-जांच आयोग ने शुरू की इंक्वायरी
- REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ ।महाकुम्भ मेला तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग द्वारा कमीशन ऑफ इंक्वायरी उत्तर प्रदेश नियमावली 1985 (नियम 5(2)(ख)) के अंतर्गत विगत 29, जनवरी 2025 को कुम्भ मेला क्षेत्र प्रयागराज में भगदड़ की घटना के सम्बन्ध में सार्वजनिक सूचना के माध्यम से जांच के लिए साक्ष्य उपलब्ध कराने हेतु जनमानस से सहयोग प्रदान करने कि अपील की है।
न्यायिक जांच आयोग के सचिव सन्तोष कुमार सिंह ने बताया कि 29 जनवरी को महाकुम्भ, प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दौरान मेला क्षेत्र में हुई भगदड़ की घटना में कतिपय श्रद्वालुओं के सम्बन्ध में घटित अप्रिय घटना की आयोग द्वारा जांच की जा रही है। आयोग उपरोक्त विषय के तथ्यों एवं परिस्थितियों से भिज्ञ व्यक्तियों से अपना कथन, अधिमानतः शपथ पत्र व जिस किसी व्यक्ति के पास इस घटना से संबंधित उसके द्वारा बनाई गई कोई मूल वीडियों हो, से अनुरोध है कि वह वीडियो मूल रूप से 10 दिवस के भीतर कमरा नं-108, प्रथम तल, विकास भवन, जनपथ, हजरतगंज लखनऊ व ई-मेल अथवा व्हाट्सअप नं0 9454400596 पर उपलब्ध करा सकते हैं।
अधिक सहायता के लिए फोन न.-0522-2613568 पर सम्पर्क कर सकते हैं।ज्ञातब्य है कि विगत 29 जनवरी को कुम्भ मेला क्षेत्र में हुई अप्रिय घटना के सम्बन्ध में न्यायमूर्ति हर्ष कुमार पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद की अध्यक्षता में 03 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है, जिसमें सदस्य वीके गुप्ता व दिनेश कुमार सिंह शामिल है।
सड़क दुर्घटनाओं से गोवंशों व पशुओं की सुरक्षा हेतु रेडियम पट्टी पहनाने के अभियान का शुभारम्भ आज,आइसक्रीम, छाछ व लस्सी केे लिए जगह-जगह खोले जाय पराग बूथ व पार्लर- धर्मपाल
पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु कृत संकल्पित है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रगतिशील दृष्टिकोण, निर्णायक नीतियों का पलान करने एवं विभाग हित में कार्य करने आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से गोवंशों तथा अन्य पशुओं की सुरक्षा हेतु प्रदेश के राजमार्गों के समीप स्थित ग्रामों में पशुपालकों के पशुओं गोवंशों के गले में रेडियम पट्टी पहनाये जाने हेतु कार्य योजना तैयार कर ली गयी है। जनपद लखनऊ में कल पशुओं को रेडियम पट्टी पहनाये जाने के अभियान का शुभारम्भ किया जायेगा।श्री सिंह ने यह निर्देश आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये। सड़कों तथा राजमार्गों के समीपस्थ ग्रामों में पशुपालकों के गोवंशों तथा पशुओं के रात्रि के समय सड़क पर आ जाने की स्थिति में मार्ग दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। सरकार द्वारा इन पशुपालकों के पशुओं के गले में रेडियम पट्टी लगाये जाने हेतु जिलाधिकारियों को निर्देश निर्गत कर दिये गये हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे हाईवे-के किनारे पांच-पांच गावांे को चिहिन्त कर वहां के गोवंश को रेडियम बेल्ट पहनाने का कार्य किया जाये। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान, महिला सहायता समूह सहित गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाये। पीसीडीएफ के बंद प्लांट को पुनः चालू कराया जाये। गर्मी के मौसम में पराग की आइसक्रीम, छाछ व लस्सी लोगों को आसानी से उपलब्ध हो, इसके लिए जगह-जगह पराग बूथ व पार्लर खोले जायें। शहर के होटल, रेस्तरां, अस्पताल, तहसील आदि स्थानों पर पराग उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाये। इसके लिए विभाग के मार्केंटिंग प्रभाग को और अधिक सक्रिय किया जाये। अधिकारी अलग-अलग क्षेत्रों का भ्रमण कर पराग बूथों की संख्या को बढ़ाने का कार्य करें और सप्लाई चेन को मूजबूत बनायें।बैठक में प्रमुख सचिव, पशुधन रवीन्द्र नायक, विशेष सचिव, पशुधन देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा जयकेश कुमार पाण्डेय, तथा निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा योगेन्द्र सिंह पवार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर हेतु सरकार दृढ़संकल्पित- राजभर
