-कैबिनेट मीटिंग में लिये गये नई स्थानांतरण नीति सहित 11 फैसले,पार्किंग के लिए बने नए नियम,दुधवा महोत्सव मनायेगी सरकार
- REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ ।यूपी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आज हुई।नई स्थानांतरण नीति सहित कैबिनेट ने 11 महत्वपूर्ण फैसले लिए है।पार्किंग के लिए
नए नियम बने।सबसे खास बात, अब यूपी अडानी से बिजली ख़रीदेगा।बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब प्रदेश सरकार के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में जानकारी दी। कैबिनेट के फैसलों में प्रदेश में पार्किंग का स्थान तय करने पर चर्चा हुई।बताया गया है कि यूपी में बिजली की खरीद अडानी पॉवर लिमिटेड से होगी। लगभग 5 रूपए 38 पैसे प्रति यूनिट की दर से यह बिजली खरीदी जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक इससे 2958 करोड़ की बजत होगी।

कैबिनेट ने फैसला लिया कि उत्तर प्रदेश के सभी नगर निगमों में एक समान पार्किंग नियम लागू किए जाएंगे। इसके साथ ही साथ प्रदेश में कर्मचारियों के तबादलों की नई नियमों की घोषणा की गई। बैठक में तबादले की नई नीति पर मुहर लगी। अब प्रदेश के सभी कर्मचारियों के तबादले 15 मई से 15 जून के बीच होगी। उसके पहले संबंधित विभाग में इसकी पूरी प्रक्रिया कर ली जाएगी।योगी सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व में दुधवा महोत्सव कराने का निर्णय लिया है। दुधवा महोत्सव नवंबर में होगा। यह प्रदेश का पहला आवासीय सांस्कृतिक एवं वन्यजीव महोत्सव है। तीन दिवसीय महोत्सव-25 न सिर्फ प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता और जैविक समृद्धि का उत्सव होगा, बल्कि यह पर्यटकों को जंगल की गोद में प्रकृति से जुड़ने और थारू संस्कृति को करीब से जानने का मौका भी देगा। साथ ही देश की जानी मानी हस्तियों द्वारा परफॉर्मेंस भी दी जाएगी।
प्रदेश सरकार के मुख्य कर-करेत्तर राजस्व के मदों में अप्रैल में प्राप्त हुआ 18204.75 करोड़ का राजस्व,अप्रैल 2024 के सापेक्ष अप्रैल 2025 में 1785.30 करोड़ रूपये की वृद्धि
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि प्रदेश सरकार के मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2025-26 के
अप्रैल माह में 18204.75 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 के अप्रैल माह में 16419.45 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। वित्तीय वर्ष 2025-26 के अप्रैल माह में गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1785.30 करोड़ राजस्व अधिक प्राप्त हुआ है। सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि जीएसटी के अन्तर्गत माह अप्रैल 2025 में 8943.47 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत् वर्ष अप्रैल 2024 के माह में प्राप्ति 8310.43 करोड़ थी। वैट के अन्तर्गत माह अप्रैल 2025 में 994.52 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत् वर्ष माह अप्रैल 2024 में प्राप्ति 947.98 करोड़ थी। आबकारी के अन्तर्गत माह अप्रैल 2025 में 4319.46 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत् वर्ष माह अप्रैल 2024 में प्राप्ति 3759.14 करोड़ रही थी।स्टाम्प तथा निबन्धन के अन्तर्गत माह अप्रैल 2025 की राजस्व प्राप्ति 2729.43 करोड़ है जबकि गत् वर्ष माह अप्रैल2024 में प्राप्ति 2249.78 करोड़ रही थी। परिवहन के अन्तर्गत अप्रैल 2025 की राजस्व प्राप्ति 1043.14 करोड़ है जबकि गत् वर्ष माह अप्रैल 2024 में प्राप्ति 929.61 करोड़ रही थी। करेत्तर राजस्व की प्रमुख मद भू-तत्व तथा खनिकर्म के अन्तर्गत माह अप्रैल 2025 में प्राप्ति 174.73 करोड़ है जबकि गत् वर्ष अप्रैल 2024 में प्राप्ति 222.51 करोड़ रही थी।

सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए स्थानान्तरण सत्र वर्ष 2025-26 हेतु नीति
सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए जारी स्थानान्तरण भीति केवल वर्ष 2025-26 के लिए है। स्थानान्तरण 15 जून तक किये जायेंगे।
समूह कर एवं समूह ख के अधिकारी जो सेवाकाल में संबंधित जनपद में 23 वर्ष पूर्ण कर चुके हो, को उक्त जनपदों से स्थानान्तरण किये जाने की व्यवस्था एवं समूह ‘क’ एवं समूह ‘ख’ के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में एक मण्डल में 07 वर्ष पूर्ण कर चुके हो, को उक्त मण्डल से स्थानान्तरित कर दिया जाय। विभागाध्यक्ष मण्डलीय कार्यालयों में की गयी तैनाती अवधि को स्थानान्तरण हेतु उक्त निर्धारित अवधि में नहीं गिना जायेगा। मण्डलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि 03 वर्ष होगी तथा इस हेतु सर्वाधिक समय से कार्यरत अधिकारियों के स्थानान्तरण प्राथमिकता के आधार किये जाने की व्यवस्था की गयी है।समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के स्थानान्तरण सवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत एवं समूह ‘ग’ एवं समूह ‘प’ के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गचार कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किये जा सकेंगे।समूह ‘ग हेतु पटल परिवर्तन क्षेत्र परिवर्तन के संबंध में निर्गत शासनादेश संख्या-8/2022/सा०-119/सैतालिस- 4-2022-(1/3/96) दिनांक 13 मई, 2022 के द्वारा कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किये जाने की व्यवस्था की गयी है एवं समूह ‘ख’ एवं समूह ‘ग’ के कार्मिकों के स्थानान्तरण यथासम्भव मेरिट बेस्ड आनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है।मंदित बच्चों । चलन क्रिया से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जहां उनकी उचित देखभाल व विकित्सा की समुचित व्यवस्था हो।भारत सरकार दवारा घोषित प्रदेश के 34 जनपदों के 100 आकांक्षी विकास खण्डों के समस्त जनपदों में तैनाती संतृप्तीकरण किये जाने की व्यवस्था की गयी है।स्थानान्तरण सत्र के पश्चात समूह ‘क’ के साथ ही साथ समूह ‘हा’ के स्थानान्तरण मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन पाप्त कर किये जा सकेंगे।

योगी सरकार का ‘संभव अभियान’: बच्चों के पोषण स्तर में हुआ सुधार
-बाल कुपोषण और भुखमरी दूर करने के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध,03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को घर पर ही मिलेगा पौष्टिक स्वल्पाहार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार राज्य से भुखमरी, बाल कुपोषण को दूर करने और सतत खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने की दिशा में प्रतिबद्ध
है। सतत विकास के इन्हीं लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सीएम योगी के मार्गदर्शन में वर्ष 2021 में संभव अभियान की शुरुआत की गई थी जिसके 4 चरणों पूरे हो चुके हैं, यूपी ने 2024 में मातृ-शिशु पोषण के स्तर में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के गंभीर तीव्र कुपोषित सैम बच्चों में से 65 प्रतिशत सामान्य स्थिति में आ चुके हैं। 