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‘मुझे एक डर परेशान कर रहा’; Nirmala Sitharaman को सूचना मंत्री का इमरजेंसी लेटर, ‘मेड-इन-इंडिया’ स्मार्टफोन से कनेक्शन

IT Minister Emergency Letter To Finance Minister: ‘मेड-इन-इंडिया’ स्मार्टफोन आजकल खूब चर्चा में हैं। हाल ही में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को IT मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी एक लेटर लिखा है, जिसमें ‘मेड-इन-इंडिया’ स्मार्टफोन की ही बात की गई है, लेकिन इसमें उन्होंने एक चिंता जताते हुए वित्त मंत्री सीतारमण से ‘मेड-इन-इंडिया’ स्मार्टफोन पर फोकस करने की अपील की है। मंत्री ने लेटर में टैरिफ दरों और स्मार्टफोन प्रोडक्शन का कनेक्शन बताते हुए देश को आर्थिक नुकसान होने का डर जताया है।

क्या लिखा मंत्री ने लेटर में?

राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने लेटर में लिखा है कि बेशक भारत ने हर साल 100 अरब डॉलर स्मार्टफोन प्रोडक्शन में इन्वेस्ट करने की सोची है और सिर्फ 50 प्रतिशत निर्यात किया जाएगा, क्योंकि भारत खुद को स्मार्टफोन की इंटरनेशनल मार्केट में अपनी पहचान बनाना चाहता है। स्मार्टफोन एक्सपोर्ट सेंटर बनना चाहता है, लेकिन इसके लिए भारत सरकार को टैरिफ दरों पर फोकस करना होगा, नहीं तो देश इस क्षेत्र में चीन और वियतनाम से पिछड़ जाएगा और भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

गत 3 जनवरी को लिखा गया था लेटर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लेटर पिछले महीने 3 जनवरी को लिखा गया था। मंत्री चंद्रशेखर ने वित्त मंत्री सीतारमण को एक सीक्रेट प्रेजेंटेशन भी भेजी है, जिसमें आंकड़े दिखाकर बताया गया है कि भारत में स्मार्टफोन प्रोडक्शन पर टैरिफ दरें काफी ज्यादा है, जिससे उत्पादन लागत बढ़ जाती है। ऐसे में स्मार्टफोन कंपनियां भारत के साथ डील नहीं करेंगी। वे भारत की बजाय वियतनाम, मैक्सिको और थाइलैंड के साथ बिजनेस कर सकती है। इसलिए सरकार को अगर मोबाइल कंपनियों को आर्षित करना है तो टैरिफ दरें कम करनी होंगी।

भारत की बजाय चीन में टैरिफ रेट काफी कम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री चंद्रशेखर का कहना है कि पिछले साल भारत में 25 प्रतिशत स्मार्टफोन एक्सपोर्ट हुए, जबकि चीन ने 270 अरब डॉलर खर्च करके स्मार्टफोन बनाए और 63 प्रतिशत एक्सपोर्ट करके मुनाफा कमाया। वियतनाम ने भी 95 प्रतिशत स्मार्टफोन एक्सपोर्ट करके मोटा मुनाफा कमाया, क्योंकि चीन और वियतनाम में टैरिफ दरें 5 प्रतिशत से भी कम हैं, जबकि भारत में टैरिफ दरें 8 प्रतिशत से भी ज्यादा है। ऐसे में इंटरनेशनल मार्केट में अपने पांव जमाने के लिए हमें टैरिफ दरों के मामले में चीन की बराबरी करनी होगी।

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