-दिव्यांग शिक्षण संस्थानों में हो संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था,बाहरी संगठनों को अनुमति देने से पहले गहन जांच अनिवार्य, छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि
- REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांग युवाओं के लिए संचालित शैक्षिक संस्थानों में प्रशासनिक तंत्र को संवेदनशील, जग और

सतर्कता पर बल दिया है। आज बुधवार को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ अराजक तत्वों द्वारा सुनियोजित ढंग से दिव्यांगजनों के विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में भ्रम फैलाकर उन्हें अवांछित, समाजविरोधी गतिविधियों की ओर प्रवृत्त करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। ऐसी प्रवृत्तियों के प्रति हमें पूर्णतः सतर्क रहते हुए विद्यार्थियों की सुरक्षा और मानसिक-सामाजिक संरक्षण सुनिश्चित करना होगा। संस्थानों में सहायता के नाम पर प्रस्ताव देने वाली बाहरी संस्थाओं की पृष्ठभूमि की गहन जांच-पड़ताल के उपरांत ही उनकी अनुमति दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी बचपन डे केयर सेंटरों, मानसिक मंदित आश्रय केंद्रों, समेकित विद्यालयों तथा ‘ममता’, ‘स्पर्श’ और ‘संकेत’ विद्यालयों का व्यापक निरीक्षण किया जाए। यहां अध्ययनरत बच्चों से संवाद स्थापित कर आवश्यकताओं, आकांक्षाओं और अभिभावकों की अपेक्षाओं को समझते हुए संस्थागत व्यवस्थाएं और अधिक सुदृढ़ की जाएं। इन विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए और जब तक नियमित नियुक्ति न हो, तब तक अन्य वैकल्पिक व्यवस्था से योग्य युवाओं की सेवाएं ली जाएं। इन युवाओं को भविष्य की चयन प्रक्रियाओं में वेटेज प्रदान किया जाना चाहिए।बैठक में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की योजनाओं, उपलब्धियों तथा कार्ययोजनाओं की अद्यतन स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया।
उन्होंने निर्देशित किया कि कल्याणकारी योजनाएं पारदर्शी और तकनीकी रूप से सुसज्जित हों तथा लक्षित लाभार्थियों को समयबद्ध रूप से लाभ प्रदान करें।मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते आठ वर्षों में विभाग के बजट में दस गुना से अधिक वृद्धि की गई है, जो दिव्यांगजनों के प्रति सरकार की संवेदनशील प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि दिव्यांगजन पेंशन योजना के अंतर्गत वर्तमान में 11.04 लाख लाभार्थियों को 1300 करोड़ रूपये की पेंशन राशि वितरित की गई है, जबकि कुष्ठरोग पीड़ित लगभग 12 हजार व्यक्तियों को 3000 रूपये प्रतिमाह की दर से सहायता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्यस्तरीय अभियान चलाकर यह पता लगाया जाए कि किन पात्र व्यक्तियों को अभी तक पेंशन नहीं मिल रही है, साथ ही जो अपात्र लाभ ले रहे हैं, उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई की जाए। बीते वित्तीय वर्ष में 35,136 दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, ब्रेल किट्स जैसे सहायक उपकरणों के लिए 28.93 करोड़ की सहायता दी गई है। मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल योजना के अंतर्गत 270 अत्यंत दिव्यांगजन को 2 लाख रूपये तक की मशीनें उपलब्ध कराई गईं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्रदेश के लाभार्थियों तक पूरी तत्परता से पहुँचे, यह सुनिश्चित किया जाए। मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल योजना में सांसदों और विधायकों से भी अपनी निधि से सहयोग देने का आग्रह किया जाए।दिव्यांगजनों को राज्य परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध है। बीते वित्तीय वर्ष में 31 लाख से अधिक दिव्यांगो ने सुविधा का लाभ उठाया।
