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-आरडीएसएस गुणवत्ता विहीन कार्य से बढ़े ब्रेकडाउन

  • REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वर्तमान गर्मी सीजन में अब तक का सबसे अधिकतम डिमांड 29873 मेगावाट पहुंच गई। उपभोक्ता परिषद लंबेसमय से यह मांग उठा रहा था कि जो कृषि फीडर पर 7 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है वह कम है। अंतत पावर कारपोरेशन ने कल से पूरे उत्तर प्रदेश में सभी कृषि फीडर पर किसानों को 10 घंटे विद्युत आपूर्ति शुरू कर दी है। पिछले वर्ष अधिकतम डिमांड 30600 मेगावाट गई थी वर्तमान में पूरे उत्तर प्रदेश के अनेकों जनपदों में विद्युत आपूर्ति उपलब्ध होते हुए भी ब्रेकडाउन के चलते उपभोक्ताओं को बड़ी कठिनाई उठानी पड़ रही है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन और सभी बिजली कंपनियों से मांग उठाई है कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को सुचार विद्युत आपूर्ति मिलती रहे इसके लिए बड़े पैमाने पर जो आने को जनपदों में ब्रेकडाउन हो जाने के बाद उसे समय से अटेंड नहीं किया जा रहा है या एक बहुत गंभीर मामला है पावर कॉरपोरेशन बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से बनाए रखने में युद्ध स्तर पर कम करें। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि आरडीएसएस के नाम पर बड़े पैमाने पर सिस्टम पर करोड़ों रुपया खर्च किया गया वर्तमान में आरडीएसएस के अंतर्गत जो एबीसी केबल और दूसरी केबिलों का काम हुआ है बहुत घटिया क्वालिटी का है उसकी कहीं कोई चेकिंग नहीं है और उसकी वजह से बड़े पैमाने पर गर्मी शुरू होते ही ब्रेकडाउन शुरू हो गए।

प्रबन्धन ग्रांट थॉर्टन को बचाने की कर रहा साजिश

-मदद करने वाले निधि नारंग को सेवा विस्तार दिये जाने की तैयारी

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज से 3 घंटे का विरोध प्रदर्शन पूरे प्रदेश में शुरू हो गया है। संघर्ष समिति ने पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि वे अवैध ढंग से नियुक्त कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को बचाने की साजिश कर रहे हैं और बैक डेटिंग कर फर्जीवाड़ा करने वाले कंसल्टेंट को दोषमुक्त करने में लगे हैं। इसी के लिए निदेशक वित्त, निधि नारंग को कार्यकाल पूरा होने के बावजूद एक और सेवा विस्तार देने की तैयारी है।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के कार्यक्रम के तहत आज से बिजली कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश में अपराह्न 2ः00 बजे से शाम 5ः00 बजे तक 3 घंटे का विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम प्रारंभ किया। प्रदेश के समस्त जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में विभिन्न दफ्तरों में काम करने वाले बिजली कर्मचारियों का गुस्सा आज फूट पड़ा और वे अपराह्न 02 बजे कार्यालयों के बाहर आ गये और जोरदार विरोध प्रदर्शन तीन घण्टे तक किया।
संघर्ष समिति के केन्द्रीय पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, सुहैल आबिद, शशिकान्त श्रीवास्तव, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, प्रेम नाथ राय, विशम्भर सिंह ने आज यहां आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबन्धन अवैध ढंग से नियुक्त किये गये ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन को बचाने की साजिश कर रहे हैं। इस हेतु निदेशक वित्त, निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ाने की तैयारी है। यह पता चला है कि नये नियुक्त किये गये निदेशक वित्त, पुरूषोत्तम अग्रवाल ने ग्रांट थॉर्टन को झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में लगी पेनेल्टी के मामले में क्लीन चिट देने से मना कर दिया है और उन्होंने निदेशक वित्त का कार्यभार ग्रहण करने से मना कर दिया है। इसके बाद मौजूदा निदेशक वित्त, निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ाया जाने वाला है क्योंकि वे ग्रांट थॉर्टन को फर्जीवाड़ा के बावजूद बैक डेट में क्लीन चिट देने के लिए तैयार हो गये हैं।उल्लेखनीय है कि इंजीनियर ऑफ दी कॉन्ट्रैक्ट ने फाइल पर यह सिफारिश की है कि ग्रांट थॉर्टन झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में पेनाल्टी लगने के मामले में दोषी पाये जाने के बाद ग्रांट थॉर्टन का नियुक्त पत्र रद्द कर दिया जाये। इस स्थिति में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के ग्रांट थॉर्टन द्वारा तैयार किये गये बिडिंग डॉक्यूमेंट पर विद्युत नियामक आयोग सुनवाई करने से मना कर चुका है। संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबन्धन की इस साजिश के खुलासा हो जाने के बाद यदि दागी कम्पनी ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट दी गयी तो संघर्ष समिति इस मामले को सभी जन प्रतिनिधियों तक ले जायेगी।आज वराणसी, आगरा, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, कानपुर, आजमगढ़, बस्ती मिर्जापुर, एटा, मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, बरेली, अयोध्या, देवीपाटन, सुल्तानपुर, सीतापुर, ओबरा, अनपरा, पिपरी, हरदुआगंज, जवाहरपुर, पारीछा और पनकी में यापक विरोध प्रदर्शन हुए।

