-सिपाही के साथ लूटपाट, दुकानदारों ने बचाया पुलिस ने नही
- REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बाबा बनकर घुमंतू गिरोह के सदस्य घूम रहे हैं और लूटपाट की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। फर्जी बाबाओं ने पुलिसकर्मी को भी नही बक्शा। लखनऊ में ट्रैफिक पुलिस के सिपाही संदीप कुमार के साथ जो महानगर गोल चौराहे के पास तैनात है उसको बेहोश कर लूटपाट की गई। बाबाओं के भेष में चार घुमंतू गिरोह के सदस्यों ने नशीला पदार्थ सुंघाकर संदीप को बेहोश कर दिया। बेहोश होता देख सोने की चौन लूटकर फरार होने ही वाले थे लेकिन तभी स्थानीय दुकानदारों ने दौड़कर एक आरोपित बाबा दबोच लिया। दुकानदारों ने बाबा को महानगर थाने के सुपुर्द कर दिया। बावजूद इसके तीन फर्जी बाबा भागने में सफल रहे।गनीमत तो यह रही कि सोने की चेन उसी आरोपित के पास थी जो पुलिस की हिरासत में है। दिनदहाड़े हुई घटना ने महानगर पुलिस के सुरक्षा दावों की पोल खोलकर रख दी है। एक ओर जहां पहलगाम में हुई घटना के बाद से डीजीपी से लेकर पुलिस कमिश्नर तक लगातार मातहतों को बाबत सुरक्षा व्यवस्था दिशा निर्देश दे रहे है, वही दूसरी ओर दिनदहाड़े सिपाही के साथ लूटपाट की घटना जिसमे सिपाही की जान भी जा सकती थी पुलिस की मुस्तैदी पर सवाल खड़े कर रही है। महानगर थाने से चंद कदम की दूरी पर इतनी बड़ी घटना घट जाती है। जिम्मेदारो को घटना का आभास तक नही होता। महानगर पुलिस की लापरवाही से हो बड़ा हादसा हो सकता था।जब खुद की सुरक्षा नही कर पा रहे हैं तो आमजन की चिंता स्वाभाविक है।
नशे के आदी युवक ने अस्पताल से भागकर दी जान,जीआरपी ने परिजनों को सौंपा शव
बुलंदशहर के सनैता सफीपुर गांव के 28 वर्षीय दीपक ने दनकौर रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना शुक्रवार सुबह की है। दीपक नशे का आदी था। इसी कारण उसकी तबीयत खराब हो गई थी। परिवार ने उसे ग्रेटर नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया था। शुक्रवार सुबह वह बिना किसी को बताए अस्पताल से निकल गया। इसके बाद उसने रेलवे स्टेशन पहुंचकर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। जीआरपी पुलिस ने बताया कि मृतक के एक हाथ पर उसका नाम, पिता रामसहाय और माता हेमा का नाम लिखा हुआ था। हालांकि, उसके पास से पता नहीं मिला था। रविवार को परिजनों की मदद से उसकी पहचान हुई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
पुलिस की गाड़ी का एक्सीडेंट, दरोगा सहित 8 घायल
-अपहरणकर्ता से बचाई गई लड़की की हालत गंभीर
शिक्षा निदेशालय प्रयागराज में लगी आग, सैकड़ों फाइलें खाक
और द्वितीय खंड में रखी सैकड़ों फाइलें मिनटों में जलकर राख हो गईं। फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया लेकिन तब तक शिक्षा से जुड़े कई अहम दस्तावेज जलकर राख हो चुके थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग सबसे पहले उस अनुभाग में लगी, जहां सहायता प्राप्त स्कूलों से जुड़ी फाइलें सुरक्षित रखी जाती थीं। इन फाइलों में सहायता प्राप्त स्कूलों की भर्तियों, नियुक्तियों और अनुदान से जुड़ी बेहद संवेदनशील जानकारियां भरी हुई थीं। दो सामान्य अनुभाग और केंद्रीय अनुभाग भी क्षतिग्रस्त हो गए।आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया है। आग लगने का समय और स्थान संदेह को और गहरा कर रहा है, क्योंकि इस समय कई सहायता प्राप्त विद्यालयों की नियुक्तियों और वित्तीय अनियमितताओं की जांच प्रक्रिया चल रही थी। सवाल उठ रहे हैं कि आग महज एक हादसा थी या फिर सबूत मिटाने की सोची-समझी साजिश ? अधिकारियों ने आग लगने के कारणों की गहन जांच के आदेश दिए हैं। टीम घटना स्थल का निरीक्षण कर रही है.बिजली व्यवस्था की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी। शिक्षा विभाग ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है, जिससे कई अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। सूत्रों के अनुसार हाल में संपन्न भर्तियों की शिकायतों सम्बंधी फाइलें प्रभावित अनुभागों में ही थीं।