16 प्रतिशत बच्चे सैम स्थिति से मध्यम तीव्र कुपोषित मैम बच्चों की स्थिति में आ चुके हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुसार संभव अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आकांक्षात्मक जिलों में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का पायलट प्रोजेक्ट भी चलाया जा रहा है, जिसे आने वाले समय में पूरे प्रदेश में चलाने की तैयारी है। सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश से कुपोषण और भुखमरी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ वर्ष 2021 में संभव अभियान की शुरूआत की थी। जिसका मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य-2 को प्राप्त करना और प्रदेश में सतत खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना था। प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने संभव अभियान के चार चरणों की सफलता की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने पेश की। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश ने संभव अभियान के तहत आपेक्षित सफलता प्राप्त की है। एक ओर इन चार वर्षों में तकनीकि नवाचार, प्रशिक्षण और सटीक निगरानी कर 1.7 करोड़ बच्चों की जांच की गई, जिसमें 1.8 लाख तीव्र कुपोषित बच्चों सैम के मामले दर्ज हुए थे, जिसमें 65 प्रतिशत सैम मामले साल के अंत तक सामान्य स्थिति में आ चुके हैं। जबकि 16 प्रतिशत मामले सैम स्थिति से मध्यम तीव्र कुपोषित मैम में आ चुके हैं। साथ ही गर्भवती महिलाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया, जिसके परिणाम स्वरूप गर्भवती महिलाओं की मेजरिंग इफिशियंसी 6 प्रतिशत से बढ़कर 51 प्रतिशत हो चुकी है।

प्रदेश के 8 आकाक्षांत्मक जिलों में भी संभव अभियान ने सकारात्मक असर दिखाया है। संभव अभियान के सफल संचालन का असर है कि आकाक्षांत्मक जिलों के बच्चों में स्टंटिग, अंडरवेट और वेस्टिंग के मामलों में सुधार आया है लेकिन इन जिलों में अभी बच्चों में कुपोषण की स्थिति को देखते हुए, सीएम के निर्देश के अनुसार में इन जिलों में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। 03 से लेकर 06 वर्ष तक के बच्चों को टेक होम राशन के माध्यम से पौष्टिक स्वल्पाहार उपल्ब्ध कराया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन लक्षित बच्चों को 400 कैलोरी एवं 15-20 ग्राम प्रोटीन दिया जा रहा है। समय-समय पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री बच्चों के पोषण स्तर की जानकारी एकत्रित करती हैं। सीएम योगी ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को आगामी वर्षों में पूरे प्रदेश में लागू करने के निर्देश दिये हैं। जिसको लेकर प्रदेश का बाल सेवा विकास एवं पुष्टाहार विभाग कार्ययोजना तैयार कर रहा है, जल्द ही ये अभियान प्रदेश स्तर पर चलाया जाएगा।
योगी सरकार नवंबर में करेगी दुधवा महोत्सव, आवासीय, सांस्कृतिक व वन्यजीव महोत्सव की थीम पर होगा आयोजन
-थारू परिवारों के साथ होमस्टे की पर्यटकों को मिलेगी सुविधा
योगी सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व में दुधवा महोत्सव कराने का निर्णय लिया है। दुधवा महोत्सव नवंबर में होगा। यह प्रदेश का पहला आवासीय सांस्कृतिक एवं वन्यजीव महोत्सव है। तीन दिवसीय महोत्सव-25 न सिर्फ प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता और जैविक समृद्धि का उत्सव होगा बल्कि पर्यटकों को जंगल की गोद में प्रकृति से जुड़ने और थारू संस्कृति को करीब से जानने का मौका भी देगा। देश की जानी मानी हस्तियों द्वारा परफॉर्मेंस भी दी जाएगी।