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रक्षाबंधन:चलेंगी रोडवेज की अतिरिक्त बसे,चालकों, परिचालकों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि-दयाशंकर,क्लिक करें और भी खबरें

-अधिक यात्री उपलब्धता वाले बस स्टेशनों पर  कर्मियों को बेहतर प्रदर्शन पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि

लखनऊ 12 अगस्त।उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने रक्षाबंधन पर्व पर अतिरिक्त परिवहन सेवा सुलभ कराने के निर्देश दिये हैं। 17 अगस्त से 22 अगस्त तक की अवधि में अधिक से अधिक बसों का संचालन कराया जाए, जिससे कि लोगों को रक्षाबंधन पर्व पर आवागमन में कोई असुविधा न हो। उस अवधि में शत प्रतिशत बसों को आनरोड किया जाए। बसों में कलपुर्जे एवं असेम्बलीज की व्यवस्था पूर्व से करा ली जाये। विषम परिस्थिति को छोड़कर सभी अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए। कोई भी अधिकारी कार्य स्थल से बिना सूचना दिये नहीं छोड़ेगा। एमडी परिवहन निगम ने परिवहन मंत्री के निर्देश पर रक्षाबंधन पर्व पर सभी क्षेत्रीय सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एवं सेवा प्रबंधकों को निर्देश दिये कि पूर्वी क्षेत्रों में रक्षाबंधन पर्व  अतिरिक्त बसों का संचालन कराया जाए। उन्होंने कहा कि पूर्वी यूपी के क्षेत्रों के लिए प्रारम्भिक प्वाइंट्स से 60 प्रतिशत से अधिक यात्री लोड रहता है तो पश्चिमी क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त सेवायें संचालित किये।  रक्षाबंधन के दूसरे दिन लोड फैक्टर ब्रेक इवन के समतुल्य नहीं पाया जाता है तो उस पर संचालन नहीं किया जाए। इस अवधि में अनुबंधित बसों का संचालन कराया जाए और कर्मचारियों की ड्यूटी रोस्टर के तहत लगाये जाए।  क्षेत्रों द्वारा यात्रियों की उपलब्धता के अनुसार विभिन्न गन्तव्यों विशेषकर लखनऊ और कानपुर के लिए अतिरिक्त बसों का संचालन सुनिश्चित कराये। बसों एवं बस अड्डों की साफ-सफाई बेहतर रखें। चेकिग दल मार्गों की सघन चेकिंग करे, ब्रेथ एनलाइजर के माध्यम से चालक एवं परिचालक की एल्कोहल जांच कराई जाए। जिससे कि सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित हो सके। सभी स्टापेज के अलावा मार्ग के मध्य में मिलने वाले यात्रियों को भी बसों में बैठने की सुविधा मिलेगी।एमडी परिवहन निगम ने बताया कि ऐसे चालक,परिचालक जिसमें संविदा के चालक परिचालक सम्मिलित होंगे। इस अवधि में उपस्थित होकर दैनिक रूप से बस संचालन करते हुए 1800 किमी का संचालन पूर्ण करते हैं तो रूपये 1200 की प्रोत्साहन उन्हें प्राप्त होगी। 1800 किमी से अधिक किमी अर्जित करने पर 55 पैसे प्रति किमी की दर से अतिरिक्त भुगतान देय होगा।  डिपो एवं क्षेत्रीय कार्यशाला के तकनीकी कर्मचारी इस अवधि में प्रत्येक दिन उपस्थित होते हैं तो उन्हें एकमुश्त 500 रूपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी। प्रोत्साहन अवधि में योजना की प्रात्रता हेतु सेवा का लोड फैक्टर 64 प्रतिशत अधिक होने पर संबंधित चालक परिचालक को प्रोत्साहन राशि देय होगी। गत वर्ष रक्षाबंधन के अवसर पर संचालित बस उपयोगिता की तुलना में इस वर्ष संचालन में बस उपयोगिता कम आने पर प्रोत्साहन राशि देय नहीं होगी। एमडी परिवहन निगम ने निर्देश दिये हैं गाजियाबाद, मुरादाबाद, मेरठ, बरेली, लखनऊ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, कानपुर एवं इटावा बस स्टेशनों पर यात्रियों की उपलब्धता अधिक रहती है। बस स्टेशनों पर आवश्कतानुसार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए। बस स्टेशनों पर तैनात कार्मिकों एवं पर्यवेक्षकों को प्रोत्साहन धनराशि के उद्देश्य से 5000 रूपये प्रति स्टेशन की दर से प्रदान की जायेगी। उन बस स्टेशनों का रक्षाबंधन के पर्व पर बसों की संचालन व्यवस्था बनाये रखने में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले कार्मिकों एवं पर्यवेक्षकों को उन बस स्टेशनों के क्षेत्रीय प्रबंधक स्वविवेक से प्रोत्साहन राशि का वितरण करेंगे।

