- REPORT BY:PREM SHARMA
- EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
लखनऊ। नगर निगम कार्यकारिणी में दो दिनो में सबसे खास बॉत यह रही कि कई मुद्दो पर पक्ष और विपक्ष एक साथ दिखा। राजधानी लखनऊ के नगर निगम में भाजपा पार्षद अपनी ही पार्टी की मेयर पर भड़कने के बाद अब जल निगम पर आक्रोशित हैं। नगर निगम सदन में सोमवार को जल निगम के खिलाफ भाजपा पार्षदों का आक्रोश खुलकर सामने आया। भाजपा के तमाम पार्षदों ने कहा कि जल निगम के अधिकारी मनमाने तरीके से शहर में सड़क खोद दे रहे हैं। वह नगर निगम को कुछ समझते नहीं है। इनसे सारा काम वापस ले लिया जाए। भविष्य में नगर निगम से जुड़ा कोई भी काम जल निगम को नहीं दिया जाना चाहिए। खुद उपाध्यक्ष गिरीश गुप्ता ने कहा कि कई इलाकों में जल निगम ने सड़क खोद डाली हैं। एक- एक साल से व्यापारी परेशान हैं। जल निगम सड़क नहीं बना रहा है। उन्होंने सदन में इसकी निंदा की गई।
इससे पूर्व लखनऊ नगर निगम सदन की शुक्रवार को शुरू हुई बैठक हंगामे के साथ हुई। महापौर ने सीधे चर्चा शुरू करा दी। इस पर उनकी ही पार्टी भाजपा के 20 से अधिक पार्षद विरोध में उठ खड़े हुए। पार्षद बोले, ऐसे नहीं चलेगा। पहले पिछले सदन में जो कार्रवाई हुई थी उसकी पुष्टि होनी चाहिए। सोमवार को भाजपा पार्षद मुकेश सिंह मोंटी ने कहा कि अगर पांच दिनों के भीतर जल निगम के खिलाफ नगर आयुक्त ने कार्रवाई नहीं की तो वह उनके कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। भाजपा पार्षद रामनरेश रावत ने कहा कि उनके सरोजनी नगर द्वितीय वार्ड में जल निगम में दो महीने पहले बनी 200 सड़कें खोद डाली हैं। इन सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। महापौर ने कहा कि इस पर जल्दी ही फैसला होगा।दो से तीन दिनों के भीतर जल निगम के खिलाफ कार्रवाई होगी। सपा पार्षद दल के नेता कामरान वेग ने भी कहा कि जल निगम ने सड़क खोद डाली हैं। उनके वार्ड में भी कई जगह सड़क खोदी गई हैं। बारिश में रोक के बावजूद सड़क खोदी गई हैं। जिसकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं। उनके वार्ड में जल निगम की ओर से खोदे गए गड्ढे में बच्चा गिर गया।
सत्ता व विपक्ष ने नगर आयुक्त को घेरा
नगर निगम सदन की बैठक में सोमवार को सफाई इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा को लेकर काफी हंगामा हुआ। शंकर पुरवा द्वितीय वार्ड की पार्षद शिवम उपाध्याय ने सदन में कहा कि इंस्पेक्टर को कुछ काम बताया जाता है तो वह अभद्रता से बात करता है। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने उसे हटाने की मांग शुरू कर दी। कई और पार्षद उनके समर्थन में आ गए। अभद्रता करने वाले इंस्पेक्टर को तत्काल हटाने की मांग शुरू कर दी।
पार्षदों की मांग पर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह जवाब देने के लिए खड़े हुए। नगर आयुक्त ने सदन में कहा कि जिस इंस्पेक्टर की शिकायत की जा रही है वह सबसे ज्यादा यूजर चार्ज वसूली करने वाला इंस्पेक्टर है। जिस भी जगह उसकी तैनाती की गई उसने सबसे ज्यादा यूजर चार्ज की वसूली की। वह जिस भी वार्ड में जहां रहता है सारे अवैध काम बंद करा देता है। उन्होंने पार्षद के आरोप की जांच के लिए कमेटी बनाने का निर्देश दिया। कमेटी में अपर नगर आयुक्त को भी रखा गया है। हालांकि नगर आयुक्त की इस बात से भाजपा के कई पार्षद नाराज हो गए।