LUCKNOW:शहर से 264 अस्थाई अतिक्रमण हटाते हुए, 16500 जुर्माना वसूला,क्लिक कर देखें और भी खबरें

  • प्रेम शर्मा

LUCKNOW: लखनऊ शहर में नगर आयुक्त  के निर्देशानुसार समस्त मुख्य मार्ग, फुटपाथ, सार्वजनिक स्थलों से अतिक्रमण को विशेष अभियान चलाकर हटाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत आज 264 अस्थाई अतिक्रमण हटाते हुए, 16500 जुर्माना वसूला गया।नगर निगम द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि जोन-1 क्षेत्र में अशोक मार्ग, सिकन्दर बाग चौराहा, सहारागंज मॉल, शाहनजफ रोड से तिराहे तक एवं हजरतगंज अटल चौक से राज भवन होते हुये पार्क रोड सीएम आवास तक विशेष अतिक्रमण अभियान चलाया गया । अभियान के तहत 32 अस्थाई अतिक्रमण व 8 स्थानों से नाली पर किये गये अस्थाई अतिक्रमण एंव 8 दो पहिया वाहनों को रोड से हटाया गया। क्षेत्र के 2 चौराहों को पूर्ण रूप सेअतिक्रमण से मुक्त कराया गया। जोन-2 क्षेत्र में चरक चौराहें सें मेडिकल कॉलेज चौराहे होते हुए बुद्धा पार्क तक मुख्य मार्ग सें पटरी दुकानदारों को हटानें की कार्यवाही की गयी एवं अभियान के दौरान 24 वेंडरों कों जगत नारायण रोड पर व्यवस्थित किया गया। जोन-3 क्षेत्रान्तर्गत पुरनियां पुल के नीचे सीतापुर रोड पर, कपूरथला चौराहे एवं टेढ़ी पुलिया चौराहा से बायोटेक, इसरो, पहाड़पुर, गुड़म्बा थाना कुर्सीरोड से सुलभ शौचालय जानकीपुरम तक किये गये 75 अस्थायी अतिक्रमण को हटाया गया एवं 01 ट्रक सामान जब्त किया गया। जोन-4 क्षेत्रान्तर्गत सीएमएस चौराहे, पत्रकारपुरम चौराहे से होते हुए अम्बेडकर चौराहा, दयाल चौराहा, ग्वारी चौराहा, हनीमैन चौराहा से कमता चौराहे तक अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया एवं गन्दगी फैलाने वालों को माइकिंग द्वारा स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया गया ।इसके अतिरिक्त हुसड़िया चौराहा, हनीमैन चौराहा व चिनहट तिराहे से 19 पक्की दुकानों के सामने से अतिक्रमण हटाया गया । अतः अम्बेडकर चौराहे पर स्थित फल की दुकानों को हटाकर सूर्यालेक वेंडिग जोन में 25 और दयाल चौराहा के वेंडिंग जोन में 27 पटरी दुकानदरों को शिफ्ट किया गया। अतिक्रमण अभियान में लगभग 02 ट्रक समान जब्त किया गया। मौके पर गंदगी शमन, क्षतिपूर्ति शुल्क 4500 रु वसूला गया। जोन-5 जोनल क्षेत्र में गीतापल्ली शेल्टर होम से ईको गार्डेन तिराहे के आस-पास अतिक्रमण अभियान चलाया गया । अभियान में 10 अस्थायी प्रकार के अवैध अतिक्रमण व अवैध प्रचार सामग्री हटाते हुए चौराहे को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। जोन-6 क्षेत्र में बालागंज चौराहे से ठाकुरगंज चौराहे तक एवं उसके आस-पास के क्षेत्र में विषेश सफाई एवं अतिक्रमण अभियान चलाया गया, जिसमें लगभग 32 अस्थायी अतिक्रमण, निस्प्रयोज्य वाहन को हटवाते हुये लगभग 01 ट्रक सामान भी जब्त किया गया।जोन-7 क्षेत्रान्तर्गत खुर्रम नगर चौराहे से टेढ़ीपुलिया चौराहा होते हुए पहाड़पुर चौराहे तक जोन के निर्धारित रोस्टर के अनुसार अतिक्रमण अभियान चलाकर लगभग 115 अस्थाई अतिक्रमण तथा 140 अवैध प्रचार सामग्री बैनर, पोस्टर व होर्डिंग हटाए गए। मौके पर अतिक्रमणकर्ता,गन्दगी करने वालो से 3600 रु का जुर्माना वसूल किया गया तथा 01 ट्रक सामान भी जब्त किया गया।जोन-8 क्षेत्र में शनि मन्दिर तेलीबाग, कासाग्रीन के आस पास अतिक्रमण विरोधीत्रगन्दगी फैलाने वालो के खिलाफ अभियान चलाया गया। जोन के निर्धारित रोस्टर के अनुसार चले विशेष अभियान में 05 अस्थाई अवैध अतिक्रमण व 75 अवैध प्रचार सामग्री हटाने के साथ लगभग 01 ट्रक अस्थाई सामान जब्त किया गया तथा 8800 रु का जुर्माना भी वसूल किया गया।

