LUCKNOW:पहले अपराध और भ्रष्टाचार के दलदल में फंसा था यूपी,क्लिक करें और भी खबरें

-उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं बल्कि  विकसित होता प्रदेश ,मोदी और योगी सर्वसमाज को ही मानते हैं अपना परिवार- शर्मा 

  • REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ । नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा उत्तर प्रदेश सरकार के सेवा, सुरक्षा व सुशासन की नीति के 8 वर्ष पूरे होने पर गुरुवार को मऊ के सोनी धापा इंटर कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कालेज परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एके शर्मा ने कहा कि देश में मोदी के नेतृत्व में 10 वर्षों से और प्रदेश में योगी के नेतृत्व में 8 वर्षों से सुशासन की स्थापना जनता जनार्दन के आशीर्वाद से हुई है, जिसे लंबे समय तक बनाए रखना होगा। प्रदेश में 2017 से पहले छोटी-छोटी बातों पर दिन दहाड़े हत्याएं हो जाती थी। प्रदेश का प्रत्येक जिला किसी न किसी माफिया के नाम से जाना जाता था। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश 2017 से पहले अपराध और भ्रष्टाचार के दलदल में फंसा था। प्रदेश में गुंडे, माफियाओं, अपराधियों का बोलबाला था। प्रदेश की जनता बेहाल थी। जबसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में योगी सरकार बनी प्रदेश गुंडाराज से मुक्त होकर देश का उत्तम प्रदेश बना।  जो प्रदेश 2017 से पहले बीमारू राज्य के रूप में जाना जाता था अब वह देश का सबसे तेजी से विकसित होता प्रदेश बन गया। अपराध पर नियंत्रण, निवेश में वृद्धि और बुनियादी सुविधाओं के विकास से प्रदेश में सुरक्षित और समृद्ध माहौल बना है। जो उत्तर प्रदेश पहले हत्या, चोरी, डकैती, भू माफिया और महिला अपराध के लिए जाना जाता था अब वह डिजिटल प्रदेश, औद्योगिक क्रांति तथा किसान कल्याण के लिए जाना जाता है। मोदी के नेतृत्व में देश की साख पूरी दुनिया में बदली है। मेरे अपने 4 साल के राजनीतिक जीवन में मऊ जिले में 4 हज़ार करोड रुपए से ज्यादा की परियोजनाएं क्रियान्वित की गई, इसमें नगर विकास की  1000 करोड रुपए से अधिक की परियोजनाएं शामिल है। बिजली विभाग से भी मऊ की बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए 500 करोड रुपए के कार्य हुए है। इसी प्रकार मऊ में 50 हज़ार से ज्यादा पीएम आवास दिए गए है, जिसमें 18 हज़ार शहरी क्षेत्र में दिए गए। पीएम स्वनिधि योजना में 14 से 15 हज़ार लोगों को लोन दिया गया। युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना से युवाओं को लाभान्वित किया जा रहा। उन्होंने बुधवार के कार्यक्रम में बिजली जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘विनय न मानत जलधी जड़, गए तीन दिन बीत, बोले राम सकोप तब, भय बिनु होत न प्रीति’।
उन्होंने कहा कि मुझे भी बिजली मंत्री बने हुए तीन वर्ष हो चुके हैं अब तो बगैर भय के कुछ भी होना संभव नहीं। महाकुंभ 2025 की स्वच्छता, सफाई, सुंदरीकरण और लाइटिंग की पूरी दुनिया में प्रशंसा की। यहां तक कि अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने सेटेलाइट से पूरी पृथ्वी में महाकुंभ को सबसे देदीप्यमान बताया था। इसके लिए नगर विकास और ऊर्जा विभाग के कार्मिक दिन रात परिश्रम किया। उन्होंने बताया कि कुम्भ मेला क्षेत्र में 6 लाख टेंट में लाइट दी गई, 60 से 70 हज़ार स्ट्रीट लाइटें, 60 से 70 हज़ार विद्युत् पोल लगाए गए। एक सेकंड के लिए भी कुम्भ क्षेत्र में लाइट नहीं गई। फ़िर भी विद्युत कार्मिकों की लचर कार्यसंस्कृति को सुधारने के लिए 3300 से अधिक विद्युत कार्मिकों को सस्पेंड किया गया, 50 से अधिक विद्युत कार्मिकों पर एफआईआर हुई, सैकड़ों सरकारी विद्युत् कार्मिकों पर एफआईआर हुई है। प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने, जर्जर लाइनो व खंभों तथा ओवरलोड ट्रांसफार्मर को ठीक करने के लिए कार्मिकों को तीन वर्ष दिए गए। लेकिन अब प्रदेश में कहीं पर भी विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बिगड़ती है या ट्रांसफार्मर जलता है तो संबंधित कार्मिक की जवाबदेही तय होगी और दंडित भी होंगे। आवागमन के लिए मऊ जिले की सभी सड़कों को सुदृढ़ किया जा रहा है। मऊ जिला अब भगवान महादेव के नाम से जाना जाएगा, माफियाओं के नाम से नहीं। मऊ के सभी पुरातन मंदिरों का जीर्णोद्धार और नवीनीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी आज के कार्यक्रम में योजनाओं के पात्र लाभार्थियों को त्वरित लाभ देने की कोशिश करेंगे।
श्री शर्मा ने कहा कि मोदी और योगी सर्वसमाज को ही अपना परिवार मानते हैं और उसी कीखुशहाली और समृद्धि के लिए दिन-रात कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मोदी और योगी को समर्पित एक शेर सुनते हुए कहा कि ‘दुआ बहार की मांगी तो इतने फूल खिले, कहीं जगह न बची मेरे आशियाने को’।

गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने में जुटा ग्राम्य विकास विभाग,8 साल में 5 लाख से ज्यादा हुए ग्रामीण संयोजकता के कार्य

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना महात्मा गांधी नरेगा से जहां ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका संवर्धन हेतु प्रत्येक वित्तीय वर्ष में उन  ग्रामीण परिवारों को  गारंटीकृत  रोजगार उपलब्ध कराया जाता है, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल श्रम करने के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं। यह योजना से जल संरक्षण संरचनाओं, ग्रामीण सड़कों और अन्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं जैसी उत्पादक परिसंपत्तियों के निर्माण पर  जोर दिया  जाता है, जो ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास में योगदान करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों के आवागमन को सुगम बनाने एवं जलभराव जैसी की समस्या के निदान हेतु महात्मा गांधी नरेगा योजना से नाली, चकरोड निर्माण, पटरी मरम्मत, इंटरलॉकिंग, सीसी रोड एवं खड़ंजा निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन में ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओ का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य  ने कहा है कि  गांवों की गलियां, ग्रामीणों का हाईवे की भांति हैं, इसलिए गांवों की गलियां दुरुस्त और साफ-सुथरी होनी चाहिए। योजना के अंतर्गत किये गये विकास कार्य धरातल पर दिखने भी चाहिए। ग्राम पंचायतों में नाली, चकरोड निर्माण, पटरी मरम्मत, इंटरलॉकिंग, सीसी रोड एवं खड़ंजा निर्माण के कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाए, जिससे गांव स्वच्छ औऱ सुंदर रहे और ग्रामीण स्वस्थ रहें।ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2017-18 से अब तक ग्रामीण संयोजकता के 5,18,021 पूर्ण कार्यों पर रुपये 1082518.79 लाख व्यय किये जा चुके हैं। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक ग्रामीण संयोजकता के 78,272 कार्य कराये जा चुके हैं, इस साल इन पूर्ण कार्यों पर 64217.37 लाख धनराशि व्यय की गई है।
 आयुक्त ग्राम्य विकास जीएस प्रियदर्शी द्वारा अवगत कराया गया कि ग्रामीण संयोजकता के कार्य ग्राम्य विकास की प्राथमिकताओं में हैं। सरकार की मंशा,केंद्रीय  ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश एवं योजना की गाइडलाइन के अनुरूप ग्राम पंचायतों के समग्र विकास हेतु मनरेगा योजना से नाली, चकरोड निर्माण,पटरी मरम्मत, इंटरलॉकिंग, सीसी रोड एवं खड़ंजा निर्माण का कार्य निरंतर कराया जा रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की एमआईएस-आर 6.1 में प्रदर्शित रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 78372 कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं।