गड़बड झाला देख नए नवनियुक्त निदेशक वित्त ने नही लिया चार्ज
-जिम्मेदार जेल जाने से बचने वाले नही: अवधेश वर्मा

प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली ग्रांट थॉर्नटन कंपनी जिसके ऊपर अमेरिका रेगुलेटर द्वारा 40 हजार डॉलर की पेनल्टी लगाई गई उसे छुपा कर झूठा शपथ पत्र देकर ग्रंथ में टेंडर लिया। उपभोक्ता परिषद ने जब इसका खुलासा कर दिया उसे नोटिस दी गई इंजीनियर आप कांटेक्ट में उसे दोषी मान लिया। अब उसे दोष मुक्त करते हुए उसके दो करोड़ से ज्यादा के पेमेंट को उसे दिलाने की तैयारी पावर कारपोरेशन का एक उच्च अधिकारी कर रहा है। एनर्जी टास्क फोर्स में बिडिंग डॉक्यूमेंट के मसौदे को विद्युत नियामक आयोग में भेजे जाने के पहले ग्रांट थॉर्नटन कंपनी को दोष मुक्त करना इनके लिए मजबूरी बन गया है। क्योंकि जब तक कंसलटेंट कंपनी दोष मुक्त नहीं होगी उसके मसौदे पर विद्युत नियामक आयोग को विचार करने में सबसे बड़ी विधिक अर्चन आएगी। टेंडर मूल्यांकन कमेटी ने कंसल्टेंट कंपनी को दोष मुक्त करने से जब मना कर दिया तो वर्तमान में पावर कारपोरेशन में बिना आर्डर पब्लिक डोमेन में आए सलाहकार के रूप में काम कर रहे पूर्व निदेशक वित्त ने मोर्चा संभाला। परिषद को यह भी पता चला कि उनके द्वारा पत्रावली में दोष दोष मुक्त करने का पूरा प्रस्ताव तैयार हो गया। आने वाले समय में आपको निदेशक वित्त पावर कारपोरेशन के रूप में एक अनुभव वाले अधिकारी पुनः नजर आएगे। परिषद के अनुसार भले ही कंसल्टेंट को दोष मुक्त करने के लिए बड़े-बड़े विशेषज्ञ जुटे हैं लेकिन वह बाद में जेल का चक्कर काटते नजर आएगे।

