्थाओं का अवलोकन किया तथा परीक्षार्थियों को पारदर्शी वातावरण में परीक्षा दिलवाने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।लखनऊ विश्वविद्यालय में स्थापित राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम में भी उन्होंने पहुंचकर विभिन्न जिलों में संचालित परीक्षाओं की लाइव निगरानी की तथा तकनीकी माध्यमों से प्राप्त आंकड़ों और कैमरा फीड के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया की समीक्षा की। उन्होंने बल दिया कि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी, निगरानी दल एवं अन्य सुरक्षा व्यवस्था सक्रिय रूप से कार्य कर रही हो।इसके बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ टैगोर लाइब्रेरी का भ्रमण किया। वहां पर उन्होंने भारत के मूल संविधान के प्रति देखी और रेयर कलेक्शन को भी देखा। इसके पश्चात सभी लोग अध्ययन कक्ष में और साइबर लाइब्रेरी में भी गए। वहां पर भी उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने छात्र-छात्राओं से वार्ता की और अपने संतुष्टि व्यक्त की।निरीक्षण के दौरान परीक्षा नियंत्रक विद्यानन्द त्रिपाठी और अन्य शिक्षक भी उपस्थित रहे।

मनरेगा श्रमिकों को गर्मी, लू से बचाव के लिये किये जाये और अधिक पुख्ता प्रबंध – केशव
-गर्मी में श्रमिकों को मनरेगा कार्य में श्रमिकों को राहत प्रदान कर रही सरकार
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मनरेगा श्रमिकों को गर्मी व लू-प्रकोप से बचाव एवं राहत के के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किये जाने के
निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।उप मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में ग्राम्य विकास विभाग गांवों के समग्र विकास के कार्य कर रहा है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि मनरेगा श्रमिकों व कार्यस्थल पर उनके छोटे बच्चों की देखभाल, प्राथमिक चिकित्सा, समुचित छाया, शुद्ध पेयजल आदि की उचित व प्रभावी व्यवस्था मनरेगा गाइडलाइंस व हीट -वेव लू प्रबंधन कार्ययोजना के तहत की जाय।