विपक्षी दलों के नेताओं में मुस्लिम तुष्टिकरण में अगुआ बनने की होड़-भूपेंद्र

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गौशालाओं पर दिये बयान को भारतीय सांस्कृतिक आस्था व परम्परा पर कुठाराघात बताया। श्री चौधरी ने कहा कि भारतीय दर्शन की आत्मा में ‘‘सवै भूमि गोपाल की‘‘ निहित है। जो दर्शन पृथ्वी को ही गोपालक प्रभु की भूमि मानता है, लेकिन इस दर्शन को जानने के लिए भारतीय दृष्टि होना आवश्यक है। गौशालाओं की दुर्गंध से व्याख्या करने वाले अखिलेश यादव अपने पूर्वजों से ही सीख लेते तो आज गाय माता के लिए उनके ऐसे विचार नहीं होते।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि भारत में तमाम विपक्षी दलों के नेताओं में होड़ लगी है कि वह मुस्लिम तुष्टिकरण में अगुआ कैसे बनें। इसके लिए सनातन धर्म, भारतीय महानायकों, भारतीय आस्था एवं परम्पराओं को अपमानित करने का रास्ता चुना है। अखिलेश यादव ने गौशालाओं में दुर्गन्ध का बयान दिया है।श्री चौधरी ने कहा कि गोपालक वंश में जन्में अखिलेश यादव को अगर थोडा सा भी बोध होता तो जिस गाय माता का दूध पीकर वे बडे़ हुए है उस गाय माता के लिए मुंह से जहर नहीं उगलते। उनका बयान धर्म, संस्कृति के साथ करोड़ों हिन्दुओं की आस्था तथा गाय माता पर सीधा हमला है। करोड़ों ग्वालों, गोपालक समाज का अनादर और अपमान है। हिन्दुत्व विरोध के ब्राण्ड एम्बेसडर अखिलेश यादव को धर्मानुरागी जनता जबाब देगी।

अमित शाह से मिले सतीश महाना

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष दिल्ली दौरे पर हैं। उन्होंने आज पीएम नरेंद्र मोदी से भेंट के बाद देश के गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह  से आज नई दिल्ली में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने शिष्टाचार भेंट कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया।

प्रदेश की 24 करोड़ जनता की सेवा को समर्पित रहे आठ वर्ष- नन्दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार के सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीति के 08 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जिला पंचायत सभागार परिसर में आयोजित सेवा, सुरक्षा एवं सुशासन समारोहष् में उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री एवं प्रयागराज शहर दक्षिणी विधायक नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।मंत्री नन्दी ने साथ सबका विकास उत्कर्ष के 8 वर्ष नामक पुस्तक का विमोचन करते हुए विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र, टूल किट, चेक और चाभी वितरित किया। वहीं  पत्रकार बंधुओं से वार्त कर उत्तर प्रदेश सरकार के सफलतम 8 वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं के सशक्तिकरण, कानून-व्यवस्था की बेहतरी, औद्योगिक निवेश, निर्यात और रोजगार के अवसरों में वृद्धि तथा गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए प्रभावी योजनाएं लागू की गई हैं,  परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश आज देश में विकास का मॉडल बन चुका है। 2017 के पहले जहां प्रदेश की पहचान का संकट था। बेटियां, व्यापारी एवं उद्यमी हर कोई असुरक्षित था। आज नए भारत का नया उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। उत्तर प्रदेश निरन्तर प्रगति, समृद्धि एवं खुशहाली के पथ पर अग्रसर है। योगी सरकार में उत्तर प्रदेश के समग्र एवं चहुंमुखी विकास को समर्पित गौरवशाली आठ वर्ष पूरे किये हैं।आठ वर्ष उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनता की सेवा, सुरक्षा और सुशासन को समर्पित रहे हैं, ये आठ वर्ष गरीब कल्याण और जनसेवा को समर्पित रहे हैं, ये आठ वर्ष औद्योगिक विकास एवं आर्थिक समृद्धि को समर्पित रहे हैं, ये आठ वर्ष कानून व्यवस्था की मजबूती एवं माफिया तत्वों के उन्मूलन को समर्पित रहे हैं, ये आठ वर्ष विरासत के साथ विकास के संकल्प को साकार करने की प्रतिबद्धता को समर्पित रहे हैं!उत्तर प्रदेश निवेश, निर्माण और निर्यात को सुदृढ़ करते हुए वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है! ग्लोबल इन्वेस्टर समिट जैसे वृहद आयोजनों के माध्यम से देश-दुनिया के निवेशक उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास यात्रा में सहभागी बन रहे हैं! उत्तर प्रदेश ष्सुरक्षित परिवेश-सुरक्षित निवेशष् के रोलमॉडल के रूप में स्थापित हुआ है!इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता, पूर्व राज्यमंत्री बाबू लाल भंवरा, आरपी सिंह बघेल सदस्य प्रबंध समिति उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ उपस्थित रहे।

