-मुस्लिम लीग नाराज, बताया काला धब्बा
- REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
नयी दिल्ली:संसद में हाल ही में पारित वक्फ संशोधन विधेयक 2024 ने राजनीतिक हलकों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति ने इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग सहित कई विपक्षी दलों को नाराज कर दिया। पार्टी ने इस बारे में तीखी प्रतिक्रिया दी और प्रियंका गांधी की आलोचना की। वहीं,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर भी सवाल उठाए गए हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संसद में चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी का सत्र में हिस्सा न लेना कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था। समस्त केरल जेम-इय्यथुल उलमा के मुखपत्र सुप्रभातम में प्रकाशित एक संपादकीय में प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति को ष्काला धब्बाष् बताया गया। संपादकीय में सवाल उठाया गया कि जब बीजेपी इस विधेयक को आगे बढ़ा रही थी, तब प्रियंका गांधी कहां थीं? साथ ही, यह भी कहा गया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। प्रियंका गांधी के अलावा, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर भी सवाल उठाए गए। संपादकीय में कहा गया कि राहुल गांधी ने वक्फ विधेयक पर अपनी स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं की, जबकि वे यह
दावा करते हैं कि यह विधेयक देश की एकता को प्रभावित करता है।
दावा करते हैं कि यह विधेयक देश की एकता को प्रभावित करता है।
संपादकीय में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के खिलाफ तीखा रुख अपनाया गया, लेकिन साथ ही इंडिया गठबंधन के तहत संसद में बिल के खिलाफ उनके सामूहिक रुख की सराहना भी की गई। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने वक्फ विधेयक को असंवैधानिक और अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है और इसे पारित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष ने एकजुट होकर इस विधेयक का विरोध किया, लेकिन सरकार इसे पारित करने पर अडिग रही। उन्होंने इसे लक्षित कानून भी करार दिया, जिसका उद्देश्य विशेष समुदाय को नुकसान पहुंचाना है।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को संसद में काफी बहस के बाद पारित किया गया। राज्यसभा में इस विधेयक पर बहस रातभर चली और इसके पारित होने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने इसकी पुष्टि की। इस विधेयक के पक्ष में 128 वोट पड़े जबकि 95 वोट इसके खिलाफ
थे, और अनुपस्थित वोटों की संख्या शून्य रही। वक्फ विधेयक 2024 का मुख्य उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन कर भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना है। इस विधेयक के तहत वक्फ बोर्डों की कार्यकुशलता बढ़ाने, पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार कर उनकी पारदर्शिता और कार्यकुशलता को बढ़ाना है, ताकि वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन किया जा सके।
थे, और अनुपस्थित वोटों की संख्या शून्य रही। वक्फ विधेयक 2024 का मुख्य उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन कर भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना है। इस विधेयक के तहत वक्फ बोर्डों की कार्यकुशलता बढ़ाने, पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार कर उनकी पारदर्शिता और कार्यकुशलता को बढ़ाना है, ताकि वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन किया जा सके।
इस विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक और गलत तरीके से लागू करने का आरोप लगाया है। उनका मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है और उन्हें इस प्रक्रिया से बाहर रखा जा रहा है। विपक्षी दलों ने इसे लक्षित कानून बताया है, जो केवल एक विशेष समुदाय को निशाना बनाता है। वक्फ विधेयक 2024 ने भारतीय राजनीति में हलचल मचाई है, जिसमें कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इसकी आलोचना की है। हालांकि, सरकार इसे पारित करने पर अडिग रही और इसको एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अब यह देखना होगा कि यह विधेयक समाज में किस तरह के प्रभाव डालता है और क्या विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद
इसका प्रभावी कार्यान्वयन हो पाता है।
इसका प्रभावी कार्यान्वयन हो पाता है।