‘कृषको का प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना’ के लिए 136.47 लाख स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने दुग्ध विकास के अंतर्गत आच्छादित संस्थाओं के माध्यम से कृषकों को प्रशिक्षण दिए जाने हेतु ‘कृषकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना’ के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रथम किश्त के रूप में 136.47 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए एससीपी,टीएसपी मानक के अनुरूप व्यय की जायेगी।दुग्ध विकास विभाग द्वारा इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार योजना के सुव्यवस्थित क्रियान्वयन एवं स्वीकृत धनराशि के नियामानुसार व्यय के संबंध में जनपद मैनपुरी, आगरा, मेरठ, झांसी, जालौन उरई हमीरपुर, बांदा, महोबा, लखनऊ, लखीमपुरखीरी, बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, रामपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, मऊ, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कानपुर, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, गोण्डा एवं बहराइच के दुग्धशाला विकास अधिकारी,उप दुग्धशाला विकास अधिकारी, आहरण वितरण अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। निर्देशित किया गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का उपयोग अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्यों से गठित पुनर्गठित समितियों पर ही किया जायेगा।

संस्थानों,गृहों के संचालन योजना में 1423.01 लाख  मंजूर

प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में महिला कल्याण विभाग के अन्तर्गत राजस्व पक्ष में अधिष्ठान व्यय के लिए 13 संस्थानों,गृहों के संचालन योजना में प्राविधानित धनराशि के अन्तर्गत 1423.01 लाख रूपये मंजूर किये हैं।महिला कल्याण विभाग ने इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी कर दिये हैं। जारी आदेश के अनुसार संस्थानों,गृहों का संचालन योजना मद में कुल प्राविधानित धनराशि 2846.02 लाख रूपये सापेक्ष यह धनराशि द्वितीय छमाही हेतु मंजूर करते हुए निदेशक, महिला कल्याण के निवर्तन पर रखी गयी है।

खाद्यान्न का मुफ्त वितरण 21 अगस्त तक,चयनित जनपदों में बाजरा का भी होगा निःशुल्क वितरण

