LUCKNOW:निजीकरण पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग,क्लिक करें और भी खबरें

-जिलाधिकारियों को दो टूक जवाब केंद्रीय पदाधिकारियों से की जाए बातचीत

  • REPORT BY:PREM SHARMA  || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 

लखनऊ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम पर प्रबंधन की हठवादिता के चलते विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी से अपील की है कि वे इस मामले में प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त कराने की कृपा करें। जिला अधिकारियों द्वारा बिजली कर्मी नेताओं की बुलाई गई बैठकों में बिजली कर्मियों ने उन्हें दो टूक बता दिया है कि निजीकरण पर कोई भी बात करनी है तो संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों से की जाए। आज लगातार तीसरे दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा है कि बिजली कर्मचारी इस भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ नहीं होने देना चाहते। इसी दृष्टि से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी शांतिपूर्वक ध्यान आकर्षण आंदोलन चला रहे हैं। किंतु प्रबंधन इस ध्यान आकर्षण आंदोलन को हड़ताल बताकर बिजली कर्मियों को डराने, धमकाने, उत्पीड़न करने, ट्रांसफर करने ,संविदा कर्मियों की बड़े पैमाने पर छटनी करने आदि जैसे उत्पीड़नात्मक कदम उठाकर ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर अशांति का वातावरण बना रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मचारियों का माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पर पूरा विश्वास है। उनके नेतृत्व में बिजली कर्मचारियों ने 2017 में 41ः ए टी एंड सी हानियों को घटाकर 2024 तक 16.5ः कर दिया है। किंतु निजी घरानों से मिली भगत के चलते पावर कारपोरेशन का प्रबंधन उनके सामने झूठे मनगढ़ंत आंकड़े रखकर घाटे का हवाला देकर निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है और टकराव का वातावरण बना रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त कराएं तो बिजली कर्मी और अधिक मनोयोग से सुधार की प्रक्रिया में जुट जाएंगे।पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन द्वारा शांतिपूर्वक ध्यानाकर्षण आंदोलन को हड़ताल बताते हुए जिला अधिकारियों को भेजे गए पत्र के बाद जिला अधिकारियों ने विभिन्न जनपदों में बिजली कर्मचारियों के स्थानीय नेताओं को बुलाकर बात की। बिजली कर्मचारियों के स्थानीय नेताओं ने जिला अधिकारियों को स्पष्ट बता दिया है कि वे संघर्ष समिति के निर्णय का पालन करेंगे और निजीकरण के संबंध में यदि कोई भी बात की जानी है तो विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केंद्रीय नेताओं से की जाए। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार तीसरे दिन बिजली कर्मियों ने अपराह्न 02 बजे से शाम 05 बजे तक व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। बिजली कर्मियों ने कहा कि वे शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री जी का ध्यानाकर्षण कर रहे हैं किन्तु प्रबंधन उत्पीड़न कर रहा है । इससे उत्पन्न होने वाले टकराव के परिणाम की सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन के इशारे पर हजारों बिजली कर्मचारियों को परामर्श के नाम पर धमकी भरे पत्र दिए जा रहे हैं। निजी घरानों की मदद करने हेतु बड़े पैमाने पर संविदा कर्मियों की छटनी की जा रही है। पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन रोज वीडियो कान्फ्रेसिंग कर दमन की भाषा बोल रहे हैं।इन सब बातों से कार्य का वातावरण बिगड़ रहा है।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ का अधिवेशन आज

उत्तर प्रदेश प्रदेशीय चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ का प्रान्तीय द्विवार्षिक अधिवेशन, चुनाव 24 मई 2025 दिन शनिवार, समय 11.30 बजे से जवाहर भवन के सामने निदेशालय उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग सप्रू मार्ग के सभागार में प्रारम्भ होगा। निर्वाचित पदाधिकारियों का शपथ गृहण अपरान्ह 2.30 बजे सम्पन्न होगा।

