LUCKNOW:स्वयं सहायता समूहों को प्रभावी बनाकर,दीदियों को बनायायें आत्मनिर्भर,क्लिक करें और भी खबरें   

-ग्रामीण महिलाओं के आजीविका संवर्धन कार्यों में लायी जाय तेजी

  • REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ ।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण महिलाओं के आजीविका संवर्धन कार्यों में और तेजी लायी जाय।स्वयं सहायता समूहों को सक्रिय व प्रभावी बनाकर समूहों से जुड़ी दीदियों  को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने  की ठोस  कार्यवाही की जाय।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि समूहों द्वारा निर्मित सामग्री की ब्रांडिंग करने व उनके विपणन की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाय। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में गति लाने के लिए जरूरी है कि योजनाओ व कार्यक्रमो की नियमित रूप से गहन समीक्षा की जाय। योजनाओं की ग्राउंड रियलिटी पता करने व उन्हें धरातल पर प्रभावी तरीके से उतारने के लिए जरूरी है कि फील्ड भ्रमण किया जाय और सम्बन्धित अधिकारियों कर्मचारियों की जवाबदेही फिक्स की जाय। उन्होंने समूहों की सक्रियता पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश दिए हैं।राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार में  884845 लाख स्वयं सहायता समूह एवं 61484 हजार ग्राम संगठन का गठन किया गया है जिसमे काफी संख्या में समूहों तथा ग्राम संगठनों का सखी ऐप पर प्रोफाइल का अंकन नहीं हो पाया है। जिसकी नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है।समूह सखियों को सक्रिय किए जाने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया गया है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं,जो समूह सखी किन्ही कारणवश निष्क्रिय हो गयी है, उनके स्थान पर अन्य सक्षम महिला को नियमानुसार समूह सखी का चयन कराते हुए निर्धारित  प्रारूप  पर मिशन मुख्यालय को अवगत कराया जाय। समस्त उपायुक्त स्वतः रोजगार को भी निर्देशित किया गया है कि वह इस कार्य को पूरी गम्भीरता व संवेदनशीलता के साथ कराना सुनिश्चित करें।

जल्द पूरा होगा राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल,तेज हुआ एक्जीबिशन और कंवेंशन सेंटर का निर्माण

लखनऊ को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के निर्माण हो रहे हैं। देश की एतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को समर्पित राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। क्युरेशन, लैंडस्केपिंग और हार्टीकल्चर के काम पूरा होते ही, जल्द ही प्रेरणा स्थल को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।  वैश्वक व्यापार और निवेश को आकर्षित करेने के उद्देश्य से बनाए जा रहे, अंतरराष्ट्रीय एक्जीबिशन और कन्वेंशन सेंटर के निर्माण कार्य ने भी गति पकड़ ली है। 250 करोड़ रुपये की परियोजना की पहली किस्त जारी हो चुकी है, परियोजना को 2 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ये दोनों परियोजनाएं लखनऊ ही नहीं उत्तर प्रदेश को भी वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने के साथ-साथ आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में बढ़ावा देंगी। देश की महान विभूतियों को समर्पित  लखनऊ में बन रहे राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। बसंत कुंज परियोजना के तहत कमल की आकृति में बन रहे राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के निर्माण का 90 फीसदी से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का निर्माण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग करा रहा है। राष्ट्रवाद के शिखर पुरुष श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीन दयाल उपाध्याय और अटल बिहारी बाजपेयी की लगभग 63 फीट ऊंची मूर्तियों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। प्रेरणा स्थल की बाउंड्री, रैली स्थल, स्टेज और ओपेन थियेटर का निर्माण भी अपने अंतिम चरण में है।  अभी संग्रहालय के क्युरेशन, आर्ट वर्क, लैंड स्केपिंग और हार्टीकल्चर के कार्य पूरे होने बाकी है।
उत्तर प्रदेश को वैश्विक व्यापार और निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने के सीएम योगी के विजन के अनुरूप लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय एक्जीबिशन और कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कार्य भी तीव्र गति से चल रहा है। प्रदेश की आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों ने बताया कि 32.50 एकड़ जमीन पर बन रहा अंतरराष्ट्रीय एक्जीबिशन और कन्वेंशन सेंटर अगले 2 साल में बन कर तैयार हो जाएगा। इस परियोजना के लिए 250 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की जा चुकी है साथ ही परियोजना केकॉनसेप्ट प्लान को  स्वीकृति मिल चुकी है।  ये निर्माण प्रदेश में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के साथ वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने के सीएम योगी के लक्ष्य को साकार करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री ने मऊ में आकाशीय बिजली गिरने से हुई जनहानि पर जताया शोक 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने मऊ में आकाशीय बिजली गिरने से जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।उन्होंने दिवगंतों के परिजनों को अनुमन्य राहत राशि तत्काल वितरित किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इस घायल हुए लोगों का समुचित उपचार कराने के भी निर्देश दिए हैं।

