-योगी सरकार की नई स्थानांतरण नीति से अब शिक्षकों को तीन साल में मिलेगा स्थानांतरण का अवसर,विदेशी विश्वविद्यालयों को राज्य में परिसर खोलने की अनुमति
- REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में सुधारों की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाते हुए सोमवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में उच्च शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी। इनमें सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण नियमावली का प्रख्यापन, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर के लिए निःशुल्क भूमि का प्रावधान और उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 में संशोधन का प्रस्ताव शामिल है।शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए, योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली को मंजूरी दी। इससे प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को अब अपने संपूर्ण सेवा काल में केवल एक बार स्थानांतरण का अवसर मिलेगा और वह भी तीन वर्षों की सेवा के उपरांत। इससे पूर्व, यह सीमा पांच वर्ष थी। यह निर्णय विशेष रूप से उन महिला और दिव्यांग शिक्षकों के लिए राहत लेकर आया है जो अपने परिवार से दूर विभिन्न जिलों में सेवाएं दे रहे थे और स्थानांतरण की कठिनाइयों का सामना कर रहे थे।उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि इस नियमावली के तहत स्थानांतरण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षकों को अपने महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र और संबंधित विश्वविद्यालय से अनुमोदन लेना अनिवार्य होगा। अनुमोदित आवेदन को निदेशक, उच्च शिक्षा के पास प्रस्तुत करना होगा। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि शिक्षकों को बिना अनावश्यक देरी के पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से स्थानांतरण का लाभ मिल सके। नई स्थानांतरण नियमावली से महिला और दिव्यांग शिक्षकों को विशेष लाभ मिलेगा जो अपने परिवारों से दूर रहकर सेवा करने को विवश थे। इस निर्णय से उन्हें अपने परिवार के नजदीक कार्य करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके कार्यस्थल पर संतोष और शिक्षण में समर्पण बढ़ेगा।
योगी सरकार का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ परिसर के लिए भूमि आवंटन योगी सरकार ने लखनऊ में अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय के परिसर की स्थापना के लिए कुल 2.3239 हेक्टेयर भूमि को निःशुल्क प्रदान करने का प्रस्ताव पास किया। यह भूमि ग्राम चकौली, परगना बिजनौर, तहसील सरोजनी नगर में स्थित है। जिलाधिकारी द्वारा इस भूमि का सर्किल रेट के आधार पर मूल्यांकन 9.29 करोड़ रुपये किया गया है। यह विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष 2000 से 2500 छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा और उन्हें अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषाओं में दक्ष बनाएगा।उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि यह निर्णय राज्य के युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने और विदेशों में नौकरी करने के अवसरों में वृद्धि करने में सहायक सिद्ध होगा। साथ ही सम्पूर्ण देश में जिन संस्थाओं में विदेशी भाषा ज्ञान की आवश्यकता होती है उनमें भी रोजगार के अवसर में सहायक होगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि सीमित संसाधनों के बावजूद छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। इस परिसर की स्थापना से राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई के स्तर में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 में संशोधन को भी दी मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 में संशोधन को भी मंजूरी दी है। इस संशोधन का उद्देश्य अन्य राज्यों में पंजीकृत सोसाइटी न्यास कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने का अवसर प्रदान करना है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी भारत में विदेशी उच्चतर शिक्षा संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन विनियम, 2023 के तहत विदेशी विश्वविद्यालयों को राज्य में अपने परिसर स्थापित करने की अनुमति देने का प्रावधान जोड़ा गया है।उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह कदम शिक्षकों और छात्रों के लिए नई संभावनाएं लेकर आएगा और राज्य की शिक्षा प्रणाली को अधिक समृद्ध बनाएगा। इस बदलाव से निजी विश्वविद्यालयों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने का अवसर मिलेगा, जो प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा।विधानसभा उपनिर्वाचन की मतदान तिथि बदली,मतदान अब 20 नवम्बर को
09 उपनिर्वाचन क्षेत्रों की मतगणना 23 नवम्बर को
भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उपनिर्वाचन-2024 की 09 सीटों पर होने वाले उपनिर्वाचन की मतदान तिथि संशोधित कर दी हैै। संशोधित तिथि के अनुसार 13 नवम्बर के स्थान पर 20 नवम्बर को अब मतदान सम्पन्न होगा। मतगणना एवं निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण करने की तिथि यथावत् रहेगी अर्थात् मतगणना 23 नवम्बर एवं निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण करने की तिथि 25 नवम्बर रहेगी।अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर ने बताया कि विभिन्न राजनैतिक दलों जिसमें भारतीय जनता पार्टी, इण्डियन नेशनल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी एवं राष्ट्रीय लोक दल सम्मिलित हैं तथा कतिपय सामाजिक संगठनों से 13 नवम्बर को बड़े पैमाने पर सामाजिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक व्यस्तताओं के कारण बड़ी संख्या में लोगों की असुविधा एवं मतदाताओं की भागीदारी कम होने संबंधी प्राप्त प्रत्यावेदनों में किये गये अनुरोध के क्रम में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उप निर्वाचन हेतु मतदान तिथि में संशोधन किया गया है।भारत निर्वाचन आयोग के जारी कार्यक्रम के अनुसार 16-मीरापुर मुजफ्फरनगर, 29-कुन्दरकी मुरादाबाद), 56-गाजियाबाद , 71-खैर अजा अलीगढ़ 110-करहल -मैनपुरी, 213-सीसामऊ 256-फूलपुर प्रयागराज, 277-कटेहरी अम्बेडकर नगर) एवं 397-मझवां मिर्जापुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में अब 20 नवम्बर को उप निर्वाचन कराया जायेगा।