पार्षदों का कहना है कि यह महिला पार्षद की शिकायत का मामला है। लिहाजा इसे गंभीरता से लिया जाए। इंस्पेक्टर को तत्काल हटाकर शिवरी प्लांट पर तैनात किया जाए। इसको लेकर हंगामा होने लगा। खुद पार्षद श्रीमती शिवम उपाध्याय, गौरी सांवरिया वा कुछ अन्य महिला पार्षद मेयर के सामने आ गई। इंस्पेक्टर को हटाने की जिद पर अड़ गईं। पार्षदों को शांत करने के लिए महापौर सुषमा खर्कवाल ने 24 घंटे के भीतर इंस्पेक्टर को हटाने का आदेश दिया। हालांकि नगर आयुक्त ने उसे हटाने के संबंध में सदन को कोई आश्वासन नहीं दिया।
पार्षद श्रीमती शिवम उपाध्याय ने उनके वार्ड में स्ट्रीट लाइट के खंभे से करंट लगने की वजह से हुई किशोर की मौत का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। एक बेगुनाह किशोर की मौत हो गई है। इस तरह की लापरवाही से लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो। महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।नगर निगम सदन में भारी हंगामा।
सत्तारूढ पार्षद इस्तीफा लेकर पहुंचे
भाजपा के दो पार्षद सदन में इस्तीफा लेकर पहुंचे। चौक क्षेत्र के न्ट पार्षद अनुराग मिश्रा अनु तथा न्यू हैदरगंज वार्ड की पार्षद रजनी गुप्ता ने सदन में इस्तीफा देने की घोषणा की। अनुराग मिश्र सदन में इस्तीफा देने पर अड़े। इसको लेकर हंगामा हुआ। उन्हें बीजेपी पार्षद इस्तीफा देने से रोक रहे थे।
अनुराग ने क्रीमीलेयर वाले कुछ पार्षद को ज्यादा बजट देने का आरोप लगाया। कहा इसकी जांच होनी चाहिए। यही नही शुक्रवार को सदन शुरू होने पर पहली बार भाजपा के पार्षद दो धड़ों में बंटे दिखे थे। ऐसे में विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के पार्षदों का आक्रोश का भी मेयर को सामना करना पड़ा।बहरहाल, भाजपा पार्षद देव शमार्, मुन्ना मिश्रा, नागेंद्र सिंह चौहान, राजेश सिंह गब्बर, प्रमोद सिंह राजान, भ्रगुनाथ शुक्ला सहित कई पार्षद विरोध में खड़े हो गए।
पिछले सदन की बैठक में उठे मुद्दे वा समस्याएं जो पार्षदों ने उठाए थे उसका निस्तारण नहीं होने पर हंगामा किया। कहा अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। सुनवाई नहीं करते।
बैठक में चर्चा, प्रस्तावों पर मोहर
सभी पार्षदों द्वारा उनके क्षेत्र में आ रही रोड कटिंग की समस्याओं पर गहन चर्चा की गई।जिसमें जल निगम द्वारा पाइप लाइन के कार्य के दौरान सड़कों की खुदाई व कटिंग कर उसे जस का टर्स छोड़ दिया जा रहा है, इसको लेकर सभी ने निंदा व्यक्त की और सदन से इस संबंध में निंदा प्रस्ताव लाये जाने की मांग की गई। हालही में एक बच्चे की करेंट लगने से हुई आकस्मिक मृत्यु पर सदन द्वारा व मौजूद समस्त पार्षदों द्वारा शोक व्यक्त किया गया। पूर्व में घटित हुई इसी प्रकार की अन्य घटनाओं पर चर्चा कर इन कृत्य के लिए जिम्मेदार मार्ग प्रकाश विभाग व डबल ईएसएल को सदन के समक्ष पेश होने की मांग की गई।साथ ही मा. पार्षदों के अनुरोध पर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआबजा दिए जाने के निर्देश दिए गए एवं डबल ईएसएल के अधिकारियों से जवाब तलब करने की बात कही गयी। इस पर .सदन द्वारा नगर में मौजूद पार्कों में स्थित सभी हाईमास्ट लाइटों का सर्वे कराने के एवं विद्युत अभियंता द्वारा सभी पोल करेंट प्रूफ हैं इस संबध में एक प्रमाण-पत्र दिए जाने के निर्देश दिए गए।अपर नगर आयुक्त के नेतृत्व में उद्यान अधिकारी के साथ प्रत्येक ज़ोन के जोनल अधिकारी, जेडएसओ नगर के समस्त पार्कों का निरीक्षण कर वहां व्याप्त समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता के साथ करेंगे।