ग्लोबल सेवा का हब बनेगा यूपी,योगी कैबिनेट ने दी जीसीसी नीति को प्रदान की मंजूरी , 2 लाख नई नौकरियों की उम्मीद

-नोएडा ही नहीं कानपुर, वाराणसी जैसे शहरों में भी बनेंगे जीसीसी सेंटर

योगी सरकार ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए “ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स जीसीसी नीति” को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति का मकसद यूपी को भारत का अगला वैश्विक सेवा केंद्र बनाना है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचाना है। नई नीति के तहत यूपी में आईटी, बैंकिंग, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग और अगली पीढ़ी की तकनीकों में काम करने वाली वैश्विक कंपनियों को बड़े पैमाने पर निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। इससे न केवल रोजगार के लाखों अवसर खुलेंगे, बल्कि प्रदेश के टियर-2 शहरों में भी आर्थिक गतिविधियों में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई।नीति के संबंध में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में साइंस, लॉ, इंजीनियरिंग समेत बहुत सारे सेक्टर्स का टैलेंट काफी बड़ी मात्रा में मौजूद है। कम पैसे में बेहतर क्वालिटी का काम लेने के लिए कई मल्टीनेशनल कंपनियां अपने ऑफशोर डेवलपमेंट सेंटर्स यहीं पर स्थापित कर रही हैं। इसे ही ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर कहते हैं। इसमें पहले नंबर पर सॉफ्टवेयर और आईटी आता है, जिसमें मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक प्रॉसेस ऑटोमेशन, एआई संचालित डेवलपमेंट, साइबर सुरक्षा, इंजीनियरिंग डेवलपमेंट आते हैं। इंजीनियरिंग डिजाइन का बहुत सारा एलीमेंट है जो बहुत कॉस्टली और टाइम कंज्यूमिंग होता है और हम काफी सस्ते दामों में और उच्च गुणवत्ता के साथ इस काम को कर सकते हैं। इसी प्रकार से बैंक्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस सेक्टर में बहुत सारे काम आउटसोर्स करने के लिए मल्टीनेशन कंपनियां भारत आ रही हैं। इसी तरह, ऑटोमोटिव सेक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण सेक्टर की भी बहुत सारी कंपनियां यहां आई हैं। उनके सॉफ्टवेयर डेवलपिंग का बहुत सारा काम इन जीसीसी में होगा।
उन्होंने बताया कि आज भारत में लगभग 1700 जीसीसी हैं और इनके तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। नोएडा में  माइक्रोसॉफ्ट ने 10 हजार सीटर डेवलपमेंट सेंटर का शिलान्यास किया है। एमएक्यू ने भी 3 हजार सीटर इंजीनियरिंग डेवलपमेंट सेंटर का सेटअप किया है। हमको एनसीआर और नोएडा के साथ ही वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज जैसे शहरों में भी इन सेंटर्स को लाने की व्यवस्था करनी है। योगी सरकार द्वारा घोषित यह नीति भारत की सबसे प्रतिस्पर्धी और समर्पित नीति मानी जा रही है। इसमें निवेशकों को संचालन से लेकर कौशल विकास तक हर स्तर पर व्यापक सहायता मिलेगी। इसके तहत, ऑपरेशनल सब्सिडी के अंतर्गत किराया, बिजली, बैंडविड्थ और डेटा सर्विस पर 20 फीसदी सब्सिडी, 80 करोड़ रूपये तक की सहायता प्राप्त होगी। वहीं, पेरोल सब्सिडी के तहत यूपी निवासी कर्मचारियों के वेतन पर 1.8 लाख तक प्रतिवर्ष की प्रतिपूर्ति का लाभ मिलेगा। फ्रेशर और इंटर्न सब्सिडी के तहत नए ग्रेजुएट्स को भर्ती करने पर 20,000 और इंटर्नशिप पर 5000 प्रति माह तक की सहायता प्राप्त होगी। इस नीति के लागू होने से आईटी, एनालिटिक्स, एचआर, कस्टमर सपोर्ट और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में 2 लाख से ज्यादा गुणवत्तापूर्ण नौकरियां सृजित होंगी। साथ ही, वैश्विक निवेश भी तेजी से प्रदेश में प्रवेश करेगा।