विरासत संपत्तियों को पर्यटकों के लिए उपयोगी बनाएगा पर्यटन विभाग,उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग राज्य की विरासत संपत्तियों को उपयोगी बनाएगा, ताकि इसकी सुरक्षा-संरक्षण के साथ-साथ राजस्व की भी प्राप्ति हो। इसी क्रम में छतर मंजिल लखनऊ, चुनार का किला मीरजापुर और बरुआसागर किला झांसी को पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा। कैबिनेट ने सोमवार को इसकी मंजूरी दे दी। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति जयवीर सिंह ने दी।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासतों तथा समृद्ध प्राकृतिक वन संपदा की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। अनुकूली पुनः उपयोग के अंतर्गत निजी निवेश द्वारा प्रदेश सरकार के 01 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य प्राप्ति की परिकल्पना में मददगार होगा। प्रदेश के प्राचीन तथा विरासत भवनों को एडाप्टिव री-यूज के अंतर्गत सार्वजनिक निजी सहभागिता पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज होटल, रिजार्ट, म्यूजियम, माइस एवं टूरिज्म हॉस्पिटैलिटी आदि पर्यटन इकाई के रूप में विकसित की जाएगी। पहले से तीन परिसंपत्तियों बरसाना जल महल मथुरा, कोठी, रोशन-उद-दौला लखनऊ और शुक्ला तालाब के सन्निकट बारादरी कानपुर को पीपीपी के तहत विकसित किया जा रहा है। लखनऊ में 5.55 एकड़ में स्थित छतर मंजिल, मीरजापुर जिले में 21.94 एकड़ में स्थित चुनार किला और झांसी जिले में 7.39 एकड़ में स्थित बरुआ सागर किला को पीपीपी मोड पर दिया जा रहा है। इसकी निविदा पूरी हो चुकी है। इन्हें पहले 30 वर्षों, फिर 30-30 वर्षों के लिए दो बार नवीनीकरण किया जा सकेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 90 वर्ष होगी। उन्होंने बताया कि चयनित निविदादाताओं द्वारा विरासत भवन में स्थलों को संरक्षित करते हुए पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को पर्यटकों एवं जन सामान्य के मध्य प्रसारित किया जाएगा। विरासत भवनों या किलों में स्थित धार्मिक स्थलों का विकास एवं जीर्णाेद्धार और संपर्क मार्ग का निर्माण किया जाएगा। चयनित निविदादाताओं द्वारा स्थानीय विकास और रोजगार सृजन हेतु समीपवर्ती गांव को गोद लिया जाएगा तथा यहां के समुचित विकास हेतु कार्य किए जाएंगे। 25 प्रतिशत स्थानीय नागरिकों को रोजगार दिया जाएगा ओडीओपी वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट प्रदर्शित करने के लिए मार्ट विकसित किया जाएगा। इसके विरासत सपंत्ति के ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने के लिए डिस्प्ले एरिया भी विकसित की जाएगी, जो कि जन सामान्य के लिए खुला रहेगा। पर्यटकों को यहां स्थानीय व्यंजन भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि बागपत जिले में पीपीपी मोड पर योग और आरोग्य केंद्र की स्थापना कराई जाएगी। इसके निर्माण के लिए कैबिनेट ने 68.40 हेक्टेयर भूमि क्रय किए जाने तथा ग्राम सभा की 1.069 हेक्टेयर भूमि को पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित करने की मंजूरी दी है।
निकायों में स्वच्छ घाट प्रतियोगिता 05 नवम्बर से,घाटों व संपर्क मार्गाे पर साफ-सफाई व प्रकाश की उचित व्यवस्था
भगवान भास्कर के उपासना के महापर्व छठ पर शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाता है। सूर्याेपासना के इस पर्व पर प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में श्स्वच्छ घाट प्रतियोगिताश् का आयोजन किया जा रहा है। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि घाट से लेकर गलियों तक की सफाई व्यवस्था और सुंदरीकरण उत्कृष्ट श्रेणी का बनाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध पेयजल, स्नान घर, मोबाइल टॉयलेट पोर्टेबल टॉयलेट, चेजिंग रूम आदि की व्यवस्था की जा रही है। स्वच्छ घाट प्रतियोगिता के तहत घाट को नो प्लास्टिक जोन व जीरो वेस्ट इंवेट में बदला जाए। श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश की निकायों में 05 नवम्बर से 09 नवम्बर तक श्स्वच्छ घाट प्रतियोगिताश् का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत छठ पूजा के लिये घाटों व सभी संपर्क मार्गाे पर साफ-सफाई व सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है। इस दौराम घाटों के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत का कार्य तथा पूजा स्थलों पर एल.ई.डी. वॉल आदि के माध्यम से स्वच्छता संबंधी संदेशों को दर्शाया जायेगा। निकायों द्वारा दिन में न्यूनतम दो बार घाटों की समुचित साफ-सफाई करायी जाएगी। सफाई के समय एकत्र किये गये कूड़े को उसी समय सेनेट्री लैण्ड फिल साईट पर अथवा उचित स्थान पर भिजवाया जाये। उन्होंने निकायों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी दशा में एकत्र किये गये कूड़े अथवा सिल्ट को घाट,सड़क पर नहीं छोड़ा जाये। छठ पूजा के घाटों व घार्मिक स्थलों के आस-पास कोई खुला डम्पिंग स्थल, जी.वी.पी. व सी.टी.यू. न हो व ठोस अपशिष्ट का प्रवाह नदियों में न किया जाए।श्रद्धालुओं के लिए घाट के पास स्नान घर, मोबाइल टॉयलेट पोर्टेबल टॉयलेट, समुचित पेयजल व चेजिंग रूम की व्यवस्था की जाएगी एवं इससे सम्बंधित संदेश के बोर्ड भी स्थल पर स्थापित कराये जाएंगे।