-उ0प्र0 में कोविड संक्रमण को लेकर चिंता जैसी कोई बात नहीं,वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए सावधानी और सतर्कता अत्यन्त आवश्यक : मुख्यमंत्री
-भारत सरकार ने कोविड-19 को लेकर कोई नई एडवाइजरी जारी नहीं की है,राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और स्वास्थ्य इकाइयां अलर्ट मोड में रहें-मुख्यमंत्री
-डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे मौसमी रोगों से निपटने के लिए अभी से तैयारियां प्रारम्भ कर दी जाएं
- REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 के नवीनतम उपवेरिएंट जे0एन0-1 से सम्बन्धित वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति को देखते हुए प्रदेश में कोविड-19 की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण को लेकर चिंता जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए सावधानी और सतर्कता अत्यन्त आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर कोई नई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। फिर भी थाईलैण्ड, सिंगापुर और हाँगकाँग जैसे देशों में जे0एन0-1 उपवेरिएंट के चलते संक्रमितों की संख्या में हुई वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में भी सतत निगरानी आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और स्वास्थ्य इकाइयां अलर्ट मोड में रहें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की पिछली लहरों के दौरान जिला अस्पतालों में बनाए गए 10-10 बेड के आई0सी0यू0, वेण्टीलेटर और ऑक्सीजन प्लाण्ट जैसी अधोसंरचनाओं को स्थायी रूप से क्रियाशील रखा जाए। इन सुविधाओं की नियमित टेस्टिंग और आवश्यकतानुसार रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली से जुड़े अन्य कार्यों में भी प्रशिक्षित कर प्रभावी रूप से उपयोग में लाया जाए, क्योंकि कोविड-19 के दौरान इनकी भूमिका अत्यन्त सराहनीय रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर कोई नई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। फिर भी थाईलैण्ड, सिंगापुर और हाँगकाँग जैसे देशों में जे0एन0-1 उपवेरिएंट के चलते संक्रमितों की संख्या में हुई वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में भी सतत निगरानी आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और स्वास्थ्य इकाइयां अलर्ट मोड में रहें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की पिछली लहरों के दौरान जिला अस्पतालों में बनाए गए 10-10 बेड के आई0सी0यू0, वेण्टीलेटर और ऑक्सीजन प्लाण्ट जैसी अधोसंरचनाओं को स्थायी रूप से क्रियाशील रखा जाए। इन सुविधाओं की नियमित टेस्टिंग और आवश्यकतानुसार रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली से जुड़े अन्य कार्यों में भी प्रशिक्षित कर प्रभावी रूप से उपयोग में लाया जाए, क्योंकि कोविड-19 के दौरान इनकी भूमिका अत्यन्त सराहनीय रही है।
मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों की रोकथाम के सम्बन्ध में भी सम्बन्धित विभागों को अलर्ट करते हुए कहा कि डेंगू, मलेरिया और कालाजार जैसे मौसमी रोगों से निपटने के लिए अभी से तैयारियां प्रारम्भ कर दी जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन को समन्वित ढंग से कार्य करने के निर्देश दिए। प्रदेश सरकार कोविड समेत सभी सम्भावित स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार एवं प्रतिबद्ध है। राज्य का स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह सजग और सक्षम है।
मुख्यमंत्री ने टाटा संस के चेयरमैन एन0 चन्द्रशेखरन से की भेंट
-प्रदेश को देश-विदेश के निवेशकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाने के विषय में हुआ गहन विचार-विमर्श
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आज यहां उनके सरकारी आवास पर टाटा संस के चेयरमैन एन0 चन्द्रशेखरन ने भेंट की। भेंट
के दौरान राज्य के औद्योगिक विकास, निवेश संवर्धन, भविष्य की रणनीतियों तथा प्रदेश को देश-विदेश के निवेशकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाने के विषय में गहन विचार-विमर्श हुआ।इस अवसर पर अयोध्या में प्रस्तावित ‘टेम्पल आर्किटेक्चर म्यूज़ियम’ परियोजना की प्रगति पर विशेष रूप से चर्चा हुई। यह म्युजियम न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोने का कार्य करेगा, बल्कि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, जेवर एयरपोर्ट परियोजना पर विचार-विमर्श हुआ।

यह परियोजना उत्तर प्रदेश के आर्थिक और वाणिज्यिक विकास में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है। इस दौरान एयर इण्डिया की सम्भावित एम0आर0ओ0 (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग) सुविधा की स्थापना को लेकर भी विस्तृत वार्ता हुई, जिससे प्रदेश में विमानन सेवा क्षेत्र के विकास को मजबूती मिलेगी और हजारों रोजगार के अवसर सृजित होंगे।मुख्यमंत्री ने टाटा समूह की प्रदेश में व्यापक निवेश गतिविधियों की सराहना की और निवेशकों के लिए बेहतर औद्योगिक माहौल, निरन्तर सुधार और सुगम प्रशासन सुनिश्चित करने के अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया। उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन को राज्य में अपने समूह के निवेश को और विस्तार देने के लिए आमंत्रित करते हुए विशेष रूप से लखनऊ में एक ग्लोबल कैप्टिव सेण्टर की स्थापना की भी बात कही। इस कदम से प्रदेश में उच्च तकनीकी और कौशल आधारित रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे युवाओं का कौशल विकास होगा और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
टाटा संस के चेयरमैन एन0 चन्द्रशेखरन ने उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग-हितैषी नीतिगत फैसलों, बुनियादी ढांचे के विकास और निवेश के लिए तेजी से बनने वाली सकारात्मक पारिस्थितिकी तंत्र की प्रशंसा की। उन्होंने आश्वस्त किया कि टाटा समूह राज्य सरकार के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश की निवेश के प्रमुख केंद्र के रूप में पहचान को और सशक्त बनाने के लिए सक्रिय रूप से सहयोग करेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि टाटा संस की आगामी परियोजनाओं में प्रदेश की प्रमुख भूमिका सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश सरकार और टाटा संस की इस साझेदारी से न केवल स्थानीय उद्योगों को बल मिलेगा, बल्कि व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन और सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
टाटा संस के चेयरमैन एन0 चन्द्रशेखरन ने उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग-हितैषी नीतिगत फैसलों, बुनियादी ढांचे के विकास और निवेश के लिए तेजी से बनने वाली सकारात्मक पारिस्थितिकी तंत्र की प्रशंसा की। उन्होंने आश्वस्त किया कि टाटा समूह राज्य सरकार के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश की निवेश के प्रमुख केंद्र के रूप में पहचान को और सशक्त बनाने के लिए सक्रिय रूप से सहयोग करेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि टाटा संस की आगामी परियोजनाओं में प्रदेश की प्रमुख भूमिका सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश सरकार और टाटा संस की इस साझेदारी से न केवल स्थानीय उद्योगों को बल मिलेगा, बल्कि व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन और सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।