‘कोक्लियर इम्प्लांट योजना’ की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना तभी प्रभावी हो सकती है, जब नवजात स्तर से ही उपचार प्रारम्भ हो। उन्होंने निर्देश दिए कि हाल ही में योजना से लाभान्वित 214 बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति का फॉलोअप करते हुए उनके परिवारों से संवाद स्थापित किया जाए।शैक्षिक क्षेत्र की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि 25 जनपदों में स्थापित ‘चाइल्ड डे केयर सेंटरों’ में दृष्टि, श्रवण एवं मानसिक रूप से दिव्यांग 1390 बच्चों को प्रशिक्षण एवं शिक्षा दी जा रही है। वर्तमान में राज्य में संचालित 16 विशेष विद्यालय, 07 समेकित विद्यालय एवं 05 मानसिक पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से 1680 बच्चों को आवासीय शिक्षा प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लखनऊ स्थित ‘डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय’ तथा चित्रकूट स्थित ‘जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय’ में कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाए और इन संस्थानों का प्रचार-प्रसार राष्ट्रीय स्तर पर किया जाए ताकि देशभर के इच्छुक दिव्यांगजन इन संस्थानों से जुड़ सकें। अब तक प्रदेश में 15 लाख दिव्यांगजन यूडीआईडी पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें अधिकांश को यूनिक आईडी कार्ड निर्गत किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों पर ‘दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों’ की स्थापना प्राथमिकता के आधार पर की जाए ताकि पुनर्वास, शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित सेवाएं स्थानीय स्तर पर ही सुलभ हो सकें।
किसान खुशहाल, ट्रैक्टर के आंकड़े गवाह
-बदले दौर में किसानों की शान और संपन्नता के प्रमाण माने जाते हैं ट्रैक्टर,आठ साल में 62 फीसद बढ़ी यूपी में ट्रैक्टर संख्या
चार दशक पहले किसान की संपन्नता का पैमाना दरवाजे पर बंधे बैलों की संख्या होती थी। धीरे-धीरे ट्रैक्टर ने बैलों को खेतीबाड़ी में

अप्रासंगिक बना दिया। अब ट्रैक्टर ही किसानों की शान, संपन्नता और खुशहाली के प्रमाण हैं। ट्रैक्टरों की संख्या के लिहाज से देखें तो यूपी के किसान खुशहाल हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद करीब आठ वर्षों में ट्रैक्टर्स की संख्या में डेढ़ गुने से अधिक यानि 62 फीसद की वृद्धि हो चुकी है। वित्तीय वर्ष 2016-2017 में प्रदेश में 88 हजार ट्रैक्टर थे। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में यह संख्या बढ़कर 142200 हो गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। वह इस बात और खेतीबाड़ी में उत्तर प्रदेश की संभावनाओं को लगातार सार्वजनिक मंचों पर कहते आ रहे हैं। उनके मुताबिक नौ तरह की अलग-अलग कृषि जलवायु, इंडो गंगेटिक बेल्ट की दुनिया की सबसे उर्वर जमीन, गंगा, यमुना, सरयू जैसी सदानीरा नदियां, सबसे अधिक आबादी के कारण सस्ता श्रम और सबसे बड़ा बाजार होने के कारण उत्तर प्रदेश देश का फूड बास्केट बन सकता है। जरूरत है कि किसानों के परंपरागत ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को खेतीबाड़ी से जोड़ा जाए। सरकार लगातार कृषि विज्ञान केंद्रों और द मिलियन फॉर्मर्स स्कूल के तहत संचालित किसान पाठशाला से किसानों को जागरूक करने के साथ उनको नवाचार के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