100 वर्ष पूर्व नही था ‘पिछड़ा’ शब्द,राष्ट्रवाद की जगह आ गया स्वार्थवाद

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा अवध प्रदेश के अध्यक्ष अमरेन्द्र सिंह परमार ने  मीडिया से बात करते हुए कहा कि वोट की राजनीति के चलते जातियों पर चोट  की नीति अपनाई जा रही है। भारत में महापुरुषों, धार्मिक ग्रंथों, देवी-देवताओं और इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर क्षत्रिय समाज को निशाना बनाया जा रहा है।प्रदेश अध्यक्ष ने  कहा कि राज्यसभा की अपनी गरिमा होती है। हेट स्पीच देकर कुछ भी बोल देना और फिर खेद प्रकट कर देना अब नहीं चलेगा। छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराणा सांगा पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों से देश के क्षत्रिय समाज में गहरा आक्रोश है। इसी के मद्देनज़र 22 जून को लखनऊ में भव्य क्षत्रिय महाकुंभ आयोजित किया जाएगा।क्षत्रिय समाज किसी भी प्रकार की अनुचित टिप्पणी को सहन नहीं करेगा। राज्यसभा जैसे गरिमामयी सदन में क्षत्रियों के महापुरुषों का अपमान निंदनीय है। इस तरह की भड़काऊ और आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए और उसे राज्यसभा से बर्खास्त कर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।आज से 100 वर्ष पूर्व ‘पिछड़ा’ शब्द का कोई विशेष प्रचलन नहीं था। यदि आप किसी व्यक्ति से पूछते कि वह ब्राह्मण है और यदि वह कहता ‘नहीं’ तो अगला प्रश्न होता,क्या वह वैश्य है? फिर यदि उत्तर ‘नहीं’ आता, तो अगला प्रश्न होता ,क्या वह शूद्र है? यदि इसका उत्तर भी ‘नहीं’ होता, तो वह हिंदू समाज में क्षत्रिय ही माना जाता।जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, अपना धर्म, कर्तव्य और फर्ज़ निभाया, आज वे ‘राजपूत’ और ‘क्षत्रिय’ मात्र पर्यायवाची शब्द बनकर रह गए हैं लेकिन समाज में आज भी स्वर्णकार, कुमावत, जाट, गुर्जर, अहीर, लोधा, शाक्य, मौर्य, कुर्मी, बघेल, रावत आदि जातियां क्षत्रिय टाइटल का उपयोग कर रही हैं।राजनीति और स्वार्थी नेताओं ने इन्हें ‘पिछड़ा’ बना दिया और अब ‘पिछड़ेपन’ के नाम पर राजनीति हो रही है। शूद्र वर्ण का भी इसी तरह विखंडन किया गया और कर्म के आधार पर विभिन्न जातियों को उसमें धकेल दिया गया।पिछले 75 वर्षों में ‘संविधान’ और ‘लोकतंत्र’ जैसे शब्दों की आड़ में हिंदू समाज को विखंडित और कमजोर कर दिया गया है। सत्ता के भूखे, हुकूमत के लालची, धन और सम्मान के चाहने वाले चंद लोग सनातन धर्म के भोले-भाले, दयालु, परोपकारी और परमार्थी हिंदू समाज को जातिवाद की आंधी में बहाने में सफल हो रहे हैं।

स्पीकर सतीश महाना ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना दिल्ली पहुंचे। आज नई दिल्ली में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना ने शिष्टाचार भेंट कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। श्री महाना ने कहा कि प्रधानमंत्री से भेंट बहुत ही उत्साहजनक रही। प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन प्राप्त किया।

गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, हापुड़ में विकसित होंगी पर्यटक सुविधाएं,राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड ने मंजूर किये 85 करोड़ – जयवीर 