प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप प्रदेश को बहुआयामी पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए नवंबर में महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसमें 2,000 से अधिक पर्यटक शामिल होंगे। महोत्सव का केंद्र सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक दृश्य, ग्रामीण पर्यटन, थारू जनजाति की विरासत, उनका खानपान, हस्तशिल्प, औषधीय ज्ञान और जीवनशैली होगा। इस दौरान पर्यटक कैम्पिंग की सुविधा का लाभ भी उठा सकेंगे। तीन श्रेणियों में 200 से अधिक टेंट्स स्थापित किये जाएंगे। थारू परिवारों के साथ होमस्टे की सुविधा दी जाएगी, जिससे पर्यटक ग्रामीण जीवन का अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। पर्यटक वन्यजीव सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। गाइडेड टूर के साथ दुधवा के जैव विविधता को देखने का अवसर मिलेगा। महोत्सव में देश की जानी मानी हस्तियां शास्त्रीय, लोक और ग्लोबल बीट्स समेत अन्य परफॉर्मेंस देंगे। इसे तीन हिस्से में विभाजित किया गया है। इसमें मेन स्टेज, टेक्नो स्टेज और फोटोग्राफी एंड लाइफ स्टाइल जोन शामिल है। ये मंच संगीत प्रेमियों और युवाओं को लुभाएंगे, प्रकृति, फोटोग्राफी, जीवनशैली के शौकीनों को यादगार अनुभव प्रदान करेंगे।

केन कमिश्नर के वेब पोर्टल आदेश के विरोध में गन्ना पर्यवेक्षक लामबंद,आन्दोलन के मूड में हैं पर्यवेक्षक
विगत 21 अप्रैल का क्रियान्वित गन्ना विभाग का वेव पोर्टल नई मुसीबत बन गया है। इस पोर्टल पर कार्य के लिए उन्नत एंड्रॉयड स्मार्टफोन, सिम
,इंटरनेट डाटा होना चाहिए लेकिन विभाग ने गन्ना पर्यवेक्षको को कोई भी संसाधन नहीं दिया है। उनको आज के समय में भी क्षेत्र भ्रमण के लिए 200 रूपये साइकिल भत्ता मिलता है जबकि कायदे से मोटरसाइकिल यात्रा भत्ता मिलना चाहिए। पोर्टल पर प्रतिदिन लोकेशन के साथ सेल्फी, वीडियो, टिप्पणी अपलोड करनी है । ऐसा लगता है कि गन्ना विभाग को व्यक्ति की मूलभूत निजता व सुरक्षा का भी ख्याल नहीं है और उसने 24 घंटे गन्ना पर्यवेक्षक को सर्विलांस में रखने का मन बना लिया है। प्रदेश में 3767 के सापेक्ष वर्तमान में1680 गन्ना पर्यवेक्षक कार्यरत हैं| कार्ययोजनाओं से वह पहले ही अत्यधिक कार्य के दबाव में हैं, ऐसे मैं नई चुनौती किसी विपदा से कम नहीं है।एक बड़ा प्रश्न तो ग्रामीण सुदूरवर्ती गन्ना क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी का है परंतु आयुक्त साहब को पर्यवेक्षकों कि किसी समस्या से मतलब नहीं है, बस आदेश कैसे भी हो पूरा होना चाहिए। समुह `ग `के कर्मी गन्ना पर्यवेक्षक अपने गृह जनपद से 200 से 800 किलोमीटर दूर तैनात है क्योंकि गृह जनपद से बाहर तैनाती का नियम बना दिया गया है जबकि ऐसा किसी भी अन्य विभाग मे नहीं है। विभाग के उच्च अधिकारी भूल गए हैं की एक अल्प वेतन भोगी कर्मचारी ऐसी परिस्थितियों में अपने घर परिवार का पोषण कैसे कर पाएगा। काम के दबाव और पारिवारिक जिम्मेदारियां के बीच अत्यधिक तनाव से पिछले 3-4 सालों में गन्ना पर्यवेक्षको की असामायिक मृत्यु में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है |निश्चित ही सरकार अपने महत्वपूर्ण विभाग की योजना को धरातल पर उतारने वाले गन्ना पर्यवेक्षको की सुध लेना भूल गई है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश गन्ना पर्यवेक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज राय एवं महामंत्री सुशील कुमार यादव ने बताया है कि हम लोग समय-समय पर अपनी समस्याओं से मुख्यालय में उच्च अधिकारियों को अवगत कराते रहे हैं परंतु कोई सार्थक नतीजा नहीं निकलता है, समस्याएं जस की तस है। यदि शीघ्र ही संवर्ग की समस्याओं का समुचित समाधान नहीं किया गया तो उत्तर प्रदेश गन्ना पर्यवेक्षक संघ प्रदेश व्यापी आंदोलन करने के लिए कमर कस कर तैयार है।

अजित सिंह ने किसानों और शोषित समाज के लिए किया सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष,रालोद कार्यालय में मनाई गई चौ.अजित सिंह की पुण्यतिथि
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश कार्यालय में राष्ट्रीय लोकदल के संस्थापक एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा किसानों, मजदूरों के प्रेरणास्त्रोत चौधरी अजित