प्रदेश के अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत अगस्त के सापेक्ष आवंटित खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण 21 अगस्त तक किया जायेगा। प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने बताया कि अन्त्योदय लाभार्थियों को 48 जनपदों यथा-आगरा, अलीगढ़, अमरोहा, औरैया, बलिया, बांदा, बरेली, बदायूं, बुलंदशहर, चन्दौली, चित्रकूट, एटा, इटावा, फर्रूखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जालौन, जौनपुर, झांसी, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कासगंज, कौशाम्बी, लखनऊ, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, पीलीभीत, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, रामपुर, सम्भल, संतरविदास नगर, शाहजहांपुर, सीतापुर, उन्नाव व वाराणसी में, जहां उचित दर दुकानों पर जनवरी से जुलाई के मध्य वितरण के पश्चात उपलब्धतानुसार अवशेष बाजरा का वितरण कराया जाएगा। खाद्य आयुक्त ने बताया कि इन 48 जनपदों में प्रत्येक अन्त्योदय कार्ड पर चावल के स्थान पर 02 किग्रा बाजरा प्रति कार्ड ‘प्रथम आवक प्रथम पावक‘ के सिद्धान्तानुसार वितरित किया जायेगा। इस तरह अन्त्योदय योजना के तहत चिन्हित 48 जनपदों में प्रति कार्ड 14 किग्रा गेहूं, 19 किग्रा चावल तथा 02 किग्रा बाजरा उपलब्धतानुसार कुल 35 किग्रा खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। बाजरा का स्टॉक समाप्त होने पर, पूर्व निर्धारित मात्रानुसार 14 किग्रा गेहूं एवं 21 किग्रा चावल का वितरण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश के अन्य समस्त जनपदों में प्रति कार्डधारक 14 किग्रा गेहूं एवं 21 किग्रा चावल कुल 35 किग्रा खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। चयनित जनपदों के पात्र गृहस्थी लाभार्थियों को चावल के स्थान पर प्रति यूनिट 01 किलोग्राम बाजरा ‘पहले आओ पहले आओ‘ के सिद्धांत के अनुसार उपलब्धता के अनुसार वितरित किया जाएगा। चयनित जनपदों में 02 किग्रा गेहूं प्रति यूनिट, 02 किग्रा चावल प्रति यूनिट एवं 01 किग्रा बाजरा प्रति यूनिट उपलब्धतानुसार कुल 05 किग्रा प्रति यूनिट किया जायेगा। बाजरे का स्टॉक समाप्त होने पर पूर्व निर्धारित मात्रा के अनुसार 02 किग्रा गेहूँ एवं 03 किग्रा चावल वितरित किया जायेगा।इसके अतिरिक्त प्रदेश के अन्य समस्त जनपदों में पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को 02 किग्रा गेहूं प्रति यूनिट एवं 03 किग्रा चावल प्रति यूनिट कुल 05 किग्रा प्रति यूनिट खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। खाद्यान्न व बाजरा के निःशुल्क वितरण में पोर्टेबिलिटी ट्रान्जेक्शन की सुविधा उपलबध रहेगी। विक्रेता उपलब्ध स्टॉक की सीमा तक पोर्टेबिलिटी ट्रान्जेक्शन कर सकेंगे।

राज्य सड़क निधि योजना: बरेली मण्डल के  06 मार्गों के चालू कार्यों हेतु 10 करोड़ 08 लाख 44 हजार अवमुक्त

राज्य सरकार द्वारा राज्य सड़क निधि योजना के अन्तर्गत बरेली मण्डल के विभिन्न जनपदों के 06 मार्गों के स्वीकृत एवं चालू कार्यों हेतु 10 करोड़ 08 लाख 44 हजार रूपए की अवशेष धनराशि अवमुक्त की गयी है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।
इन 06 चालू कार्यों में बरेली में भोजीपुरा से अग्रास होते हुये एनएच-24 शंखा पुल तक मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु 02 करोड़ 50 लाख,  पीलीभीत में पीलीभीत-बस्ती मार्ग के कि0मी-41 से पूरनपुर सिरसी गोपालपुर अजीतपुर बिल्हा होते हुये पूरनपुर बण्डा मार्ग के पुनर्निर्माण कार्य हेतु 50 लाख, हापुड़ में बलसण्डी खुर्द जेवा जसवन्तपुर महमूदपुर सहजनिया रधुनाथपुर मार्गलखीमपुर सीमा तक के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु 02 करोड़ 02 लाख 50 हजार रूपये, शाहजहांपुर में पुवांया नाहिल सिंघापुर मार्ग अजिमा के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु 02 करोड़ 85 लाख 20 हजार शाहजहांपुर में पुवायां मार्ग से नियामतपुर एआरटीओ कार्यालय कृषि विज्ञान केन्द्र होते हुये रिंग रोड तक मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु 01 करोड़ 71 लाख 98 हजार रूपये व अहमदनगर से रामापुर बरकतपुर सम्पर्क मार्ग के नवनिर्माण कार्य हेतु 48 लाख 76 हजार  कुल 10 करोड़ 08 लाख 44 हजार रूपये  की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। शासनादेश में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि आवंटित धनराशि का उपयोग प्रत्येक दशा में 31 मार्च 2025 तक कर लिया जाय एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को 30 अप्रैल 2025 तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय।

उत्तर प्रदेश के ‘स्मार्ट गन्ना किसान’ पोर्टल एवं ‘ई-गन्ना एप’ की एकीकृत वेब बेस्ड पारदर्शी व्यवस्था से अन्य राज्य प्रेरित

उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा विकसित ‘स्मार्ट गन्ना किसान’ पोर्टल एवं ‘ई-गन्ना एप’ की एकीकृत वेब बेस्ड पारदर्शी व्यवस्था के अध्ययन और पोर्टल के तकनीकी संचालन के संबंध में भारत सरकार के संयुक्त सचिव के नेतृत्व में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु राज्य के गन्ना आयुक्तों के साथ  प्रतिनिधि मण्डल 13 व 14 अगस्त को वृहद स्तर पर विश्लेषणात्मक अध्ययन करेगा।

गन्ना आयुक्त प्रभु एन. सिंह ने  बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 46 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता सदस्यों के गन्ने की सुगम एवं निर्बाध आपूर्ति कराने के उद्देश्य से 158 सहकारी गन्ना विकास समितियों, 28 चीनी मिल समितियों एवं 121 चीनी मिलों के मध्य समन्वय स्थापित कर ‘स्मार्ट गन्ना विकास प्रोजेक्ट’ की फलीभूति हुई। इस सफलता से प्रभावित होकर भारत सरकार ने देश के अन्य गन्ना उत्पादक राज्यों में भी इस मॉडल को अपनाने हेतु लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान लखनऊ के सभागार में बैठक एवं विस्तृत कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।श्री सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में ‘स्मार्ट गन्ना विकास प्रोजेक्ट’ के माध्यम से ऑनलाइन गन्ना सर्वेक्षण, बेसिक कोटा, बेसिक सट्टा आगणन, गन्ना कैलेण्डरिंग, समानुपातिक पारदर्शी पर्ची निर्गमन, गन्ना आपूर्ति एवं पोर्टल के माध्यम से गन्ना मूल्य भुगतान की प्रक्रिया के क्रियान्वयन संबंधी समस्त पारदर्शी ब्यवस्था की जानकारी साझा की जायेगी।

स्मार्ट गन्ना विकास प्रोजेक्ट के मूल उदेश्यों , कार्याे में सुगमता, एकरूपता व पारदर्शिता के साथ प्रभावी अनुश्रवण, नियंत्रण एवं कृषकों की समस्याओं का ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किये जा रहे त्वरित निदान पर भी चर्चा की जायेगी। पोर्टल एवं ई-गन्ना एप के क्रियान्वयन से संबंधित सैद्धांतिक व व्यवहारिक प्रक्रियाओं तथा जिज्ञासाओं के समाधान हेतु कार्यक्रम के अन्त में प्रश्न प्रहर का भी आयोजन किया गया है।कार्यक्रम में अश्विनी श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव चीनी भारत सरकार, महाराष्ट्र राज्य के चीनी आयुक्त कुनाल खेमनार, कर्नाटक राज्य के आयुक्त, गन्ना विकास एवं निदेशक चीनी एम.आर. रविकुमार, तमिलनाडु राज्य के अपर आयुक्त शुगर बी. बालामुरूगन अपनी-अपनी टीम सदस्यों के साथ प्रतिभाग करेंगे।

सिद्धार्थनगर में सड़क निर्माण हेतु 100.47 लाख मंजूर

प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के अन्तर्गत सिद्धार्थनगर में सड़क निर्माण से संबंधित एक कार्य हेतु 100.47 लाख रूपये मंजूर किये हैं। मंजूर की गयी धनराशि सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी के निवर्तन पर रखी गयी है।नियोजन विभाग ने इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी कर दिये हैं। इस कार्य हेतु मंजूर की जा रही धनराशि नियमानुसार संबंधित जनपद के जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी द्वारा जिलाधिकारी की अनुमति से कोषागार से आहरित कर कार्यदायी संस्था को उपलब्ध करा दी जायेगी। परियोजना के लिये मंजूर की गयी धनराशि ब्याज अर्जित करने के उद्देश्य से आहरित कर बैंक,डाकघर में नहीं रखी जायेगी। यह धनराशि आवश्यकतानुसार आहरित कर व्यय की जायेगी और तदनुसार कार्यदायी संस्था को अवमुक्त की जायेगी। कार्य को मानकों के अनुरूप पूर्ण गुणवत्ता के साथ स्वीकृत लागत में ही पूर्ण किया जायेगा और लागत वृद्धि अनुमन्य नहीं होगी।

