-नोएडा पावर कंपनी ने आज तक क्यों नहीं दी 24 घंटे बिजली ?
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REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अनुसार प्रदेश के ऊर्जा मंत्री का मानना है कि वह प्रदेश के उपभोक्ताओं के हित में कर रहे हैं। दक्षिणांचल पूर्वांचल के 42 जनपदों के निजीकरण पर उनका मानना है कि इससे 24 घंटा विद्युत आपूर्ति सुलभ होगी।
ऊर्जा मंत्री की बात पर गौर किया जाए तो निजीकरण से प्रदेश में 24 घंटे बिजली मिलने का रास्ता साफ होगा। इस पर उपभोक्ता परिषद ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि 1993 में नोएडा पावर कंपनी निजी क्षेत्र में दी गई। आज वहां लगभग 1 लाख 53000 के करीब विद्युत उपभोक्ता है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि 33 साल से ज्यादा हो गए लेकिन नोएडा पावर कंपनी के ग्रामीण व गावो को आज भी 24 घंटे बिजली आपूर्ति नहीं मिल पाई। एक छोटे से डिवीजन के बराबर निजीकरण के क्षेत्र में 24 घंटे बिजली जब नहीं उपलब्ध हो पाई तो ऊर्जा मंत्री आप किस तर्क के आधार पर निजीकरण के भरोसे 24 घंटे बिजली देने की बात कर रहे हैं। उपभोक्ता परिषद ने भाजपा सरकार बनते ही तत्कालीन ऊर्जा मंत्री के सामने जब यह मुद्दा उठाया कि नोएडा पावर कंपनी क्षेत्र में गांव को 24 घंटे बिजली क्यों नहीं दी जा रही है। रोस्टर से भी कम बिजली मिल रही है। उस समय ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव की तरफ से नोएडा पावर कंपनी को ग्रेटर नोएडा के क्षेत्र में गांव में कम बिजली देने के लिए नोटिस भी जारी किया गया। आज भी वहां ग्रामीण व गांव के लोग इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि रोस्टर के मुताबिक गांव को 18 घंटे बिजली मिलनी चाहिए, लेकिन 12 से 14 घंटे से ज्यादा बिजली वहां नहीं मिलती। बिजली दर की सुनवाई में हमेशा यह मुद्दा छाया रहता है।
उपभोक्ता परिषद ने कहा अब उत्तर प्रदेश सरकार व पावर कारपोरेशन को 100 दिन बीत गए निजीकरण पर एक कंसलटेंट भी नहीं मिल पाया। इसलिए अब उन्हें अपनी हार मानकर आगे गर्मी में 100 दिन का ऐसा प्लान बनाना चाहिए कि गांव की जनता शहर की जनता सभी को गर्मी में 24 घंटे बिजली भारत सरकार के कानून के तहत उपलब्ध हो पाए। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा प्रदेश सरकार हो या प्रदेश की जनता हो सभी को यह समझ लेना चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्र को 24 घंटे बिजली उद्योगपति के सहारे नहीं मिल पाएगी। इसीलिए बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हमेशा कहा करते थे कि बिजली सार्वजनिक क्षेत्र में यानी सरकारी क्षेत्र में रहनी चाहिए सस्ती नहीं और बहुत सस्ती होनी चाहिए। इसलिए अभी भी उत्तर प्रदेश सरकार को इस बात पर विचार करना चाहिए कि प्रदेश की जनता को कंस्यूमर राइट रूल 2020 के तहत 24 घंटा बिजली मिलने का अधिकार है। ऐसे में कंज्यूमर राइट रूल की धारा 10 के तहत प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन व सरकार को आगामी गर्मी में ऐलान करना चाहिए।
बिजली के निजीकरण के विरोध में शतक पूरा
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज लगातार 100वें दिन समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा। संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों की 08 मार्च को लखनऊ में हो रही बैठक में आन्दोलन तेज करने का निर्णय लिया जाएगा।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि अत्यन्त दुर्भाग्य का विषय है कि बिजली कर्मी विगत 100 दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं किन्तु प्रबन्धन ने संघर्ष समिति से इस दौरान एक बार भी वार्ता नहीं की। संघर्ष समिति के निर्णय के अनुसार बिजली कर्मी भोजन अवकाश में या कार्यालय समय के उपरान्त विरोध सभा कर रहे हैं जिससे कार्य में कोई व्यवधान न आए किन्तु ऐसा लगता है कि प्रबन्धन ने हठवादिता का रवैया अपना रखा है।
उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति का हमेशा ही यह मंत्र रहा है – ’सुधार और संघर्ष’ । संघर्ष समिति ने इसी मंत्र का पालन करते हुए विगत दिनों विरोध प्रदर्शन के साथ साथ महाकुम्भ में श्रेष्ठतम बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान बनाया और ओ टी एस अभियान की सफलता में पूरी शक्ति से काम किया। मार्च के माह में भी बिजली कर्मी सुधार के अपने अभियान को बनाए हुए अधिकतम राजस्व वसूली का कीर्तिमान बनाने हेतु प्रयत्नशील हैं।उन्होंने बताया कि 08 मार्च को लखनऊ में संघर्ष समिति के सभी घटक श्रम संघों,सेवा संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारियों ,समस्त जनपदों और परियोजनाओं के संयोजक व सहयोजक की संयुक्त बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में विगत 100 दिन से चल रहे विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम की समीक्षा की जाएगी और संघर्ष के अगले कार्यक्रम तय किए जाएंगे। आज राजधानी लखनऊ सहित वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध सभा हुई।
उत्तर प्रदेश नगर निगम कर्मचारी संघ छूट का मुद्दा उठाया
उत्तर प्रदेश नगर निगम कर्मचारी संघ ने नगर निगम अधिनियिम की धारा-115 (15) के अन्तर्गत नगर निगम के कर्मचारियों के आश्रितों को भवन कर, जल कर से छूट का लाभ प्रदान दिये जाने का मुद्दा एक बार फिर उठाया है।
उत्तर प्रदेश नगर निगम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सिंह के अनुसार सदन की सामान्य बैठक 12 अगस्त 2023 में प्रस्तुत प्रस्ताव द्वारा नगर निगम, लखनऊ में कार्यरत, सेवानिवृत्त अधिकारियों,कर्मचारियों के आश्रितों को पारित प्रस्ताव (परिशिष्ट-16) के द्वारा भवन कर,जल कर में छूट दिये जाने का निर्णय लिया गया है। परन्तु अभी तक कोई भी प्रशासनिक स्तर से आदेश निर्गत नहीं किये गये हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कार्यकारिणी समिति, सदन की स्वीकृति के क्रम में नगर निगम लखनऊ के कार्यरत कर्मचारियों को सामान्य भवन कर,जल कर से मुक्त कर लाभ दिया जा रहा है। परन्तु उनके आश्रितों पति,पत्नी,पुत्र-पुत्रियों को भवन कर से छूट का लाभ अद्यतन कार्यकारिणी,सदन की स्वीकृति के पश्चात् भी अप्राप्त है।संघ का मत है कि नगर निगम अधिनियम की धारा 115 (15) के अर्न्तगत नगर निगम, लखनऊ में कार्यरत,सेवानिवृत्त अधिकारियों, कर्मचारियों के आश्रितों पति,पत्नी ,पुत्र-पुत्रियों को भवन क से छूट प्रदान किये जाने हेतु पूर्व में पारित प्रस्ताव 12अगस्तम 2023 पर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जाए।
समाधान दिवस पर महापौर के अधिकारियों को निर्देश
नगर निगम ने शहर में दी जाने वाली नागरिक सेवाओं, जैसे सफाई, स्वच्छता, सड़क मरम्मत, जलकल आदि से संबंधित शिकायतों के निस्तारण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नगर निगम अब हर महीने के पहले शुक्रवार को सम्पूर्ण समाधान दिवसष्का आयोजन करेगा, जिसमें शहरवासियों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करना और लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है।समाधान दिवस में 139 शिकायतों का निस्तारण, 123 का समाधान हुआ।
नगर निगम मुख्यालय स्थित त्रिलोकनाथ सभागार, लालबाग में ष्सम्पूर्ण समाधान दिवसष् का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल ने की, जिसमें नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे। महापौर ने खुद नागरिकों से उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को तत्काल निस्तारण के निर्देश दिए। समाधान दिवस में जी.आई.एस. सर्वे की टीम ने भवनों के कर निर्धारण से संबंधित आपत्तियों का निस्तारण किया। इसके अलावा, जलकल, स्वास्थ्य, अभियंत्रण और मार्ग प्रकाश जैसी नागरिक सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान किया गया। महापौर जी ने अधिकारियों से कहा कि वे प्रत्येक शिकायत का तुरंत समाधान करें, ताकि नागरिकों को जल्द राहत मिले।
सरकारी भूमि को कराया अतिक्रमणमुक्त
नगर निगम लगातार शहर में सरकारी जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए अभियान चला रहा है। मंडलायुक्त और नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह के निर्देशानुसार यह कार्रवाई की गई। इस दौरान अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव द्वारा गठित टीम ने मौके पर जाकर इस अभियान को सफल बनाया।
