-विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 131 केवल बार के लिए
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REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन वर्तमान में भारत सरकार से गुपचुप तरीके से बनवाकर जो स्टैंडर्ड बिडिंग ड्राफ्ट 2025 लाकर उस पर निजीकरण का मसौदा तैयार कर रहा है। उसमें विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 17 प्रावधानित ही नहीं है। पावर कॉरपोरेशन जो यह समझ रहा है कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 131 के तहत बिजली कंपनियों का निजीकरण हो जाएगा तो वह उसकी सबसे बड़ी संवैधानिक भूल है। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 131 केवल वन टाइम प्रयोग में लाने के लिए बनाई गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उसका उपयोग करके उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन सहित अन्य बिजली कंपनियों का का गठन कर दिया था उसके बाद अब सभी बिजली कंपनियों को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 14 के तहत विद्युत नियामक आयोग द्वारा लाइसेंस दिया जा चुका है। ऐसे में पावर कॉरपोरेशन जो बिडिंग डॉक्यूमेंट के आधार पर अलग-अलग पांच कंपनियों के लिए आयोग में दाखिल करने का आरएफपी बना रहा है। एक बार उसे पुनः उस पर विचार करना चाहिए।उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग उठाई है की पावर कॉरपोरेशन द्वारा जो मसौदा सरकार की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में दाखिल करने के लिए बनाया जा रहा है। उसकी संवैधानिकता की पूरी जांच सरकार कर ले नहीं तो पावर कॉरपोरेशन सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर देगा। जिस तरह से गलत तरीके से ग्रांट थ्रोनटन कंपनी को दोष मुक्त करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है वह भी अपने आप में बड़ा घोटाला है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा पावर कॉरपोरेशन बार-बार ऐसी गलती क्यों कर रहा है उसे अपनी यह गलती भी सुधारना चाहिए कि निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली ग्रांट थॉर्नटन कंपनी को झूठा शपथ पत्र देने के मामले में दोषी ह।ै उसे ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए। उसके किसी भी मसौदे को पावर कॉरपोरेशन आगे बढ़ाएगी तो उसका खामियाजा आज उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को भुगतना पड़ेगा।पावर कॉरपोरेशन जी स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 के तहत कार्यवाही को आगे बढ़ा रहा है उसमें पहले वह संवैधानिक रूप से सुधार करें विद्युत अधिनियम 2003 की धाराओं का सही मूल्यांकन कर ले कि कौन सी धारा कब काम आएगी सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि पिछले 6 माह से निजीकरण को लेकर एनर्जी टास्क फोर्स सहित पावर कारपोरेशन ने अलग-अलग अनेकों निर्णय लिए ज्यादातर निर्णय विवादों के घेरे में क्यों है। यह या तो निजी घरानो के दबाव में पावर कारपोरेशन को कुछ सूझ नहीं रहा है जो स्वतः उपभोक्ता विरोधी कार्रवाई को दर्शाता है।
पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन हड़ताल थोपने पर आमदा: समिति
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का तीन घंटे का व्यापक विरोध प्रदर्शन आज दूसरे दिन भी जारी रहा। संघर्ष समिति ने पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन निजीकरण की जिद पर अड़ा हुआ है, हठवादी रवैया अपना रहा है और शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपना चाहता है। संघर्ष समिति ने जोर देकर कहा है कि निजीकरण की आड़ में अरबो रुपए के घोटाले की तैयारी है।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि संघर्ष समिति की हड़ताल करने की अभी कोई नोटिस नहीं है किन्तु पावर कारपोरेशन के चेयरमैन,मुख्य सचिव को और शासन के बड़े अधिकारियों को पत्र भेज कर गुमराह कर रहे हैं, कि बिजली कर्मी हड़ताल पर जाने वाले हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि चेयरमैन के पत्र के आधार पर जनपदों में जिला अधिकारियों द्वारा हड़ताल से निपटने की तैयारी के आदेश जारी किए जा रहे हैं जिससे अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बन रहा है।