नेशनल स्पेस-डे पर पुरस्कार वितरण

23 अगस्त 2023 को चन्द्रयान-3 की चन्द्रमा पर सफलतापूर्वक हुई लैंडिंग के उपलक्ष्य में भारतवर्ष में 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे मनाये जाने की उद्घोषणा  प्रधानमंत्री ने की है। नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा देश के 11 इम्प्लीमेंटिंग एजेंसियों, मेघालय, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, सिक्किम, मिजोरम, बिहार तथा मध्यप्रदेश में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के नोडल एजेंसी को वाटर सेक्टर में अंतरिक्ष के योगदान एवं उपयोगिता के सम्बन्ध में स्कूलों में बालक-बालिकाओं एवं युवाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से ड्रांइग कम्प्टीशन, पोस्टर मेकिंग, कोलॉज, निबन्ध लेखन, क्विज एवं डिबेट का आयोजन तथा वाटर सेक्टर से जुड़े राजकीय विभागों, प्राइवेट संस्थानों के अधिकारियों, अभियन्ताओं, तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों के मध्य स्पेस टेक्नोलॉजी का अधिकाधिक उपयोग करने के सम्बन्ध में कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप का आयोजन करने के निर्देश दिये गये। भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा सैटेलाइट सिस्टम पर काफी अनुसंधान किया जा रहा है, जिससे कि आने वाले समय में प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, कृषि एवं औद्योगिकी क्षेत्र में जल की उपलब्धता, प्रबन्धन, नदियों व जलाशयों की साउंडिंग, एक्यूफर, भूकम्प इत्यादि का बेहतर आंकलन किया जा सके। भविष्य में आने वाली पीढी को स्पेस टेक्नोलॉजी के प्रति आकर्षण पैदा करने एवं भौगोलिक परिदृष्य में तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन जिसका प्रकृति एवं जीवन पर पड़ने वाले दूरगामी परिणाम का विशलेषण कर मानव जीवन को अच्छे परिणाम के साथ आगे बढ़ने का लक्ष्य निर्धारित किया जा सके। इसी उद्देश्य को लेकर नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरफेस वाटर, सूचना प्रणाली संगठन, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, लखनऊ द्वारा 12 अगस्त को सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल एवं सेठ एम. आर. जयपुरिया स्कूल द्वारा संचालित गरीब बच्चों के लिए सृजन स्कूल में कक्षा-3 से लेकर इण्टरमीडिएट तक के लगभग 1500 विद्यार्थियों के मध्य ड्रांइग कम्प्टीशन, पोस्टर मेकिंग, कोलॉज, निबन्ध लेखन, क्विज एवं डिबेट का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान एवं सान्त्वना पुरूस्कार, अखिलेश सचान, प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, लखनऊ तथा मुख्य अभियन्ता, सूचना प्रणाली संगठन  नोडल ऑफिसर, नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट द्वारा प्रदान किया गया। नेशनल स्पेस डे पर सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल के छात्र-छात्राओं में जागरूकता पैदा करने के लिए करायी गयी प्रतियोगिता के लिए सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल की प्रिंसिपल का योगदान प्रसंशनीय रहा।

महाकुंभ 2025 : श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशिक्षित किये जायेंगे 4000 गाइड 