चुनाव अधिकारी हरिशरण मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी एसोसिएशन, सतीश कुमार पाण्डेय अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ एवं जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ होंगे।इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री, बृजेश पाठक को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। विषेष अतिथि धनन्जय शुक्ला, अपर आयुक्त राज्य कर को भी आमंत्रित किया गया है।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में वी.पी. मिश्रा राष्ट्रीय अध्यक्ष-इफसेफ, हरिकिशोर तिवारी अध्यक्ष उ.प्र. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, हरिशरण मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी एसोसिएशन, सतीश कुमार पाण्डेय अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ एवं जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ, सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव कार्यवाहक अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ, एवं एन.डी. द्विवेदी अध्यक्ष डिप्लोमा इंजीनियर संघ एवं कार्यवाहक अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, शशि कुमार मिश्रा अध्यक्ष स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, शिवबरन यादव महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, गिरीश मिश्रा अध्यक्ष रोडवेज कर्मचारी परिषद, मनोज मिश्रा अध्यक्ष निगम कर्मचारी महासंघ, अतुल मिश्रा महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद आदि समस्त सम्मानित पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।इस अवसर पर समस्त विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघों के प्रान्तीय अध्यक्ष, प्रान्तीय महामंत्रियों एवं महासंघ के समस्त मण्डल अध्यक्ष,मण्डल मंत्रियों एवं समस्त जिला अध्यक्ष,जिला मंत्रियों सहित सक्रिय सदस्य प्रतिभाग करेगें।

करोड़ों खर्च,वितरण हानियां जस की तस,सीबीआई जांच की मॉग

उत्तर प्रदेश में 42 जनपदों के निजीकरण का मामला जहां जोरों  पर है वही उत्तर प्रदेश में आज जो खुलासा होने जा रहा है उसे सभी के होश उड़ जाएंगे। उत्तर प्रदेश में भारत सरकार द्वारा लॉस रिडक्शन और आरडीसएस स्कीम स्मार्ट मीटर में उन लगभग 440 94 करोड़ खर्च किया जा रहा है। जिसमें दक्षिणांचल 7434, मध्यांचल 13539, पश्चिमंचल 12695, पूर्वांचल 9481,़ किसको 943 करोड़ खर्च किया गया। लेकिन यह जानकर आश्चर्य होगा कि अगले 5 वर्षों की जो ट्राजैक्ट्री फाइल की गई है। उसमें वर्ष 2024 -25 और वर्ष 2025- 26 का जो वितरण हानियां विद्युत नियामक आयोग में पावर कारपोरेशन ने वार्षिक राजस्व आवश्यकता में ट्रांजैक्ट्री के रूप में प्रस्तावित किया है वह दोनों एकदम बराबर है। उत्तर प्रदेश में 44094 करोड़ खर्च होने के बाद भी वितरण हानियां ठस से मस नहीं हुई। यह सब आने वाले निजी घराने हैं उनको बड़ा लाभ देने की साजिश की जा रही है।
उपभोक्त परिषद के अनुसार प्रदेश में यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि करोड़ों अरबो खर्च होने के बावजूद भी जब तक देश के बड़े निजी घराने उत्तर प्रदेश में नहीं आएंगे। जबकि यह पूरा मामला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा इसलिए इसकी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार को सीबीआई जांच कराना चाहिए। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह बहुत बड़ा घोटाला है इसकी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार को सीबीआई से जांच करना चाहिए केंद्र सरकार की योजनाओं का कोई भी प्रभाव नही पड़ रहा है या पड़ रहा है इसकी पहले जांच होना बहुत जरूरी है। क्योंकि 44000 करोड़ का मामला है और यह केंद्र सरकार की स्कीम के तहत कार्य कराया गया है इसलिए केंद्र सरकार को स्वता सीबीआई जांच करना चाहिए। उपभोक्ता परिषद का मानना है कि प्रदेश में निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए यह साजिश की गई है आने वाले समय में देश के बड़े निजी घराने इसका लाभ उठाएंगे सबसे बड़ा सवाल है की वार्षिक राजस्व आवश्यकता की पूरी सच्चाई सामने आ गई कि किस प्रकार से बिजली कंपनियों का घाटा दिखाया गया। और विगत दिनों पावर कारपोरेशन ने इसी प्रकार के आंकड़े प्रस्तावित करके बिजली कंपनियों का 19600 करोड़ का घाटा दिखाकर 30ः बिजली दर बढ़ाने की बात कही थी।