संघर्ष समिति ने कहा कि झूठा शपथ पत्र देने वाले ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन, जिस पर अमेरिका में पेनाल्टी लगाई गई है, पर कार्यवाही करने के बजाय पावर कॉरपोरेशन संविदा कर्मियों की बड़े पैमाने पर छँटनी रहा है और टकराव का वातावरण बना रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि टेंडर मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष के रूप में निदेशक वित्त निधि नारंग का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। नए निदेशक वित्त पुरुषोत्तम अग्रवाल ने निजीकरण में हो रहे बड़े घोटाले को देखते हुए कार्यभार ग्रहण करने से मना कर दिया है। अब निधि नारंग को दूसरी बार कार्य विस्तार दिया जा रहा है क्योंकि निधि नारंग अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देने के लिए तैयार हो गए हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, जो शासन के सबसे बड़े अधिकारी हैं और एनर्जी टास्क फोर्स के अध्यक्ष हैं, को तत्काल कार्यवाही कर अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति को रद्द करना चाहिए। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार दूसरे दिन बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं ने प्रदेश के समस्त जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में अपराह्न 2ः00 से शाम 5ः00 बजे तक 3 घंटे का व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा। संघर्ष समिति ने कहा है कि निजीकरण के विरोध में आंदोलन उपभोक्ताओं को साथ में लेकर लड़ा जा रहा है। अतः विरोध प्रदर्शन के कारण से उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। संघर्ष समिति ने पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन को चेतावनी दी है कि वे उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को न करें अन्यथा इस भीषण गर्मी में ऊर्जा निगमों में अशांति की पूरी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी। आज वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, आजमगढ़, मिर्जापुर, बस्ती, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, एटा, कानपुर, केस्को, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सीतापुर, रायबरेली, ओबरा, अनपरा, पिपरी, परीक्षा, हरदुआगंज, जवाहरपुर और पनकी में विरोध प्रदर्शन किया गया।
बैकुंडधाम में विद्युत शवदाह गृह एक प्लेटफॉर्म शुरू, दूसरा प्रगति पर
लखनऊ के बैकुंडधाम विद्युत शवदाह गृह में दो शवदाह प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, जिनमें से एक प्लेटफॉर्म वर्तमान में पूरी तरह कार्यरत है। दूसरे प्लेटफॉर्म पर आवश्यक मैंटेनेंस कार्य किया जा रहा है। नगर निगम के अनुसार यह कार्य सोमवार तक पूर्ण कर लिया जाएगा, जिसके बाद दोनों प्लेटफॉर्म पूरी क्षमता से संचालित होंगे।
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बुधवार को स्वयं बैकुंडधाम का दौरा कर विद्युत शवदाह गृह का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि एक प्लेटफॉर्म पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है, जबकि दूसरे प्लेटफॉर्म पर मरम्मत और रखरखाव का कार्य जारी है। नगर आयुक्त ने मौके पर अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्य पूरा करने के निर्देश दिए थे।चीफ इंजीनियर (आरआर) मनोज कुमार प्रभात ने जानकारी दी कि विद्युत शवदाह गृह के दूसरे प्लेटफॉर्म की मेंटेनेंस प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि सोमवार तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा और इसके बाद दूसरे प्लेटफॉर्म से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पुनः सामान्य रूप से संचालित होगी।नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि एक प्लेटफॉर्म कार्यरत होने के कारण विद्युत शवदाह गृह की सेवाएं किसी भी प्रकार से बाधित नहीं हुई हैं। अंतिम संस्कार की सभी प्रक्रियाएं विधिपूर्वक जारी हैं और आमजन को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो रही है।