परिषद को यह पता चल रहा है कि पावर कारपोरेशन के निदेशक वित्त पुरुषोत्तम अग्रवाल को पावर कारपोरेशन के कुछ उच्च अधिकारियों ने बताया यहां ग्रांट थ्रोनटन का एक मामला बहुत फंसा हुआ है। उस पर भी निर्णय लिया जाना है। यह सुनते ही उनको भी अपने फसाने की चिंता सताने लगी और उनके द्वारा चार्ज लेने से मना कर दिया गया।यह भी कहा जा रहा है कि इसके पीछे एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है। भविष्य में इसका भी खुलासा होगा। इसके पहले दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक वित्त चार्ज लेने से मना कर दिया था क्योंकि वह टोरेंट पावर के कर्मचारी थे। वर्तमान में एक निर्देशक जो टाटा पावर के कर्मचारी थे। वह पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में बहुत जोर शोर से डाटा इकट्ठा करके अपनी पैतृक कंपनी को भेज रहे हैं। भेजे भी क्यों ना क्योंकि कल को जब बिजली कंपनियों का निजीकरण होगा तो डाटा ही तो काम करेगा। सभी को पता है कि इस विवादित कंसल्टेंट के साथ नियामक आयोग ने मीटिंग करने से मना कर दिया था और वह पावर कारपोरेशन के उच्च अधिकारियों के सहयोग से नियामक गायक के गेट पर जबरदस्ती मीटिंग करने के लिए तुला रहा। अंततः आयोग के गार्ड ने शक्ति के साथ उसे पावर कारपोरेशन वापस भेजा।उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कोई भी टेंडर लेने वाली कंपनी जिसके द्वारा झूठा शपथ पत्र दिया जाता है। उसका खुलासा होने पर उसे तत्काल इंजीनियर आप कांटेक्ट द्वारा ब्लैक लिस्ट कर दिया जाता है। यहां पिछले लगभग डेढ़ माह से उसे बचाया जा रहा है। जबकि पूरा मामला उत्तर प्रदेश सरकार के संज्ञान में है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि ग्रांट थ्रोनटों कंपनी को क्यों बचाया जा रहा है। सभी को पता है इस कंपनी के जो भी एक्सपर्ट है वह टाटा और अडानी के साथ काम कर रहे हैं और काम कर चुके हैं। यही दोनों निजी कंपनियां है जो भविष्य में टेंडर लेने वाली है।

सिंचाई विभाग संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति दर्ज कराया विरोध

सिंचाई विभाग संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न पदों की कटौती एवं मृतप्रय करने के विरोध में दो दिवसीय साकेतिक विरोध किया गया। समिति ने कार्यक्रम के दूसरे दिन समधान न हाने पर चरणबद्ध आन्दोलन का निर्णय लिया।समिति की तरफ से कहा गया कि सिंचाई विभाग संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश द्वारा घोषित दो दिवसीय सांकेतिक विरोध प्रदर्शन, ध्यानाकर्षण हेतु सिंचाई विभाग के समस्त मान्यता प्राप्त संगठनों के सदस्यों,कर्मचारियों द्वारा काला फीता बांधकर द्वितीय दिवस में भी किया गया, यह प्रदर्शन लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त जनपदों में सफल रहा।
सिचाई भवन मुख्यायल पर सिंचाई विभाग के बड़ी संख्या में सींचपाल, नलकूप चालक, रनर, टिंडैल, इत्यादि जैसे जनउपयोगी पदों को मृत संवर्ग घोशित किये जाने एवं उपराजस्व अधिकारी, जिलेदार, मुन्शी आदि तमाम पदो में कटौती किये जाने के निर्णय के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन करने हेतु प्रस्तावित किया गया है। यह आदेश किसानों एवं कर्मचारियों के विरोध में जारी किया गया है,। सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के समस्त मान्यता प्राप्त संघों के सदस्य कर्मचारीगण ने काला फीता बांधकर ध्यानाकर्षण कराने हेतु प्रतीकात्मक विरोध किया। उक्त किसान एवं कर्मचारी विरोधी शासन के निर्णय 14 मई .2025 को वापस लिये जाने के लिये प्रदेश के समस्त कर्मचारियों ने एक स्वर में सरकार से माँग की है।आज के सांकेतिक विरोध प्रदर्शन में सिंचाई विभाग मुख्यालय,लखनऊ स्थित कार्यालयों में विशेष रूप से सुनील कुमार मिश्रा, नरेन्द्र कुमार यादव, योगेष कुमार वर्मा, इ.गोपीकृष्ण, नवीन चन्द्र भटनागर, महेन्द्र प्रताप, नीरज कुमार चर्तुवेदी, अमरजीत मिश्रा, अभय शुक्ला, सोमनाथ सिंह, पवन गौतम, अमित कुमार, विजय कुमार यादव, रामलाल यादव, विनोद बुद्धिराम कनौजिया, राकेश कुमार पाण्डेय, राजकुमार पाण्डेय, राकेश चौधरी, संजय यादव, गौरव उपाध्याय, भाईलाल यादव, राजेश मिश्रा, शकील अहमद, सहित भारी संख्या में कर्मचारीगण ने काला फीता बांधकर गेट मीटिंग कर अपना सांकेतिक विरोध दर्ज कराकर उक्त महत्वपूर्ण पदों को यथावत बनाये रखने की माँग की।