साफ-सफाई को लेकर महापौर और नगर आयुक्त की विशेष बैठक

स्मार्ट सिटी सभागार में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता महापौर  सुषमा खर्कवालने की। इस बैठक में नगर आयुक्त गौरव कुमार सहित समस्त अपर नगर आयुक्त, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, जोनल अधिकारी, जोनल सेनेटरी अधिकारी और सेनेटरी एवं फूड इंस्पेक्टर उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य शहर की साफ-सफाई व्यवस्था की समीक्षा करना और उसमें सुधार हेतु प्रभावी कदम उठाना था।
बैठक में महापौर और नगर आयुक्त ने साफ-सफाई से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। कूड़ा प्रबंधन, डोर टू डोर कलेक्शन, और वार्ड स्तर पर सफाई की स्थिति की समीक्षा की गई। महापौर महोदया ने स्पष्ट निर्देश दिए कि साफ-सफाई व्यवस्था में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महापौर ने बैठक में सख्त रुख अपनाते हुए वार्ड वाइज सभी कर्मचारियों का अटेंडेंस और रिकॉर्ड रजिस्टर की मांग की। उन्होंने छह महीने पहले दिए गए निर्देशों की अनदेखी पर नाराजगी जताई और नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि सभी जोनल सेनेटरी अधिकारियों का दो दिन का वेतन काटा जाए। इसके साथ ही शुक्रवार शाम तक अटेंडेंस और रिकॉर्ड रजिस्टर प्रस्तुत करने का अंतिम निर्देश भी दिया गया।
महापौर ने निर्देश दिए कि जेडएसओ तथा सफाई एवं खाद निरीक्षक सफाई व्यवस्था की निगरानी करेंगे। किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। महापौर ने लायन कंपनी को आदेशित किया कि वे ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण शीघ्र करें, सफाई कर्मियों को समय पर ड्रेस उपलब्ध कराएं और वर्षा ऋतु को देखते हुए नालों की सफाई तत्काल प्रभाव से शुरू की जाए। उन्होंने बताया कि बारिश से पहले शहर में जलभराव जैसी समस्याओं को रोकने के लिए ये आवश्यक कदम हैं। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने अधिकारियों को सुबह से शिवरी प्लांट तक कूड़ा पहुँचने तक फील्ड में रहकर कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए वार रूम में प्राप्त होने वाली सभी शिकायतों की सत प्रतिशत समीक्षा और निस्तारण किया जाना चाहिए। इस बैठक के माध्यम से महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त श्री गौरव कुमार ने शहर की साफ-सफाई व्यवस्था में सुधार करने और आम जनता को स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

लायन कंपनी को चेतावनी और निर्देश

लायन एनवायरो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए महापौर महोदया ने कंपनी को अनुबंध के अनुसार वाहनों की संख्या पूरी करने और डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में बढ़ोतरी के निर्देश दिए। कंपनी की कार्यशैली पर असंतोष जताते हुए उन्होंने सख्त चेतावनी दी कि यदि सुधार नहीं हुआ तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अतिक्रमण के विरुद्ध विभिन्न जोनों में चलाया गया अभियान

नगर निगम द्वारा महापौर  सुषमा खर्कवाल के निर्देश एवं नगर आयुक्त  गौरव कुमार जी के आदेश पर शुक्रवार को शहर के विभिन्न जोनों में व्यापक अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य सार्वजनिक मार्गों एवं स्थानों को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराना था।

जोन-5 क्षेत्र में एयरपोर्ट नादरगंज चौराहे से दरोगा खेड़ा पटरी तक और सरोजनी नगर औद्योगिक क्षेत्र, चारबाग लोको चौकी से नथ्था चौराहे तक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। इस दौरान 5 ठेले, 2 काउंटर हटाए गए, साथ ही 1 सिलेंडर, 1 लकड़ी की बेंच और 1 लोहे की बेंच जब्त की गई। अतिक्रमणकारियों को दोबारा अतिक्रमण न करने की चेतावनी दी गई। टिकैत राय तालाब से बुलाकी अड्डा चौराहे तक चलाए गए अभियान में 15 ठेले, 11 अस्थाई दुकानें हटाई गईं। इसके अतिरिक्त 5 सिलेंडर, 1 लोहे की सीढ़ी, टेंट का पाइप, लकड़ी की मेज और अन्य सामग्री जब्त की गई। अतिक्रमणकर्ताओं से 2000 का जुर्माना भी वसूला गया।इन्दिरा नगर सेक्टर-17 सब्जी मंडी और कंचना बिहारी मार्ग के आसपास क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया गया। कार्यवाही के दौरान 1 लोहे की मेज, 2 तराजू जब्त किए गए, जबकि 7 ठेले, 3 ठेलिया, 2 गुमटी और 2 लोहे के काउंटर हटाए गए। पुनः अतिक्रमण न करने की चेतावनी भी दी गई।