मंत्री श्रम एवं सेवायोजन विभाग अनिल राजभर की अध्यक्षता व अवनीश अवस्थी सलाहकार मुख्यमंत्री की उपस्थिति में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर किये जाने हेतु श्रम एवं सेवायोजन विभाग की भूमिका के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों के साथ आज बापू भवन स्थित सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में अधिनियमों के अन्तर्गत ऑन-लाइन सेवाओं का विवरण के अन्तर्गत कुल ऑन-लाइन प्राप्त आवेदन, प्राप्त आवेदनों के सापेक्ष निर्गत पंजीयन लाइसेन्स नवीनीकरण संशोधन, सेवाओं में प्राप्त आवेदनों का निस्तारण जनहित गारण्टी अधिनियम के अन्तर्गत विहित समयावधि तथा भावी कार्य योजना के अन्तर्गत अति-खतरनाक कारखानों तथा 500 से अधिक कर्मकारों वाले कारखानों में उपनिदेशक कारखाना के स्तर से निरीक्षण, कारखाना अधिनियम 1948 की धारा-54,55,56,59,65 तथा धारा-85 में संशोधन, सेफ्टी आडिटर्स को मान्यता दिये जाने, अनुज्ञप्ति नवीनीकरण का आवेदन फार्म-4 को इलेक्ट्रॉनिक रीति से प्रस्तुत किया जाना, नये कारखानों में एक वर्ष तक निरीक्षण से छूट प्रदान किया जाना, नियम-109 के अन्तर्गत महिलाओं को खतरनाक प्रकृति की सभी प्रक्रियाओं में नियोजन की अनुमति आदि बिन्दुओं पर चर्चा की गयी।मंत्री ने कहा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर किये जाने हेतु सरकार दृढ़संकल्पित है। आज की तारीख में पोर्टल पर कोई भी आवेदन लम्बित नहीं है। उन्होंने सम्बन्धित को 31 मार्च तक अधिक से अधिक कारखानों के पंजीयन कराये जाने हेतु निर्देशित किया। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप 15 दिवसों में वित्तीय वर्ष 2023-24 के आवंटित लक्ष्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा। अवनीश अवस्थी सलाहकार मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के देश की अर्थव्यवस्था 05 ट्रिलियन डॉलर तक बनाये जाने के लक्ष्य में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर बनाने में श्रम विभाग महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। श्रम विभाग द्वारा प्रदेश में अधिक से अधिक कारखाने स्थापित करने हेतु उद्योगों के लिये अनुकूल वातावरण बनाने के उद्देश्य से विभिन्न श्रम कानूनों में सरलीकरण किया गया है। श्रम आयुक्त मार्कण्डेय शाही ने बताया कि उद्योग को स्थापित करने के लिये समस्त आवश्यक प्रक्रियाओं को ऑन-लाइन कर दिया गया है जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश में नये पंजीकृत होने वाले कारखानों तथा दुकान एवं वाणिज्य प्रतिष्ठानों की संख्या में गत वर्षो के सापेक्ष अधिक वृद्धि हुयी है। कारखानों के पंजीकरण के कार्य को और गति प्रदान करने हेतु आगामी दिवसों में प्रतिदिन 10 नये कारखानों के पंजीकृत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डा एमके शन्मुगा सुन्दरम् ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 26,915 कारखानें पंजीकृत हैं, जिसमे से वर्तमान सरकार के दो कार्यकालों के 08 वर्षो में लगभग 14 हजार नये कारखाने पंजीकृत किये गये हैं जबकि गत 70 वर्षों में वर्ष 2017-18 तक 13 हजार के लगभग ही कारखाने पंजीकृत थे। नये उद्योगों को स्थापित करने हेतु प्रक्रियाओं को सरलीकरण करने के उद्देश्य से नये कारखाने पंजीकृत कराये जाने हेतु श्रमिकों की संख्या की सीमा पावर सहित 20 श्रमिक व 40 से अधिक पावर रहित कर दी गयी है। महिलाओं को रात्रि कालीन पाली में कार्य करने की सशर्त अनुमति प्रदान कर दी गयी है। साथ ही ऐसे व्यवसाय व प्रक्रियाएं जिनमें महिलाओं का कार्य करना प्रतिबंधित था। महिलाओं को कार्य करने की अनुमति प्रदान की जा रही है। दुकान व वाणिज्य प्रतिष्ठानों में 01 टाइम पंजीकरण की सुविधा प्रदान करते हुए उन्हें बार-बार नवीनीकरण से मुक्त कर दिया गया है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रतिष्ठानों की कार्य की प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें 12 घण्टे तक कार्य करने की अनुमति प्रदान की गयी है। कई