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि शहर में जहां-जहां सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे हुए हैं, वहां जल्द ही ऐसी ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि किसी भी प्रॉपर्टी डीलर से जमीन खरीदने से पहले पूरी तरह से जांच करें, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी न हो। सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के अभियान के तहत आज लखनऊ नगर निगम ने ग्राम- निजामपुर मल्हौर, तहसील सदर, जिला लखनऊ में बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान नगर निगम की टीम ने 0.114 हेक्टेयर सरकारी तालाब की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया। इस जमीन पर प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा अवैध रूप से प्लॉटिंग कर बिक्री की जा रही थी, जिसे प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर हटा दिया। इस अभियान का नेतृत्व नायब तहसीलदार नीरज कटियार ने किया, जबकि कार्रवाई में नगर निगम के लेखपाल सुभाष कौशललालू यादव, राजस्व लेखपाल गिरीष सिंह बिष्ट और अभियंत्रण विभाग के रोहित यादव समेत कई अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे। नगर निगम प्रवर्तन दल की मौजूदगी में जेसीबी मशीन से अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया।नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि इस सरकारी भूमि पर कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने कब्जा कर अवैध प्लॉटिंग कर रखी थी। मौके पर पहुंची टीम ने अस्थाई निर्माणों को ध्वस्त कर जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराया। इसके साथ ही नायब तहसीलदार श्री नीरज कटियार ने नगर निगम लेखपाल को निर्देश दिया कि प्रॉपर्टी डीलरों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाए। अधिकारियों ने यह भी साफ किया कि यदि क्षेत्र में किसी अन्य सरकारी भूमि पर अवैध प्लॉटिंग या कब्जा पाया जाता है तो संबंधित लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही इस पूरी घटना की विस्तृत जांच की जाएगी ताकि आगे इस तरह के मामलों को रोका जा सके।
शनिवार और रविवार को खुले रहेंगे जोन कार्यालय
नगर निगम ने शहरवासियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। महापौर सुषमा खर्कवाल ने अधिकारियों से छुट्टी के दिनों में भी कैम्प लगाकर लोगों की टैक्स से जुड़ी समस्याओं का निस्तारण करने और टैक्स जमा करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की बात कही। इस पहल का उद्देश्य नागरिकों की समस्याओं का समय पर समाधान करना और लखनऊ को और भी स्वच्छ व बेहतर बनाना है।
महापौर ने यह सुनिश्चित किया कि शनिवार और रविवार (08 और 09 मार्च) को नगर निगम के सभी जोन कार्यालय खोले जाएं, ताकि शहरवासियों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। इन कार्यालयों में न केवल टैक्स जमा किया जाएगा, बल्कि टैक्स से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए विशेष कैम्प भी लगाए जाएंगे। नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से नागरिकों को राहत मिलेगी और वे अपने टैक्स भुगतान की प्रक्रिया में कोई रुकावट महसूस नहीं करेंगे। नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल के निर्देशों का पालन करते हुए, सभी जोन कार्यालयों में शनिवार और रविवार को टैक्स जमा करने की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही, टैक्स से संबंधित शिकायतों और समस्याओं का त्वरित समाधान भी किया जाएगा। 31 मार्च तक सम्पत्ति कर भुगतान न करने से गृहकर के बकायेदार होने से अनेक समस्याओं का सामना भवन स्वामी को करना पड़ सकता है। समय से कर भुगतान न होने पर ब्याज के रूप में आगामी वित्तीय वर्ष में 12 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि जमा करनी पड़ती है। बकायेदार हो जाने पर प्रशासन कानूनी कार्यवाही जैसे आर.सी., संपत्ति की कुर्की इत्यादि हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस विशेष कैम्प में टैक्स से जुड़ी किसी भी समस्या का निस्तारण किया जाएगा, जिससे नागरिकों को कोई परेशानी नहीं होगी। यह कदम नगर निगम द्वारा शहरवासियों को बेहतर सेवाएं देने और उन्हें समय पर राहत प्रदान करने की दिशा में उठाया गया है।