उत्तर प्रदेश में अयोध्या, काशी, मथुरा ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर अंतर्गत आने वाले अन्य पर्यटन स्थल भी शीघ्र ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेंगे। केंद्र सरकार ने इसके लिए बड़ी तैयारी की है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड ने इसके लिए 85 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, हापुड़ आदि जिलों के महत्वपूर्ण धार्मिक-आध्यात्मिक, ऐतिहासिक सहित अन्य स्थलों पर पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इसी क्रम में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड एनसीआरपीबी ने मुजफ्फरनगर में शुकतीर्थ के एकीकृत पर्यटन विकास- साउंड एंड लाइट शो के लिए लगभग 12.68 करोड़ रुपए, मेरठ में 1857 के क्रांति स्थलों और शहीद स्मारक के पर्यटन विकास के लिए लगभग 4.53 करोड़ रुपए, हस्तिनापुर के समेकित पर्यटन विकास के लिए लगभग 15.04 करोड़ रुपए, सरधना के पर्यटन विकास के लिए लगभग 4.54 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। बुलंदशहर स्थित मां अवंतिका देवी मंदिर के पर्यटन विकास के लिए लगभग 11.37 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर के पर्यटन विकास के लिए लगभग 5.52 करोड़ रुपए सहित एक अन्य योजना का पर्यटन विकास किया जाएगा। हापुड़ और मुजफ्फरनगर में पहले से निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए  धनराशि जारी की गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐसे अनेक स्थल हैं, जिनका पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व है। मुजफ्फरनगर के शुकतीर्थ स्थित वट वृक्ष के नीचे शुकदेव महाराज ने राजा परीक्षित को पहली बार श्रीमद्भागवत कथा सुनाई थी। गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, हापुड़ सहित अन्य जनपदों में ऐसे अनेक स्थल हैं जिनका सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक महत्व है। पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार प्राथमिकता के आधार पर पर्यटन सुविधाओं का विकास कर रही है। उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में देश में पहले स्थान पर है। विदेशी पर्यटन में भी उपलब्धि हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी दृष्टिकोण से निरंतर पर्यटन स्थलों और पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।

योजना विभाग ने किया वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी पर कार्यशाला का आयोजन,उत्तर प्रदेश में भारत का ग्रोथ इंजन बनने की अपार संभावनाएं-राजीव

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता और स्पष्ट दिशा-निर्देशों के साथ उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने केमहत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है। इस दृष्टिकोण को और गति देने के प्रयास में प्रदेश सरकार के योजना विभाग द्वारा ‘आर्थिक विकास के सर्वाेत्तम प्रयास, उत्तर प्रदेश के लिए आगे की राह’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकसित भारत @2047 की परिकल्पना को साकार करने वाला भारत का ग्रोथ इंजन बनने की अपार संभावनाएं हैं। वर्तमान में राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 25.48 लाख करोड़ यानि 310 अरब डॉलर है, जो वर्ष 2024-25 में 30 लाख करोड़ रूपये यानि 380 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। विगत दशक में राज्य ने  10.8 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है।डॉ. कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनसांख्यिकीय शक्ति 56 फीसदी युवा कार्यबल और मजबूत कृषि क्षेत्र है जो राज्य की अर्थव्यवस्था में 25 फीसदी से अधिक का योगदान देता है। उन्होंने इसे राज्य की विकास यात्रा का मजबूत आधार बताया। राज्य गेहूं, गन्ना और आलू जैसे प्रमुख फसलों के उत्पादन में अग्रणी है, लेकिन उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि राज्य को उत्पादकता वृद्धि और आधुनिकीकरण की दिशा में विशेष प्रयास करने होंगे ताकि वह उच्च उत्पादकता वाले राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर सका। प्रदेश के जिलों को आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनाया जाना चाहिए और निर्यात योजना का केंद्र बिंदु होना चाहिए। बॉटम-अप अप्रोच यानि किसानों और स्थानीय उत्पादकों के साथ सीधा संवाद करते हुए नीतियों का निर्माण राज्य की छिपी संभावनाओं को उजागर कर सकता है।  स्थानीय डेटा प्रणाली को मजबूत करना और उद्योग, सरकार और उत्पादकों के बीच सहयोग के लिए जिला स्तर पर मंच स्थापित करना आवश्यक है।उन्होंने सुझाव दिया कि ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कम मूल्य, अधिक मात्रा वाले उत्पादों से हटकर उच्च मूल्य वाले वैश्विक मांग के अनुरूप उत्पादों की ओर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है,विशेषकर उत्तर प्रदेश की भू-अवरोधित स्थिति को ध्यान में रखते हुए।  सुझाव दिया कि राज्य को प्रमुख जिलों में एंकर फर्मों के साथ निर्यात केंद्र स्थापित करने चाहिए। वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने हेतु लक्षित नीतिगत सुधार किए जाने चाहिए। वियतनाम की निर्यात-आधारित रणनीति से सीख ली जानी चाहिए तथा रासायनिक कृषि से शून्य-रासायनिक कृषि को प्रोत्साहन देना चाहिए।कार्यशाला का समापन गहन विचार-विमर्श, सहभागी विकास के लिए रोडमैप प्रस्तुति के साथ हुआ। कार्यशाला में कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एसगर्ग, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रमुख सचिव उद्योग, योजना, परिवहन, श्रम, ऊर्जा, आईटी एवं ई-सेवाएं सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, थिंक टैंक और परामर्श संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

Aaj National

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