शिकायतों के आधार पर हटाई गईं अवैध डेरियां

नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देश और अपर नगर आयुक्त के आदेश पर, पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा के नेतृत्व में आज दिनांक 23 मई 2025 को लखनऊ नगर निगम द्वारा जोन-6 के दुबग्गा थाना क्षेत्र में एक विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान में दुबग्गा रिंग रोड, कानपुर बाईपास रोड तथा बुड्ढेश्वर रोड के अंतर्गत स्थित अवैध डेरियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की गई।
अभियान के दौरान मौके से 16 भैंस, 3 गाय, 1 पड़िया एवं 1 पड़वा को जब्त किया गया, जिन्हें आलमबाग स्थित कांजी हाउस में निरुद्ध किया गया है। ये पशु नियम अनुसार जुर्माना जमा करने के पश्चात ही छोड़े जाएंगे।यह कार्यवाही लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर की गई थी, जिनमें अवैध डेरी संचालकों द्वारा गोबर को खुले प्लॉटों में फेंकने और नालियों में बहाने की बात सामने आई थी। इससे न सिर्फ क्षेत्र में गंभीर गंदगी फैल रही थी, बल्कि जलभराव और मच्छर जनित रोगों की आशंका भी बढ़ गई थी।

सीधे बर्खास्तगी वाले आदेश पर बिजली कर्मियों गुस्सा फूटा

पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल द्वारा आज उप्र पॉवर कॉरपोरेशन लि कार्मिक (अनुशासन एवं अपील) विनियमावली 2020 में अलोकतांत्रिक ढंग से पंचम संशोधन कर बिना जांच के सीधे बर्खास्तगी का अधिकार ले लेने के आदेश से प्रदेश भर में बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा फूट पड़ा है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेंद्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडे,महेंद्र राय, पी के दीक्षित, सुहेल आबिद, श्री चन्द , चन्द्र भूषण उपाध्याय,छोटे लाल दीक्षित,विवेक सिंह , मोहम्मद वसीम, जवाहर लाल विश्वकर्मा, वी सी उपाध्याय, प्रेम नाथ राय,आर बी सिंह , सरजू त्रिवेदी, आर वाई शुक्ल, माया शंकर तिवारी, ए के श्रीवास्तव, राम निवास त्यागी, पी एस बाजपेई, आर एस मिश्र, विशंभर सिंह, सुरेंद्र सिंह, रफीक अहमद, कपिल मुनि, देवेन्द्र पांडेय, राम सहारे वर्मा, योगेन्द्र लाखा, आशीष भारती,जी पी सिंह, ने बताया कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड कार्मिक विनियमावली (अनुशासन एवं अपील) में पंचम संशोधन कर प्रबन्धन ने यह अधिकार ले लिया है कि शांति पूर्वक आन्दोलन कर रहे बिजली कर्मचारियों, अधिकारियों को बिना जांच के सीधे पदच्युत, सेवा समाप्ति या पदावनति किया जा सकता है। संघर्ष समिति ने इस आदेश को अलोकतांत्रिक, तानाशाही पूर्ण और बिजली कर्मियों के मौलिक अधिकारों का हनन बताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील की है कि बिजली व्यवस्था के सुधार में लगे जिन ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मियों की ट्वीट में वे प्रशंसा करते रहे हैं आज उन्हीं ऊर्जा निगमों के कार्मिकों को अलोकतांत्रिक ढंग से कुचला जा रहा है। संघर्ष समिति ने दृढ़ शब्दों में कहा है कि निजीकरण न प्रदेश के हित में है, न कर्मचारियों के हित में है न आम उपभोक्ताओं के हित में है। अतः दमन की पराकाष्ठा के बावजूद बिजली कर्मचारियों का निजीकरण के विरोध में संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता।

Aaj National

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