टूरिस्ट बस पार्क की होगी स्थापना

योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूर्स्ट बस पार्क स्थापना एवं विनियमन नीति-2025 को भी मंजूर कर लिया है। इससे प्रदेश में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नीति के अंतर्गत प्रदेश भर में बस अड्डों,पार्कों की स्थापना के लिए आवेदन आमंत्रण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होगा। उनके द्वारा स्टेड कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट पार्क नियामक प्राधिकारी का गठन किया जाएगा। नीति के अंतर्गत स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क की स्थापना के लिए कम से कम 2 एकड़ भूमि होने तथा आवेदक की एनुअल नेटवर्थ कम से कम 50 लाख व टर्नओवर 2 करोड़ रुपए प्राविधानित है। आवेदन इंडीविजुअल व कंसोर्टियम के रूप में हो सकेंगे। किसी एक आवेदक को प्रदेश में 10 से अधिक, एक जिले में 2 से अधिक और एक ही मार्ग पर 1 से अधिक बस अड्डा व टूरिस्ट बस पार्क स्थापित करने की अनुमति नहीं मिलेगी। निजी निवेश से स्थापना पर संचालन के लिए पहली बार 10 वर्षों के लिए अनुमति दी जाएगी जिसका आगे 10 वर्षों के लिए नवीनीकरण हो सकता है। स्वामित्व का हस्तांतरण 1 वर्ष के पहले नहीं किया जा सकेगा।

यूपी ही नहीं अन्य राज्यों के फरियादियों को भी योगी पर यकीन,नजीर बना सीएम योगी का ‘जनता दर्शन’, पहुंचे अन्य राज्यों के भी फरियादी