सिंह की चौथी पुण्यतिथि राष्ट्रीय महासचिव अनिल दुबे की अध्यक्षता में मनाई गयी। इस अवसर पर पार्टी के सांसद चंदन चौहान तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार, पूर्व विधायक शिव करन सिंह, राष्ट्रीय सचिव विजयश्रीवास्तव मुख्य रूप से मौजूद रहे। इस अवसर पर लोगों ने चौधरी साहब के चित्र पर मार्ल्यापण किया तत्पश्चात उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका संचालन व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुये कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने चौधरी अजित सिंह को नमन करते हुये कहा कि जीवन भर, किसानों, कामगारों, मजदूरों, गरीबों और शोषित समाज के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष ही करते रहे। पार्टी के सांसद चंदन चौहान ने गोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा कि आज भी हम सभी को उनकी कमी खलती है क्योंकि एक लम्बे समय तक हमारी पीढ़ी ने उनके साथ काम किया। चौधरी साहब की विचारधारा आज भी हम लोगों को ऊर्जा प्रदान करती है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक शिव करन सिंह ने गोष्ठी में अपने संस्मरण साझा करते हुये कहा कि सादगी, सरलता और बेदाग छवि के लिए चौधरी साहब हम लोगों के बीच सदैव अमर रहेंगे, किसानों और मजदूरों के हितों के लिए उनके द्वारा कराये गये कार्यो को कभी भुलाया नहीं जा सकता हैं। गोष्ठी को संबोधित करते हुये राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव अनिल दुबे ने चौधरी साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि “लगा सका न उसके कद का कोई अंदाजा, वह आसमां था लेकिन सर झुकाकर चलता था”। उन्होंने किसानों के लिए उल्लेखनीय कार्य किये, उन्होंने चीनी मिलों की दूरी 40 किलोमीटर से घटाकर 15 किलोमीटर करने, प्रदेश में नई चीनी मिलों की स्थापना तथा कृषि पर आयकर लगाने का पूर्ण विरोध किया था, उन्होंने किसानों की बदहाली को समझने के लिए मेरठ से लखनऊ तक पैदल यात्रा की। आज हम सब उनके विचारों को अपनाते हुये उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लें यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

गोष्ठी को सम्बोधित करते हुय राष्ट्रीय सचिव विजय श्रीवास्तव ने कहा कि राजनीति में उनके जैसा व्यक्तित्व बहुत ही कम देखने को मिलता है। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन किसानों के हितों के लिए समर्पित कर दिया जिससे आज भी वह किसानों के दिलों में जिंदा है। उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर हम सबको आगे बढ़ना है। रालोद के प्रदेश मीडिया प्रभारी मयंक त्रिवेदी ने बताया कि गोष्ठी में प्रदेश उपाध्यक्ष वसीम हैदर, आदित्य विक्रम सिंह, युवा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र सिंह पटेल, प्रदेश महासचिव रजनीकांत मिश्रा, संतोष यादव, रमावती तिवारी, प्रीति श्रीवास्तव, चंद्रकांत अवस्थी, केजी वर्मा, राघवेंद्र प्रताप यादव, प्रदेश कोषाध्यक्ष बीएल प्रेमी आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये और चौधरी साहब को याद किया।
प्रशिक्षण का हिस्सा होंगे आम लोग और छात्र
नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा इस अभ्यास में आम नागरिकों, खासकर छात्रों को सिविल डिफेंस के बुनियादी कौशल सिखाए जाएंगे। इनमें