प्रयागराज में अगले वर्ष  विश्व के सबसे बड़े धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ-2025 की तैयारियां प्रगति पर हैं। करोड़ों श्रद्धालुओं के ठहरने की उत्तम व्यवस्था के लिए बड़े पैमाने पर टेंट सिटी, होम स्टे, होटल्स आदि के साथ लोगों की सुविधा के लिए 4000 गाइड को प्रशिक्षित किये जाएगे। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि महाकुंभ-2025 में पर्यटकों की सुविधा के लिए करीब 4000 गाइड प्रशिक्षित होंगे। प्रशिक्षण के लिए उम्र सीमा 18 से 60 वर्ष और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता-12वीं पास होना आवश्यक है। प्रत्येक बैच 60 लोगों को होगा। गाइड ट्रेनिंग 5 दिनों तक चलेगी, जबकि बोटमैन, टैक्सी ड्राइवर और स्टेकहोल्डर्स को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। महाकुंभ के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार किये जायेगे। महाकुंभ 2025 में करीब 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जिसके लिए तैयारियां जोरों पर है। पर्यटन विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आज से होटल इलावर्त से प्रारंभ हो गया है। मान्यवर कांशीराम पर्यटन संस्थान लखनऊ द्वारा 5 दिवसीय गाइड और बोटमैन, टैक्सी ड्राइवरों और स्टेकहोल्डर्स के लिए 1 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कराया जा रहा है। प्रशिक्षण के पश्चात प्रतिभागियों को एक किट प्रदान की जाएगी, जिसमें पेन, नोटपैड आदि के साथ सर्टिफिकेट दिया जाएगा। मेला शुरू होने के पश्चात जनवरी माह से कार्य करने वाले सभी ट्रेनी को मानदेय भी दिया जाएगा। इच्छुक आवेदक पर्यटन विभाग में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। प्रदेश सरकार प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को पहले से भव्य और दिव्य ढंग से संपन्न कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं। पर्यटन विभाग दुनिया के इस सबसे बड़े मेले को पर्यटन की दृष्टि से एक अवसर के रूप में देख रही है। मेले में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाएं सृजित की जा रही हैं। महाकुंभ से पहले सभी अवस्थापना सुविधाओं का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। श्रद्धालुओं के ठहरने, दर्शन, स्नान आदि के साथ भ्रमण के लिए गाइड की व्यवस्था की जा रही है, ताकि आगंतुक एक सुखद एवं यादगार अनुभव लेकर जाएं और प्रदेश की अवस्थापना सुविधाओं के बारे में अन्य से चर्चा करें।

जन समस्याओं के समाधान हेतु तय होगी जवाबदेही

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने  कैम्प कार्यालय 7- कालिदास मार्ग पर  जनता दर्शन में आये फरियादियों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि हर व्यक्ति को हर समस्या का हर सम्भव  निदान किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि  प्रत्येक फरियादी की समस्या का त्वरित व संतुष्टिपरक समाधान किया जाय।  समस्याओं का सम्पूर्ण समाधान किया जाय और समस्याओं के समाधान हेतु जवाबदेही तय होनी चाहिये। जन समस्याओं का समयबद्ध  निस्तारण किया जाए। किसी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि उत्पीड़न , भूमि पर अवैध कब्जों के मामलों को बेहद गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ हल किया जाय और जहां जरूरत हो‌, कठोर कार्यवाही की जाय।उन्होने जनसुनवाई के दौरान एक-एक व्यक्ति की समस्या को पूरी गम्भीरता से सुना तथा समस्याओं के निराकरण हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि समस्याओं का निराकरण इस प्रकार किया जाय कि समस्याग्रस्त व्यक्ति पूरी तरह से संतुष्ट रहें और उन्हें दुबारा कहीं भटकना न पड़े और बार -बार चक्कर न लगाने पड़ें। महिलाओं, दिव्यांग जनो, बुजुर्गों आदि की समस्याओं व शिकायतों को सुना और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर संबंधित अधिकारियों को त्वरित गति से निदान करने हेतु दिशा निर्देश दिए ।जनता दर्शन में भूमि विवाद ,दुर्घटनाओं से संबंधित ,अवैध कब्जे, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास आवंटन, भूमि पर कब्जा दिलाने, अतिक्रमण हटाने,सड़क बनवाने, विद्युत, अभियुक्तों की गिरफ्तारी कराने, उत्पीड़न आदि से संबंधित विभिन्न समस्याएं  प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए लोगों ने रखी। उप मुख्यमंत्री फरियादियों के पास खुद चलकर गये और एक एक व्यक्ति की समस्या को उनसे सीधे  संवाद  करते हुए सुना।जनता दर्शन  मे आजमगढ़, सुल्तानपुर, कासगंज, फर्रुखाबाद,एटा, हरदोई,बदायुं, मिर्जापुर, कुशीनगर अमरोहा, चन्दौली, लखनऊ , पीलीभीत, कौशाम्बी, कानपुर नगर, अम्बेडकरनगर, बुलन्दशहर, मैनपुरी, जालौन, बरेली, बाराबंकी, जौनपुर, प्रयागराज, गोण्डा, इटावा, अलीगढ़ शाहजहांपुर , गाजीपुर, ललितपुर, अयोध्या  सहित लगभग 3 दर्जन से अधिक ज़िलों से कई  सैकड़ा लोगों ने आकर अपनी समस्याएं रखी।  उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समस्याओं के निस्तारण के बावत  अलीगढ़, गोण्डा, शाहजहांपुर,व अयोध्या  के जिला अधिकारी, शाहजहांपुर, ललितपुर, गाजीपुर, व आजमगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,पुलिस अधीक्षक , पुलिस कमिश्नर प्रयागराज व  उच्चाधिकारियों से दूरभाष पर वार्ता कर दिशा निर्देश दिए।