नगर आयुक्त महोदय ठोस अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने, बेहतर ट्रासपोर्टेशन, कचरे का निस्तारण इत्यादि के लिए सदन को अवगत कराया गया और इस प्रस्ताव पर मा. सदन द्वारा सहमति जाहिर की गई। स्टेशन रोड का नाम डॉ जगदीश गांधी मार्ग के नाम पर रखे जाने के प्रस्ताव को पास किया गया।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए शिक्षकों व कर्मचारियों ने बांधी कालीपट्टी
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि एनएमओपीएस के आह्वान पर पूरे देश में आज काली पट्टी बांधकर शिक्षकों व कर्मचारियों ने काम किया व सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की। यह कार्यक्रम दिनांक.02 सितंबर से शुरू होकर 06 सितंबर तक चलेगा।
,एनएमओपीएसके राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने कहा कि नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आँनलाइन बैठक में मोदी सरकार द्वारा घोषित की गई यूपीएस को समाप्त कर ओपीएस लागू करने के लिए पूरे देश के कर्मचारियों व शिक्षकों ने काली पट्टी बांध कर काम कर प्रधानमंत्री से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हुए कहा कि सरकार पुरानी पेंशन बहाल कर कर्मचारियों व शिक्षकों को राहत दें क्योंकि एनपीएस और यूपीएस से कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। काली पट्टी का असर यह रहा कि केन्द्र-राज्य का कोई विभाग नहीं बचा जहां कर्मी ने कार्य तो किया परन्तु काली पट्टी बांध कर। स्कूल ,कालेज ,डिग्री कालेज हो या विश्वविद्यालय, रेलवे स्टेशन हो या बस अडंड़ा में सभी कार्मिक शिक्षक काली पट्टी पर नजर आए। लेखपाल , सफाई कर्मचारी ,राजस्व ,बैककर्मी कर्मचारी ,शिक्षक, डॉक्टर, नर्स, ट्रैकमैन, लोको पायलट समेत सभी शिक्षकों, कर्मचारियों ने बढ़ चढ़ कर अभियान में हिस्सा लिया। यही इस आंदोलन की ताकत है क्योंकि पेंशन की लड़ाई हर एक की लडाई है।,
छावनी द्वारा चलाई जा रही शाम की ओपीडी
छावनी परिषद चिकित्सालय मे सांयकालीन ओपीडी का शुभारम्भ मेजर जनरल जे. देव नाथ कमाडंेट, कमांड चिकित्सालय तथा ब्रिगेडियर सौमित पटनायक, अध्यक्ष छावनी परिषद लखनऊ द्वारा संयुक्त रूप से अपने कर कमलों द्वारा फीता काटकर उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी अभिषेक राठौर द्वारा किया गया। मेजर जनरल जे.देव नाथ ने तथा बिग्रडियर सौमित पटनायक ने अभिषेक राठौर के कामों की सराहना करते हुए उन्होनें कहा कि शाम की ओपीडी से छावनी क्षेत्र की जनता को अत्यधिक लाभ मिलेगा। श्री अभिषेक राठौर, मुख्य अधिशासी अधिकारी एवं उप मुख्य अधिशासी अधिकारी आर.पी.सिंह ने कहा कि काफी समय से सदर व्यापार मंडल तथा क्षेत्र की जनता शाम की ओपीडी खोलने की मांग की थी। इनकी मांगों को देखते हुए यह ओपीडी शुरू की गई है।
सांयकालीन ओपीडी में डा. मनीष यादव, जीडीएमओं, डा. आस्था सिंह, होम्यौपैथि फिजीशियन, डा. प्रिया डेंटल सर्जन, डा. अभिषेक सिंह, डेंटल सर्जन, डा. नीरज अग्रवाल आयुवेदिक फिजीशियन, शुभम सिंह, फिजियोथेरेपिस्ट की नियुक्ति की गई है।सतबरी सिंह राजू सदर व्यापार मंडल ने समस्त व्यापारियों तथा छावनी क्षेत्र की जनता से शाम को खोली गई ओपीडी के लिए दिल से आभार व्यक्त किया है। इस मौके पर छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष श्रीमती अजुंम आरा, श्रीमती सुमन वैश्य, श्रीमती रूपा देवी, रतन सिघानियां एवं पूर्व सदस्यगण,जगदीश प्रसाद, संजय कुमार वैश्य, अमित शुक्ला, उपस्थित रहे। समस्त पूर्व उपाध्यक्ष एवं समस्त पूर्व सदस्य ने छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी को इस नेक कार्य के लिए बधाई दी। इसके अतिरिक्त छावनी परिषद कार्यालय का स्टाफ तथा छावनी परिषद सार्वजनिक चिकित्सालय के आर.एम.ओ डा.एस.सी.जोशी भी उपस्थित रहे।
