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NEW DELHI: भारत में बिना एक्सरसाइज वजन घटाएं, 7 दिन में गोरा हों जैसे कई ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाई जाएगी, जिसमें सच्चाई कुछ अलग होती है और दावा अलग. केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसे विज्ञापनों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. केंद्र ने शुक्रवार को भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के समर्थन, 2022 के लिए दिशानिर्देश जारी किए, जो सरोगेट विज्ञापन को प्रतिबंधित करता है और बच्चों को लक्षित करने वाले विज्ञापनों और अन्य विज्ञापनों के लिए शर्तें निर्धारित करता है. 9 जून को अधिसूचित दिशा-निर्देश उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह और अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने जारी किए. अब जहां वे दिशानिर्देश आज से ही लागू हो गए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, खरे ने कहा कि दिशानिर्देश सभी विज्ञापनों पर लागू होंगे, चाहे फॉर्म, प्रारूप या माध्यम कुछ भी हो. दिशानिर्देश एक निर्माता, सेवा प्रदाता या व्यापारी जिसका सामान, उत्पाद या सेवा एक विज्ञापन का विषय है, या एक विज्ञापन एजेंसी या एंडोर्सर पर लागू होगा, जिसकी सेवा ऐसे सामान, उत्पाद या सेवा के विज्ञापन के लिए ली गई है|
इन गाइड लाइंस का करना होगा पालन
अगर विज्ञापन में उत्पाद को लेकर गलत दावा किया जाता है तो इसके लिए विज्ञापनदाता के साथ ही विज्ञापनकर्ता और उत्पादक भी किए गए दावे के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे,अगर गलत दावा किया गया है और यह साबित होता है तो इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. –
डिस्क्लेमर में उत्पाद और इसके फायदों के बारे में स्पष्ट तौर पर बताना होगा.
जो दावा किया गया है वह डिस्क्लेमर में बताना होगा,यदि किसी अन्य विज्ञापन में कुछ कहा गया है और उसे सही बताने के लिए डिस्क्लेमर दिया जा रहा है तो इसे भ्रामक और गलत माना जाएगा,टर्म एंड कंडीशन में अगर किसी चीज को फ्री बताया गया है तो डिस्क्लेमर में भी उसके बारे में फ्री लिखा होना चाहिए,और अगर फ्री बताकर प्रचार किया जा रहा है तो ये बताना होगा कि दरअसल उस उत्पाद के लिए पर्याप्त समान है कितना? यदि विज्ञापन में फ्री बताकर साथ में शर्तें लागू वाली बात भी कही जा रही है तो इसे मिसलीडिंग माना जाएगा. विज्ञापन में धमकी या जल्दी खरीदने की बात भी नहीं कही जा सकती है |
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