पहली सितंबर से 31 दिसंबर तक अभियान चलाकर पूर्ण करें ईयर टैगिंग का कार्य 

पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि आगामी 01 सितंबर से 31 दिसंबर तक अभियान चलाकर पशुओं में ईयर टैगिंग का कार्य पूर्ण किया जाए।पशुधन की रोगों से सुरक्षा हेतु वैक्सीनेशन कार्य निरन्तर किया जाए और ईयर टैंगिग का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।गौशालाओं में गोवंश के भरण पोषण की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाए। हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए और गो आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाए।  अधिकारी निराश्रित गोवंश हेतु गोआश्रय स्थलों में पर्याप्त चारा, भूसा, पानी, प्रकाश, औषधि आदि आवश्यक व्यवस्थायंे सुनिश्चित करें। हरा चारा बुवाई के लक्ष्य प्राप्ति में जनपद स्तर पर सीवीओ की जिम्मेदारी तय की जाए। धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थल तक पहुंचाने, गोवंश के भरण पोषण की बेहतर व्यवस्था, ईयर टैगिंग कार्य, पशुधन बीमा,वर्षा ऋतु में गोसंरक्षण केंद्रों की व्यवस्था तथा हरा चारा बुआई के कार्यो की विस्तृत समीक्षा की। श्री सिंह ने गौ संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने पर बल देते हुए निर्देशित किया कि गौशाला के स्वावलम्बन हेतु गौ जनित पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने गोशाला में गोबर के विविध उपयोग के द्वारा यथा कंडें बनवाकर बिक्री किये जाने तथा कम्पोस्ट खाद आदि बनाये जाने के निर्देश दिए। जनपदों में उपलब्ध कब्जामुक्त,गोचर भूमि पर अन्य चारा बीज की तत्काल बुआई कराकर शत-प्रतिशत हरा चारा आच्छादन का लक्ष्य ससमय पूर्ण किया जाए। इस कार्य के लिए सीवीओ की जिम्मेदारी तय की जाए और यदि निर्धारित समय में लक्ष्य प्राप्त नहीं होता है तो संबंधित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए। टीकाकरण कार्य की स्थिति का सत्यापन भी कराया जाए। समस्त गो सदनों की वर्तमान स्थिति एवं भूमि विवरण राजस्व अभिलेखों से प्राप्त कराया जाए तथा जो गो सदन विभाग अथवा जिला प्रशासन द्वारा संचालित हैं,के सुदृढ़ीकरण पर कार्य किया जाए।पशुधन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपदों में भूसा, हराचारा, दाना, पानी, प्रकाश, वैक्सीन, औषधि आदि की उपलब्धता का प्रभावी अनुश्रवण एवं निरीक्षण कर सत्यापित कराया जाए।अधिकारी जनपदों में जाकर गौशालाओं का स्थलीय निरीक्षण करें और वहां आवश्यक व्यवस्था करें। जनपदों में जहां कहीं कोई भी समस्या आये तो उसके संबंध में तत्काल मुख्यालय को अवगत कराया जाए। निराश्रित गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इन कार्यों में लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव रवीन्द्र ने मंत्री को आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन  किया जायेगा। प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि  कहा कि अधिकारी गोसंरक्षण कार्यो को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से करें ।बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पशुपालन विभाग के निदेशक डा पीएन सिंह, अपर निदेशक डा अरविन्द कुमार सिंह, अपर निदेशक डा जयकेश कुमार पाण्डेय, एलडीबी के डॉ नीरज गुप्ता सहित सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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