योगी सरकार, केंद्र की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ अपने स्तर से भी किसानों के हित में जो भी संभव है वह कर रही है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण अपने पहले कार्यकाल की पहली कैबिनेट मीटिंग में लघु सीमांत किसानों की एक लाख रुपये तक की कार्जमाफी। लंबित सिंचाई परियोजनाओं बाणसागर, राष्ट्रीय सरयू नहर परियोजना, अर्जुन सहायक नहर परियोजना आदि को पूरा कर सिंचन क्षमता में विस्तार, न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी के तहत गेहूं और धान के खरीद की पारदर्शी व्यवस्था, समयबद्ध भुगतान, कई नई फसलों खास कर मोटे अनाजों मिलेट्स को एमएसपी के दायरे में लाना।
गन्ने की खेती से जुड़े करीब 50 लाख किसानों के हित के लिए समयबद्ध भुगतान, चीनी मिलों का आधुनिकीकरण, नई चीनी मिलों की स्थापना, पेराई सीजन के दिनों में वृद्धि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का प्रभावी क्रियान्वयन, समय से खाद, बीज की उपलब्धता आदि ऐसे कदम रहे जिससे किसानों की आय बढ़ी। इसका नतीजा रहा हर फसल के उत्पादन में इस दौरान रिकॉर्ड वृद्धि। खासकर दलहन और तिलहन में। इन्हीं सारी वजहों से बहुउपयोगी ट्रैक्टर्स की खरीद और संख्या में वृद्धि हुई है। ट्रैक्टर संख्या में वृद्धि और रंग लाएगी क्योंकि आज ट्रैक्टर्स के बिना खेती की कल्पना नहीं की जा सकती है। यह सिर्फ जोताई के काम नहीं आता है। खेत की लेवलिंग, पॉवर स्प्रेयर से फसलों पर वाटर सॉल्यूबल उर्वरकों, कीटनाशकों के छिड़काव, मेड़बंदी, सीड ड्रिल के जरिए लाइन सोईग, आलू की बोआई से लेकर खोदाई, फसल अवशिष्ट को निस्तारित करने में मददगार है। ट्रैक्टर के जरिए संचालित होने वाले इन सभी कृषि यंत्रों पर सरकार 50 फीसद अनुदान देती है। इनके प्रयोग से श्रम की लागत घटती है।
खेत की तैयारी, बोआई और फसल की कटाई से लेकर मड़ाई तक का काम आसान और अच्छा हो जाता है। आने वाले वर्षों में किसानों की आय एवं ट्रैक्टर संख्या बढ़ेगी। तब उत्तर की पहचान प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार देश के फूड बास्केट के रूप में होगी।ट्रैक्टर्स की बिक्री के लिहाज से देश का भी ट्रेंड कमोबेश यही है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्तीय वर्ष में की रिकॉर्ड 10 लाख ट्रैक्टर्स की बिक्री की उम्मीद है। यह अब तक की सालाना बिक्री का रिकॉर्ड होगा। इसके पहले यह रिकॉर्ड वित्तीय वर्ष 2023 के नाम था। तब देश भर में 939713 ट्रैक्टर्स की बिक्री हुई थी। वित्तीय वर्ष 2024 में बिक्री की यह संख्या 867597 थी। रबी की अच्छी पैदावार, खरीफ में मौसम विभाग द्वारा अच्छी बारिश का पूर्वानुमान और बेहतर फसल नाते रिकॉर्ड बनना संभव होगा।
गाजीपुर में करंट लगने से सिपाही समेत चार लोगों की मौत,सीएम ने जताया दुःख, अखिलेश ने कहा, एक्शन ले सरकार
गाजीपुर के मरदह क्षेत्र में आज बुधवार को करंट की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गयी।सीओ अनिल चंद्र तिवारी के मुताबिक मरदह

थाना क्षेत्र के नरवर गांव में आज काशी दास बाबा की पूजा के कार्यक्रम की तैयारी के दौरान खम्भे गाड़े जा रहे थे। एक खम्भा ऊपर से गुजर रहे हाइटेंशन तार से छू गया और उसमें करंट आ गया।
करंट लगने से सिपाही रविन्द्र यादव , उसके छोटे भाई अभय यादव के अलावा छोटेलाल यादव तथा अमन यादव की भी मौके पर ही मृत्यु हो गई। गम्भीर रूप से घायल अभोरिक यादव , संतोष यादव और जीतेंद्र यादव को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया। अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।सपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा,उप्र के गाजीपुर में हाइटेंशन लाइन से करंट लगने के कारण 4 लोगों की मौत और अन्य कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना दुखद है।