गंदगी फैलाने वाले से 26565 जुर्माना वसूला

नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत व्यवसायिक क्षेत्रों में प्रतिष्ठानो एवं स्ट्रीट वेन्डर द्वारा कूड़े को निर्धारित एजेंसी (ईकोग्रीन) को न देकर सड़क पर डाल दिया जा रहा है जिससे स्वच्छ लखनऊ-स्वस्थ्य लखनऊ की अवधारणा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस प्रकार के गंदगी पर रोक लगाने एवं नगर को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से गंदगी करने वाले व्यक्तियों पर जुर्माने कार्रवाई जारी है। नगर निगम द्वारा प्रत्येक वार्ड में बाजारवार अधिकारियों व सुपरवाइजरो की तैनाती की गयी है जो कि स्वच्छ भारत मिशन की गाईडलाइन के अनुसार प्रतिदिन सायंकाल 04ः00 बजे से 06ः00 बजे तक मौके पर रु. 50 से रु. 1,000 तक जुर्माना वसूल रहे है। आज कुल 449 व्यक्तियों से रु. 26565 का जुर्माना वसूला गया। गंदगी के विरूद्ध चलाये जाने वाला अभियान निरंतर जारी रहेगा तथा मौके पर गंदगी फैलाने वाले व कूड़ा-करकट फैलाने वाले से जुर्माना भी वसूला जायेगा।

केन्द्रीय विद्युत मन्त्री के बयान पर बिजली इंजीनियरों ने कड़ा एतराज
कर्मचारियों व इंजीनियरों को विश्वास में लिये बिनाबिल पेश हुआ तो हड़ताल तय

केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह द्वारा दिल्ली में फिक्की के कार्यक्रम में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद के आगामी मानसून सत्र में पारित कराए जाने की घोषणा का ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने कड़ा विरोध किया है। फेडरेशन ने कहा है कि देशभर के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों को विश्वास में लिए बिना इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को संसद में पारित कराने की किसी भी एक तरफा कार्यवाही का कड़ा विरोध किया जाएगा और देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर ऐसे किसी भी कदम के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने हेतु बाध्य होंगे।ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजकर यह अपील की है कि ऊर्जा क्षेत्र और बिजली उपभोक्ताओं के व्यापक हित में वे इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 का पुरजोर विरोध करें।ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने आज यहां जारी एक बयान में बताया कि विगत वर्ष किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को प्रेषित पत्र में यह लिखित आश्वासन दिया है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 सभी स्टेकहोल्डर्स को बिना विश्वास में लिए और सभी स्टेकहोल्डर्स से बिना चर्चा किए संसद में नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में सबसे बड़े स्टेकहोल्डर बिजली के उपभोक्ता और बिजली के कर्मचारी हैं। केंद्र सरकार ने और केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने आज तक न ही बिजली के उपभोक्ता संगठनों से और न ही बिजली कर्मचारियों के किसी भी संगठन से इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के माध्यम से प्रस्तावित संशोधनों पर कोई वार्ता की है। अतः यदि बिजली कर्मचारियों को विश्वास में लिए बिना इस बिल को संसद के मानसून सत्र में रखा जाता है तो यह सरकार के लिखित आश्वासन का खुला उल्लंघन होगा और इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। केंद्रीय विद्युत मंत्री आर के सिंह के बयान को भ्रामक और जनता के साथ धोखा बताते हुए उन्होंने कहा की इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के जरिए उपभोक्ताओं को चॉइस देने की बात पूरी तरह गलत है। दरअसल इस संशोधन के जरिए केंद्र सरकार बिजली वितरण का लाइसेंस समाप्त कर निजी घरानों को सरकारी बिजली वितरण के नेटवर्क के जरिए बिजली आपूर्ति करने की सुविधा देने जा रही है। बिजली के सरकारी निगमों ने अरबों खरबों रुपए खर्च करके बिजली के ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन का नेटवर्क खड़ा किया है और इसके अनुरक्षण पर सरकारी निगम प्रति माह करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं ।इस बिल के जरिए इस नेटवर्क के उपयोग की छूट निजी घरानों को देने की सरकार की मंशा है।जहां तक यह सवाल है कि इससे उपभोक्ताओं को चॉइस मिलेगा यह पूरी तरह गलत है क्योंकि इस बिल में साफ-साफ लिखा है की यूनिवर्सल सप्लाई ऑब्लिगेशन अर्थात सबको बिजली आपूर्ति करने की अनिवार्यता केवल सरकारी निगमों की होगी। निजी क्षेत्र की बिजली कंपनियां सरकारी नेटवर्क का इस्तेमाल कर केवल मुनाफे वाले इंडस्ट्रियल और कमर्शियल उपभोक्ताओं को ही बिजली देगी। इस प्रकार घाटे वाले घरेलू उपभोक्ताओं और ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बिजली देने का काम केवल सरकारी बिजली वितरण कंपनी के पास रहेगा। इससे सरकारी क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियां आर्थिक रूप से पूरी तरह कंगाल हो जाएगी और उनके पास बिजली खरीदने के लिए भी आवश्यक धनराशि नहीं होगी। उन्होंने आगे बताया कि इस अमेंडमेंट बिल के जरिए किसी भी प्रकार आम उपभोक्ता के लिए बिजली सस्ती नहीं होने वाली है ।इसका मुख्य कारण यह है कि बिजली की लागत का 80 से 85ः बिजली खरीद का मूल्य होता है और बिजली खरीद के करार 25- 25 वर्ष के लिए पहले से ही चल रहे हैं ।अतः बिजली खरीद के मूल्य में कोई कमी नहीं आने वाली है। साफ है कि कंपटीशन की बात कह कर जनता को धोखा दिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 में कोई नया संशोधन करने के पहले उड़ीसा के निजीकरण की विफलता और देश के कई स्थानों पर निजी क्षेत्र को दिए गए विद्युत वितरण के फ्रेंचाइजी की विफलता का सम्यक विश्लेषण किया जाना जरूरी है। निजी क्षेत्र के फ्रेंचाइजी मुनाफे वाले शहरी क्षेत्र में भी विफल साबित हुए हैं।अब केंद्र सरकार विफलता के इसी प्रयोग को इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के जरिए आम जनता पर थोपना चाहती है जिसे कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से मिले कर्मचारी नेता

कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष  वी पी मिश्रा ,महासचिव शशि कुमार मिश्र व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में परिषद से सम्बद्ध विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने य उपमुख्यमंत्री  बृजेश पाठक  से सचिवालय में मुलाकात की व विभिन्न कर्मचारी संगठनों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया ।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष  सुरेश रावत व महामंत्री अतुल मिश्रा ने उपमुख्यमंत्री  को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रत्येक संवर्ग का कर्मचारी सरकार के निर्देशों पर रात दिन कार्य कर रहा है। कोरोना महामारी के दौरान कर्मचारी ने अपनी जान हथेली पर रखकर कार्य किया न जाने कितने कर्मचारी कार्य के दौरान दिवंगत हुए ऐसे में कर्मचारी की समस्याओं का निराकरण कर उन्हें उत्साहित किया जाना चाहिए था परंतु विभाग एवं शासन स्तर पर कर्मचारियों की अनेकों छोटी बड़ी समस्याएं लंबे समय से लंबित हैं एवं विभागीय व शासन के अधिकारी उनके निराकरण पर रुचि नहीं ले रहे हैं जिस कारण कर्मचारियों में निराशा व्याप्त हो रही है।उपमुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया उनके स्तर से शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही संपन्न की जाएगी।डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला ने मुख्यमंत्री के समक्ष फार्मेसिस्टों की वेतन विसंगति, पदनाम परिवर्तन, चिकित्सकों की अनुपस्थिति में चिकित्सीय कार्य कर रहे फार्मेसिस्टों को विधिक मान्यता दिए जाने,पद सर्जन के मानकों में संशोधन किए जाने, फार्मासिस्ट की नियुक्ति हेतु न्यूनतम योग्यता भारत सरकार की भांति किए जाने, भारत सरकार में सीजीएचएस में कार्य कर रहे फार्मासिस्ट की भांति ए सी पी के साथ उच्च पदनाम भी प्रदान किए जाने आदि मांगों पर विस्तार से चर्चा कर उनके निराकरण की मांग की व उपमुख्यमंत्री जी द्वारा इन बिंदुओं पर शासन से पत्रावली तलब किए जाने के निर्देश जारी किये।लैब टेक्नीशियन एसो के अध्यक्ष सुरेश रावत ने प्रयोगशाला सहायक की पदोन्नति प्रयोगशाला प्राविधिक के पद पर २५ प्रतिाश्त पद पर करने के निर्णय पर अनुरोध किया कि प्रयोगशाला सहायक के पदों का मर्जर एल टी के पदों में कर दिया जाये उससे एल टी के पदो की संख्या बढ़ेगी जिसका लाभ जनता को होगा व उनको ब्रिज कोर्स कराया जाये जिसपर मा नच-उनाीलंउंदजतप जी ने आश्वस्त किया कि प्रभावी कार्यवाही की जाएगी ।ऑप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष जी एम सिंह, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री उमेश मिश्रा ,मेडिकल कॉलेज कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विपिन त्यागी , एक्सरे टेक्निशियन संघ के अध्यक्ष राम मनोहर कुशवाहा,आर के पी सिंह ,बेसिक हेल्थ वर्कर एसो के अध्यक्ष धनंजय तिवारी ,सहायक मलेरिया अधिकारी संघ के अध्यक्ष रमेश ,डा राम मनोहर लोहिया संस्थान के अध्यक्ष अनिल कुमार ने अपने अपने संगठन में व्याप्त समस्याओं की ओर माननीय उपमुख्यमंत्री जी का ध्यान आकर्षित किया और व्याप्त समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की उप मुख्यमंत्री ने शासन स्तर से समस्त समस्याओं पर तत्काल पत्रावली मंगाने के निर्देश जारी किए एवं प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया शासन एवं विभागीय स्तर के अधिकारियों के साथ समस्त कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों की वार्ता शीघ्र कराकर कर्मचारी की समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने उपमुख्यमंत्री से मांग की आवश्यक सेवाओं व कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए स्वास्थ्य विभाग के पैरामेडिकल कर्मचारियों के नीतिगत स्थानांतरण न किए जाएं मात्र स्वयं के अनुरोध पर ही कर्मचारियों के स्थानांतरण किये जाए। कर्मचारियों की पदोन्नति ,पदनाम परिवर्तन की कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर की जानी चाहिये ।

