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LUCKNOW:यूपी 112 के सामुदायिक पुलिसिंग की तरफ बढ़े कदम , डीजीपी ने किया एक पहल अभियान का शुभारंभ

  • REPORT BY:NITIN TIWARI
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

– पीड़ितों की मदद के लिए पुलिस के साथ मिलकर बढ़ाएं कदम , हर नागरिक समाज के प्रति उठाए जिम्मेदारी

लखनऊ।पीड़ितों की समय से मदद और अपराध की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए यूपी -112 ने सामुदायिक पुलिसिंग को लेकर जन – जागरुकता अभियान एक पहल की शुरूआत की है । इसके तहत लोगों को दूसरों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है । सोमवार को डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस अभियान का शुभारंभ किया ।

इस मौके पर एडीजी 112 नीरा रावत ने कहा कि दुर्घटनाओं में घायलों की समय पर मदद करके जान बचाई जा सकती है । आसपास की गतिविधियों पर नजर रखने वाले सजग व सतर्क नागरिक किसी घटना या संदिग्ध की समय से सूचना देकर कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान कर सकते हैं । बहुमूल्य यूपी -112 पर कॉल करके सभी आकस्मिक सेवाएं प्राप्त की जा सकती हैं । लेकिन आमजन में व्याप्त उदासीनता के कारण लोग इससे वंचित रह जाते हैं । इसे दूर करने के लिए यूपी -112 की तरफ से एक पहल अभियान की शुरूआत की गई है । इसके तहत सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।जिसमें यूपी -112 लोगों को विभिन्न माध्यमों से बताएगी कि किस तरह सजग नागरिक की भूमिका में वह पुलिस के साथ कदम मिलाकर चल सकते हैं ।

दुर्घटनाओं में घायलों की मदद के लिए कैसे समय पर पुलिस को सूचना देने के साथ उन्हें अस्पताल पहुंचाना है । संदिग्ध व्यक्ति व वाहन की सूचना पुलिस को तत्काल देकर किसी बड़े अपराध के कारित होने से पहले रोकना और सामुदायिक या दो समूह वर्ग में विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की जानकारी देकर उसे रोकना जैसे प्रयासों से लोगों को अवगत कराया जा रहा है । यह अभियान आकस्मिक परिस्थितियों में दूसरों की मदद करने की ओर व्यक्ति को प्रेरित करेगा । साथ ही ऐसे सभी कॉलर की पहचान गोपनीय रखी जायेगी ।

कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर मौजूद लोगों और पुलिसकर्मियों को यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कानून व्यवस्था को मजबूत करने में सामुदायिक पुलिसिंग की अहम भूमिका है । यूपी -112 की यह पहल सराहनीय है।इससे अपराध पर नियंत्रण के साथ उन पीड़ितों को त्वरित सहायता पहुंचाने में काफी मदद मिलेगी जो अपनी सहायता के लिए पुलिस को किसी कारणवश बुलाने में उस समय असमर्थ हैं । समाज को भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा । पुलिस और आम जनमानस के बीच की दूरी कम होगी और सरकार की मंशा के अनुरूप प्रदेश को और अधिक सुरक्षित बनाने में सफलता मिलेगी ।

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