सरकार और बिजली विभाग एक-दूसरे को ज़िम्मेदार न ठहराये बल्कि जाँच बिठाये, इन मौतों के लिए उत्तरदायी लोगों को बर्खास्त करे और मृतकों-घायलों को मुआवज़ा दे। सरकार बार-बार बिजली जाने और 24 घंटे बिजली न आने के ख़िलाफ़ हो रहे धरना-प्रदर्शन का संज्ञान ले।यदि सरकार ने बिजली उत्पादन का नया प्लांट लगाया होता या पूर्व में सपा सरकार में बने बिजली घरों को ठीक से चलाया होता और उत्पादन बढ़ाया होता तो प्रदेश की ऐसी बदहाली न होती।सोलर प्लांट की सुध न जाने भाजपा सरकार को कब आयेगी। सीएम ने गाजीपुर में करंट लगने के हादसे में जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है।उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने घायलों को समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।
उर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि गाजीपुर जिले के मरदह थाना अंतर्गत नरवर गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन के समय हरा बांस गाड़ने और उसके ऊपर से जा रही हाई टेंशन लाइन से बांस में बिजली उतर जाने के कारण कुछ लोगों की मृत्यु, कुछ लोगों के घायल होने का समाचार अत्यंत दुःखद है।ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति दें, परिजनों को संबल दें और घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें।मंत्री ने लिखा कि घटना की जानकारी मिलते ही हमने एमडी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम, डीएम गाजीपुर और मऊ तथा एमडी विद्युत उत्पादन निगम से बात किया और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद करने का आग्रह किया।
शासन और विधायिका के समन्वय को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने की अहम बैठक
-प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी ने विधायकों के प्रोटोकॉल का हर हाल में होगा पालन,ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर जताई गई खुशी
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में आज विधानभवन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में प्रमुख सचिव गृह
संजय प्रसाद, डीजीपी उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे एवं प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह ने मुख्य रूप से प्रतिभाग किया।बैठक में शासन और विधायिका के समन्वय के सम्बन्ध में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त संसदीय कार्य विभाग द्वारा विधायकों के प्रोटोकाल के विषय में निर्गत किए गए विभिन्न शासनादेशों के विषय में चर्चा हुई।बैठक में निर्णय लिया गया कि संसदीय कार्य विभाग द्वारा विधायकों के सम्बन्ध में जो शासनादेश निर्गत किए गए हैं उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
इस पर पुलिस महानिदेशक ने आश्वासन दिया कि वह जनपद स्तर पर पुलिस अधीक्षकों को निर्देश निर्गत करेंगे कि वह समय- समय पर विधायकों के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का संज्ञान लें।इस मौके पर अध्यक्ष विधानसभा सतीश महाना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होंने विधायिका के सदस्यों के संदर्भ में प्रोटोकाल पालन के लिए समुचित निर्देश प्रसारित करने के आदेश दिए है।
प्रमुख सचिव गृह एवं डीजीपी ने आश्वासन दिया कि विधायकों के प्रोटोकाल के विषय में मुख्यमंत्री की मंशा एवं दिशा निर्देशों का पालन कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई करेंगे।इससे पूर्व आज उत्तर प्रदेश विधानसभा की आचार समिति, नियम समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति तथा आवास संबंधी संयुक्त समिति की बैठकों में एक स्वर में हाल ही में सम्पन्न हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की अभूतपूर्व सफलता पर गर्व व्यक्त किया गया।