प्रकार की सुविधाएं ऑनलाइन ऑटोमोड पर उपलब्ध हैं। श्रम विभाग द्वारा जिन कारखानों का नवीनीकरण संभावित होता है, उनको एसएमएस के माध्यम से पूर्व में सूचना उपलब्ध करा दी जाती है। श्री राजभर द्वारा बताया कि रोजगार के इच्छुक अभ्यर्थियों को देश-विदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु रोजगार मिशन का गठन किया जा रहा है, रोजगार मिशन द्वारा घरेलू व विदेशी बाजारों में रोजगार की मांगों का सर्वेक्षण कराकर ऐसे रोजगार के अवसरों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा तथा रोजगार मिशन के माध्यम से इच्छुक अभ्यर्थियों को रोजगार से जोड़ा जायेगा। श्रम विभाग द्वारा मजदूरों को विदेशों में काम करने भेजा गया था , भविष्य में भी भेजा जाना है, वर्तमान में जर्मनी में नर्सो की व जापान में कार ड्राइवरों की बड़ी संख्या में मांग है।बैठक में सलाहकार मुख्यमंत्री केवी राजू, प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन विभाग डॉ एमके शन्मु्गा सुन्दरम, विशेष सचिव श्रम एवं सेवायोजन विभाग कृणाल सिल्कू, नीलेश कुमार सिंह, अपर श्रमायुक्त् सौम्या पाण्डे्य, सहित डिलाईट संस्था के प्रतिनिधि, अधिकारी उपस्थित रहें।
62 राजकीय आईटीआई के उन्नयन के लिए हुआ एमओयू,नौकरी लेने वाले ही नहीं देने वाले भी बनें प्रशिक्षार्थी- कपिल देव
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज, लखनऊ में टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड द्वारा स्थापित अत्याधुनिक टीटीएल लैब में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता कपिल देव अग्रवाल की उपस्थिति में टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच फेस-2 के अंतर्गत 62 राजकीय आईटीआई के उन्नयन के लिए समझौता ज्ञापन एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि प्रथम चरण में 149 आईटीआई के उन्नयन का कार्य शुरू हो चुका है, जहां प्रशिक्षण सुचारु रूप से चल रहा है। अब फेस-2 के तहत 62 और आईटीआई में अत्याधुनिक लैब की स्थापना से युवाओं को तकनीकी शिक्षा में बेहतरीन अवसर मिलेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह योजना न केवल रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि प्रशिक्षित युवाओं को टाटा टेक्नोलॉजीज और अन्य कंपनियों में बेहतर सेवायोजन के अवसर भी देगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि प्रशिक्षार्थी नौकरी लेने वाले ही नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें।फेस-1 के तहत 26 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में 150 राजकीय आईटीआई के आधुनिकीकरण के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया गया था। इस चरण में प्रति संस्थान 32.58 करोड़ रुपये की लागत से कुल 4887 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, जिसमें राज्य सरकार का योगदान 713 करोड़ रुपये था। वर्ष 2024 में 149 संस्थानों में 13,808 की प्रवेश क्षमता के सापेक्ष 11,407 प्रशिक्षार्थियों ने दाखिला लिया। इन संस्थानों में 11 दीर्घकालिक व्यवसायों में से 3 का चयन कर प्रशिक्षण शुरू किया गया है।फेस-2 के तहत 62 आईटीआई और 5 सीआईआईआईटी के उन्नयन से प्रति वर्ष लगभग 10,000 प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। इन संस्थानों में इलेक्ट्रिक वाहन, एडवांस्ड सीएनसी मशीनिंग, 3डी पिं्रटिंग, इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स जैसे आधुनिक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। टाटा टेक्नोलॉजीज द्वारा प्रति संस्थान 2 प्रशिक्षकों की तैनाती पहले दो वर्षों के लिए और 1 मास्टर ट्रेनर तीसरे व चौथे वर्ष के लिए होगी।