प्रदेश भर में पड़ रही गर्मी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संवदेनशीलता बरतते हुए गर्मी की शुरुआत में जनपदों को एहतियातन पहले ही पत्र प्रेषित कर दिया गया था। गर्मी और लू की संभावना के चलते प्रदेश में लू-प्रकोप से बचाव एवं राहत के लिये हीट-वेव लू प्रबंधन कार्ययोजना -2024 क्रियान्वयन के संबंध में दिशा निर्देश निर्गत किये जा चुके हैं। मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य के इच्छुक प्रत्येक श्रमिक को मांग के अनुरूप कार्य दिये जाने की प्राथमिकता के साथ यह भी ध्यान देने की आवश्यकता बतायी गयी है कि श्रमिकों के लिये कार्य करने का समय, कार्य करने के अनुकूल हो। प्रचंड गर्मी में श्रमिकों को कार्य में सरकार राहत प्रदान कर रही है।तापमान बढ़ने पर यथावश्यक संशोधित कार्य समय में काम कराया जा रहा है। जनपद स्तर पर टाइमिंग में बदलाव कर कार्य कराया जा रहा है।गर्मी,लू प्रकोप से बचाव एवं राहत के लिये मनरेगा योजना के अतंर्गत कार्य करने वाले श्रमिकों के कार्य समय में संशोधन के निर्देश ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जारी किये गये।पूर्व में निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि कार्य-समय में संशोधन अर्थात दिन के समय तापमान में वृद्धि होने की स्थित में मनरेगा श्रमिकों के कार्य समय को प्रात: 6 से 11 बजे तक एवं सायं 3 से 6 बजे तक संशोधित किया जा सकता है। समय का निर्धारण जनपद स्तर पर स्थानीय तापमान के अनुसार कर सकते हैं। गर्मी में मनरेगा श्रमिकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए कार्य स्थल पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं, जिससे कार्य करने वाले श्रमिकों को पेयजल की कमी से जूझना न पड़े। मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य करने वाले श्रमिकों के लिये गर्मी, लू प्रकोप से बचाव के लिये आवश्यकता के अनुसार कार्यस्थल के पास शेल्टर या फिर कोई छायादार क्षेत्र की व्यवस्थाएं भी नियमानुसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रदेश के सीमावर्ती 35 गांव बनेंगे टूरिस्ट विलेज-जयवीर
-संस्कृति, भोजन और लोककथाएं बनेंगी पर्यटन की नई पहचान
पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश के सीमावर्ती गांवों को भी पर्यटन के मानचित्र पर लाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। राज्य सरकार सात
सीमावर्ती जिलों के 35 गांवों को टूरिस्ट विलेज के रूप में विकसित करेगा। इस पहल से न केवल इन गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि देश-दुनिया के पर्यटक यहां की लोकसंस्कृति, जीवनशैली, परंपराओं, परिधानों, खान-पान तथा जैव विविधिता से परिचित हो सकेंगे।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों के चयनित गांवों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। हर गांव में 10-10 होमस्टे यूनिट तैयार किए जाएंगे, जहां पर्यटक ग्रामीण परिवेश में रहकर स्थानीय संस्कृति को जी सकेंगे। सिद्धार्थनगर जिले के दुल्हासुमाली, बजहा, खुनुवां, कोटिया, घरुआर बलरामपुर जिले के इमलिया कोडर, चंदनपुर, नरिहवा, पहाड़ापुर, बेलभरिया लखीमपुर खीरी के बनकटी छिदिया पूरब मजरा हिम्मतनगर, पिपरौला, पुरैना, सिगंहिया, बहराइच जिले के बद्रिया, आंम्बा कारीकोट फकीरपुरी, विशुनापुर श्रावस्ती जिले के लालपुर कुसमहवां, मोतीपुर कला, कटकुईयां, मेढकिया, बेलहरी पीलीभीत जिले के नौजल्हा नकटहा, गभिया सहराई, ढ़किया ता. महाराजपुर, मटैइया लालपुर महराजगंज जिले के भेड़िहारी, इटहिया, गिरहिया, तरैनी व चण्डीथान आदि गांवों का चयन किया गया। इस योजना में स्थानीय युवाओं को स्टोरी टेलिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे गांव की कहानियों, किवदंतियों और ऐतिहासिक महत्व को पर्यटकों के सामने दिलचस्प तरीके से पेश कर सकें। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पारंपरिक व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि पर्यटक गांव की रसोई से जुड़े स्वाद का भी आनंद ले सकें। सरकार की योजना के तहत थारू जनजाति के सुंदर हस्तशिल्प उत्पादों को स्थानीय बाज़ारों और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स से जोड़ा जाएगा, जिससे इन पारंपरिक कलाओं को न केवल पहचान मिलेगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों की आय भी बढ़ेगी। ‘टूरिस्ट विलेज’ योजना सिर्फ पर्यटन नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे सीमावर्ती गांवों में विकास की रोशनी पहुंचेगी और वहां की विरासत को नया जीवन मिलेगा। उत्तर प्रदेश अब पर्यटन के ज़रिए अपने गांवों को विश्वस्तरीय मंच देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

यूपी बेसिक शिक्षा में नामांकन में गिरावट चिंताजनक
-बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों के रिक्त पद भरे सरकार-युवा मंच
पीएम-पोषण योजनांतर्गत प्रदर्शन, योजना और बजट पर चर्चा करने के लिए अप्रैल 2025 में 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ केंद्रीय
शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित मीटिंग में 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सत्र 2024-25 में प्राईमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में खासतौर पर उत्तर प्रदेश में 21.81 लाख बच्चों के नामांकन आई गिरावट पर युवा मंच ने चिंता जताई है।