हटाया अतिक्रमण, वसूला जुर्माना

सुषमा खर्कवाल के निर्देश व नगर आयुक्त गौरव कुमार के आदेश पर नगर निगम लखनऊ ने बुधवार को शहर के विभिन्न जोन में अतिक्रमण के खिलाफ सघन अभियान चलाया। इस दौरान अस्थायी दुकानों, ठेले, गुमटियों और अन्य अतिक्रमणों को हटाया गया तथा अतिक्रमणकारियों को भविष्य के लिए चेतावनी दी गई। इस दौरान जुर्माना भी वसूला गया।

जोनल अधिकारी राजेश सिंह के नेतृत्व में बापू भवन से केकेसी पेट्रोल पंप होते हुए चारबाग से राणा प्रताप चौराहे तक तथा विधानसभा मार्ग तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान 02 काउंटर, 05 फ्लेक्स, 01 गुमटी, और 03 टेबल जब्त किए गए।
जोन-3रू तीन चरणों में हुआ अभियान, 100 से अधिक ढांचे हटाए गए। जोनल अधिकारी श्री अमरजीत सिंह यादव के निर्देशन में जोन-3 की टीम ने डालीगंज पुल से नवीन मंडी सीतापुर रोड व बंधा रोड तक अभियान चलाकर 70 से अधिक ठेले और 07 झोंपड़ियाँ हटाई गईं। ताड़ीखाना से बाल निकुंज स्कूल तक अभियान में 01 गुमटी, 01 काउंटर जब्त किए गए और 03 टीन शेड हटाए गए। गुडम्बा थाने से सरगम अपार्टमेंट तक कार्रवाई में 37 वेंडर्स, 02 गुमटी, और 02 ठेले हटाए गए। जोनल अधिकारी नंदकिशोर के नेतृत्व में जोन-5 की टीम ने आलमबाग चौराहे से पूरन नगर तक अवैध अस्थायी अतिक्रमण हटाया। इस दौरान 08 ठेले, 05 काउंटर, 03 प्लास्टिक शीट, और 01 प्लास्टिक मेज जब्त की गईं। जोनल अधिकारी मनोज यादव के निर्देशन में जोन-6 में तहसीनगंज चौराहा से ठाकुरगंज चौराहा और कैम्पल रोड से एलाइड हॉस्पिटल तक दोनों पटरीयों पर अवैध अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान 17 ठेले, 14 अस्थायी दुकानें, 04 ठेले, 03 तख्त, 01 मुर्गा जाली, 02 कैरेट सामान जब्त किया गया। जोनल अधिकारी अजीत राय व राजस्व निरीक्षक देवी शंकर दुबे के नेतृत्व में पावर हाउस चौराहे से लॉ कॉलेज और श्रवण नगर बिजनौर स्थित मुर्गा मंडी तक अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। इस दौरान 10 ठेले, 04 मुर्गा जाली, 02 काउंटर, और कई अवैध साइन बोर्ड जब्त किए गए। कार्रवाई के दौरान 5000 का जुर्माना भी वसूला गया।