महापौर ने किया कूलिंग पॉइंट का उद्घाटन
शहर में लगातार बढ़ती गर्मी और हीट वेव से आमजन को राहत देने के उद्देश्य से नगर निगम लखनऊ द्वारा 1090 चौराहे पर एक विशेष कूलिंग पॉइंट स्थापित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य राहगीरों, कामकाजी लोगों और जरूरतमंदों को तेज गर्मी से कुछ राहत प्रदान करना है। गुरुवार को इस कूलिंग पॉइंट का उद्घाटन महापौर सुषमा खर्कवाल ने किया। इस अवसर पर नगर आयुक्त गौरव कुमार, नगर निगम के कई माननीय पार्षदगण और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित रहे।
महापौर श्रीमती खर्कवाल ने जानकारी दी कि नगर निगम द्वारा 1090 चौराहे के अलावा शहर के अन्य प्रमुख स्थानों जैसे जीएसटी भवन, जीपीओ विधानसभा मार्ग, भार्गव पेट्रोल पंप रोड और नगर निगम मुख्यालय पर भी इसी प्रकार के कूलिंग पॉइंट्स स्थापित किए गए हैं। इन कूलिंग पॉइंट्स पर बेड, सोफा, कुर्सी, पंखा, कूलर, मटके का ठंडा पानी और खाने के लिए गुड़ जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि आमजन को तेज धूप और गर्मी से राहत मिल सके। नगर निगम द्वारा शहर के विभिन्न जोनों में पूर्व से संचालित 25 रैनबसेरों को भी इस योजना के अंतर्गत गर्मी से राहत देने योग्य बनाया गया है। इन रैनबसेरों में पहले से ही लोगों के लिए बेड की सुविधा उपलब्ध थी, अब यहां स्वच्छ और ठंडे पानी की भी व्यवस्था की गई है। शहरवासी दोपहर की तपती धूप में इन रैनबसेरों में ठहर कर आराम कर सकते हैं और हीट वेव के दुष्प्रभावों से स्वयं की रक्षा कर सकते हैं।
शहरभर में जलपान केंद्र
महापौर ने यह भी बताया कि जलकल विभाग के सहयोग से लखनऊ शहर के 150 से अधिक स्थानों पर कैनोपी लगाकर शीतल जल की व्यवस्था की गई है। इन जलपान केंद्रों पर मटकों में स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध है, जिससे राहगीरों, श्रमिकों, रिक्शा चालकों और फुटपाथ पर काम करने वाले लोगों को राहत मिल रही है। यह व्यवस्था विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो पूरे दिन खुले में कार्य करते हैं।
निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स से रूबरू हुए प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी
नगर निगम लखनऊ के मुख्यालय, स्मार्ट सिटी वार रूम, जलकल विभाग और कठौता झील का गुरुवार को निरीक्षण दो प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों तेजस कृष्णा और अक्षय दीपक द्वारा किया गया। नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देशन में इस निरीक्षण का नेतृत्व अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त ने किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को नगर निगम की कार्यप्रणाली, स्मार्ट सिटी की तकनीकी परियोजनाएं, जल आपूर्ति व्यवस्था और शहरी सेवाओं के प्रबंधन की गहन जानकारी दी गई। इस अवसर ने प्रशिक्षु अधिकारियों को शहरी शासन की जमीनी हकीकत और तकनीक आधारित विकास की दिशा में लखनऊ की प्रगति को नजदीक से समझने का अवसर प्रदान किया।