उत्तर प्रदेश में इस स्थिति के लिए सरकार की निजी स्कूलों को बढ़ावा देने व सरकारी स्कूलों की उपेक्षा की नीति जिम्मेदार है। उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में स्कूलों को बंद किया गया है और इधर के वर्षों में 1.39 लाख शिक्षकों के पदों को खत्म किया गया है। अभी भी जो शिक्षकों के 1.26 लाख रिक्त पद हैं उन्हें भी भरने से सरकार ने इंकार कर दिया है। जोकि आरटीई एक्ट 2009 का सीधा उल्लंघन है। युवा मंच कार्यकारिणी सदस्य अर्जुन प्रसाद ने कहा कि बेसिक शिक्षा ही नहीं बल्कि माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा में भी प्रदेश में हालात अच्छे नहीं हैं। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की कि प्रदेश में शिक्षा बजट में बढ़ोतरी की जाए और बेसिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए और जरूरत के मुताबिक नये पदों का सृजन किया जाए।
कई नेताओं ने ज्वाइन किया रालोद
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव अनिल दुबे ने आज पार्टी मुख्यालय पर भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेई के एसपीजी सिक्योरिटी ऑफिसर रहे अनिल कुमार शर्मा एवं एडवोकेट हितांशु शर्मा तथा धरती पुत्र भारत फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं समाजवादी नेता अभय शंकर दुबे को आज राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण कराई। सदस्यता ग्रहण करने के बाद लोगों ने भारत रत्न एवं किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की नीतियों तथा पार्टी की विचारधारा को आगे बढाते हुये राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह के नेतृत्व में चलने का संकल्प लिया।
प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सम्मान ही सरकार का ध्येय -योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ‘जनता दर्शन’ किया। इस दौरान 60 से अधिक फरियादी आए। मुख्यमंत्री ने एक-एक करके
मुलाकात की, कुशलक्षेम पूछा। हर पीड़ित की शिकायत सुनी। अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश दिए। सोमवार को सर्वाधिक शिकायतें प्रयागराज से आईं।मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेशवासियों की सुरक्षा और सम्मान ही सरकार का ध्येय है। सरकार हर जरूरतमंदों की जरूरत पर खड़ी है। जनता दरबार में पुलिस, राजस्व, चिकित्सा सहायता, वृद्धावस्था पेंशन, सड़क निर्माण समेत अनेक मामले आए। मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन में मौजूद अधिकारियों को शिकायतों का प्रार्थना पत्र सौंपते हुए समय से निस्तारण के निर्देश दिए। प्रयागराज से कई शिकायतें आईं, जिसे मुख्यमंत्री ने गंभीरता से सुना और कार्रवाई के लिए अफसरों को निर्देशित किया। पुलिस, खेत की पैमाइश, आवास, चकरोड, खेतों में कब्जा, बिजली कनेक्शन समेत अन्य फरियाद लेकर पीड़ित पहुंचे, जिसके समाधान का मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया।जनता दर्शन में कई पीड़ित परिवार के साथ आए थे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान बच्चों को दुलारा, उनकी शिक्षा के बारे में जानकारी ली और चॉकलेट भी दी। सीएम योगी ने बच्चों को खूब पढ़ने और उज्ज्वल भविष्य का भी आशीर्वाद दिया।प्रयागराज से 8, देवरिया से 4, सहारनपुर व बस्ती-फतेहपुर से 3-3 फरियादी आए।सोमवार को ‘जनता दर्शन’ में 8 फरियादी प्रयागराज से आए। देवरिया जनपद से 4, सहारनपुर, बस्ती-फतेहपुर से 3-3 फरियादी जनता दर्शन में आये। मुरादाबाद, पीलीभीत, अमरोहा, गाजीपुर, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी व भदोही से दो-दो फरियादी शिकायत लेकर मुख्यमंत्री से मिले।

2027 तक यूपी को बाल श्रम मुक्त बनाने का संकल्प,बाल श्रमिकों के पुनर्वासन पर लगातार कार्य कर रही योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बाल श्रम के विरुद्ध निर्णायक अभियान की शुरुआत हो चुकी है। योगी सरकार ने वर्ष 2027 तक प्रदेश
को बाल श्रम से मुक्त करने का लक्ष्य तय करते बहुआयामी योजनाओं को जमीन पर उतार दिया है। जागरूकता से लेकर शिक्षा और पुनर्वासन तक, हर स्तर पर ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि बचपन को मजबूरी नहीं, अवसर मिल सके।योगी सरकार का यह अभियान अब सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित नहीं बल्कि हर गांव, हर गली तक पहुंच चुका है, जहां बचपन मुस्कुरा रहा है और भविष्य आकार ले रहा है। बाल श्रम की रोकथाम के लिए 12 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के माध्यम से विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाएगा कि बच्चों का स्थान केवल स्कूल में है, श्रम में नहीं। इसके लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से समन्वय बनाकर जागरुकता अभियान को धार दी जाएगी। योगी सरकार के प्रयासों से अब तक 10,336 बाल श्रमिकों की पहचान की जा चुकी है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक 12,426 बाल श्रमिकों का शैक्षिक पुनर्वासन कराया गया है, ताकि ये बच्चे फिर से विद्यालय में जाकर एक नई शुरुआत कर सकें। इन बच्चों के परिवारों को भी सरकार ने अकेला नहीं छोड़ा। 1,089 परिवारों को आर्थिक पुनर्वासन के जरिए सहायता दी गई है, ताकि वे मजबूरीवश अपने बच्चों से काम न करवाएं।