एमओयू के तहत टाटा टेक्नोलॉजीज और उत्तर प्रदेश सरकार 62 राजकीय आईटीआई को आधुनिक तकनीकों से लैस करेगी। इस चरण में प्रत्येक संस्थान के उन्नयन के लिए 34.54 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई है, जिसके तहत कुल 62 संस्थानों के लिए 2141.82 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार का 12.36 प्रतिशत योगदान यानी 264.72 करोड़ रुपये और जीएसटी के रूप में 47.65 करोड़ रुपये शामिल हैं, जिससे कुल व्यय 312.37 करोड़ रुपये होगा। इसके अतिरिक्त, 5 सेंटर फॉर इनोवेशन, इन्वेंशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिग की स्थापना भी की जाएगी, जिनके उन्नयन के लिए प्रति संस्थान 226.52 करोड़ रुपये की लागत से कुल 1132.62 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार का 14 प्रतिशत योगदान 158.56 करोड़ रुपये और जीएसटी 26.54 करोड़ रुपये सहित कुल 187.10 करोड़ रुपये होगा।
प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग डॉ. हरिओम ने अपने संबोधन में कहा कि प्रशिक्षण इस तरह से डिज़ाइन किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के युवा न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश और विदेशों में भी अपने कौशल का परचम लहरा सकें। वहीं, विशेष सचिव श्री अभिषेक सिंह ने बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण के साथ रोजगार के अवसर प्रदान करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।टाटा टेक्नोलॉजीज के वाइस प्रेसिडेंट एंड ग्लोबल हेड सुशील कुमार और वाइस प्रेसिडेंट पुष्पराज ने कहा कि कंपनी इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर निर्माण में तेजी से प्रगति कर रही है, जिससे रोजगार की नई संभावनाएं पैदा होंगी।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 149 और अब द्वितीय चरण में 62 आईटीआई में लैब स्थापित कर प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया गया है। प्रत्येक आईटीआई में 7 दीर्घकालिक और 15 अल्पकालिक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रस्तावित है, सीआईआईआईटी संस्थानों में 8 प्रशिक्षकों की तैनाती 5 वर्षों के लिए की जाएगी।कार्यक्रम में विभाग के वित्त नियंत्रक नंद किशोर धर द्विवेदी, अपर निदेशक मान पाल सिंह, निदेशक प्राविधिक डीके सिंह, संयुक्त निदेशक आरआर यादव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और प्रधानाचार्य एसके श्रीवास्तव व चंद्रशेखर सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रधानाचार्य राजकुमार यादव ने आभार व्यक्त किया।
हेरिटेज होटल के रूप में विकसित किया जाएगा बरुआसागर किला ,वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होगा कानपुर देहात का शुक्ला तालाब के सन्निकट बारादरी
राजस्थान और मध्यप्रदेश की तर्ज पर राज्य के किले, हवेली सहित अन्य विरासत संपत्तियों को विकसित कर देशदुनिया के पर्यटकों को आकर्षित कियाजाएगा। झांसी के बरुआसागर फोर्ट को हेरिटेज होटल और कानपुर देहात के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक शुक्ला तालाब के निकट बारादरी को हेरिटेज होटल वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन विभाग इन्हें पुनः उपयोगी बनाकर पीपीपी मॉडल पर विकसित करेगा। जल्द ही पर्यटक यहां स्थानीय आर्ट एंड क्राफ्ट, कुजीन, कल्चर और ओडीओपी आदि का आनंद ले सकेंगे। विकासकर्ताओं के द्वारा नजदीकी एक गांव को गोद भी लिया जाएगा। इसके लिए निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्र तथा रेडवुड होल्डिंग एंड रियलिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु व नीमराना होटल्स प्राइवेट लिमिटेड राजस्थान के प्रतिनिधियों के बीच आज अनुबंध पर हस्ताक्षर हुआ। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में बुंदेलखंड सहित राज्य की अन्य ऐतिहासिक संपत्तियों को उनके पुराने स्वरूप को बरकरार रखते हुए उपयोगी बनाया जाएगा। संपत्तियों को नया जीवन देने के साथ ही उसके पुराने वैभव को लौटाने और इनसे आय प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है। नीमराना होटल्स प्राइवेट लिमिटेड राजस्थान, बुंदेलखंड के बरुआसागर, झांसी का विकास करेगी। नीमराना होटल्स, नीमराना फोर्ट पैलेस राजस्थान, तेजारा फोर्ट पैलेस अलवर राजस्थान सहित देश की ऐसी 31 हेरिटेज संपत्तियों का संचालन कर रही है। इसी तरह, रेडवुड होल्डिंग एंड रियलिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड बेंगलुरु कानपुर देहात के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक