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LUCKNOW:बिजली चोरों पर प्रबंधन मेहरबान क्यों ?,क्लिक करें और भी खबरें

-मुख्यमंत्री से शिकायत करेगा उपभोक्ता परिषद

  • REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK

लखनऊ। पावर कारपोरेशन प्रबंधन कई मामलों में अपनी मनमानी चलाता है। उपभोक्ता परिषद के जागरूक होने बावजूद उसे इस बॉत का कोई भय नही है कि अगर कार्रवाई होगी तो बड़े बड़े नप जायेंगे। लोकसभा में पारित विद्युत अधिनियम को दरकिनार कर बिजली चोरी पर मेहरबानी का मामला उठाते हुए उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इस मामले से मुख्यमंत्री को अवगत कराने तथा सख्त कार्रवाई कराने का इरादा जताया है।

प्ररिषद के अनुसार पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन वर्तमान में बिजली चोरों पर मेहरबान है। अभी कुछ माह पहले बिजली चोरी के राजस्व निर्धारण पर 65 प्रतिशत तक छूट देकर करोडों के राजस्व निर्धारण को माफ किया गया। जबकि यह लोकसभा द्वारा पारित विद्युत अधिनियम 2003 का खुला उल्लंघन था। अब पावर कारपोरेशन ने बोर्ड आफ डायरेक्टर से यह पास कराया की 4 किलो वाट तक के घरेलू व वाणिज्यिक विद्युत उपभोक्ता जिनके विरुद्ध पूर्व की विद्युत चोरी के प्रकरणों के विरुद्ध लंबित बकाया है या एफआईआर दर्ज है। उनसे सादा पेपर पर इस आशय का घोषणा पत्र ले लिया जाए कि जो भी नीतिगत निर्णय होगा उन्हें मान्य होगा। इसके आधार पर नया संयोजन दे दिया जाए। क्योंकि बकाया पर बिजली का कनेक्शन नहीं मिल सकता। ऐसा विद्युत वितरण संहिता 2005 में कानून बनाया गया है। केवल किस्तों की सुविधा अनुमान्य है। इसलिए पावर कारपोरेशन ने 30 सितंबर 2024 को विद्युत नियामक आयोग के सामने एक प्रस्ताव निदेशक वाणिज्य की तरफ से दाखिल किया। इसमें कहां गया कि विद्युत वितरण संहिता 2005 की धारा 8.1 में संशोधन करते हुए यह नया कानून बनाया जाए।

सबसे चौंकाने वाला मामला यह है कि विद्युत नियामक आयोग ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। इसी बीच 14 अक्टूबर 2024 को पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य की तरफ से यह आदेश जारी कर दिया गया कि 4 किलो वाट तक के बिजली चोरी के मामले में सादे कागज पर घोषणा पत्र देने के बाद उसे कनेक्शन दे दिया जाए। इस पत्र से यह सवाल उठता है कि क्या पावर कारपोरेशन को विद्युत नियामक आयोग का भी अधिकार मिल गया है। यह विद्युत नियामक आयोग के आदेशों का खुला उल्लंघन है।उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मांग उठाई है कि इस गंभीर मामले पर वह अपने स्तर से हस्तक्षेप करें। क्योंकि एक संवैधानिक संस्था के अधिकारों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। जो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत असंवैधानिक परिपाटी है।उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने इस रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के खुला उल्लंघन के मामले को गंभीरता से लेते हुए विद्युत नियामक आयोग के सामने एक विरोध प्रस्ताव दाखिल किया।

आयोग से अनुरोध किया कि बिजली कंपनियों को किसने यह अधिकार दे दिया कि वह विद्युत नियामक आयोग में प्रकरण दाखिल करने के बाद उसे पर खुद निर्णय ले लेती है। ऐसे में विद्युत नियामक आयोग के अधिकारों का खुला हनन कर रही है। जिसके लिए पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के तहत कठोर कार्रवाई की जाए। इसके पहले जब बिजली कंपनियों ने बिना विद्युत नियामक आयोग के अनुमति के 1 किलो वाट तक का आदेश जारी किया था, उसे समय यह मामला सामने आया था कि बीपीएल का मामला है। इसलिए उस पर कोई नहीं बोला, लेकिन अब तो हद हो गई 4 किलो वाट तक के घरेलू और वाणिज्यिक सभी के लिए व्यवस्था लागू कर दी गई।

आने वाले समय में अगर इसी तरह संवैधानिक संस्था नियामक आयत चुप रही तो फिर पावर कॉरपोरेशन एक दिन टैरिफ आदेश भी जारी कर देगा।उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा इस प्रकार के अनाप-शनाप निर्णय कर रहे हैं जिससे सरकार की छबि धूमिल हो रही है बहुत जल्दी उपभोक्ता परिषद मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करेगा।

महापौर ने जोन पॉच के अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश

महापौर सुषमा खर्कवाल ने जोन पॉच की समीक्षा बैठक मेें हर घर कर, जीआईएस सर्वे का ब्यौरा, अतिक्रमण मुक्ति, मार्ग प्रकाश, सफाई से सम्बंधित विभिन्न निर्देश देते हुए इनके निस्तारण की समय सीमा तय की है।महापौर ने जोन पॉच के कर निरीक्षकों से आवासीय, अनावासीय, मिश्रित भवनों तलब करते हुए कहा कि उक्त सूची में कोई भवन गृहकर देने से वंचित नही होना चाहिए। जीआईएस   सर्वे  में कितनी शिकायत आई कितने का निपटारा हुआ। किन किन मार्गो से अतिक्रमण हटा उसकी जानकारी अगली बैठक में दी जाए। क्षेत्र में अतिक्रमण फैला रहे ठेला, खोंचा आदि को यथा स्थल स्थानान्तरित किया जाए। टूटी पुलिया, क्रासिंग, सीसी, इन्टरलाकिंग और पेंच कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही मिलने पर नगर अभियंता के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च स्तर पर संस्तुति की जाएगी। कूड़ा कलेक्शन, साफ सफाई और फॉगिग, एण्टीलार्वा का समयानुसार छिड़कॉव किया जाए। खराब प्रकाशबिन्दु को चिन्हित कर एक सप्ताह में सुधार किया जाए। सड़क पर किसी भी हाल में पार्किग न हो इसका विशेष ध्यान दिया जाए। इस बैठक में जोन के पार्षदगण एवं अपर आयुक्त ललित कुमार, अरूण कुमार गुप्त, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह, जोनल अधिकारी नंद किशोर , नगर अभियंता राजीव कुमार शर्मा आदि मौजूद थे।

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