-समाधान मिलने पर खिले चेहरे, योगी का धन्यवाद ज्ञापित करने भी पहुंचे

हैलो, मैं मुख्यमंत्री कार्यालय से बोल रहा हूं। आपके प्रदेश के एक नागरिक अपनी समस्या लेकर यहां आए हैं। यह आपसे मिलेंगे। कृपया इनकी समस्या का समाधान कराने का कष्ट करें। उत्तर प्रदेश के बाहर के राज्यों के अधिकारियों के पास प्रायः ऐसे फोन यहां से किए जाते हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘जनता दर्शन’ में न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों के पीड़ित भी निरंतर पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘जनता दर्शन’ में हर पीड़ित के पास स्वयं पहुंचते हैं। उनकी समस्या सुनते हैं और निराकरण के लिए संबंधित राज्य से संपर्क स्थापित करने का आदेश अपने कार्यालय को देते हैं। अक्टूबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच यूपी के बाहर के 65 फरियादी ‘जनता दर्शन’ व प्रवास के दौरान योगी आदित्यनाथ से मिले। इन सभी की शिकायत उनके गृहराज्य के आलाधिकारियों तक पहुंचाई गई। ‘जनता दर्शन’ नजीर बन गया है। अन्य राज्यों के नागरिक भी मानते हैं योगी हैं तो यकीन है। समाधान पाकर खिले चेहरे सीएम योगी का धन्यवाद करने भी आते हैं।  उत्तर प्रदेश के पीड़ितों की समस्याओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय-समय पर जनता दर्शन करते हैं। वे पीड़ितों की समस्या को सुनते हैं और निराकरण कराते हैं। प्रार्थना पत्रों पर सीएम योगी की कार्रवाई नजीर बनती है। योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर समय-समय पर स्वयं जनता दर्शन करते हैं। गोरखपुर प्रवास के दौरान प्रतिदिन जनता से मुखातिब होते हैं। उनकी दिनचर्या ही जनता से मिलने से प्रारंभ होती है। पिछले साढ़े छह महीने में बिहार, तेलंगाना, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, असम समेत कई राज्यों के 65 फरियादी जनता दर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुखातिब हुए। मुख्यमंत्री ने इनकी समस्याएं सुनीं और समाधान के लिए संबंधित राज्यों तक इसे प्रेषित कराया।
योगी आदित्यनाथ फरवरी के प्रथम सप्ताह में उत्तराखंड दौरे पर गए थे। वहां पौड़ी गढ़वाल के विथ्याणी गांव के पूर्व सैनिक महेंद्र सिंह नेगी ने सीएम को प्रार्थना पत्र सौंपा। ठांगर ग्राम पंचायत में एएनएम सेंटर के उच्चीकरण संबंधी पत्र भी सीएम को सौंपा गया। उत्तराखंड की ही रुचि ने चिकित्सा संबंधी आर्थिक सहायता की गुहार लगाते हुए सीएम योगी को पत्र सौंपा। यमकेश्वर विकास खंड के एक मंदिर समिति के अध्यक्ष रूपचंद्र लखेड़ा ने सीएम योगी को सड़क निर्माण कराने के लिए प्रार्थना पत्र सौंपा। सीएम ने सभी प्रार्थना पत्रों का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड प्रशासन को पत्र प्रेषित कर पीड़ितों को न्याय दिलाने का आग्रह किया।
सीएम योगी के पास फीस माफी,  चिकित्सा, पुलिस, पढ़ाई में मदद, मंदिर निर्माण, पैतृक विवाद संबंधी कई फरियाद पहुंची। मध्य प्रदेश के सीधी के राजगढ़ कोठार की प्रीतू साहू ने गंभीर बीमारी के इलाज के लिए गुहार लगाई। बिहार के पश्चिमी चंपारण के माधोपुर प्रखंड की प्रियम प्रीति ने राहत कोष से सहायता राशि दिलाने का अनुरोध किया।  ओडिशा, बिहार से मंदिर जीर्णोद्धार, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों से भी आए लोगों की शिकायतों को सीएम योगी ने सुना। छात्रा निष्ठा साहनी ने राजस्थान में फीस माफी के लिए भी गुहार लगाई।

उत्तर प्रदेश में जैव ऊर्जा का सुनहरा भविष्य,छह हजार करोड़ के सीबीजी प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश जैव ऊर्जा क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है। कंप्रेस्ड बायोगैस के क्षेत्र में जहां यूपी पहले से ही स्थापित प्लांट्स की संख्या में नंबर एक है, वहीं निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स के आंकड़ों में भी राज्य पूरे देश में सबसे आगे निकल गया है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 129 सीबीजी प्रोजेक्ट्स का निर्माण चल रहा है, जिन पर लगभग 5,992 करोड़ का निवेश हो रहा है। यह भारत में किसी भी राज्य में निर्माणाधीन सीबीजी प्लांट्स की सबसे बड़ी संख्या है।
उत्तर प्रदेश में  25 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट स्थापित हैं। पूरे देश में सर्वाधिक सीबीजी प्लांट उत्तर प्रदेश में ही हैं। प्रदेश में पूरे देश के 19 प्रतिशत सीबीजी प्लांट्स स्थापित हैं जो पूरे देश में सर्वाधिक हैं। इन प्लांट की क्षमता 213 टन पर डे टीपीडी है। इसके बाद गुजरात 16 प्रतिशत, महाराष्ट्र 9 प्रतिशत का नंबर आता है। नंबर्स की बात करें तो गुजरात में 21 प्लांट्स, महाराष्ट्र में 12, पंजाब में 10 और मध्य प्रदेश में 6 प्लांट स्थापित हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश, सीबीजी क्षेत्र में निवेश और विकास का सबसे सक्रिय केंद्र बन चुका है।

जद यू की बैठक आज

जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्यकारिणी की मासिक बैठक 7 मई को पार्टी के लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में आहूत की गई है ।इसमें पार्टी के नवमनोनीत सम्मानित प्रदेश पदाधिकारी, प्रदेश प्रवक्ता एवं प्रकोष्ठ के अध्यक्ष,संयोजक,प्रमुख पदाधिकारी को उपस्थित रहने का आग्रह किया गया है |  बैठक की अध्यक्षता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष  अनूप सिंह पटेल करेंगे ।

Aaj National

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