नगर आयुक्त ने नालों की सफाई और अव्यवस्था पर सख्त
-गंदगी फैलाने पर 7600 रुपये का चालान

नगर निगम के नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बुधवार को जोन-4 और जोन-7 में स्थित विभिन्न नालों और नालियों की सफाई का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण महापौर  सुषमा खर्कवाल के निर्देश पर किया गया। निरीक्षण के दौरान अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, चीफ इंजीनियर (सिविल) महेश वर्मा, चीफ इंजीनियर (आरआर) मनोज प्रभात समेत अन्य निगम अधिकारी भी उपस्थित रहे।

नगर आयुक्त ने बुधवार सुबह फन मॉल के बगल से गुजर रहे नाले की सफाई की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सफाई के बाद 24 घंटे के भीतर नाले से निकली सिल्ट को पूरी तरह से हटाया जाए। इसके बाद कठौता चौराहे से आईजीपी रोड की ओर बनी सड़क के मध्य स्थित नाले का निरीक्षण किया गया, जहां उन्होंने सड़क के दोनों ओर की छोटी नालियों की सफाई कराने के निर्देश दिए। साथ ही सभी कनेक्टिंग पॉइंट की साफ-सफाई सुनिश्चित कराने के लिए जेडएसओ को सख्त निर्देश दिए।
कठौता चौराहे से चिनहट तिराहे तक फैले नाले की स्थिति की समीक्षा करते हुए नगर आयुक्त ने नाले के बाहर पड़ी सिल्ट और हॉर्टिकल्चर वेस्ट को तुरंत हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश से पूर्व नालों की सफाई पूरी होनी चाहिए ताकि जलभराव की समस्या से बचा जा सके। लोहिया अस्पताल के पास की सड़क के बीच में बने नाले की साफ-सफाई जा जायजा लिया। इस दौरान आसपास की नालियों की स्थिति बेहद खराब पाई गई। कई दुकानदार और ठेले वाले नालियों में कचरा डालते पाए गए। इस पर नगर आयुक्त ने मौके पर मौजूद एसएफआई श्रीमती रश्मि शुक्ला को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। आदेशानुसार बॉम्बे पाव-भाजी पर 2000 रुपये, वाहिद बिरयानी पर 5000 रुपये, जबकि ठेले लगाने वाले गुड्डू, कल्लू, योगेश, लल्लू गुप्ता और कृष्णा पर कुल 1600 रुपये का चालान किया गया। इस तरह कुल 7600 रुपये का चालान काटा गया।निरीक्षण अभियान के अंतर्गत नगर आयुक्त ने जोन-7 के सेक्टर-14 का भी दौरा किया। उन्होंने वार्ड में बनी सभी छोटी-बड़ी नालियों की सफाई जल्द से जल्द कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी नालियों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और सफाई कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। निरीक्षण के अंतिम चरण में नगर आयुक्त ने जोन-1 स्थित बैकुंडधाम का दौरा किया। यहां उन्होंने नए बन रहे हरित शवदाह गृह का अवलोकन किया और जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा कर उसे चालू करने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने विद्युत शवदाह गृह का निरीक्षण किया, जहां एक मशीन बंद पाई गई। इस पर उन्होंने सुपरवाइजर को फटकार लगाते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि समय पर मशीनरी पार्ट्स मंगवाकर मशीन शीघ्र चालू की जाएं। नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि स्वच्छता अभियान को प्राथमिकता दी जा रही है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे नालियों में कचरा न डालें और नगर निगम के स्वच्छता प्रयासों में सहयोग करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर वार्ड में नियमित निरीक्षण करते हुए सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।