गुरुवार को नगर निगम लखनऊ के मुख्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों तेजस कृष्णा और अक्षय दीपक ने जाना कि किस तरह से नगर निगम में विभिन्न विभाग कार्य करते हैं और नागरिकों को सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। निरीक्षण के दौरान अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त ने अधिकारियों को नगर निगम की कार्यप्रणाली से अवगत कराया और उन्हें नगर निगम की योजनाओं, सेवाओं और संचालन तंत्र के बारे में विस्तार से बताया। नगर निगम मुख्यालय के निरीक्षण के बाद प्रशिक्षु अधिकारियों को स्मार्ट सिटी स्थित वार रूम का दौरा कराया गया। यहां उन्हें स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चल रही प्रमुख परियोजनाओं की जानकारी दी गई। अरुण कुमार गुप्त ने अधिकारियों को बताया कि वार रूम स्मार्ट सिटी के संचालन का मस्तिष्क है, जहां से शहर की निगरानी, नियंत्रण और योजना प्रबंधन किया जाता है।वार रूम में प्रशिक्षु अधिकारियों को विभिन्न तकनीकी प्रणालियों के बारे में बताया गया, जैसे कि ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, पब्लिक सेफ्टी सिस्टम, एनवायरनमेंट मॉनिटरिंग सिस्टम, वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम और शिकायत निवारण प्रणाली। इन सभी प्रणालियों के जरिए शहर की गतिविधियों की लाइव मॉनिटरिंग की जाती है और आवश्यकतानुसार त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है। इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त श्री गुप्त ने प्रशिक्षु अधिकारियों को स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये परियोजनाएं नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से संचालित की जा रही हैं। उन्होंने तकनीकी दक्षता, पारदर्शिता और समयबद्धता को इन योजनाओं की सफलता की कुंजी बताया। स्मार्ट सिटी वार रूम के बाद प्रशिक्षु अधिकारियों ने जलकल विभाग के मुख्यालय का निरीक्षण किया। वहां जीएम जलकल कुलदीप सिंह ने उन्हें विभाग की कार्यप्रणाली, जल आपूर्ति व्यवस्था और रखरखाव संबंधी कार्यों के बारे में जानकारी दी। अधिकारियों को बताया गया कि किस तरह से लखनऊ शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पाइपलाइन के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है और किन तकनीकों का प्रयोग किया जाता है।अंत में अधिकारियों को कठौता झील का भी अवलोकन कराया गया, जहां उन्हें बताया गया कि यह झील शहर के दो प्रमुख क्षेत्रों को जल आपूर्ति के लिए उपयोग में लाई जाती है। प्रशिक्षु अधिकारियों ने इस अवलोकन को बेहद उपयोगी बताया और नगर निगम की योजनाओं और तकनीकी प्रगति की सराहना की।
चला अभियान, अस्थायी अतिक्रमण हटाकर जब्त किया गया सामान
महापौर सुषमा खर्कवाल के निर्देशानुसार और नगर आयुक्त गौरव कुमार के आदेश पर नगर निगम लखनऊ के विभिन्न जोनों में अतिक्रमण के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व जोनल अधिकारियों ने किया, जिसमें नादरगंज, अमौसी, अकबरी गेट, इंदिरा नगर, खजाना चौराहा समेत कई प्रमुख क्षेत्रों में अवैध अस्थायी अतिक्रमण हटाए गए। विशेष अतिक्रमण हटाओ अभियान के अंतर्गत जोन-5, जोन-6, जोन-7 और जोन-8 में अवैध अस्थायी अतिक्रमण हटाए गए। ठेले, गुमटी, काउंटर, बैनर, पोस्टर और अन्य सामान जब्त किए गए तथा अतिक्रमणकारियों को कड़ी चेतावनी दी गई।
जोन-5 के अंतर्गत नादरगंज, अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया एवं टेढ़ीपुलिया से आलमबाग मेट्रो स्टेशन तक अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस दौरान कुल 5 ठेले, 3 काउंटर हटाए गए, साथ ही 1 सिलेंडर, 1 काउंटर और 3 लोहे के बोर्ड जब्त किए गए। जोन-6 क्षेत्र में अकबरी गेट ढाल से नक्खाश चौराहा, एक्जॉन स्कूल व कुड़िया घाट चौराहा तक दोनो पटरियों पर अतिक्रमण हटाया गया। अभियान में 20 ठेले व 18 अस्थाई दुकानें हटवाई गईं, तथा 7 ठेले, 1 लकड़ी की मेज, 1 मुर्गे की जाली, 4 कैरेट जब्त किए गए। अतिक्रमणकर्ताओं से 2300 का जुर्माना वसूल कर उन्हें सचेत किया गया। नगर आयुक्त के निर्देश पर जोन-7 अंतर्गत खलीफा होटल से इंदिरा नगर सेक्टर-11 मोड़ तक कुल 95 अवैध बैनर/पोस्टर हटाए गए। अमराई चौराहा से नौबस्ता पुलिया तक 12 झोपड़ियां और 4 टीन शेड ध्वस्त किए गए। इसके अलावा 1 सिलेंडर, 6 कैरेट, 1 लोहे का काउंटर जब्त, तथा 5 ठेले, 2 ठेलियां, 3 गुमटी हटाई गईं। जोन-8 में खजाना चौराहे से बंगला बाजार चौकी, लोकबंधु अस्पताल के सामने और बरिगंवा ज्वाला मंदिर की दोनों पटरियों पर अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान 5 स्टूल, 1 छोटा सिलेंडर, 3 कैरेट, 1 कांटा तराजू, 1 स्टैंडिंग बोर्ड जब्त किए गए।