समिति की आयोग ने 27 जून को बैठक, बिजली दर को दिया जाएगा अंतिम रूप
उपभोक्ता परिषद स्लैब परिवर्तन करेगा विरोध

प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से जहां बिजली दर की सुनवाई 21जून 22जून व 24जून को नियामक आयोग द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संपन्न होगी । उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बडी संवैधानिक कमेटी राज्य सलाहकार समिति की बैठक भी 27 जून को बुलाई है जिसमें बिजली दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा नियामक आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में वर्ष 2022- 23 वार्षिक राजस्व आवश्यकता सहित बिजली दर व ट्रू -अप पर चर्चा होगी। इस बैठक में उपभोक्ता परिषद मुख्य रूप से बिजली दरों में कमी कराने तथा स्लैब परिवर्तन का विरोध दर्ज करायेगा। इस बार राज्य सलाहकार समिति की बैठक में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर वर्ष 2017-18 तक निकल रहे रेगुलेटरी असेट रुपया 13337 करोड जो अब लगभग कैरिंग कास्ट सहित 22045 करोड रूपये पर गंभीरता से चर्चा होगी। राज्य सलाहकार समिति की बैठक में एक एजेंडा बिंदु यह भी तय किया गया है। उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं से बिजली दर के बारे में कोई भी अपनी आपत्ति और सुझाव जो है वह विद्युत नियामक आयोग को सीधे भेजने का आग्रह किया है।उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा सबसे पहले उपभोक्ता परिषद 21 जून से शुरू होने वाली बिजली दर की सुनवाई में उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी कराने के लिए अपनी विधिक आपत्तियां व सुझाव दाखिल करेगा उपभोक्ता परिषद लगातार प्रदेश के विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं से लगातार राय मशवरा कर रहा है उसके आधार पर उपभोक्ता हित में जो भी बदलाव या सुझाव होंगे उसे आगामी राज्य सलाहकार समिति की बैठक में पेश करेगा। उपभोक्ता परिषद ने एक बार फिर इस बात पर कडी आपत्ति जताई है कि प्रदेश की बिजली कंपनियां स्लैब परिवर्तन को जो 2 वर्षों से खारिज हो रहा है उसे पास कराने के लिए हर वर्ष पेश कर देती है। लेकिन वह भूल जाती हैं कि पूर्व में विद्युत नियामक आयोग द्वारा पारदर्शिता के तहत राजस्व मॉडल पेश करने का निर्देश जारी किया गया था उस पर वह मौन साध लेती है। बिजली कंपनियां अपने 80 श्रेणी और स्लैब को 53 करने की बात करती हैं लेकिन यह भूल जाती हैं कि उनके सप्लाई टाइप 150 से ज्यादा है और जिसका खामियाजा प्रदेश के उपभोक्ताओं को भुगतना पडता है।

मानदेय न मिलने से नाराज संविदाकर्मियों का प्रदर्शन

मानदेय न मिलने से नाराज बिजली संविदाकर्मियों ने शुक्रवार को तालकटोरा स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन किया। नाराज कर्मचारियों ने लेसा प्रबंधन व कार्यदायी संस्था के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।यूपी पॉवर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेन्द्र कुमार पांडेय ने कहा कि राजाजीपुरम, अपट्रान, ऐशबाग सहित अधिकांश डिवीजनों के अधिशासी अभियंताओं ने ऊर्जा प्रबंधन को बिल बनाकर नहीं भेजा है। इससे संविदाकर्मियों को वेतन नहीं दिया गया है।उन्होंने कहा कि वेतन न मिलने से संविदा कर्मचारी आर्थिक रूप से टूट गए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिशासी अभियंताओं से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिस पर अधीक्षण अभियंता ने कहा कि ठेकेदार से जल्द सभी कर्मचारियों को वेतन देने का निर्देश है। प्रदर्शन में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद खालिद, मीडिया प्रभारी रंजीत कन्नौजिया सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे।