हटाईं अवैध डेयरियां, दर्जनों पशु किए गए जब्त

नगर आयुक्त के निर्देश एवं अपर नगर आयुक्त के आदेश पर बुधवार पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा के नेतृत्व में जोन 6, थाना पारा क्षेत्र अंतर्गत अवैध डेयरियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई। इस अभियान में पुलिस बल एवं नगर निगम के प्रवर्तन दल के सहयोग से पारा क्षेत्र के भपतामऊ, बुड्ढेश्वर विहार एवं देवपुर में डेयरियों पर छापेमारी की गई।कार्रवाई के दौरान मौके से 12 भैंस, 3 गाय, 2 पड़िया एवं 2 पड़वा बरामद किए गए। सभी पशुओं को ऐशबाग स्थित कांजी हाउस में निरुद्ध कराया गया है। नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि इन पशुओं को नियम अनुसार जुर्माना भरने के बाद ही छोड़ा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इन क्षेत्रों से नगर निगम को लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं कि कुछ डेरी संचालक गोबर को खुले खाली प्लॉटों में फेंक रहे हैं, जिससे क्षेत्र में गंदगी फैल रही थी। गोबर का उचित प्रबंधन न होने के कारण आसपास का वातावरण दूषित हो रहा था। नालियों में गोबर भर जाने के कारण जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही थी, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा था और डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा था। नगर निगम ने नागरिकों से अपील की है कि वे स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करें तथा नियमों का पालन करें। अवैध पशुपालन या खुले में गंदगी फैलाने की दशा में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नव नियुक्त अपर नगर आयुक्त नम्रता सिंह से मिले कर्मचारी संघ प्रतिनिधि

नगर निगम लखनऊ में नवनियुक्त  नम्रता सिंह के साथ नगर निगम कर्मचारी संघ लखनऊ के पदाधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। इस भेंट में आनंद वर्मा अध्यक्ष के नेतृत्व में नगर निगम कर्मचारी संघ लखनऊ के पदाधिकारियों ने आपसी सौहार्द को बढ़ाते हुए वार्ता हुई। उपहार स्वरूप संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने अपर नगर आयुक्त को नगर निगम अधिनियम देते हुए स्वागत व अभिनन्दन किया।

इस अवसर पर  नम्रता सिंह ने नगर निगम कर्मचारी संघ लखनऊ के पदाधिकारियों से बातचीत की और नगर निगम में तैनात कर्मचारियों के हितों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। नगर निगम कर्मचारी संघ लखनऊ के अध्यक्ष आनंद वर्मा और महामंत्री राम अंचल जी ने सुश्री नम्रता सिंह के साथ मिलकर काम करने और नगर निगम के विकास व कर्मचारी हित में योगदान देने का आश्वासन दिया। सुश्री नम्रता सिंह का स्वागत करते हुए नगर निगम कर्मचारी संघ लखनऊ के पदाधिकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में नगर निगम के कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा और नगर निगम का विकास होगा। नम्रता सिंह ने भी आश्वासन दिया कि वह नगर निगम के विकास और कर्मचारियों के हितों के लिए काम करेंगी। आज के शिष्टाचार भेंट कार्यक्रम में संरक्षक रामचन्द्र यादव, महामंत्री राम अचल, उपाध्यक्ष मो.शोएब,, हेमंत कुमार, मंत्री श्रीमती विजय लक्ष्मी, श्रीमती रेखा, मिर्जा इरशाद बेग, संगठन मंत्री अर्जुन यादव, निखिलेश खरे कोषाध्यक्ष यश विजय प्रकाश गुप्ता,जाकिर अली, कार्यालय प्रभारी शत्रोहन लाल सलाहकार अब्दुल तनवीर, प्रचार मंत्री अर्क गौतम, संयुक्त मंत्री अनुज गुप्ता मनीष चन्द्र पाल, मो शमशाद सुखदेव यादव पवन पाल उपस्थित रहे।

Aaj National

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