डग्गामार वाहनों के खिलाफ चलेगा अभियान: रोडवेज परिषद
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, उ.प्र. की केंद्रीय प्रबंध समिति की एक अतिआवश्यक बैठक चारबाग बस स्टेशन पर संपन्न हुई। इस बैठक में प्रदेश के राष्ट्रीयकृत मार्गों पर अनियंत्रित ढंग से चल रही है अवैध वाहनों एवं परमिट की शर्तों का उल्लंघन कर यात्री-जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ करने व निगम की आय का क्षरण एवं सरकार के राजस्व की चोरी करने वाले वाहनों पर रोक लगाने के लिए प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी व संभागीय परिवहन अधिकारी तथा अन्य नियंत्रक अधिकारी को नोटिस-पत्र देकर यथावश्यक्ता आंदोलन भी चलाया जाएगा।
बैठक में देय तिथि से महंगाई भत्ता स्वीकृत न करने पर गम्भीर असंतोष व्यक्त किया गया और 2001 तक नियुक्त संविदा चालकों-परिचालकों को नियमित नियुक्ति प्रदान करने, संविदा कर्मियों का आर्थिक उत्पीड़न रोकने, आउटसोर्स कर्मियों का पारिश्रमिक बढ़ाने सहित उच्च प्रबंधन के साथ 21 अप्रैल 2025 को हुई वार्ता में बनी सहमति के क्रियान्वयन हेतु शासन व निगम प्रबंधन को कुछ और समय देने का निर्णय लिया गया, अन्यथा स्थिति में स्थगित आंदोलन पुनः प्रारम्भ किया जाएगा। इस बैठक में संगठन को और अधिक सुदृढ़ करने से संबंधित एवं परिवहन निगम व इसके कर्मचारी के हितों से संबंधित कई महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीर चर्चा हुई और आवश्यक निर्णय भी लिए गए। बैठक में 1165 मृतक आश्रितों की नियुक्ति के संबंध में सरकार द्वारा लिए गए निर्णय की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री का आभार व्यक्त किया गया तथा प्रमुख सचिव व प्रबंध निदेशक के प्रयासों की प्रशंसा की गई। यह बैठक गिरजा शंकर तिवारी की अध्यक्षता में कल देर शाम तक चली, जिसमें प्रदेश भर से आए केंद्रीय पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की 24 जून को हर जिले में भूख हड़ताल
लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर मोर्चा के पदाधिकारियों सहित कर्मचारी, शिक्षक समूह द्वारा भूख हड़ताल कर सत्याग्रह के माध्यम से लंबित समस्याओं के समाधान हेतु सरकार, शासन का ध्यानाकर्षण किया जाएगा। लखनऊ जनपद का कार्यक्रम बी एन सिंह प्रतिमा पर संपन्न होगा । उक्त निर्णय आज नगर निगम कार्यालय में मोर्चे के अध्यक्ष वी पी मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्न प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक मे सर्वसम्मति से लिया गया ।
बैठक में महासचिव शशि कुमार मिश्रा ने बताया कि 18 नवंबर 2024 को मुख्य सचिव के साथ हुई वार्ता की कार्यवृति जारी नहीं हुई और ना ही कोई कार्यवाही हुई, जिस पर रोष व्यक्त करते हुए 04 मार्च को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को कार्यवृत्ति जारी कर मांगो के समाधान की मांग की गई। तदोपरांत 02 अप्रैल को मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव कार्मिक को पुनः स्मरण पत्र लिखकर ध्यानाकर्षण किया गया। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे कर्मचारियों में अत्यंत रोष व्याप्त है। इसी क्रम में आज की बैठक में सत्याग्रह का निर्णय लिया गया। बैठक में मोर्चा के संयोजक सतीश कुमार पांडे, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री गिरीश मिश्रा, फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, राजकीय निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज मिश्रा ,महामंत्री घनश्याम यादव, जवाहर भवन इंद्रा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीष पाण्डेय, महामंत्री राम कुमार धानुक, मेडिकल कालेज कर्मचारी महासंघ उ प्र के अध्यक्ष विपिन त्यागी, रिजवान अहमद, आशीष कुमार सिंह महामंत्री माध्यमिक शिक्षक संघ उ प्र, सतीश कुमार वर्मा, उपस्थित थे।