- REPORT BY:ATUL TIWARI/PIB
- EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा के आम चुनावों में तैनात किए जाने वाले पर्यवेक्षकों को जानकारी देने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग ने नई दिल्ली के रंग भवन सभागार में एक बैठक कर चुनावी जानकारी दी।इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू ने पर्यवेक्षकों को आवंटित उनके निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी क्या महत्वपूर्ण भूमिका होगी,इसको लेकर बिस्तार से व्यक्तिगत जानकारी दी। इस बैठक में आईएएस,आईपीएस अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय राजस्व सेवा और कुछ अन्य केंद्रीय सेवाओं के करीब चार सौ से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।वही जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में करीब दो सौ सामान्य पर्यवेक्षक,सौ पुलिस पर्यवेक्षक और एक सौ व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे।इस मौके पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि आयोग के प्रतिनिधि के रूप में पर्यवेक्षकों से अपेक्षा की जाती है कि वे पेशेवर तरीके से व्यवहार करें और उम्मीदवारों तथा आम जनता सहित सभी हितधारकों के लिए सुलभ रहें।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पर्यवेक्षकों को भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने तथा यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी कि परस्पर संवाद में कोई अंतराल न रहे। पर्यवेक्षकों पर पार्टियों, उम्मीदवारों, मतदाताओं तथा आयोग की भी सतर्क निगाह रहेगी। चुनावों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में उनके सुझाव महत्वपूर्ण होंगे।इस मौके पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वाली भ्रामक खबरों के प्रति सतर्क रहने तथा समय पर कार्रवाई करने की भी सलाह दी।चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों को पूरे चुनाव तंत्र का निरीक्षण करना चाहिए। विधानसभा चुनाव अत्यधिक कड़ी टक्कर वाले होते हैं और इन चुनावों में पर्यवेक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।इस मौके पर चुनाव आयुक्त डॉ. संधू ने पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव के संचालन को बेहतर बनाने के लिए सुगमता,दृश्यता और जवाबदेही आवश्यक है।
पर्यवेक्षकों को यह दिये गये सख्त निर्देश
चुनाव आयोग ने कहा है कि पर्यवेक्षकों के विवरण मोबाइल और लैंडलाइन नंबर तथा ई-मेल पते और ठहरने के स्थान आदि को सीईओ और जिला वेबसाइटों पर,इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए तथा इसे जिला निर्वाचन अधिकारियों/आरओ द्वारा अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों के आगमन के दिन उम्मीदवारों और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बीच प्रसारित किया जाना चाहिए।पर्यवेक्षकों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे जिला निर्वाचन अधिकारियों और क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों की बुलाई जाने वाली बैठकों का निरीक्षण करें तथा यह सुनिश्चित करें कि उनकी शिकायतों को उचित ढंग से सुना जाए तथा उन पर कार्रवाई की जाए।जमीनी स्तर पर आयोग की आंख और कान के रूप में पर्यवेक्षकों को पूरी ईमानदारी के साथ निरंतर सतर्कता बरतने को कहा गया। एक मार्गदर्शक के रूप में पर्यवेक्षकों को प्रत्येक निर्देश और प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से समझना होगा।सभी प्रयोजनों के लिए, पर्यवेक्षक निर्वाचन मशीनरी, उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और मतदाताओं के साथ इंटरफेस के रूप में क्षेत्र से आयोग को सीधे इनपुट प्रदान करेंगे।पर्यवेक्षकों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि चुनाव से संबंधित अधिनियमों, नियमों, प्रक्रियाओं, निर्देशों और दिशानिर्देशों का सभी संबंधितों द्वारा सख्ती और निष्पक्षता से अनुपालन किया जाए।पर्यवेक्षकों को मतदान केंद्रों का दौरा करना चाहिए तथा दिव्यांगजनों और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए मतदान सुलभ बनाने हेतु ए.एम.एफ., विशेषकर रैम्प और व्हीलचेयर सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
दिन भर चले जानकारी सत्रों के दौरान, वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त, डीईसी और ईसीआई के महानिदेशकों द्वारा चुनाव प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के बारे में अधिकारियों को व्यापक और गहन जानकारी प्रदान की गई। चुनाव नियोजन, पर्यवेक्षक की भूमिका और जिम्मेदारियों, मतदाता सूची के मुद्दों, आदर्श आचार संहिता लागू किए जाने, चुनाव व्यय निगरानी, कानूनी प्रावधानों, ईवीएम/वीवीपीएटी प्रबंधन, मीडिया की भागीदारी और आयोग के प्रमुख एसवीईईपी कार्यक्रम के तहत मतदाता सुविधा के लिए की जाने वाली गतिविधियों की विस्तृत विषयगत प्रस्तुतियाँ दी गईं।
दिखाया गया ईवीएम और वीवीपैट का कार्यात्मक प्रदर्शन
पर्यवेक्षकों को मतदाता सुविधा के लिए आयोग की विभिन्न आईटी पहलों और मोबाइल एप्लीकेशन के साथ-साथ क्षेत्र में चुनाव प्रक्रियाओं के प्रभावी और कुशल प्रबंधन से भी अवगत कराया गया। पर्यवेक्षकों को ईवीएम और वीवीपैट का कार्यात्मक प्रदर्शन दिखाया गया और ईवीएम इकोसिस्टम को पूरी तरह से सुरक्षित, मजबूत, विश्वसनीय, छेड़छाड़-रहित और विश्वसनीय बनाने के लिए इसके विविध तकनीकी सुरक्षा सुविधाओं, प्रशासनिक प्रोटोकॉल और प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी गई। पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया गया कि वे अपने काम को सुविधाजनक बनाने के लिए चुनाव प्रबंधन से संबंधित सभी विषयों पर अद्यतन और व्यापक मैनुअल, हैंडबुक, निर्देशों का संग्रह, क्या करें और क्या न करें का अध्ययन करें। ये सभी निर्देश और दिशा-निर्देश ईसीआई की वेबसाइट पर ई-बुक और खोज योग्य प्रारूप में उपलब्ध हैं।