इस वीरता पूर्ण अभियान को संभव बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रति भी गहरी कृतज्ञता और आभार प्रकट किया गया।विधानसभा की इन बैठकों में सभी सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि जब-जब भारतमाता की आन पर आंच आती है, तब-तब हमारी सेना वीरता की एक नई गाथा लिखती है, और “ऑपरेशन सिंदूर” उसी गौरवशाली परंपरा की नवीनतम कड़ी है।
प्रमुख सचिव गृह ने की विधानसभा अध्यक्ष से भेंट
उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद आज विधानसभा पहुंचे ,उनके साथ डीजीपी प्रशांत कुमार भी थे। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना से आज उनके कार्यालय कक्ष में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद एवं पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने शिष्टाचार भेंट की।
आईटीआई ट्रेनिंग के साथ ही छात्रों को मिलेगा स्टाइपेंड का लाभ
छात्रों को कौशल विकास के साथ ही आत्मनिर्भर बनाने के सीएम योगी के विजन के अनुरूप राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आईटीआई
अलीगंज, लखनऊ ने टाटा मोटर्स, लखनऊ के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता एमओयू किया है। इस समझौते के तहत संस्थान के 16 तकनीकी व्यवसायों के छात्रों को आधुनिक मशीनों पर प्रशिक्षण देने के लिए टाटा मोटर्स भेजा जाएगा, जहां उन्हें ऑन-जॉब ट्रेनिंग के साथ 6 माह की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के दौरान स्टाइपेंड के रूप में 10,100 रुपए के साथ-साथ कई सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि इस एमओयू का उद्देश्य छात्रों को वास्तविक उद्योग आधारित प्रशिक्षण देना है, जिससे उनकी व्यावसायिक दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सके। प्रशिक्षण के दौरान टाटा मोटर्स द्वारा छात्रों को 10,100 रूपए मासिक स्टाइपेंड, मुफ्त कैन्टीन और आने-जाने के लिए बस सुविधा भी दी जा रही है। यह सुविधा खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए बड़ी राहत है। प्रधानाचार्य राजकुमार यादव ने बताया कि समझौते के तहत छात्र डेढ़ वर्ष कैंपस में ट्रेनिंग लेंगे, जबकि 6 माह उन्हें प्रैक्टिकल के लिए टाटा मोटर्स के संयंत्र में भेजा जाएगा। उन्हें 10,100 रुपए स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाएगा।
आईटीआई लखनऊ में 8 कंपनियों ने लगाया रोजगार मेला, 153 अभ्यर्थियों का चयन
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज लखनऊ में मुख्यमंत्री मिशन रोजगार योजना के अंतर्गत 8 प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा कैम्पस

ड्राइव का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संस्थान के प्रधानाचार्य राज कुमार यादव ने बताया कि यह आयोजन मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप युवाओं को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से किया गया, जिसमें कंपनियों से अधिक से अधिक प्रशिक्षार्थियों का चयन करने का अनुरोध किया गया।एम ए खाँ, ट्रेनिंग काउंसिलिंग एण्ड प्लेसमेंट ऑफिसर ने बताया कि रोजगार मेले में कुल 230 प्रशिक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से साक्षात्कार प्रक्रिया के उपरांत 153 अभ्यर्थियों का चयन विभिन्न कंपनियों में किया गया।
चयनित अभ्यर्थियों को प्रतिमाह 12,000 से 24,550 रूपए तक का वेतन एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।जो अभ्यर्थी इस बार चयनित नहीं हो सके, वे आगामी 31 मई को आयोजित होने वाले अगले कैम्पस ड्राइव में प्रतिभाग कर सकते हैं, जो आईटीआई अलीगंज, लखनऊ परिसर में ही आयोजित होगा।
13000 से अधिक महिलाएं बनेंगी ‘सूक्ष्म उद्यम सखी’, 50-50 महिलाओं को जोड़ेंगी स्वरोजगार से
-राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की नई पहल, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था दे रही तकनीकी सहयोग
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन मे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वंय सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओ की आमदनी बढाकर स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाये जाने की दिशा मे प्रदेश मे बहुत तेजी के साथ कार्य हो रहा है। आजीविका मिशन के तहत गठित समूहों से समूह सखी, बीसी सखी, विद्युत सखी, कृषि आजीविका सखी, पशु सखी, रेशम सखी, सूर्य सखी आदि बनाकर उनकी आमदनी मे उल्लेखनीय अभिवृद्धि करायी गयी है।
किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर जिप्सम उपलब्ध करा रही प्रदेश सरकार-शाही
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि राज्य सरकार मृदा में सूक्ष्म तत्वों की कमी को दूर करने, सल्फर की मात्रा बढ़ाने तथा क्षारीय एवं लवणीय भूमि सुधार हेतु कृषि योजना के अंतर्गत 75 फीसदी अनुदान पर जिप्सम उपलब्ध करा रही है।श्री शाही ने बताया कि पोर्टल पर पंजीकृत सभी श्रेणियों के लाभार्थी अधिकतम 2 हेक्टेयर की सीमा तक 3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से जिप्सम खरीद सकते हैं। जिप्सम एक महत्वपूर्ण खनिज है जिसमें 23 प्रतिशत कैल्शियम और 18.6 प्रतिशत सल्फर पाया जाता है। इसके प्रयोग से मृदा के भौतिक और रासायनिक गुणों में सुधार होता है, साथ ही क्षारीय ऊसर भूमि का सुधार भी होता है। भूमि के पीएच में संतुलन, मिट्टी की संरचना में सुधार के साथ-साथ फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में 5 से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है। जिप्सम में कैल्शियम और सल्फर की उपस्थिति से पौधों का विकास बेहतर होता है, जिससे उनकी जड़ें मजबूत होती हैं और वे अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाते हैं।
बुनियाद मजबूत कर बच्चों की प्रतिभा निखार रही योगी सरकार
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार निपुण भारत मिशन के ज़रिये बच्चों की प्रतिभा को निखारते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव
मजबूत कर रही है। इस मिशन के माध्यम से सरकार प्राथमिक शिक्षा में साक्षरता और गणना के ज़रिये हर बच्चे को दक्ष बना रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर, सशक्त और भविष्य में हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकें।बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि निपुण भारत मिशन से सरकार बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की इबारत लिख रही है और शिक्षा के क्षेत्र में नया इतिहास रच रही है। यह मिशन उत्तर प्रदेश को शिक्षा के मामले में राष्ट्र में अग्रणी बनाएगा और राज्य के हर बच्चे को सशक्त व सक्षम बनाने की दिशा में स्थायी परिवर्तन लाएगा। यह पहल न केवल शिक्षा में सुधार का प्रतीक है, बल्कि राज्य के विकास और समृद्धि की दिशा में एक मजबूत कदम भी है। मिशन के ज़रिये बच्चों के सम्पूर्ण विकास, साक्षरता और गणना में दक्षता को सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि वे आने वाले समय में हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहें।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदृष्टि के तहत 2026-27 तक बालवाटिका से कक्षा-2 तक के बच्चों को पढ़ाई, लिखाई और गणना में ग्रेड स्तर की दक्षता दिलाई जाएगी। यह कदम बच्चों की शिक्षा की बुनियादी नींव को मजबूत करने और उन्हें आगे चलकर समाज के सक्रिय, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगा। इस पहल में बच्चों को केवल शैक्षणिक ज्ञान नहीं, बल्कि उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।
