-वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन के माध्यम से ही न्यायिक व्यवस्था में बेहतर सुधार सम्भव है : मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह
-क्रान्फ्रेंस का आयोजन कर यूपीएसआईएफएस द्वारा एक श्रेष्ठ परम्परा स्थापित की गयी: प्रशान्त कुमार डीजीपी
-आने वाला समय FaaS का है, जिसके लिए हमें मनोयोग से योगदान करना होगा: डॉ0 जी0के0 गोस्वामी
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REPORT BY: AAJNATIONAL NEWS ||AAJNATIONAL NEWS DEASK
लखनऊ: 26 नवम्वर:उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस में 75 वें संविधान दिवस के अवसर पर आज दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया । इस अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में देश विदेश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया ।उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस द्वारा आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ थे । उन्होंने इस अवसर पर संस्थान के उपयोगार्थ निर्मित सभागार, ई-लाइब्रेरी, संस्थान-ध्वज एवं अभ्युदय पत्रिका का लोकार्पण किया । इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि जब शुरू में कानून बनाए गए या अपनाए गए, तो कानूनों में कई खामियां थीं और बाद में कानून समाज में बदलाव के साथ तालमेल नहीं रखते थे। अब नए आपराधिक कानूनों के लागू होने और लागू होने के बाद पुराने कानूनों में जो खामियां और कमियां थीं, उन्हें नए आपराधिक कानूनों में दूर कर दिया गया है। उन्होंने नए आपराधिक कानूनों के लागू होने का पूरा श्रेय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी का यह विजन है कि ‘हर पीड़ित को न्याय मिले और हर अपराधी को सजा मिले’ । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के इस विजन को साकार करने के लिए यह संस्थान न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत में मील का पत्थर साबित होगा और उत्कृष्टता का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। संस्थान के निदेशक डॉ. गोस्वामी की इस संस्थान की स्थापना में उनके समर्पण, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत और अगस्त, वर्ष 2021 को अमित शाह द्वारा शिलान्यास के बाद इतने कम समय में संस्थान के विकास के प्रति उनकी असाधारण दृष्टि की सराहना की। उन्होंने संविधान दिवस मनाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला । इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रथम सत्र में उत्तीर्ण पी0जी0 डिप्लोमा के छात्र एवं छात्राओं को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये । उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी से दूर भागने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उससे लगातार जुड़ने की आवश्यकता है । हमें एवेयरनेस के एक विराट कार्यक्रम का हिस्सा बनना पड़ेगा । साइबर क्राइम, साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए हम क्या कर रहे हैं? अगर सकारात्मक सोच के लोग इससे दूर भागेंगे तो नकारात्मक सोच के व्यक्ति दुरूपयोग करेंगे । मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के समापन में संविधान दिवस की शपथ भी दिलायी ।
फॉरेन्सिक साक्ष्यों के संकलन में मील का पत्थर साबित होगा यूपीएसआईएफएस-मनोज कुमार सिंह
इस अवसर पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह संस्थान अपने रिकार्ड टाइम में बनकर ही तैयार ही नहीं हुआ बल्कि वह अपने सफलतापूर्वक दूसरे शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश कर गया है । उन्होंने कहा कि प्रथम शैक्षणिक सत्र के सफलतापूर्वक संचालन के लिये मैं यहां के संस्थापक निदेशक और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूँ । अपराधों की गुणवत्ता-परक विवेचना के द्वारा वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन के माध्यम से ही न्यायिक व्यवस्था में बेहतर सुधार सम्भव है । इसको दृष्टिगत रखते हुए फॉरेन्सिक साक्ष्यों के संकलन पर यूपीएसआईएफएस, लखनऊ एक मील का पत्थर साबित होगा ।
फॉरेंसिक साईस की महत्ता में हुई अप्रत्याशित रूप से वृद्धि-प्रशांत कुमार
इस अवसर पर उ0प्र0 के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि वैज्ञानिक साक्ष्यों के संकलन के माध्यम से ही न्यायिक व्यवस्था में बेहतर सुधार सम्भव है। उन्होंने कहा कि फॉरेन्सिक विज्ञान की विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उ०प्र० राज्य फॉरेन्सिक विज्ञान संस्थान की स्थापना लखनऊ में की गयी है। इस संस्थान का उद्देश्य फॉरेन्सिक विज्ञान के क्षेत्र में विश्व स्तरीय मानव संसाधन तैयार करना है तथा शोध- परक शिक्षा को बढ़ावा देना है । उन्होंने कहा कि इस संस्थान में कुल 05 पाठ्यक्रम प्रचलित हैं नवनिर्मित संस्थान में शोध और प्रशिक्षण में छात्र व छात्राओं को नये आयाम प्रदान करेगा।