नियामक आयोग ने आपत्तियों पर बिजली कम्पनियों से मांगा जबाब,बिजली कंपनियां उत्तर देने कर रही हीलाहावाली
वर्ष 2024 -25 की बिजली दरों पर सभी बिजली कंपनियों मे सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से भाग लेकर अलग-अलग कंपनियों की आपत्तियां व सुझाव दाखिल किए गए थे। जिस पर विद्युत नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन से जवाब मांगा था जिस पर पावर कॉरपोरेशन गोलमोल जवाब देते हुए ज्यादातर आपत्तियों का जवाब विद्युत नियामक आयोग को नहीं भेज रहा था और उसके उत्तर में यह लिख रहा था कि बिजली कंपनियों से जवाब मंगाया जा रहा है। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विगत सप्ताह विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य से मुलाकात कर एक प्रस्ताव दाखिल करते हुए मांग उठाई थी कि पावर कॉरपोरेशन सहित सभी बिजली कंपनियां विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के तहत रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में उपभोक्ता परिषद सहित सभी उपभोक्ताओं की आपत्तियों का जवाब तथ्य परख और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में दाखिल करें। जिससे कोई विधिक विवाद ना उत्पन्न जिसको विद्युत नियामक आयोग ने बहुत गंभीरता से लेते हुए सम्बंधितों से तीन दिन के अन्दर जबाब दाखिल करने को कहा है।
विद्युत नियामक आयोग द्वारा लिए गए निर्णय के बाद विद्युत नियामक आयोग के सचिव के तरफ से सभी बिजली कंपनियों को व पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक को इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है कि सभी बिजली कंपनियां 3 दिन के अंदर उपभोक्ताओं द्वारा उठाई गई समस्त आपत्तियों का जवाब स्पष्ट रूप से विद्युत नियामक आयोग में दाखिल करें। इसके साथ ही यह भी निर्देश जारी किया है कि रेगुलेटरी अफेयर्स यूनिट की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह सभी जबाबों का संकलन कर उसका उत्तर भी आयोग के सामने रखें। अवधेश कुमार वर्मा ने कहा प्रदेश की बिजली कंपनियां भ्रष्टाचार संबंधी, सीधे तौर पर बिजली दरों को प्रभावित करने, उपभोक्ताओं केे सर प्लस 33122 करोड, स्मार्ट प्रीपेड मीटर, लैटरल एंट्री के आधार पर सीधे भर्ती के मामले, विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए गए कानून का उल्लंघन कर बिना नोटिस दिए गरीब और बीपीएल विद्युत उपभोक्ताओं के भर को बढाने बिजली कंपनियों में 65 प्रतिशत तक बिजली चोरी के राजस्व निर्धारण में छूट दिए जाने का मामले पावर कारपोरेशन और बिजली कम्पनियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह है। हर मुद्दे पर रिटर्न आप इक्विटी से भरपाई की बात करना गलत है।क्योंकि रिटर्न आप इक्विटी का मद बहुत सीमित केवल 2200 से 2300 करोड है। अन्य जो भी गंभीर मामले रहे हैं उनका उत्तर वह नहीं देना चाह रहा था। जिसको लेकर उपभोक्ता परिषद को विद्युत नियामक आयोग के सामने अपनी बात रखना पडा।