प्राथमिक चिकित्सा, आग बुझाना, संचार के साधनों का उपयोग, शेल्टर में जाना और दूसरों की मदद करना शामिल है।नागरिक सुरक्षा विभाग के डीजी अभय प्रसाद ने बताया कि राज्य के 15 जिलों में सिविल डिफेंस विभाग के कार्यालय हैं, जो कुल 26 जिलों को कवर करते हैं।इनमें प्रमुख तौर पर लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर और प्रयागराज जैसे शहर शामिल हैं।मॉक ड्रिल के दौरान परखा जाएगा कि घायल लोगों को अस्पताल तक ले जाने, प्राथमिक उपचार देने और आपात सेवा से जोड़ने की व्यवस्था कितनी कारगर है।विभाग का मकसद युद्ध जैसी स्थिति में आम जनता को मानसिक रूप से तैयार करना है। ड्रिल सिर्फ सरकारी तैयारियों की जांच भर नहीं, बल्कि आम नागरिकों की जागरूकता और भागीदारी का भी परीक्षण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कह चुके हैं।

वित्तमंत्री ने की वीसी के जरिए कोषागारों की समीक्षा,बैंक से लोन लेने वाले पेंशनर के खाते में पेंशन भेजने से पहले ली जाय स्वास्थ्य की जानकारी
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रदेश के कोषागारों को निर्देश दिया है कि कोषागारो से पेंशन आहरित करने वाले ऐसे पेंशनर्स
जिन्होंने बैंक से किसी प्रकार का लोन लिया है उनकी पेंशन उनके खाते में भेजने से पहले प्रत्येक माह उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जाए। लापरवाही न की जाए ऋणधारक पेंशनर्स से कुशलक्षेम जानने के उपरांत ही पेंशन का भुक्तान करें। वित्तमंत्री आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के कोषागारों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोषागारों को निर्देश दिया है कि पेंशनर्स की शिकायतों का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करें। पेंशनरों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। किसी भी कोषागार में पेंशनरों को परेशान करने जैसी शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि बिलों को पास करने में अकारण बिलंब न किया जाए। कोषागारों में पेंशनर्स के बैठने की जगह,स्वच्छ पेयजल एवं पंखा इत्यादि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से रहे। उन्होंने निर्देश दिया कि समस्त कोषागारों में शौचालय एवं साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए।पेंशनर के खाते भेजी गई आधिक्य पेंशन की शत प्रतिशत रिकवरी कराएं। जहां पेंशनर्स एशोशिएसन हैं वहां पर संगठनों के पदाधिकारियों से संपर्क में रहे जिससे उनके माध्यम से भी पेंशनरों के बारे में जानकारी मिल सकती है।

कपिल देव ने किया “उद्यमिता विकास की ओर उत्तर प्रदेश” कार्यक्रम का शुभारंभ,योगी सरकार युवाओं के कौशल विकास, रोजगारपरकता और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने मंगलवार को इन्दिरा गांधी
प्रतिष्ठान, लखनऊ के मार्स ऑडिटोरियम में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा “उद्यमिता विकास की ओर उत्तर प्रदेश” विषयक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कौशल विकास से जुड़े स्टेकहोल्डर, जिसमें सेक्टर स्किल काउंसिल, उद्योग, उद्यमी, सरकार तथा एकेडमिक्स सम्मिलित है, को एक मंच पर लाकर कौशल विकास मिशन कार्यक्रमों को सही दिशा में लागू करने की राजनीति का निर्धारण करना था।कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मंत्री श्री अग्रवाल ने सबसे पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सरकार हर मोर्चे पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश कौशल विकास, रोजगार सृजन और युवाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में युवाओं के कौशल विकास, रोजगारपरकता और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की अहम भूमिका होगी। सरकार उद्योग जगत से नवाचार, कौशल विकास में निवेश और सहभागिता बढ़ाने का आह्वान कर रहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य युवाओं को रोजगार खोजने वाला जॉब सीकर के बजाय रोजगार सृजक जॉब क्रिएटर बनाना है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे प्राप्त हो रहे प्रशिक्षण को गंभीरता से लेकर अपने कौशल को निखारें। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि पारंपरिक स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदेश के युवाओं को प्रतिस्पर्धी बनाया जाए।कार्यक्रम के दौरान कौशल विकास मंत्री ने ‘हुनर मित्र’ पत्रिका के प्रवेशांक का विमोचन किया और मिशन द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि औद्योगिक प्रतिष्ठान, नियोजक और अन्य हितधारक रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने हेतु मिशन के साथ भागीदारी करें ताकि उद्योगों की आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित युवा उपलब्ध कराए जा सकें।मिशन निदेशक पुलकित खरे ने कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि कार्यक्रम में रिलायबल फर्स्ट एडकॉन प्राइवेट लिमिटेड, क्वेस कॉर्प, गकोंडेस एक्सपोर्ट्स, और सरन्या हेल्थ सर्विस प्राइवेट लिमिटेड सहित 22 औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ आपसी सहमति पत्र व आशय पत्र हस्ताक्षरित किए गए हैं। इससे 26,811 युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।

मिट्टी की सेहत सुधारने को मंत्री सहित पूरा कृषि विभाग खेतों पर उतरा,चयनित कृषकों को उपलब्ध कराया जायेगा मृदा स्वास्थ्य कार्ड
प्रदेश के किसानों को खरीफ सीजन की फसलों हेतु उनके खेतों से मृदा नमूनें एकत्रित कराकर प्रयोगशालाओं पर परीक्षण कराकर निःशुल्क
मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत नेशनल प्रोजेक्ट ऑन सोईल हेल्थ एण्ड फर्टिलिटी कार्यक्रय के खरीफ में क्रियान्वयन हेतु 05 मई को वृहद स्तर पर प्रदेश में मृदा नमूना संकलन अभियान संचालित किया गया है। प्रदेश के 826 विकासखण्डों से 20-20 ग्राम पंचायतों का चयन मृदा नमूना संकलन हेतु किया गया है, जिनमें प्रत्येक ग्राम पंचायत से 100 रेण्डम मृदा नमूनें संकलन हेतु क्षेत्रीय प्रसार कार्मिकों, प्रयोगशाला पर कार्यरत कार्मिकों, प्रशिक्षित कृषि सखियों को तैनात किया गया है।प्रदेश में गतवर्ष के लक्ष्य 8.26 लाख को दुगना करते हुए वर्तमान वर्ष के लक्ष्य 16.52 लाख के मृदा नमूनों के सापेक्ष खरीफ सीजन हेतु 11.56 लाख मृदा नमूना लक्ष्य का रखा गया है, जिसके सापेक्ष 05 मई को वृहद मृदा नमूना संकलन अभियान में 6 लाख मृदा नमूनें एकत्रित किये गये है, अवशेष मृदा नमूनें इसी माह में एकत्रित कर लिये जायेेंगे।अभियान में कृषि मंत्री अयोध्या में तथा राज्य कृषि मंत्री रामपुर में, तथा प्रमुख सचिव कृषि शाहजहॉपुर में अभियान को सफल बनाने हेतु उपस्थित होकर मृदा नमूनों का संकलन कराया।कृषि निदेशालय के निदेशक स्तर के अधिकारियों निदेशक राज्य कृषि प्रंबधन संस्थान सीमा रहमानखेड़ा द्वारा वाराणसी में, निदेशक, राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्थान द्वारा सीतापुर में, निदेशक, कृषि संख्यिकी, कृषि भवन, लखनऊ द्वारा लखनऊ में एवं प्रबन्ध निदेशक, बीज विकास निगम, लखनऊ द्वारा हरदोई में अभियान अन्तर्गत मृदा नमूनों का संकलन कराया गया तथा नामित अफसरों द्वारा आंवटित जनपदों में जाकर मृदा नमूना संकलन अभियान अन्तर्गत मृदा नमूनों का संकलन कराया।अभियान में कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों द्वारा अपेक्षित सहयोग प्रदान किया गया है।अफसरों को निर्देश दिये गये है कि चयनित कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड समय से उपलब्ध कराया जाये।किसानो की सुविधा हेतु केंद्र सरकार के पोर्टल पर उनका मृदा स्वास्थ्य कार्ड साहित अन्य जानकारी उपलब्ध है।