शुक्ला तालाब के नजदीक बारादरी का विकास करेगा। रेडवुड, पीलीभीत हाउस हरिद्वार, कंजर्वेशन ऑफ़ राजा महल ओरछा मध्यप्रदेश सहित अन्य कई हेरिटेज प्रॉपर्टी का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है। पर्यटन विभाग की इस पहल से उत्तर प्रदेश में विरासत पर्यटन के साथ-साथ डेस्टिनेशन वेडिंग बढ़ेंगे। प्रॉपर्टी के विकास और संचालन में 25 प्रतिशत स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाएगा। इसके साथ ही ओडीओपी प्रोडक्ट को प्रमोट किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक धरोहरों की लंबी श्रृंखला है। इनका गौरवशाली इतिहास है। राज्य में विरासत पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में पर्यटन विभाग इसे धरातल पर उतार रहा है जो कि वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी लक्ष्य हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
बीमा और केसीसी के दायरे में आयेंगी 9 फसलें ,कृषि मंत्री के अध्यक्षता में लिया गया निर्णय
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में मंगलवार को कृषि निदेशालय में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि जायद सीजन की 9 फसलों को फसल बीमा तथा किसान क्रेडिट कार्ड केसीसी के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया।बैठक में निर्णय लिया गया कि मूंगफली, मक्का, मूंग, उड़द, पपीता, लीची, तरबूज, खरबूज आंवला की फसलों को किसान क्रेडिट कार्ड तथा फसल बीमा योजना के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया है। इन फसलों को बीमा के दायरे में लाने से किसानों को उनकी फसलों पर मौसम तथा अन्य संभावित अनचाहे नुकसान से बचाया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को ढैंचा बीज तथा जिप्सम सप्लाई की समुचित व्यवस्था अग्रिम रूप से करने के निर्देश दिए। योजना अधिकारियों को निर्देश दिए कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट को व्यय करने में तेजी लाई जाए।इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, प्रमुख सचिव कृषि रवींद्र, सचिव वित्त मिनिस्थी एस, नाबार्ड के प्रबंध निदेशक, कृषि निदेशक तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
ऋण वितरण हेतु निर्धारित लक्ष्य को 31 मार्च तक हर हाल में पूरा करें-खन्ना
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बैंकों को निर्देश दिया है कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अंतर्गत ऋण वितरण हेतु निर्धारित लक्ष्य को 31 मार्च तक हर हाल में पूरा करें। कैंप लगाकर लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक करते हुए अधिक से अधिक युवाओं को लाभान्वित करें। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिससे युवाओं को स्वरोज़गार के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वित्त मंत्री आज यहां नवीन भवन स्थित पारिजात कक्ष में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने संबंधित बैंकों को निर्देश दिया कि ऋण स्वीकृति हेतु लंबित प्रकरणों में तेजी लाते हुए आवेदनों को यथाशीघ्र निस्तारित किया जाए। जिन आवेदनों पर स्वीकृत हो चुकी है, उन प्रकरणों में तत्काल ऋण वितरण किया जाए। बैंकों के स्तर से लगभग 3551 वितरित आवेदनों में मार्जिन मनी क्लेम किया जाना लंबित है, जिसे तत्काल क्लेम किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि बैंक अधिक से अधिक आवेदनों पर स्वीकृति प्रदान करें।मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 01 लाख युवाओं को इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके अंतर्गत बैंकों को 118981 आवेदन अग्रसारित किए गए हैं। बैंकों द्वारा अभी तक 32087 आवेदन पर स्वीकृति प्रदान करते हुए 16924 को ऋण वितरित किया है। 41374 आवेदन स्वीकृति हेतु लंबित हैं, जबकि 15163 आवेदन ऋण वितरण हेतु लंबित है।बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार प्रमुख सचिव एमएसएमई आलोक कुमार, सचिव वित्त मिनिस्थी एस , वित्त एवं एमएसएमई विभाग के अधिकारियों सहित बैंकर्स उपस्थित थे।