पुलिस महानिदेशक ने कहा कि 03 नए अपराधिक कानून के भारतवर्ष में लागू होने के फलस्वरूप फॉरेंसिक साईस की महत्ता में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, जिस अपराध में सात वर्ष से अधिक सजा का प्राविधान हैं उनमें फॉरेंसिक साक्ष्यों का संकलन अनिवार्य कर दिया गया है । संविधान दिवस पर इस 02 दिवसीय क्रान्फ्रेंस का आयोजन कर इस संस्थान द्वारा एक श्रेष्ठ परम्परा स्थापित किया गया है। कानून एवं विज्ञान का गठजोड़ निश्चित रूप से बेहतर न्यायिक व्यवस्था बनाने में सार्थक है, जिसके लिए यह संस्थान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अग्रसर है। उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूँ कि यह संस्थान भविष्य में विभिन्न आनलाइन कोर्स भी उपलब्ध करायेगा, जिससे व्यवसायिक एवं औद्योगिक क्षेत्रों जैसे बैंकिंग, सुरक्षा आदि में कार्यरत कर्मियों की गुणवत्ता बेहतर हो सके ।
विधि-विज्ञान के छात्रों को “लॉ विद लैब्स” जैसा अनूठा नवाचार लागू-डॉ0 जी0के0 गोस्वामी
इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ0 जी0के0 गोस्वामी ने सभागार में उपस्थित मुख्यमंत्री सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारीगणों एवं शिक्षाविदों का स्वागत अभिनन्दन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे सतत ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति के अनुक्रम में, इस संस्थान द्वारा भी फॉरेन्सिक विज्ञान के क्षेत्र में छात्रों को प्रशिक्षित कर इस नीति को अग्रसर किया जा रहा है । श्री गोस्वामी ने यह भी कहा कि फॉरेन्सिक विज्ञान के बढ़ते हुए आयाम एवं उपयोग को दृष्टिगत रखते हुए विधि-विज्ञान के छात्रों को “लॉ विद लैब्स” जैसा अनूठा नवाचार, इस संस्थान में लागू किया गया है, जिसके अन्तर्गत कानून के छात्रों को कानून की शिक्षा के साथ-साथ फॉरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में हैन्ड्स आन ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वह भविष्य में न्यायाधीश, सरकारी अभियोजन अधिकारी तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के रूप में साक्ष्यों का बेहतर परिशीलन कर सकेंगे, जिससे न्याय की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी ।
जाने इस मौके पर कौन कौन अफसर रहे मौजूद
इस अवसर पर सरोजनीनगर के विधायक राजेश्वर सिंह; अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार; अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश, बी0के0 सिंह, नवीन अरोरा, अमरेन्द्र सिंह सेंगर, डा0 एन. रविन्दर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे । अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार एवं पुलिस महानिदेशक प्रशान्त कुमार के साथ-साथ अन्य उपस्थित अधिकारी ने छात्रों को प्रमाण-पत्र वितरित किया तथा संस्थान के एग्जिबिशन एवं परिसर का भ्रमण किया ।इस अवसर पर निदेशक डॉ0 गोस्वामी ने संस्थान में आये समस्त अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया ।
जाने किस विषय पर किसने दिया व्याख्यान
इस दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेन्स के प्रथम दिवस पर देश विदेश से आये विषय-विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान से छात्रों को लाभान्वित किया । अतिथियो में प्रो. मोहम्मद ए. अराफा लॉ के प्रोफेसर, कॉर्नेल लॉ स्कूल इथाका, एनवाई, यूएसए द्वारा आनलाइन जुड़कर एवं अमित शर्मा सलाहकार साइबर, रक्षा मंत्रालय ने “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उन्नत साइबर खतरे: मुद्दे और चुनौतियाँ” के बारे में बात की तथा डिजिटलीकरण बढ़ने के साथ-साथ बढ़ते साइबर खतरों का भी उल्लेख किया। प्रो. जी.एस. बाजपेयी,य कुलपति, एनएलयू, दिल्ली; प्रो. अमर पाल सिंह कुलपति, आरएमएलएनएलयू, लखनऊ; प्रो. जे.पी. पांडे कुलपति, एकेटीयू, लखनऊ; प्रो. मनोज कुमार सिन्हा कुलपति, एनएलयू, जबलपुर, मध्य प्रदेश; रक्षित टंडन साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ, भारत; डॉ. प्रशांत माली साइबर कानून विशेषज्ञ, मुंबई; रोहित नेगी वरिष्ठ उपाध्यक्ष, C3i hab, आईआईटी, कानपुर; प्रो. अरुणाभ मुखोपाध्याय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रणाली आईआईएम लखनऊ; हेरोल्ड डी’कोस्टा अध्यक्ष, साइबर सुरक्षा निगम, पुणे; प्रोफेसर अरुण मोहन शेरी निदेशक, आईआईआईटी, लखनऊ; रूपा एम. आईपीएस, निदेशक, आई4सी, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली; अखिलेश वरियार एनसीआईआईपीसी, नई दिल्ली; मिलिंद राज भारत के ड्रोन मैन, लखनऊ; डॉ. मधुसूदन रेड्डी नंदिनी डीएनए फिंगरप्रिंटिंग लैब के प्रभारी, सी.डी.एफ.डी., हैदराबाद; डॉ. रंजीत सिंह सी.ई.ओ., एस.आई.एफ.एस., भारत; डॉ. अरुण खत्री, सहायक प्रोफेसर, यू.पी.एस.आई.एफ.एस., लखनऊ; डॉ. आशीष दुबे सह-संस्थापक, रेडक्लिफ लैब्स प्रा. लि. भारत; समीर कुमार दत्त सीईओ, फाउंडेशन फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली, भारत; अरविंद त्रिपाठी ब्लॉकचेन विशेषज्ञ और महासचिव, यूथ फॉर नेशन एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) तथा रोहित नेगी वरिष्ठ उपाध्यक्ष, C3i हब, आईआईटी कानपुर द्वारा विभिन्न शीर्षकों एवं विषयों पर व्याख्यान दिये गये ।