निगम कार्मियों से मारपीट करने वालों पर एफआईआर दर्ज
नगर निगम प्रशासन की अपील आपत्ति होने पर सीधे जोनल और मुख्यालय पर शिकायत दर्ज कराये

नगर निगम प्रशासन ने जोन छह में नोटिस देने गये नगर निगम कार्मिकों के साथ मारपीट मामले में घटना की सूचना कोतवाली चौक में दर्ज करायी गयी जिस पर तीनो कर्मचारियों के मेडिकल के उपरांत पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गयी है। नगर निगम प्रशासन द्वारा शहरवासियों से अपील की गयी है कि शासकीय कार्यवाही होने के दौरान कोई भी नागरिक कानून को अपने हाथ में ना ले। यदि किसी प्रकार की आपत्ति अथवा शिकायत हो तो नागरिकगण सक्षम स्तर पर जोनल कार्यालय अथवा मुख्यालय में अपनी आपत्ति व शिकायत दर्ज करा सकते है। सक्षम अधिकारियों द्वारा नागरिको की शिकायतों व आपत्ति का यथाविधिक उचित निराकरण कराया जायेगा।नगर निगम प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी में बताया कि नगर निगम लखनऊ के जोन-6 क्षेत्र में नोटिस वितरण में बाधा डालते हुए भवनस्वामियों द्वारा कर्मचारियों से मारपीट किए जाने की घटना हुई जिसमें कई कर्मचारी चोटिल हुए थे। इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट द्वारा अवगत कराया गया कि वार्ड चौक/बाजार काली जी के मोहल्ला बाजार काली जी में सामान्य कर बकायेदारो को नोटिस वितरित की जा रही है जिसमें नगर निगम अभिलेखों में शिवनाथ के नाम से दर्ज भवन संख्या 316/038(031) पर गृहकर बकाया होने पर नोटिस प्राप्त कराने के लिए कर्मचारी गये थे। भवन स्वामी द्वारा नोटिस लेने से मना करते हुए कहा गया था कि यह भवन उनका नहीं है जबकि शिवनाथ दिवंगत हो चुके है एवं वर्तमान में उक्त मकान में उनकी दो पुत्रियां अपने-अपने पति के साथ निवास करती हैं। इन उत्तराधिकारियों द्वारा भवन का नामान्तरण अपने नाम से नही कराया गया है। अभी भी संपत्ति शिवनाथ के नाम पर है और नोटिस भी इसी नाम से संपत्ति पर प्राप्त कराया जा रहा था जिससे यह स्पष्ट है कि कार्यवाही नियम संगत है, परन्तु भवन में निवास कर रही स्व. शिवनाथ की पुत्री  महिमा मल्होत्रा, उनके दामाद सौरभ मल्होत्रा, उनकी माता द्वारा नोटिस लेने से मना करते हुए कर्मचारी के साथ मारपीट प्रारम्भ कर दी गयी तथा कर्मचारी अनुचर सुरेश कुमार सोनी की नोटिस बुक फाड़ दी। झगड़ा करते हुए सौरभ मल्होत्रा द्वारासुरेश कुमार सोनी का गला दबाकर गिराया तथा पत्थर से वार किया गया जिसको वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। सरकारी कार्य में बाधा होने एवं इसके पश्चात अन्य कर्मचारी पहुंचे तो श्रीमती महिमा मल्होत्रा एवं सौरभ मल्होत्रा व परिवार के अन्य व्यक्तियों ने पुनः अभद्र भाषा का प्रयोग कर झगड़ा प्रारम्भ कर दिया गया। इस झगड़े में ही राजस्व निरीक्षक सुश्री अंदलीब जेहरा के सर पर कांच की बोतल फोड़ दी एवं पत्थर से प्रहार किया गया। इस मारपीट में राजस्व निरीक्षक सुश्री अंदलीब का मोबाइल भी तोड़ दिया गया तथा अन्य अनुचर  राहुल के साथ भी मारपीट की गयी जिसको वीडियों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इस घटना में तीनो कर्मचारी घायल हुए।

Aaj National

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