सीएम की शादी अनुदान योजना गरीब ओबीसी बेटियों के लिए वरदान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों की बेटियों की शादी अब बोझ नहीं, सरकार की मदद से सम्मानजनक

सामाजिक आयोजन बन रही है। ओबीसी बेटियों के लिए संचालित ‘शादी अनुदान योजना’ अब हजारों परिवारों के लिए राहत और सहारा बन गई है, जो आर्थिक अभाव के कारण अपनी बेटियों की शादी को लेकर चिंता में रहते थे। योजना के तहत योगी सरकार प्रत्येक पात्र ओबीसी परिवार को अपनी बेटी की शादी के लिए 20 हजार रुपये का अनुदान प्रदान कर रही है, जो गरीब परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो रहा है।योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग ओबीसी समाज के उत्थान को केवल नीति के पन्नों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि जमीनी स्तर पर उसे साकार करने का एक सुनियोजित अभियान बना दिया है। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 में इस योजना से लाभान्वित होने वाली बेटियों की संख्या में करीब दोगुना इजाफा हुआ है। जहां पिछले साल 55,551 बेटियों को इस योजना का लाभ मिला था, वहीं इस साल यह संख्या बढ़कर एक लाख तक पहुंच गई है। इस वृद्धि का मुख्य कारण आय सीमा में किया गया बदलाव है। पहले यह योजना केवल बीपीएल श्रेणी के शहरी और ग्रामीण परिवारों तक सीमित थी, लेकिन अब आय सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे अधिक परिवार इस योजना का लाभ उठा पा रहे हैं। शहरी व ग्रामीण दोनों के लिए पात्र लाभार्थियों के चयन के लिए आय सीमा को एकसमान कर दिया गया है।
जलशक्ति मंत्री ने ग्राम महोई में बहाई विकास की नई धारा
जालौन के ग्राम महोई, तहसील माधौगढ़ में आज जलशक्ति मंत्री द्वारा पाहुज नदी के बाएं तट पर स्थित ‘नवीन महोई पम्प नहर’ का भव्य
शिलान्यास किया गया। साथ ही कुल 29.64 करोड़ रूपये की लागत वाली 8 परियोजनाओं का विधिवत लोकार्पण सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर क्षेत्रीय विकास, ग्रामीण सशक्तिकरण और जल संसाधन प्रबंधन के नए अध्याय की शुरुआत हुई।कार्यक्रम की अध्यक्षता जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने की, उनके साथ माधौगढ़ के विधायक मूलचंद्र निरंजन , जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी भाजपा की जिला अध्यक्ष उर्विजा दीक्षित उपस्थित रहे।आज के कार्यक्रम में लगभग 22.50 करोड़ की लागत से बनने वाली नई परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया गया। ये परियोजनाएं आगामी समय में क्षेत्रीय जल संसाधनों और ग्रामीण ढांचे के और अधिक विस्तार में सहायक होंगी।इस अवसर पर ग्राम महोई और आसपास के ग्रामीणों में अत्यंत उत्साह का वातावरण देखने को मिला। स्थानीय किसानों ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि अब खेतों को समय पर सिंचाई मिल पाएगी, और फसलों की गुणवत्ता के साथ उत्पादन भी बढ़ेगा।ग्रामीण महिलाओं और बुजुर्गों ने कहा कि सड़कें और जल प्रबंधन की सुविधाएं उनके जीवन को सरल बना रही हैं, जिससे सरकार की योजनाओं पर जनविश्वास और मजबूत हुआ है।इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश सरकार गाँव, किसान और गरीब के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इस दौरान जलशक्ति मंत्री ने कहा,“जल और जीवन का गहरा रिश्ता है। हमारी सरकार का हर कदम जल संरक्षण, सिंचाई विस्तार और ग्रामीण उत्थान को समर्पित है। हम हर खेत तक पानी पहुँचाकर ही दम लेंगे।ग्राम महोई में आज का कार्यक्रम केवल शिलान्यास और लोकार्पण का आयोजन नहीं था, यह किसानों की खुशहाली और गाँवों की तरक्की की ठोस शुरुआत है।