योगी सरकार द्वारा संचालित ‘बाल श्रमिक विद्या योजना’ के अंतर्गत 2,000 कामकाजी बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया गया है और उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई, जिससे उनके पढ़ाई के रास्ते में कोई बाधा न आए। यह योजना न केवल शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण को भी बदलने का काम कर रही है। बंधुआ मजदूरी के खिलाफ भी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक 1,408 बंधुआ श्रमिकों का पुनर्वासन कर 1,817.21 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। यह प्रयास उन्हें स्वतंत्र और गरिमामय जीवन की ओर ले जाने में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है। श्रम कल्याण परिषद के माध्यम से संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए 8 कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनके संचालन के लिए सरकार ने 40 करोड़ रुपये की कॉर्पस निधि उपलब्ध कराई है। वर्ष 2024-25 में अब तक 309 श्रमिकों को 1.32 करोड़ रुपये की सहायता देकर राहत पहुंचाई जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि बचपन से बड़ा कोई भविष्य नहीं होता, बच्चों से बड़ा कोई निवेश नहीं। इसी सोच के तहत सरकार प्रदेश के हर बच्चे को बाल श्रम से मुक्त कर शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान की दिशा में अग्रसर कर रही है।
मुख्यमंत्री ने की सहकारिता विभाग के कार्याें की समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि और आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री कृषक
समृद्धि योजना’ प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाने, उनकी कृषि उत्पादकता बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सतत प्रयासरत है। ऐसे में किसानों को सस्ती दर पर सरलता से ऋण उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह योजना इसी दिशा में एक प्रभावी कदम सिद्ध होगी।मुख्यमंत्री आज अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में सहकारिता विभाग के कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष इस महत्वाकांक्षी योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की गई, जिसे मुख्यमंत्री ने दूरदर्शी और किसान-हितैषी पहल बताया।

उन्होंने प्रस्तावित मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में नाबार्ड के साथ-साथ सहकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी के निर्देश दिए। योजना का क्रियान्वयन प्रभावी और समयबद्ध हो। इसके लिए सहकारी बैंकों की ऋण वितरण क्षमता को बढ़ाने, शाखाओं के आधुनिकीकरण हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने और किसानों तक ऋण की सुगमता सुनिश्चित करने पर बल दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि योजना का विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर प्रस्तुत किया जाए। सहकारिता क्षेत्र की समग्र समीक्षा करते हुए सहकारी संस्थाओं की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से लघु और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि, पारदर्शिता और दक्षता को सहकारिता क्षेत्र की प्राथमिकताओं में शामिल करने के निर्देश दिए।ज्ञातव्य है कि बैठक में अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि यूपी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का ऋण वितरण वर्ष 2017 में 9,190 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2025 में 23,061 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है, वहीं शुद्ध लाभ 100.24 करोड़ रुपये हो गया है।
इसी अवधि में जिला सहकारी बैंकों का कुल व्यवसाय 28,349 करोड़ रुपये से बढ़कर 41,234 करोड़ रुपये तक पहुँच गया और शुद्ध लाभ 162 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में फसली ऋण 11,516 करोड़ रुपये एवं दीर्घकालिक ऋण 393 करोड़ रुपये वितरित किया गया। उर्वरक वितरण 34.45 लाख मीट्रिक टन, धान खरीद 25.53 लाख मीट्रिक टन और दलहन-तिलहन खरीद 1.94 लाख मीट्रिक टन रही।भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए एआईएफ योजना के तहत 375 गोदामों का निर्माण कर 37,500 मीट्रिक टन की क्षमता विकसित की गई है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2017 से अब तक 1,060 गोदामों के माध्यम से 1,17,350 मीट्रिक टन की क्षमता सृजित की गई है। वर्ष 2025-26 में 100 नए गोदामों का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त, देश की सबसे बड़ी अन्न भण्डारण योजना के अन्तर्गत 16 जनपदों में 24 बी-पैक्स केन्द्रों पर 500 से 1000 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने भण्डारण क्षमता और बढ़ाए जाने की आवश्यकता जताते हुए निर्देश दिए कि निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक उपयुक्त नीति तैयार की जाए। पीसीएफ की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार लाने और राइस मिलर्स के भुगतान तत्काल के निर्देश दिए। सहकारी संस्थाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए तकनीक, ऋण और विपणन तक किसानों की पहुंच सुनिश्चित की जाए। सहकारिता के माध्यम से प्रदेश के किसानों को समृद्ध और सशक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।